खेसारी लाल यादव पर भड़कीं नेहा सिंह राठौर, बोलीं-‘जो बोया है वही काटोगे’

भोजपुरी इंडस्ट्री के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव इन दिनों सुर्खियों में है. हाल ही उन्होंने एक लाइव वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था. खेसारी ने इस क्लिप को शेयर करते हुए कहा, ‘मैं हमेशा सिर्फ आपको इन्टरटेन करने की कोशिश करता हूं. मैं रात-दिन, गर्मी-सर्दी हर वक्त काम करता हूं. मुझे काम करने दो. अगर आप लोगों को लगता है मैंने भोजपुरी भाषा के लिए कुछ नहीं किया है और कुछ नहीं कर पाऊंगा तो मैं इंडस्ट्री छोड़ दूंगा.

 

 

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खेसारी लाल का वीडियो:

इसके अलावा उन्होंने अपनी बेटी को लेकर भी एक बयान दिया था की, मैं अपनी बेटी को क्या कहूंगा की की उसके पिता की वजह से उसको ट्रोल किया जा रहा है. खेसारी लाल का एक ये वीडियो देख उनके फैंस का दिल टूट गया था. इस बीच भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमे उन्होंने बिना नाम लिए खेसारी लाल यादव को जमकर ट्रोल किया है.

 

 

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नेहा सिंह राठौर ने कही ये बात: 

नेहा सिंह राठौर ने फेसबुक पर एक क्लिप शेयर किया है, जिसमे वो अपने अंदाज में खेसारी लाल यादव की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है. नेहा ने कहा, ‘मैं नाम तो नहीं लूंगी किसी का पर आप समझ जाएंगे एक इंसान आते है और कहते है की मैं पिता हूं और फिर पिता का हवाला देकर बचना चाहते है चीजों से और फिर राजपूत समाज और यादव समाज करने लगते है. सबसे पहले तो मैं कहना चाहती हूं की जो बोया है वही काटोगे. मुझे पता है यहां पर भी कुछ यादव जी टाइप के लोग आ जाएंगे क्योंकि मैं राजपूत से हूं, और ये कहेंगे की मैं राजपूत और भूमिहार खेल रही हूं. तो कहते रहिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं सच को सच कहूंगी और गलत तो गलत .

Bhojpuri star मनोज तिवारी के घर आएगा नन्हा मेहमान, शेयर की गोद भराई की फोटो

भोजपुरी ऐक्टर और भाजपा सांसद मनोज तिवारी की फैन फालोइंग काफी अच्छी है. इस मामले में वो पवन सिंह और रवि किशन को टक्कर देते है. मनोज तिवारी इन दिनों सुर्खियों में है, उन्होंने अपने फैंस को एक अच्छी खबर दी है. मनोज तिवारी एक बार फिर से पिता बनने वाले है उन्होंने हाल ही में अपनी पत्नी सुरभि तिवारी की गोद भराई का विडियो  शेयर किया है, जो की सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहा है.

मनोज तिवारी ने शेयर किया विडियो –

हालही में ऐक्टर मनोज तिवारी में अपने इंस्टाग्राम के अकाउंट में एक विडियो  शेयर किया जोकि ऐक्टर अपनी पत्नी की गोद भराई की रस्म हो रही थी. मनोज तिवारी के घर फिर से किलकारियाँ गूजने वाली है. यह विडिओ पोस्ट होने के बाद इंटरनेट में जमकर वाइरल हो रहा है. और लोगों का भरपूर प्यार दिया.

 

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इन सितारों ने मनोज तिवारी को दी बधाईयां-   

मनोज तिवारी ने इस विडीयो  को शेयर करते हुए लिखा, कुछ खुशियो को हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते बस महसूस कर सकते है. क्लिप के बैकग्राउंड में ऐक्टर ने शुभारम्ब गाना लगाया है. विडिओ में जहा मनोज तिवारी बच्चों के साथ खेलते नजर आ रहे है वही उनकी पत्नी झूले में बैठी नजर आ रही है. मनोज तिवारी ने इस खुशी के अवसर में अपना घर खूब सजा रखा है. इस खुशी के अवसर में भोजपुरी के कई सितारे जमकर प्यार बरसा रहे है. वही फैंस ने जमकर कमेंट्स किये. ऐक्ट्रिस अक्षरा सिंह ने लिखा, ये खुशिया हमेशा बरकरार रहे.

 

 

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मनोज तिवारी ने सुरभि से की थी दूसरी शादी-

बताते चले की मनोज तिवारी ने कई फिल्मों में अपना जलवा बिखेरा है. वही उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी गाना गाया. मनोज तिवारी ने इससे पहले साल 1999 में रानी तिवारी से शादी की थी. हालकि साल 2012 में दोनों के रास्ते अलग हो गए. इसके बाद मनोज ने सुरभि तिवारी से शादी कर ली. इन दोनों की एक बेटी है.

एमएमएस Video को लेकर अक्षरा सिंह का फूटा गुस्सा, यूट्यूबर्स को लगाई फटकार

फेमस भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह (Akshara Singh) सोशल मीडिया पर कॉफी एक्टिव रहती हैं. वह अपने फैंस के साथ फोटोज और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। छाई हुई हैं. हाल ही में एक्ट्रेस का एक कथित एमएमएस वीडियो वायरल हुआ था, जिससे उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला…

अक्षरा सिंह ने पहली बार इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो फेक एमएमएस वायरल होने पर यूट्यूबर्स को फटकारते दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि अक्षरा कहती हुई नजर आ रही है कि उन्हें किसी का डर नहीं है.

 

 

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अक्षरा सिंह ने कहा, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे लोग मेरा एमएमएस बता रहे है. इस वीडियो को कई यूट्यूबर्स ने यूट्यूब पर अपलोड किया है. मैं बिजी हूं तो मुझे पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है. हम कभी-कभी सारी रात काम करते हैं और सुबह सोने जाते हैं. तो पता नहीं चल पाता है कि बाहरी दुनिया में क्या चल रहा है.

 

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एक्ट्रेस ने आगे कहा,  अब मुझे ये पता चला कि कुछ यूजर्स मेरा नाम लेकर एक वीडियो शेयर कर रहे है. पहली बात तो यह है कि मुझे इन सभी यूट्यूबर्स से कोई फर्क नहीं पड़ता. वो तो एक छोटा नाम है. इन यूट्यूबर्स ने कई बड़ी हस्तियों को ऐसे बदनाम करने की नाकाम कोशिश की हैं.अक्षरा ने आगे कहा, इन फेक चीजों को समाज में ना फैलाए. अगर आपकी मां बहन बेटी के साथ ऐसा कोई करेगा तो आपको कैसा लगेगा क्योंकि हर कर्म का फल आपको मिलता है.

आजादी के बाद आबाद होता गया भोजपुरी सिनेमा

साल 1913 में जब पहली बार दादा साहब फालके ने फिल्म राजा हरिश्चंद्र’ बनाई थीतब देश अंगरेजी हुकूमत के अधीन था. उस समय देश की जनता के लिए अंगरेजी हुकूमत के साए में फिल्में देखना आसान नहीं था. चूंकि राजा हरिश्चंद्र’ एक मूक फिल्म थीइसलिए दर्शकों को समझाने के लिए दादा साहब फालके ने इस फिल्म के दृश्यों के साथ शब्दों का इस्तेमाल किया थाजो देश की 3 भाषाओं में थे.

इसी दौर में हिंदुस्तानी सिनेमा ने पहली बार बोलना भी सीखा था. यह दिन था शनिवार और तारीख थी 14 मार्च1931. इस पहली बोलती फिल्म का नाम था आलम आरा’, जो मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमाघर में रिलीज हुई थी.

साल 1947 में जब देश को आजादी मिलीतो इसी के साथ देश की सभी चीजों को आजादी मिलती गई. इस के बाद देश में हिंदी भाषा में एक के बाद एक कई फिल्में बनीं और कामयाब भी हुईं.

उस समय भोजपुरी बोलने वाले दर्शकों की तादाद ज्यादा थीइसलिए हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों के संवादों में कुछ हिंदीभोजपुरी के शब्द मिले होते थे. लेकिन पूरी तरह से भोजपुरी सिनेमा बनाने का आगाज तब भी नहीं हो रहा था.  भोजपुरी फिल्मों का आगाज

आजादी के बाद भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों में भोजपुरी बोली में फिल्म की डिमांड बढ़ती जा रही थी. यह बात किसी तरह उस समय के राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के कानों तक पहुंच गई. वे बिहार के एक गांव से ताल्लुक रखते थेइसलिए उन की भोजपुरी में खासा दिलचस्पी थी. ऐसे में उन्होंने

60 साल पहले भोजपुरी में सिनेमा निर्माण की पहल भी खुद शुरू कीजिस का नतीजा यह रहा कि देश की पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ बनी.

भोजपुरी में बनी यह पहली फिल्म इतनी सुपरडुपर हिट रही थी कि इस फिल्म को देखने के लिए लोग बैलगाडि़यों पर लद कर सिनेमाघरों तक पहुंचे थे. इस फिल्म का निर्माण राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे नजीर हुसैन ने किया था. आरा के रहने वाले कारोबारी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी ने इस फिल्म में अपना पैसा लगाने की घोषणा की थी.

फिल्म गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के डायरैक्शन का काम कुंदन कुमार ने किया थातो इस में गाने को आवाज देने का काम लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे मशहूर गायकों ने किया था. फिल्म के गाने मशहूर गीतकार शैलेंद्र और भिखारी ठाकुर ने लिखे थे. इस फिल्म में संगीत देने का काम संगीतकार आनंदमिलिंद के पिता चित्रगुप्त ने किया था.

हिंदी फिल्मों की मशहूर हीरोइन कुमकुम ने इस फिल्म में लीड रोल किया थाजो भोजपुरी फिल्मों की पहली हीरोइन रहीं. असीम कुमार हीरो रहे थे. फिल्म में विलेन की भूमिका बिहार के रहने वाले रामायण तिवारी ने निभाई थी.

यह फिल्म 22 फरवरी1963 को पटना के वीणा सिनेमा में रिलीज हुईजिस ने कामयाबी के वे रिकौर्ड तोड़े थे कि महीनों तक दर्शकों की लाइन ही नहीं टूटी थी.

इस फिल्म के बाद भोजपुरी में दूसरी फिल्म लागी छूटे नाही राम’ आई थी. यह फिल्म भी साल 1963 में ही रिलीज हुई थीजिस का डायरैक्शन कुंदन कुमार ने किया था और निर्माता रामायण तिवारी थे. इस फिल्म में मुख्य भूमिका असीम कुमारनसीर हुसैन और कुमकुम ने निभाई थी.

इस फिल्म के बाद बिदेसिया’ फिल्म बनी जिस के हीरो सुजीत कुमार और हीरोइन बेबी नाज रहीं. साल 1964-65 में एसएन त्रिपाठी के डायरैक्शन में बनी यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही. इस के बाद भोजपुरी में कुछ छिटपुट फिल्में बनींजो बहुत ज्यादा नहीं चल पाईं और यहीं भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर खत्म हो गया.

10 सालों के सूखे के बाद भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर की शुरुआत नजीर हुसैन ने फिर से कर दी और उन्होंने उस समय की सब से बड़ी हिट फिल्म बलम परदेशिया’ बनाईजिस में मुख्य भूमिका राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना ने निभाई.नदीमश्रवण का कैरियर

हिंदी फिल्मों के जानेमाने संगीतकार नदीमश्रवण ने भोजपुरी फिल्म दंगल’ से अपने संगीत कैरियर की शुरुआत की थी. यह फिल्म साल 1977 में रिलीज हुई थी. फिल्म में सुजीत कुमार और प्रेमा नारायण समेत उस समय के कई भोजपुरी सितारों ने काम किया था.

यह उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह थे. इस फिल्म में संगीत देने के बाद नदीमश्रवण हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में छा गए थे.

इस के बाद भोजपुरी में कई सुपरहिट फिल्में बनींजिस में साल 1980 में बनी भोजपुरी फिल्म धरती मइया’ से भोजपुरी के सुपरस्टार कुणाल सिंह की ऐंट्री हुई. इस फिल्म में राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना के साथ गौरी खुराना जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. 

भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर में इन फिल्मों के अलावा दर्जनों फिल्में बनींलेकिन वे चल नहीं पाईं और धीरेधीरे 90 का दशक आतेआते भोजपुरी सिनेमा दोबारा सन्नाटे में चला गया.

ऊंचाइयों की ओर

भोजपुरी सिनेमा के लिए साल 2000 और उस के आगे का समय बदलाव का दौर रहा. इस दौर ने भोजपुरी फिल्मों के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया. इस दौर ने रविकिशन और मनोज तिवारी जैसे भोजपुरी के कई सुपरस्टार दिए और भोजपुरी सिनेमा से पूरी तरह से कट चुके दर्शकों को जोड़ने का काम किया. 

इस दौर की पहली फिल्म साल 2000 में आईजिस का नाम था सइयां हमार’, जिस में मुख्य भूमिका में रविकिशन थे. इस फिल्म में बृजेश त्रिपाठी मुख्य विलेन की भूमिका में नजर आए.

साल 2004 में मनोज तिवारी की फिल्म ससुरा बड़ा पईसावाला’ बनीजिस ने कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए. इस के बाद रविकिशन के लीड रोल में ही सइयां से कर द मिलनवा हे राम’ और पंडितजी बताई न बियाह कब होई’ बनीं जो साल 2005 की सब से बड़ी हिट फिल्में रहीं.

इस दौर की बड़ी हिट फिल्मों में गंगा जइसन माई हमार’, ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, ‘देहाती बाबू’, ‘धरती पुत्र’, ‘दीवाना लगल रहा हे राजाजी’ व देवरा बड़ा सतावेला’ शामिल रहीं. 

दिखे हिंदी कलाकार भी

भोजपुरी के तीसरे दौर में फिल्मों के बढ़ते चलन और दर्शकों की संख्या को देखते हुए हिंदी फिल्मों के कई नामचीन कलाकार खुद को इन में काम करने से रोक नहीं पाए.

साल 2013 में आई भोजपुरी फिल्म देशपरदेश’ में धर्मेंद्र प्रमुख भूमिका में नजर आए थे. इसी के साथ भोजपुरी फिल्म गंगा’ में रविकिशन और मनोज तिवारी के साथ अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी नजर आएतो दिनेशलाल यादव निरहुआ’ की फिल्म गंगा देवी’ में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने काम कर भोजपुरी सिनेमा के कद को और भी बढ़ा दिया.

इस के अलावा फिल्म धरती कहे पुकार के’ में अजय देवगन, ‘बाबुल प्यारे’ में राज बब्बर, ‘भोले शंकर’ में मिथुन चक्रवर्ती, ‘हम हई खलनायक’ में जैकी श्रौफ, ‘एगो चुम्मा दे द राजाजी’ में भाग्यश्री जैसे नामचीन कलाकारों ने काम किया.

आज के दौर में भोजपुरी फिल्मों में रजा मुरादशक्ति कपूरगुलशन ग्रोवर जैसे दर्जनों कलाकार लगातार काम कर रहे हैं.

गायक से नायक बने

साल 2010 के बाद का दशक गायक से नायक बने कई कलाकारों के नाम रहा हैजिस में मनोज तिवारीदिनेशलाल यादव निरहुआ’, पवन सिंहखेसारी लाल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. इन कलाकारों ने पिछले 10 सालों में सैकड़ों हिट फिल्में दी हैं. आज इन्हीं से भोजपुरी सिनेमा की पहचान है. 

वहीं अगर हीरोइनों की बात की जाएतो रानी चटर्जीनगमाआम्रपाली दूबेकाजल राघवानी जैसे कई नाम हैंजिन के करोड़ों दीवाने हैं.

भोजपुरी सिनेमा में कई हिट निर्देशकों के नाम भी रहेजिस में राजकुमार आर. पांडेयसंजय श्रीवास्तवपराग पाटिल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. नैगेटिव रोल में संजय पांडेयअवधेश मिश्रदेव सिंहसुशील सिंहकौमेडी में संजय महानंदलोटा तिवारी जैसे सैकड़ों नाम शामिल हैं.

भोजपुरी फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इस पर अश्लीलता फैलाने के आरोप भी लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों की तरफ से नहींबल्कि भोजपुरी सिनेमा को न देखने वालों की तरफ से लगाए जाते रहे हैं.

दूसरी फिल्म इंडस्ट्री को दी टक्कर

भोजपुरी सिनेमा के तीसरे दौर में बहुतकुछ बदल चुका है. इस में जहां एक तरफ कंटैंट पर खासा ध्यान दिया जाने लगा हैवहीं दूसरी तरफ इस में इस्तेमाल होने वाले टैक्नोलौजी में खासा बदलाव आ चुका है. इस दौर में आई फिल्मों में निरहुआ रिकशावाला’, ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’, ‘विवाह’, ‘कसम पैदा करने वाले की-2’ जैसी सैकड़ों फिल्मों ने भोजपुरी फिल्मों के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने का बड़ा काम किया है.

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा का यह दौर बुलंदियों का दौर हैजहां कम बजट में अच्छी फिल्मों का निर्माण हो रहा है.

मिला तकनीकी का साथ

मशहूर भोजपुरी फिल्म निर्देशक संजय श्रीवास्तव का भोजपुरी सिनेमा में तकनीकी के उपयोग के सवाल पर कहना है कि आजादी के बाद भोजपुरी सिनेमा के शुरुआती दौर में जब फिल्मों के दृश्य फिल्माए जाते थेतो उस में न ही आज की तरह का ऐक्शन होता था और न ही दृश्यों में रोमांच होता था. लेकिन जैसेजैसे भोजपुरी सिनेमा में फिल्मों का निर्माण आगे बढ़ा और दर्शकों की संख्या बढ़ीइस से निर्माताओं का मनोबल भी बढ़ता गया.

मशहूर कलाकार देव सिंह का कहना है कि चूंकि 60-70 के दशक में फिल्म निर्माण की तकनीकी उतनी उन्नत नहीं हो पाई थीइसलिए फिल्मों में कहानी के हिसाब से ऐक्शन में लाठीडंडों का इस्तेमाल होता रहा.

लेकिन आज के दौर में फिल्म निर्माण की तकनीकी उन्नत हो चुकी है. इस का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आज के दौर में बन रही भोजपुरी फिल्मों को जब सिनेमाहाल में बैठे हुए दर्शक देखते हैंतो रोमांच उस समय और बढ़ जाता हैजब हवा में उड़ता हुआ हीरो खलनायकों की धुनाई करता है या हजारों फुट गहरी खाई में गिरने के बाद भी नायक को खरोंच तक नहीं लगती. तेज स्पीड में चलती हुई कार किसी गहरी खाई को भी लांघ जाती है.

ये सब दृश्य कुछ सालों तक हौलीवुडहिंदी फिल्मों व दक्षिण भारत की फिल्मों तक ही सिमटे हुए थेलेकिन आज 29 करोड़ लोगों में देखी जाने वाली भोजपुरी फिल्मों में भी इस तरह के दृश्य का देखा जाना आम बात हो चली है. भोजपुरी बैल्ट के दर्शक अपनी भाषा में बन रही फिल्मों में तकनीकी के इस्तेमाल के चलते उन्हें खूब पसंद कर रहे हैं.

साल 2022 में हुए सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में बैस्ट डायरैक्टर के खिताब से नवाजे जा चुके फिल्म निर्देशक प्रमोद शास्त्री का कहना है कि आज की भोजपुरी फिल्मों में मारधाड़ऐक्शन व लाइटिंग की वजह से फिल्मों का तकनीकी पक्ष बेहद मजबूत हुआ है. इस के लिए दक्षिण के ऐक्शन मास्टरों का उपयोग किया जा रहा है.

भोजपुरी फिल्मों में स्पैशल इफैक्ट व ग्राफिक टैक्नोलौजी का जम कर इस्तेमाल हो रहा हैजो अभी तक हिंदी फिल्मों में ही इस्तेमाल होता रहा है.

सिनेमा से संसद का सफर

भोजपुरी सिनेमा और भोजपुरी कलाकारों के मशहूर होने का ही कमाल है कि भोजपुरी सिनेमा के कलाकार सांसद के रूप में आज लोकसभा में भोजपुरिया बैल्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर कलाकार मनोज तिवारी मृदुल’ और रविकिशन पहले ही सांसद के रूप में लोकसभा पहुंच चुके थे और हाल ही में उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ सीट से दिनेशलाल यादव निरहुआ’ भी सांसद चुन कर शपथ ले चुके हैं.                       

भोजपुरी सिनेमा में गदराए बदन वाली हीरोइनों का जमाना नहीं रहा- सुनील मांझी

बौलीवुड और दक्षिण भारत की फिल्में अब सिनेमाघरों के अलावा डिजिटल प्लेटफार्म पर भी खूब रिलीज की जा रही हैं. यह बदलाव भोजपुरी सिनेमा में कब तक आएगा?

भोजपुरी का नया दौर साल 2000 के बाद शुरू हुआ, जबकि बौलीवुड और दक्षिण का सिनेमा पहले से मजबूत रहा है, इसलिए दूसरी इंडस्ट्री ने नई चीजों को जल्दी स्वीकार किया. भोजपुरी सिनेमा भी धीरेधीरे बदलाव की तरफ बढ़ रहा है. वैसे, अब भोजपुरी फिल्में यूट्यूब पर खूब रिलीज की जाने लगी हैं.

ज्यादातर फिल्मों की कहानियां दूसरे की लिखी होती हैं, फिर उस कहानी को अपने मुताबिक ढाल कर एक डायरैक्टर के तौर पर क्याक्या तैयारियां करनी पड़ती हैं?

दूसरे की लिखी कहानियों पर एक डायरैक्टर के तौर पर डायरैक्शन के लिए खुद को तैयार करने के लिए सीन में खुद को ढालना पड़ता है. जो बाद में ऐक्टरों को उन्हीं हालात में ऐक्टिंग करने लिए तैयार कर लेता है.

जब ऐक्टर एक ही सीन के लिए कई बार रीटेक करते हैं, तो क्या आप को गुस्सा आता है?

सीन में कई बार रीटेक होने का मतलब यह नहीं है कि सामने वाले को ऐक्टिंग नहीं आती है, बल्कि वह जितना बेहतर सीन दे पाए, उस के लिए रीटेक करवाना पड़ता है. ऐसे में गुस्सा आने का सवाल ही नहीं है.

कुछ साल पहले तक भोजपुरी सिनेमा में गदराए बदन वाली हीरोइनों को ज्यादा पसंद किया जाता था, पर आज स्लिम और फिट हीरोइनें फिल्मों में ज्यादा नजर आती हैं. यह बदलाव कैसे आया?

दर्शकों का मिजाज समय के हिसाब से बदलता रहता है. भोजपुरी का दर्शक भी अब दूसरी भाषा की फिल्मों की हीरोइनों से भोजपुरी हीरोइनों की तुलना करने लगा है. ऐसे में वह भी स्लिम और फिट हीरोइनों को फिल्मों में देखना चाहता है.

भोजपुरी फिल्मों में अकसर आइटम नंबर होते ही हैं. क्या यह दर्शकों की मांग है या फिल्मों के कामयाब होने के लिए ऐसा किया जाता है?

भोजपुरी फिल्मों में आइटम नंबर होना पहले की फिल्मों के लिए कामयाबी का पैमाना माना जा सकता है, पर अब बन रही फिल्मों में आइटम नंबर का होना फिल्म की कहानी से जुड़ा है, न कि दर्शकों की मांग पर.

ऐक्ट्रैस का हौट लुक होना जरूरी है- भोजपुरी एक्ट्रेस सोना पांडेय

सुना है कि आप ने वीडियो अलबम के जरीए फिल्मों में भी ऐंट्री कर ली है?

जी, आप ने बिलकुल सही सुना है कि मैं ने भोजपुरी वीडियो अलबम में बुलंदियों को चूमने के बाद भोजपुरी फिल्मों में भी ऐंट्री मार ली है और कई नामचीन चेहरों के साथ काम करती हुई नजर आने वाली हूं, जिन में पवन सिंह और रवि किशन के साथ ‘मेरा भारत महान’, ‘तेरे इश्क में मरजावां’ और प्रमोद प्रेमी यादव के साथ ‘बंधन टूटे न’ प्रमुख फिल्में हैं.

क्या भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में आने के लिए आप को परेशानियों का सामना करना पड़ा?

मेरा शुरुआती कैरियर भी परेशानियों से भरा रहा. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं, जहां की लड़कियों को भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कैरियर बनाने के लिए ताने सुनने पड़ते हैं.

मुझे इस राह में कुछ अच्छे तो कुछ बुरे लोग भी मिले, जिन से खुद को बचाते हुए मैं ने मेहनत कर के अपना मुकाम हासिल करने का फैसला किया.

आप भोजपुरी वीडियो अलबम में हौट, स्टाइलिस्ट और ग्लैमरस लुक में नजर आती रही हैं. क्या आप के परिवार वालों को हौट और बोल्ड लुक में देख कर बुरा नहीं लगता है?

ज्यादातर भोजपुरी गानों और फिल्मों में ऐक्ट्रैस का लुक हौट होना जरूरी होता है. ऐसे में एक आर्टिस्ट के तौर पर मेरे रोल को ले कर मम्मीपापा ने कभी भी एतराज नहीं किया. उस की महज यही वजह है कि मैं एक कलाकार के तौर पर यह सब करती हूं.

क्या आप यह मानती हैं कि लोकप्रियता का लाभ अकसर कैरियर को आगे बढ़ाने में कारगर रहता है?

जी बिलकुल. हर लोकप्रिय इनसान को उस की लोकप्रियता आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुई है. ऐसा मेरे साथ भी हुआ है. मेरी लोकप्रियता का ही कमाल है कि मुझे लगातार बड़े ऐक्टरों के साथ वीडियो अलबम औफर होते रहे हैं, साथ ही मैं ने पहली फिल्म भी बड़े ऐक्टर और बड़े बजट के साथ की.

आप सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वाले लोगों को किस रूप में देखती हैं?

मेरा मानना है कि ट्रोलिंग का शिकार इनसान केवल सोशल मीडिया पर ही नहीं होता है, बल्कि जिंदगी में कामयाबी की राह पर चलने वाले हर किसी को ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ता है.

मैं ट्रोलिंग को हर समय पौजिटिव रूप में देखती हूं. मैं अपने ट्रोलर्स से अपनी कमियां पूछना चाहती हूं कि उन्हें मेरा काम क्यों पसंद नहीं आया? मुझ में क्या कमियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है. अगर सचमुच मुझे लगता है कि मुझ में सुधार की जरूरत है तो मैं उसे बेहतर करने की कोशिश करती हूं.

तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में सितारों की धूम

बस्ती. अप्रैल महीने की शुरुआत में एक खुशनुमा शाम को बस्ती, उत्तर प्रदेश के होटल ‘बालाजी प्रकाश’ के प्रांगण में भोजपुरी सितारों का लगा जमघट, मौका था तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी अवार्ड शो’ का. साल 2021 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्मों के आधार पर अलग अलग कैटेगरी की फिल्मों के चयन के आधार पर फिल्म अवार्ड वितरित किए गए.

शाम 6 से ही यह अवार्ड शो शुरू हो गया था, जिस में भोजपुरी गानों, डांस और हंसी की ठहाकों का ऐसा तड़का लगा कि कब रात के 12 बज गए पता ही नहीं चला.

इस समारोह में संजना ‘सिल्क’ को ‘बेस्ट आइटम डांसर’ का अवार्ड मिला. फिल्म ‘फर्ज’ के लिए अनूप तिवारी ‘लोटा’ को ‘बेस्ट कॉमिक रोल इन क्रिटिक्स’ दिया गया, तो भोजपुरी के दमदार विलेन संजय पांडेय की झोली में फिल्म ‘घूंघट में घोटाला 2’ के लिए ‘बेस्ट विलेन’ का अवार्ड आया. रोहित सिंह ‘मटरू’ को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट कॉमेडी एक्टर’ का अवार्ड मिला, तो प्रमोद शास्त्री को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर’ का अवार्ड दिया गया.

फिल्म ‘बेटी नंबर वन’ के लिए विनय बिहारी को ‘बेस्ट सांग राइटर’ का अवार्ड मिला. शुभम तिवारी को फिल्म ‘बबली की बारात’ के लिए ‘फुल कॉमेडी मूवी श्रेणी’ में ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला. तारकेश्वर मिश्र ‘राही’ को भोजपुरी सिनेमा में उन के शानदार योगदान के लिए ‘भिखारी ठाकुर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. अदिति रावत को फिल्म ‘जुगुनू’ के लिए ‘बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट’ का अवार्ड मिला, तो अनीता रावत को फिल्म ‘बाबुल’ के लिए ‘बेस्ट नैगेटिव रोल (फीमेल) दिया गया.

संजय श्रीवास्तव को फिल्म ‘दूल्हा ऑन सेल’ के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर इन सोशल मूवीज’ का अवार्ड मिला, तो देव सिंह को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट विलेन’ (क्रिटिक्स) का अवार्ड दिया गया.

भोजपुरी के स्टार कलाकार अरविंद अकेला कल्लू को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ और फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ही खूबसूरत यामिनी सिंह को ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ का अवार्ड मिला. इसी फिल्म के लिए अमित हिंडोचा को ‘बेस्ट डायरेक्टर’ का अवार्ड दिया गया.

इस कार्यक्रम की सफल एंकरिंग शुभम तिवारी और डॉक्टर माही खान ने की और बहुत से नामचीन कलाकारों ने अपने डांस और गाने की प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.

भोजपुरी की इस सुपरहिट जोड़ी ने नेपाली तरीके से रचाई शादी !

दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे भोजपुरी इंडस्ट्री के बड़े सितारे हैं. दोनों को फैंस साथ देखना काफी पसंद करते हैं. जब भी दोनों की जोड़ी किसी गाने या फिल्म में साथ आती है, तो वह हिट जरूर हो जाती है. हाल ही में आम्रपाली और निरहुआ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो और वीडियो शेयर किया है, जिसे देख फैंस हैरानी में आ गए हैं. इसमें दोनों नेपाली अंदाज में शादी करते नजर आ रहे हैं.

 

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दरअसल, आम्रपाली ने एक इंस्टा रील भी शेयर की है, जिसमें निरहुआ और वह दोनों ही दूल्हा-दुल्हन बने नजर आ रहे हैं. दोनों का ये रोमांटिक अंदाज वाला वीडियो फैंस को काफी पसंद आ रहा है. इस वीडियो के साथ आम्रपाली ने लिखा कि हमारी पहली रील. फैंस दोनों की जमकर तारीफ कर रहे हैं. कोई इनकी जोड़ी नंबर वन बता रहा है, तो कोई दोनों को एक साथ देखकर काफी खुश है.

आम्रपाली ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें निरहुआ उनके पास आकर रोमांटिक अंदाज में गाना गाते हुए दिखाई दे रहे हैं. दोनों ही दूल्हा और दुल्हन की तरह तैयार हुए हैं. आम्रपाली जहां लाल साड़ी, लाल चूड़ी और सिंदूर और बिंदी में नजर आ रही हैं, तो निरहुआ भी शेरवानी पहन दिखाई दे रहे हैं. इसके साथ ही निरहुआ ने नेपाली टोपी भी पहनी हुई है. दोनों साथ में काफी बढ़िया दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो के बाद से फैंस ये भी अटकलें लगाने लगे की कही दोनों ने शादी तो नहीं कर ली. ये बात सच है कि दोनों ने शादी की है, लेकिन सिर्फ रील लाइफ में.

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आम्रपाली दुबे और निरहुआ भोजपुरी सिनेमा की सुपरहिट जोड़ी हैं. दोनों ने एक साथ लगभग दो दर्जन फिल्मों में काम किया है. अब दोनों ‘निरहुआ बनल करोड़पति’ फिल्म में एक साथ नजर आने वाले हैं. दोनों का नेपाल से जो वीडियो सामने आया है, वो इसी फिल्म के सेट का वीडियो है। इस वीडियो को देख फैंस जल्द ही फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं.

भोजपुरी फिल्मों के लिए हौट और ग्लैमरस रहना ही पड़ता है- संजना सिल्क

भोजपुरी सिनेमा में इन दिनों आइटम डांसर के रूप में जो नाम सब से मशहूर है, वह है संजना सिल्क. भोजपुरी फिल्मों में आइटम सौंग में उन का लुक देख कर हर कोई उन की खूबसूरती और हौटनैस का कायल हो जाता है. फिल्मों में उन की मौजूदगी लोगों का पारा बढ़ाने वाली होती है.

संजना सिल्क से उन के फिल्म कैरियर पर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं उसी के खास अंश :

 इन दिनों भोजपुरी फिल्मों में आइटम सौंग का चलन जोरों पर है. इस की वजह क्या है?

इन दिनों सभी भाषाओं की फिल्मों में आइटम डांस अपनी खास अहमियत रखते हैं. इन के बिना फिल्में अधूरी लगती हैं या यह भी कह सकते हैं कि कई बार आइटम डांस की बदौलत फिल्में अच्छी कमाई करती हैं, इसलिए भोजपुरी फिल्मों में भी आइटम डांस का बोलबाला है.

आप ने यहां तक का सफर कैसे तय किया?

आइटम डांसर को आज भी समाज में अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है. मैं ने शुरुआत में जब आइटम डांस करना शुरू किया था, तो मु झे खूब ताने सुनने को मिलते थे, लेकिन बाद में लोग मेरे दीवाने होते गए और मेरी कामयाबी ने लोगों की जबान पर ताला लगा दिया.

आज हर छोटाबड़ा सिंगर भोजपुरी के आइटम गानों के वीडियो अलबम में आप को देखना चाहता है. आखिर क्या खूबी है आप में, जिस ने सब को दीवाना बना दिया है?

फिल्मों में आइटम नंबर पर किए गए लटके झटके मेरे दर्शकों और चाहने वालों को काफी पसंद आते हैं. ऐसे में हर दर्शक चाहता है कि आइटम नंबर में वह मु झे ही देखे.

आप के मन में भोजपुरी सिनेमा से जुड़ने का खयाल पहली बार कब आया था?

फिल्मों से जुड़ने का खयाल तो मेरे मन में साल 2004 में आया था, लेकिन मैं फिल्मों से साल 2012 में जुड़ी. इस की वजह यह थी कि ग्लैमर मेरा पसंदीद सैक्टर था और यह ग्लैमर फिल्मों में काम करने से सब से ज्यादा मिलता है.

आप भोजपुरी वीडियो अलबमों में हौट, स्टाइलिश और ग्लैमरस लुक में नजर आती हैं, पर असल जिंदगी में आप किस स्टाइल में रहना पसंद करती हैं?

सच कहूं तो पहले का भोजपुरी सिनेमा दर्शक हीरोइनों को सीधेसादे गंवई लुक में देखना पसंद करता था, लेकिन अब समय बदल चुका है. अब दर्शक के लिए हीरोइन का ग्लैमरस होना जरूरी है, लेकिन मैं असल जिंदगी में बेहद ही साधारण सी लड़की हूं.

एक आइटम डांसर के रूप में आप ने क्या नया सीखा?

मैं ने एक आइटम डांसर के रूप में जो सब से अहम बात सीखी है, वह यह है कि अपने दर्शकों और फैंस के मुताबिक खुद के काम में बदलाव लाएं. मैं चाहती हूं कि जब तक इस इंडस्ट्री में रहूं, तब तक इसे जारी रखूं.

आप भोजपुरी सिनेमा में महिलाओं की भूमिका में क्या बदलाव देखती हैं?

भोजपुरी की हीरोइनों ने यह साबित कर दिया कि फिल्मों में महिलाओं की भूमिका कितनी मजबूत है. वैसे तो समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपना योगदान दिया है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री ने खुद को समाज की रूढि़यों, तानों और पुराने खयालात से बाहर निकल कर यह साबित किया है कि छोटे शहरों और गांवदेहात की महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं.

आप की निजी जिंदगी में ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिन के बिना आप नहीं रह सकती हैं?

मेरी जिंदगी में सब से जरूरी मेरी ऐक्टिंग और डांस है. इस के अलावा मेरे लिए मेरा परिवार खास है. इन दोनों के बिना मैं नहीं रह सकती.

आप हर बार भोजपुरी गानों के वीडियो में दर्शकों पर अपने लुक से बिजलियां गिराती नजर आती हैं. क्या आप हमेशा इसी इमेज में रहना चाहेंगी?

आइटम गर्ल का लुक बिजलियां गिराने वाला ही होता है. अगर आप का लुक आइटम डांस में बिजलियां गिराने वाला नहीं होगा, तो दर्शक आप को सिरे से नकार देते हैं. आइटम डांस में मैं ऐसे ही लुक में दिखती रहूंगी. बाकी दूसरे रोल में सीन के हिसाब से लुक बदलता रहता है.

प्रमोद शास्त्री को मिला बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड

भोजपुरी फ़िल्म जगत में प्रयोगधर्मिता के साथ सिनेमा निर्माण की पहचान रखने वाले निर्देशक प्रमोद शास्त्री को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला है। उन्हें यह अवार्ड प्रसिद्ध  दिल्ली प्रेस की महत्वपूर्ण पत्रिका सरस सलिल के द्वारा आयोजित भोजपुरी सिने अवार्ड में इस सम्मान से नवाजा गया है।  यह अवार्ड उन्हें उनकी फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ में बेतरीन डायरेक्शन के लिए दिया गया। वहीं इस फ़िल्म के हिस्से और भी कई अवार्ड आए। बता दें कि प्रमोद शास्त्री के लिए सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड यह दूसरी बार हुआ है कि उनके कार्यों को इस सम्मान से सराहा गया है। उन्हें इससे पहले भोजपुरी फ़िल्म छलिया के लिए बेस्ट डायरेक्टर (क्रिटिक) का अवार्ड मिल चुका है।

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प्रमोद शास्त्री ने अपने क्रिएशन क्षमता को कभी बांध कर नहीं रखा और एक के बाद एक बेहतरीन व सराहनीय फिल्मों के निर्माण में वे आज भी लगे हैं। प्रमोद शास्त्री इन दिनों अपनी डेब्यू हिंदी फिल्म की शूटिंग में बिजी हैं, जिसका नाम है “तुम तक”। उन्होंने हाल ही में इस फ़िल्म के 35 दिनों का शूटिंग शेड्यूल पूरा किया। इस शेड्यूल की शूटिंग नैनीताल उत्तराखंड हुई है, जबकि मई प्रथम सप्ताह में गानों की शूटिंग के लिए वे कश्मीर जाने वाले हैं, जहां की मनोरम वादियों को वे अपने सिनेमाई स्कोप से दर्शकों को सामने लाने वाले हैं।

प्रमोद शास्त्री का कल्चरल एक्टिविटी में रुचि स्कूल के दिनों से ही रही है। उसके बाद कॉलेज के दिनों में वे नाटक लिखते और निर्देशित करते थे, जिसे यूनिवर्सिटी स्तर के साथ – साथ राज्य स्तर पर भी सराहा गया। इसके बाद डॉ राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी कॉलेज से उन्होंने स्नातक की और फिर प्रमोद शास्त्री सपनों के शहर बॉम्बे चले गए, जहां उन्होंने नवोदित फिल्म और टेलीविजन उद्योग में शामिल हो गए। यहां एक सहायक के रूप में शुरुआत की और निर्देशक बनने के लिए अपने तरीके से काम किया। इसके बाद निर्देशक प्रमोद शास्त्री ने “किसे रोके रुका है सवेरा” टीवी धारावाहिक लिखा और निर्देशित किया जो डीडी किसान चैनल पर बहुत लोकप्रिय हुआ।

उन्होंने मेगास्टार रवि किशन अभिनीत फिल्म आपन माटी आपन देस का निर्माण किया, जिसे ‘भोजपुरी फिल्म अवार्ड्स’ के लिए सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में प्रमुख पुरस्कार जीते। इसके बाद प्रमोद शास्त्री ने फिल्मों का निर्देशन करने का रुख कर लिया। फिर उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और उन्होंने रब्बा इश्क ना होवे, छलिया, प्यार तो होना ही था जैसी फिल्मों का सफल निर्देशन किया। इन फिल्मों में भोजपुरी सिनेमा के बड़े नाम थे। उनकी फिल्मे सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषयों के इर्द-गिर्द केंद्रितरहती है, जो कमर्सियल के साथ सार्थक भी होती है। उनकी फिल्मों ने जनता के दिलों को छुआ और बॉक्सऑफिस पर उनका जलवा बरकरार है प्रमोद शास्त्री द्वारा लिखित और निर्देशित मल्टी स्टारर मेगा बजट फिल्म “आन बान शान” जल्द ही सिनेमा हॉल में दस्तक देने वाली है…

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