कहा भी न जाए, सहा भी न जाए

औरतों की कुछ तकलीफें तो ऐसी होती हैं, जिन्हें वे किसी से कह नहीं पाती हैं और उन्हें चुपचाप सहती रहती हैं या उन की पीड़ा भोगती रहती हैं. जब पीड़ा सहन के बाहर हो जाती है, तब वे अपने पति या परिवार वालों को बताती हैं. ऐसे में उन की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उसे ठीक होने में काफी वक्त लगता है या वह लाइलाज हो जाती है.

शादीशुदा औरतों में कइयों को तो जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान अंग में तेज दर्द होता है, लेकिन पति के सुख में बाधा न पहुंचे, इसलिए वे दर्द को चुपचाप बरदाश्त करती हैं. अपने चेहरे के हावभाव से भी दर्द को जाहिर नहीं होने देतीं और सेक्स में पति का साथ देती हैं, ताकि वह संतुष्ट रहे.

माना कि पति की सेक्स संतुष्टि का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन जब इस में दर्द हो तो संतुष्टि एकतरफा ही होगी, जबकि वह संतुष्टि दोनों को मिलनी चाहिए. पति तो चरम सुख हासिल करता है और औरत उस की पीड़ा सहती रहती है, यह तो कोई बात नहीं हुई.

जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान होने वाली तकलीफ के लिए मर्द द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंडोम या औरत द्वारा लगाई गई कौपर टी भी जिम्मेदार होती है.

कुछ मर्द सेक्स के दौरान अपनी मर्दानगी को साबित करने की कोशिश करते हैं जो किसी बलात्कार से कम नहीं होता, जबकि सेक्स में ताकत दिखाने के बजाय प्यार का प्रदर्शन करना चाहिए.

एक उम्र के बाद यानी 45 साल से 50 साल की उम्र के बीच औरतों की माहवारी बंद हो जाती है, जिसे मेनोपोज कहते हैं. इस से हार्मोन में बदलाव आता है और औरतों की सेक्स में दिलचस्पी धीरेधीरे खत्म होने लगती है. अंग में पहले जैसी नमी नहीं रहती है, वह नमी सूख जाती है. इस से सेक्स के दौरान दर्द होने लगता है या इस में मजा नहीं आता.

बेहतर होगा कि औरतें इस बारे में अपने पति को बताएं. वह कभी नहीं चाहेगा कि सेक्स के दौरान आप को दर्द हो. वह सेक्स का तरीका बदलेगा या सब्र का परिचय देगा.

इस के बावजूद भी अगर समस्या बनी रहती है, तो आप को महिला रोग विशेषज्ञ से पूरी जांच करानी चाहिए, ताकि असली वजह का पता चल सके. इलाज के बाद दर्द दूर हो जाएगा और सेक्स दोनों के लिए सुखद व मजा देने वाला होगा.

कुछ औरतों में माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा खून बहता है या काफी दर्द होता है. ऐसे में उन्हें संकोच छोड़ कर महिला रोग विशेषज्ञ को बताना चाहिए.

हां, माहवारी में कुछ तकलीफें होना आम बात है, जैसे स्तनों में दर्द या भारीपन होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या भारीपन रहना वगैरह. ये लक्षण 1-2 दिन में अपनेआप ठीक हो जाते हैं.

औरतों को चाहिए कि वे माहवारी के दिनों में रोज नहाएं और साफ पैड का इस्तेमाल करें. नहाने के दौरान अपने अंगों की अच्छी तरह साफसफाई भी करें.

कुछ औरतों के अंग में घाव या छोटीछोटी फुंसियां हो जाती हैं. ये काफी जलन पैदा करती हैं, जो बरदाश्त के बाहर होती हैं. इसी तरह बहुत सी औरतों के अंग के आसपास खुजली रहती है. खुजलाने में शर्म भी आती है, लेकिन खुजलाना पड़ता है.

ये सब यौन संक्रमण हैं. इन को गंभीरता से लेना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए. औरतों के निचले हिस्से में फंगल इंफैक्शन भी हो सकता है.

औरतों के अंग से थोड़ाबहुत पानी का रिसाव सा होना कुदरती है. इस से उस में नमी बनी रहती है. लेकिन अगर यह रिसाव असामान्य पीला, हरा, गाढ़ा, बदबू वाला हो तो चिंता की बात है.

आमतौर पर औरतें इस की अनदेखी करती हैं. नतीजतन, उन की यह समस्या गंभीर हो जाती है. इस में शर्म,  िझ झक छोड़ कर महिला डाक्टर को बताना जरूरी है. बेहतर होगा कि अंदरूनी अंग और कपड़ों के प्रति साफसफाई बरतें.

अगर शादीशुदा औरतों को कोई गुप्त रोग है, तो उसे बेझिझक अपने पति को बताना चाहिए. ऐसे में पति को भी अपनी जांच करानी होगी, क्योंकि इस का जिम्मेदार वह भी हो सकता है.

दूसरी बीमारियों की तरह गुप्त रोग भी एक बीमारी है और इस का इलाज मुमकिन है. इस में न तो घबराने की जरूरत है, न शरमाने की. जितनी जल्दी इस का इलाज शुरू होगा, उतनी ही जल्दी बीमारी ठीक हो सकती है.

गुप्त रोग की हालत में पतिपत्नी दोनों का इलाज किया जाता है. इस के लिए गुप्त रोग विशेषज्ञ के पास जाना होगा. दवाओं की कुछ खुराक लेने के बाद लक्षण गायब होने लगते हैं, लेकिन

दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए, वरना बीमारी दोबारा हो सकती है. जब तक गुप्त रोग का इलाज पूरा न हो जाए, तब तक सेक्स से दूरी बनाए रखना होगा.

कुछ औरतों को पेशाब के दौरान कंट्रोल न रहने की समस्या भी होती है. हंसते, खांसते, छींकते समय पेशाब की अनचाही कुछ बूंदें निकल जाती हैं, जिस से उन के भीतरी कपडे़ खराब हो जाते हैं. उन्हें शर्मसार होना पड़ता है, सो अलग.

यह समस्या लाइलाज नहीं है, बशर्ते शर्म छोड़ कर डाक्टर के पास जाया जाए. डाक्टर दवाएं देगा और कुछ कसरत बताएगा, जिस से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है.

औरतों में पेशाब के रास्ते में इंफैक्शन होना एक आम बीमारी है. इस की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे पब्लिक टौयलेट का इस्तेमाल, माहवारी के दौरान सफाई न रखना वगैरह. इस से उन्हें बुखार भी आ सकता है. इस का इलाज कराना बहुत जरूरी है, वरना इस का बुरा असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है. अगर इलाज को अधूरा छोड़ा, तो यह इंफैक्शन बारबार होता रहेगा.

इस संक्रमण को यूटीआई के नाम से जाना जाता है. शरीर की बीमारियों से लड़ने की कूवत कम होने से बैक्टीरिया बहुत जल्दी हमला बोल देते हैं. योनि और गुदा मार्ग की ठीक से सफाई न होना भी इस की वजह है.

बारिश के मौसम में इस का खतरा बढ़ जाता है. बचाव के लिए जरूरी है कि पानी खूब पीएं, पेशाब को न रोकें, सेक्स के पहले व बाद में पेशाब जरूर करें और सही मात्रा में विटामिन सी लें.

औरतों में बवासीर की शिकायत भी देखी गई है. इस में शौच के दौरान उन्हें काफी पीड़ा होती है. खूनी बवासीर में खून भी निकलता है. समस्या जब बढ़ जाती है, तो औरत का उठनाबैठना मुश्किल होने लगता है.  िझ झक के चलते वे यह बात अपने पति तक को नहीं बताती हैं और खुद पीड़ा सहती रहती हैं.

बवासीर की तरह ही फिस्टुला यानी भगंदर की समस्या भी हो सकती है. इस बीमारी में गुदा मार्ग के अलावा मल निकलने का एक दूसरा रास्ता बन जाता है. यह काफी तकलीफदेह होता है. मरीज को उठनेबैठने में परेशानी होती है, लेकिन औरतें इस की पीड़ा चुपचाप सहती रहती हैं.

बवासीर हो या फिस्टुला, गुदा मार्ग से जुड़ी इन बीमारियों का आपरेशन ही एकमात्र उपाय है. औरतों को चाहिए कि वे इसे सहने के बजाय इस का उपचार करा कर पीड़ामुक्त जिंदगी जिएं.

औरतों में स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जहां तक स्तन कैंसर की बात है, औरतें इसे अपने पति तक को नहीं बतातीं. स्तनों में आई गड़बड़ी, गांठ, स्राव की वे अनदेखी करती हैं. वे लेडी डाक्टर को बताने में भी संकोच करती हैं. जब दर्द बरदाश्त से बाहर हो जाता है तब बताती हैं, लेकिन तब तक कैंसर काफी फैल चुका होता है.

औरतों को चाहिए कि वे अपनी कोई भी निजी समस्या सब से पहले अपने पति, सास या मां को बताएं और समस्या की शुरुआत में ही माहिर डाक्टर से इलाज कराएं. इसी में भलाई है.

गांवदेहात में स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं. माहिर डाक्टर भी नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें शहरों में आ कर अपना इलाज कराना चाहिए.

अगर कोई लड़की ज्यादा उम्र में पहला बच्चा पैदा करती है, तो उस की और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, क्या ये सच है?

सवाल

मैं 32 साल का एक शादीशुदा मर्द हूं. मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. हमारे अभी बच्चा नहीं है और मेरी पत्नी चाहती है कि अगले 3 साल तक वह मां न बने, जबकि 3 साल बाद उस की उम्र 32 साल की हो जाएगी. मुझे किसी ने कहा था कि अगर कोई लड़की ज्यादा उम्र में पहला बच्चा पैदा करती है, तो उस की और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. यह बात मैं ने अपनी पत्नी को बताई, तो वह इसे बचकाना कहने लगी. क्या वाकई ऐसा होता है? क्या हमें जल्दी मातापिता नहीं बन जाना चाहिए?

जवाब

न तो आप गलत हैं और न ही आप की पत्नी गलत है. बच्चा पैदा करने में जल्दी और देरी दोनों ही नहीं होनी चाहिए. 25 से 35 साल की उम्र बच्चा पैदा करने के लिए ठीक है. यह बात एक हद तक हालात और सेहत पर भी निर्भर करती है. आजकल 40 की उम्र तक भी औरतें बच्चे पैदा करती हैं और उन की सेहत पर बुरा फर्क नहीं पड़ता है.  मातापिता बनने के लिए पतिपत्नी दोनों को प्लानिंग करनी चाहिए. अब जब आप दोनों में मतभेद हैं, तो पत्नी की ही बात मान लें, क्योंकि सारी तकलीफ तो उसे ही झेलनी है. वैसे, यह कोई भारी विवाद वाली बात नहीं है. लिहाजा, इसे मुद्दा न बनाएं. सब से अच्छा रास्ता तो यह है कि दोनों किसी माहिर डाक्टर से मिल कर मशवरा लें.

मेरी पत्नी को चुगली की आदत है, मैंने कई बार उसे समझाना चाहा लेकिन वह मानती ही नहीं है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 32 साल का एक शादीशुदा आदमी हूं और अपनी पत्नी से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं. वह भी मुझे बहुत पसंद करती है, पर उस में एक बुरी आदत यह है कि वह हर किसी की चुगली करती फिरती है, जिस से हमारे महल्ले में हर कोई हम दोनों से दूर ही रहता है. इस बात से मेरी इमेज पर बट्टा लग रहा है.  मैं ने कई बार अपनी पत्नी को समझाना चाहा, पर वह मानती ही नहीं है. मैं क्या करूं?

जवाब

हालांकि चुगली का लुत्फ ही अलग है, लेकिन इस की लत बहुत बुरी होती है, जो आप की बीवी को लग चुकी है. यह अब आसानी से दूर होने वाली नहीं. उसे समझाएं कि इस लत के चलते आप समाज से अलगथलग पड़ गए हैं. कल को बच्चों पर भी इस का असर पड़ेगा.  आप कुछ दिन के लिए जगह बदल कर देखें, शायद बात बन जाए. आप अपनी पत्नी को प्यार करते रहिए और उस की चुगलखोरी के साथ जीने के लिए तैयार रहिए.

 

मेरे पति के मेरे अलावा 2 महिलाओं के साथ संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित युवती हूं. मेरे पति के मेरे अलावा 2 महिलाओं के साथ संबंध हैं. मैं बहुत परेशान हूं और मुझे आपसे बहुत उम्मीद है. कृपया बताएं कि मैं ऐसा क्या करूं जिस से अपने पति को उन युवतियों के चंगुल से बचा सकूं?

जवाब

लगता है, आप अपनी घरगृहस्थी में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो पति के प्रति लापरवाह होती गईं. घर में अपेक्षित प्यार और तवज्जो न मिलने के कारण ही आप के पति ने बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए. उन्हें वापस पाने के लिए आप को अब थोड़े धीरज से काम लेना होगा.

पति जब भी घर आएं उन के साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार करें. उन्हें तानेउलाहने न दें, न ही उन से लड़ाई झगड़ा करें, वरना वे घर आने से भी कतराने लगेंगे, जो आप के हित में नहीं होगा. पति जितनी देर घर रहें उन्हें भरपूर प्यार दें. धीरेधीरे उन का बाहर से वैसे भी मोहभंग हो जाएगा. विवाहित पुरुषों को युवतियां ज्यादा दिनों तक घास नहीं डालतीं, साथ ही अवैध संबंधों की मियाद भी ज्यादा लंबी नहीं होती. इसलिए चिंता छोड़ कर पति को वापस पाने के प्रयास में लग जाएं.

मेरी योनि में काफी ढीलापन आ गया है और मेरा सैक्स के प्रति रुझान घट गया है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 28 साल की विवाहित स्त्री हूं. मेरे पति और मेरी कामेच्छा में जमीन आसमान का अंतर है. मुझे लगता है कि मेरी योनि में पहले की तुलना में काफी ढीलापन आ गया है और मेरा सैक्स के प्रति रुझान घट गया है. लेकिन पति की कामेच्छा पहले की ही तरह बनी हुई है. मैं उन का साथ नहीं दे पाती. इस से उन के व्यवहार में मेरे प्रति रूखापन आता जा रहा है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
कामसुख दांपत्य जीवन की महत्त्वपूर्ण कड़ी है. इस से दांपत्य में अबाध प्रेम, भावात्मक बंधन, सुख, संतोष और आस्था के स्वर गहरे होते हैं, परस्पर आकर्षण बना रहता है और प्रेम गाढ़ा होता है.

प्रत्येक विवाहित स्त्री के लिए यह जानना जरूरी है कि पति के लिए कामसुख प्रेम की तीव्रतम अभिव्यक्ति है. पति के अंतर्मन में पत्नी की अस्वीकृति शूल सी चुभ जाती है. उस का मन क्षोभ और पीड़ा से भर उठता है, जिस के फलस्वरूप वैवाहिक जीवन में असंतोष और बिखराव की रेखाएं सघन होने लगती हैं, दांपत्य संबंधों में ठंडापन आ जाता है और कलह सिर उठाने लगती है.

आप के लिए उचित यही होगा कि आप अपने पति की भावनाओं का आदर करें. यदि किसी कारण कभी मन संबंध बनाने का न हो, तब भी अपने मधुर व्यवहार से पति के मन को संभालें, उन्हें टीस न लगने दें.

योनि में आए ढीलेपन को मिटाने के लिए आप श्रोणि पेशियों का व्यायाम करें. यह व्यायाम आप दिन के किसी भी पहर कर सकती हैं. इसे आप लेटे हुए, बैठे हुए या खड़े किसी भी मुद्रा में कर सकती हैं. करने की विधि बिलकुल आसान है. बस, श्रोणि पेशियों को इस प्रकार सिकोड़ें और भींच कर रखें मानो मूत्रत्याग की क्रिया पर रोक लगाने की जरूरत है. 10 की गिनती तक श्रोणि पेशियों को भींचे रखें और फिर उन्हें ढीला छोड़ दें. अगले 10 सैकंड तक श्रोणि पेशियों को आराम दें. इस के लिए 10 तक गिनती गिनें. यह व्यायाम पहले दिन 12 बार दोहराएं. फिर धीरेधीरे बढ़ाते हुए सुबहशाम 24-24 बार इसे करने का नियम बना लें. 2-3 महीनों के भीतर ही आप योनि की पेशियों को फिर से कसा हुआ पाएंगी. नतीजतन आप पतिपत्नी के बीच यौनसुख भी दोगुना हो जाएगा.

मैं एक लड़की से 8 वर्षों से प्यार करता हूं, उसके पापा को शादी के लिए कैसे मनाऊं?

सवाल-

मैं एक लड़की से 8 वर्षों से प्यार करता हूं. वह सुंदर है और मुझे बहुत प्यार करती है. मेरे पिताजी की मृत्यु तब हो गई थी जब मैं ग्रैजुएशन कर रहा था. मैं आज अच्छी जौब करता हूं और ट्यूशन भी पढ़ाता हूं. मेरी गर्लफ्रैंड दूसरी जाति से है. मैं हार्डवर्क कर के पैसे कमा रहा हूं ताकि फाइनैंशियली स्ट्रौंग बन कर उस के पापा से शादी की बात कर सकूं. मुझे गाइड करें कि कैसे मैं उस के पापा को मनाऊं?

जवाब-

प्यार इंसान से किया जाता है न कि जाति से. आप अपने परिवार का पालनपोषण अच्छे तरीके से कर सकते हैं, इसलिए डरें नहीं बल्कि हिम्मत जुटाएं. पहले अपने परिवार वालों को इस बात से परिचित कराएं ताकि वे लड़की के पिता से बात कर सकें. आप यकीन मानिए, अगर दोनों परिवार एकदूसरे से संतुष्ट हो गए तो आप को मिलने से कोई नहीं रोक सकता. अगर लड़की के घर वाले न मानें तो आप दोनों अपनी मरजी से विवाह कर सकते हैं. ऐसे विवाह कोर्टमैरिज प्रक्रिया से ही किए जाने चाहिए ताकि बाद में कठिनाई न हो.

मेरे पति वैसे तो काफी अच्छे हैं लेकिन उन का नौकरी में बिलकुल मन नहीं लगता. इस कारण परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. परिवार के किसी भी सदस्य की बात उन्हें समझ नहीं आ रही. आप ही बताएं कि कैसे उन्हें सही रास्ता दिखाया जाए?

पति कमाए नहीं तो जिंदगी चलती ही नहीं है. उन के नौकरी न करने से सब बेहाल हो जाएंगे और बिना नौकरी वाले आदमी को न तो घर में इज्जत मिलती है न ही बाहर.

ऐसे इंसान के साथ रहने का कोई फायदा नहीं है जो दो वक्त की रोटी का भी जुगाड़ न कर सके. हो सकता है आप का यह सख्त रुख उन्हें सुधरने पर मजबूर कर दे. आप भी खुद को आत्मनिर्भर बनाएं और उन से साफ कह दें कि प्यार एक तरफ है और जिम्मेदारी एक तरफ.

अपने पति के अलावा एक और लड़के के साथ मेरे शारीरिक संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एकदूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक ही सीमित रहें. फिर सचाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. विवाहेतर संबंध आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकती है.

ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्म कर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

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सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफेशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सेक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वेजाइनल हिस्से में लालिमा और जलन की वजह से त्वचा विशेषज्ञ के पास जाना पड़ा.

‘‘डौक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है,’’ गायत्री बताती हैं. ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उनके बौयफ्रेंड को कुछ ब्लड टेस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वो सबसे आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम सक्षम नहीं है.

सेक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं कि अधिकतर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इन्फेक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सेक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे कहते हैं. ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इन्फ़ेक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इन्फ़ेक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढंके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिनसे आप सेक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उसका चेकअप जरूर कराएं.

‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चेकअप कराने को कहें और उसकी रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि ये थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ कहती हैं रश्मि बंसल, जो दो वर्षों तक लिव-इन रिश्तों में थीं. ‘‘यदि वह आपको सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’ इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

मेरी पत्नी के दूसरें पुरुषों के साथ संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल 

मेरी उम्र 38 साल है. मेरी शादी को कई साल हो गए हैं, लेकिन मुझे अब पता चला है कि मेरी पत्नी एक 55 साल के आदमी के साथ नाजायज रिश्ता बनाए हुए है. इस बात से मैं बहुत दुखी हूं, लेकिन अपनी इज्जत बचाए रखने के लिए चुप हूं. मैं क्या करूं?

जवाब 

परेशानी यह है कि आप अपनी पत्नी को रोक नहीं पा रहे हैं और न ही इस की वजह समझ पा रहे हैं जिस ने आप का जीना हराम कर दिया है. मुमकिन है कि आप की पत्नी को उस के साथ संबंध बनाने में ज्यादा सुख मिलता हो जिस के चलते उस ने घरगृहस्थी, समाज और आप की परवाह न करते हुए एक गैर और अधेड़ मर्द से नाजायज संबंध बनाए. इस का यह मतलब?नहीं है कि आप में कोई कमी?है. मुमकिन यह भी है कि आप की पत्नी उस मर्द के किसी दबाव में हो. कोई भी कदम उठाने से पहले आप बात की तह तक जाएं और पत्नी से खुल कर बात करें और उसे ऐसा न करने को कहें. इस पर भी अगर बात न बने तो उस के नाजायज संबंधों के सुबूत इकट्ठा कर अदालत में तलाक के लिए जाएं. समाज और इज्जत की परवाह करते रहेंगे तो यों ही घुटघुट कर जीते रहेंगे और पत्नी भी इस का नाजायज फायदा उठाती रहेगी.

मेरे प्रेमी की छोटी बहन मुझे पसंद नहीं करती, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 18 साल है और पिछले कई दिनों से मेरा अपने प्रेमी से अजीब सा झगड़ा चल रहा है. इस की वजह है उस की छोटी बहन, जो न जाने क्यों मुझे पसंद नहीं करती है, जबकि मैं किसी भी लिहाज से उस की भाभी बनने में कमतर नहीं हूं. मेरा बौयफ्रैंड भी, जैसा कि वह मुझ से बोलता है, उसे समझाने की पूरी कोशिश करता है, पर जैसे उस ने ठान लिया है कि वह मुझे किसी भी तरीके से बदनाम कर के अपने घर वालों की नजरों में गिरा कर ही दम लेगी.

मुझे लगता है कि मेरा बौयफ्रैंड उसे ठीक ढंग से समझा नहीं पा रहा है, इसलिए हमारे बीच तनाव बढ़ रहा है. मैं क्या करूं?

जवाब

अगर आप के और आप के प्रेमी के बीच तनाव बढ़ रहा है तो उस की बहन अपने मकसद में कामयाब हो रही है, जो आप के लिए ठीक नहीं है.

लगता है कि वह किसी बात पर आप से चिढ़ गई है या फिर उसे लग रहा है कि आप ने उस के भाई को फंसा लिया है. इन दोनों ही बातों का कोई इलाज नहीं है, सिवाए इस के कि आप के व प्रेमी के बीच मजबूत रिश्ता हो और वह बहन इसी को तोड़ रही है.

आप का यह कहना प्रेमी के प्रति अविश्वास ही जताता है कि वह अपनी बहन को ठीक से समझा नहीं पा रहा है. अब आप के पास बेहतर रास्ता यही है कि आप और प्रेमी एकदूसरे पर भरोसा बनाए रखें. इस से बहन के हौसले पस्त होंगे.

वैसे, एक बार फिर अकेले में उस से खुल कर बात करें कि उसे आप से दिक्कत क्या है? अगर कोई गलतफहमी होगी तो दूर हो सकती है, नहीं तो यह भी सोचें कि जिस लड़की ने शादी के पहले आप का जीना हराम कर दिया है, वह शादी के बाद आप का क्या हाल करेगी.

मेरा चचेरा भाई मुझे बहुत प्यार करता है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे प्यार करता है. पर समस्या यह है कि मेरा चचेरा भाई भी मुझे बहुत प्यार करता है, मैं उसे नहीं चाहती. लेकिन यह बात कह कर मैं उसे दुखी भी नहीं करना चाहती हूं. फिर यदि मैं ने अपने बौयफ्रैंड से इस प्रेम संबंध को समाप्त करने की बात कही तो उसे तो दुख होगा ही, साथ ही मैं भी उस से जुदा हो कर जी नहीं पाऊंगी. मैं अजीब उलझन में हूं. किसी का भी दिल नहीं तोड़ना चाहती. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें?

जवाब

आप को अपने चचेरे भाई को किसी मुगालते में नहीं रखना चाहिए. उस से साफ साफ कह दें कि आप दोनों भाईबहन हैं और आप का खून का रिश्ता है. आप की उस के प्रति जो चाहत है वह सिर्फ एक बहन की अपने भाई के प्रति है. यह सुन कर वह दुखी होगा, हो सकता है कि आप से नफरत भी करने लगे, पर इस के अलावा आप के पास कोई चारा भी नहीं है. प्यार के इस भ्रम को जितनी जल्दी तोड़ देंगी, तकलीफ उतनी ही कम होगी.

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