मेरे पड़ोसी बड़े अटपटे किस्म के हैं इसका असर बच्चों पर पड़ रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरे सामने वाले घर में एक कपल रहता है जिन से हम खासा परेशान हैं. उन के घर में मेहमान भी आतेजाते हैं. जो लोग उन के घर आते हैं वे बड़े अटपटे किस्म के हैं. किसी के बाल हिप्पी जैसे दिखते हैं तो कोई नाभि पर रिंग पहने रहता है. इस तरह के लोगों को देख हमारी सोसाइटी का माहौल खराब होता है और हमारे बच्चों पर भी गलत असर पड़ता है. अभी कुछ दिनों पहले ही मेरे 14 साल के बेटे ने टैटू बनवाने के लिए कहा. मैं जानती हूं कि उस के दिमाग में यह बात कहां से आई. मुझे इस मुश्किल से निकलने का कोई उपाय बताइए.

जवाब

सभी लोग आप की तरह तो पहनओढ़ नहीं सकते और न ही दिख सकते हैं. सब की अपनीअपनी जिंदगी है, अपनाअपना जीवन जीने का तरीका है. आप किसी की आजादी पर तो अंकुश नहीं लगा सकतीं और न ही आप को लगाना चाहिए.
आप का यह कहना कि आप के बच्चों पर असर पड़ेगा, तो यह जान लें कि वे भी इस सोसाइटी से बाहर निकलेंगे तो अपने मन की करना चाहेंगे. क्या तब भी आप उन की इच्छाओं को मारेंगी? यह व्यक्ति की अपनी निजी पसंद होनी चाहिए कि वह कैसा दिखना चाहता है और कैसे रहना चाहता है. आप को उन से छुटकारा पाने की जरूरत नहीं है, आप अपनी जिंदगी जिएं और उन्हें उन की जीने दें. सब आप की तरह भेड़चाल से चलें, यह धार्मिक सोच है. विभिन्नता ही जीवन का सही हल है.

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मैं अपने कॉलीग को पसंद करती हूं, तो क्या मैं खुद उसे प्रपोज कर सकती हूं ?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. अपने ही औफिस में काम करने वाले युवक के प्रति आकर्षित हूं. हमारे बीच बातचीत भी होती है लेकिन उस ने मुझे कभी नहीं जताया कि वह मुझे पसंद करता है. मुझे लगने लगा है कि मेरा उस के प्रति प्यार एकतरफा है. क्या मुझे उस की तरफ अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए?

जवाब

आप का प्यार एकतरफा तो नहीं, यह प्रश्न हर प्यार करने वाले को खुद से पूछना चाहिए और अगर जवाब है कि आप का प्यार एकतरफा है, तो आप को इस प्यार के रास्ते से अपने कदम वापस खींच लेने चाहिए. लेकिन अगर आप का प्यार एकतरफा नहीं है, तो आप आगे बढ़ सकते हैं. इतनी समझदार तो आप होंगी ही कि उस युवक की बातों से पता लगा लें कि आप के बारे में वह क्या सोचता है. आप को ले कर सीरियस है या नहीं. अकसर लड़के अपना प्यार जाहिर करने में झिझकते हैं या कई बार उन का इगो आगे आ जाता है कि अगर लड़की ने उन्हें मना कर दिया तो.

आपको वाकई उस लड़के से प्यार हो गया है तो आप खुद भी उसे प्रपौज कर सकती हैं, जरूरी नहीं कि लड़का ही प्रपौज करे. वक्त और समय आप खुद डिसाइड करें. हो सकता है आप प्रपौज करें और लड़का अपना दिल खोल कर आप के सामने रख दे. यह बात आजमा कर देखिए, क्या फर्क पड़ता है. सब क्लीयर तो हो जाएगा.

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सेक्स को लेकर बदल रही है महिलाओं की सोच

कौमेडी सीरियल ‘भाबीजी घर पर हैं’ की कहानी कई बार सैक्स फैंटेसीज दिखाने की कोशिश करती है. इस सीरियल में अनिता और विभू मिश्रा नामक पतिपत्नी एक रोमांटिक कपल है. अनीता के करैक्टर में वह कई बार समाज की सैक्स फैंटेसीज को दिखाने की कोशिश भी करती है. अनीता जब बहुत रोमांटिक मूड में होती है, तो पति विभू से कहती है कि वह किसी दूसरे रूप में प्यार करना चाहती है. कभी वह उसे प्लंबर बनने को कहती है, कभी इलैक्ट्रीशियन तो कभीकभी गुंडामवाली तक बनने को कहती है. पति विभू उसी गैटअप में आता है. वह पत्नी से उसी अंदाज में बात करता है. इस से पत्नी अनीता को बहुत खुशी महसूस होती है. वह दोगुनी ऐनर्जी से प्यार करती है. यह कौमेडी सीरियल भले ही हो, पर इस में पतिपत्नी संबंधों को बहुत ही नाटकीय ढंग से दिखाया जा रहा है.

सैक्स को ले कर महिलाओं पर रूढिवादी सोच हमेशा हावी रही है. लेकिन अब समय के साथ यह टूटने लगी है. अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय करना चाहती हैं. इसे ले कर उन के मन में कई तरह के सपने भी होते हैं. अब ये बातें भी पुरानी हो गई हैं कि कौमार्य पति की धरोहर है. अब शादी के पहले ही नहीं शादी के बाद भी सैक्स की वर्जनाएं टूटने लगी हैं. शादी के बाद पतिपत्नी खुद भी ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं जहां वे खुल कर अपनी हसरतें पूरी कर सकें.

परेशानियों से बचाव

सैक्स के बाद आने वाली परेशानियों से बचाव के लिए भी महिलाएं तैयार रहती हैं. प्लास्टिक सर्जन डाक्टर रिचा सिंह बताती हैं, ‘‘शादी से कुछ समय पहले लड़कियां हमारे पास आती हैं, तो उन का एक ही सवाल होता है कि उन्होंने शादी के पहले सैक्स किया है. इस बात का पता उन के होने वाले पति को न चले, इस के लिए वे क्या करें? लड़कियों को जब इस बारे में सही राय दी जाती है तो भी वे मौका लगते ही सैक्स को ऐंजौय करने से नहीं चूकतीं. शादी के कई साल बाद महिलाएं हमारे पास इस इच्छा से आती हैं कि वे शारीरिक रूप से कुंआरी सी हो जाएं.’’

विदेशों में तो सैक्स को ले कर तमाम तरह के सर्वे होते रहते हैं पर अपने देश में ऐसे सर्वे कम ही होते हैं. कई बार ऐसे सैंपल सर्वों में महिलाएं अपने मन की पूरी बात सामने रखती हैं. इस से पता चलता है कि सैक्स को ले कर उन में नई सोच जन्म ले रही है. डाक्टर रिचा कहती हैं कि शादी से पहले आई एक लड़की की समस्या को एक बार सुलझाया गया तो कुछ दिनों बाद वह दोबारा आ गई और बोली कि मैडम एक बार फिर गलती हो गई.

सैक्स रोगों की डाक्टर प्रभा राय बताती हैं कि हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं, जो जानना चाहती हैं कि इमरजैंसी पिल्स को कितनी बार खाया जा सकता है. कई महिलाएं तो बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की गोलियों का प्रयोग करती हैं. कुछ महिलाएं तो गर्भ ठहर जाने के बाद खुद ही मैडिकल स्टोर से गर्भपात की दवा ले कर खा लेती हैं. मैडिकल स्टोर वालों से बात करने पर पता चलता है कि बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की दवा का प्रयोग करने वाले पतिपत्नी नहीं होते हैं.

बदल रही सोच

सैक्स अब ऐंजौय का तरीका बन गया है. शादीशुदा जोड़े भी खुद को अलगअलग तरह की सैक्स क्रियाओं के साथ जोड़ना चाहते हैं. इंटरनैट के जरीए सैक्स की फैंटेसीज अब चुपचाप बैडरूम तक पहुंच गई है, जहां केवल दूसरे मर्दों के साथ ही नहीं पतिपत्नी भी आपस में तमाम तरह की सैक्स फैंटेसीज करने का प्रयास करते हैं. इंटरनैट के जरीए सैक्स की हसरतें चुपचाप पूरी होती रहती हैं. सोशल मीडिया ग्रुप फेसबुक और व्हाट्सऐप इस में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. फेसबुक पर महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपने निक नेम से फेसबुक अकाउंट खोलते हैं और मनचाही चैटिंग करते हैं. इस में कई बार महिलाएं अपना नाम पुरुषों का रखती हैं ताकि उन की पहचान न हो सके. वे चैटिंग करते समय इस बात का खास खयाल रखती हैं कि उन की सचाई किसी को पता न चल सके. यह बातचीत चैटिंग तक ही सीमित रहती है. बोर होने पर फ्रैंड को अनफ्रैंड कर नए फ्रैंड को जोड़ने का विकल्प हमेशा खुला रहता है.

इस तरह की सैक्स चैटिंग बिना किसी दबाव के होती है. ऐसी ही एक सैक्स चैटिंग से जुड़ी महिला ने बातचीत में बताया कि वह दिन में खाली रहती है. पहले बोर होती रहती थी. जब से फेसबुक के जरीए सैक्स की बातचीत शुरू की है तब से वह बहुत अच्छा महसूस करने लगी है. वह इस बातचीत के बाद खुद को सैक्स के लिए बहुत सहज अनुभव करती है. पत्रिकाओं में आने वाली सैक्स समस्याओं में इस तरह के बहुत सारे सवाल आते हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि सैक्स की फैंटेसी अब फैंटेसी भी नहीं रह गई है. इसे लोग अपने जीवन का अंग बनाने लगे हैं.

समाजशास्त्री डाक्टर मधु राय कहती हैं, ‘‘पहले ऐसी बातचीत को मानसिक रोग माना जाता था. समाज भी इसे सही नहीं मानता था. अब इस तरह की घटनाओं को बदलती सोच के रूप में देखा जा रहा है. हमारे पास सैक्स समस्याओं पर चर्चा करने आए व्यक्ति ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ सैक्स करने में असमर्थ था. उस ने कई डाक्टरों से अपना इलाज भी करवाया, लेकिन कोई लाभ न हुआ. ऐसे में उस की पत्नी ने घर के नौकर के साथ संबंध बना लिए. एक दिन पति ने पत्नी को नौकर के साथ संबंध बनाते देख लिया. मगर उसे गुस्सा आने के बजाय अपने में बदलाव महसूस हुआ. उस दिन उस ने अपनी पत्नी के साथ खुद भी सैक्स संबंध बनाने में सफलता पाई. अब वह खुद को सहज महसूस करने लगा था.’’

तरह तरह के लोग

फेसबुक को देखने, पसंद करने और चैटिंग करने वालों में हर वर्ग के लोग हैं. ज्यादातर लोग गलत जानकारी देते हैं. व्यक्तिगत जानकारी देना पसंद नहीं करते.

छिबरामऊ की नेहा पाल की उम्र 20 साल है. वह पढ़ती है. वह लड़के और लड़कियों दोनों से दोस्ती करना चाहती है. 32 साल की गीता दिल्ली में रहती है. वह नौकरी करती है. उस की किसी लड़के के साथ रिलेशनशिप है. वह केवल लड़कियों से सैक्सी चैटिंग पसंद करती है. उस की सब से अच्छी दोस्त रीथा रमेश है, जो केरल की रहने वाली है. वह दुबई में अपने पति के साथ रहती है. अपने पति के साथ शारीरिक संबंधों पर वह खुल कर गीता से बात करती है. ऐसे ही तमाम नामों की लंबी लिस्ट है. इन में से कुछ लड़कियां अपने को खुल कर लैस्बियन मानती हैं और लड़कियों से दोस्ती और सैक्सी बातों की चैटिंग करती हैं. कुछ गृहिणियां भी इस में शामिल हैं, जो अपने खाली समय में चैटिंग कर के मन को बहलाती हैं. कुछ लड़केलड़कियां और मर्द व औरतें भी आपस में सैक्सी बातें और चैटिंग करते हैं.

कई लड़केलड़कियां तो अपने मनपसंद फोटो भी एकदूसरे को भेजते हैं. फेसबुक एकजैसी रुचियां रखने वाले लोगों को आपस में दोस्त बनाने का काम भी करता है. एक दोस्त दूसरे दोस्त को अपनी फ्रैंडशिप रिक्वैस्ट भेजता है. इस के बाद दूसरी ओर से फ्रैंडशिप कन्फर्म होते ही चैटिंग का यह खेल शुरू हो जाता है. हर कोई अपनीअपनी पसंद के अनुसार चैटिंग करता है. कुछ लड़कियां तो ऐसी चैटिंग करने के लिए पैसे तक वसूलने लगी हैं. वाराणसी के रहने वाले राजेश सिंह कहते हैं, ‘‘मुझ से चैटिंग करते समय एक लड़की ने अपना फोन नंबर दिया और कहा इस में क्व500 का रिचार्ज करा दो. मैं ने नहीं किया तो उस ने सैक्सी चैटिंग करना बंद कर दिया.’’

इसी तरह से लखनऊ के रहने वाले रामनाथ बताते हैं, ‘‘मेरी फ्रैंडलिस्ट में 4-5 लड़कियों का एक ग्रुप है, जो मुझे अपने सैक्सी फोटो भेजती हैं. मेरे फोटो देखना भी वे पसंद करती हैं. कभीकभी मैं उन का नैटपैक रिचार्ज करा देता हूं. इन से बात कर मैं बहुत राहत महसूस करता हूं. मुझे यह अच्छा लगता है, इसलिए मैं कुछ रुपए खर्च करने को भी तैयार रहता हूं.’’ फेसबुक के अलावा अब व्हाट्सऐप पर भी इस तरह की चैटिंग होने लगी है.

मेरी गर्लफ्रैंड मुझे बिल्कुल भी टाइम नहीं देती, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी गर्लफ्रैंड हर समय अपने औफिस के काम में बिजी रहती है. औफिस में तो बात करती नहीं और मैं भी उस पर जोर नहीं डालता लेकिन घर आ कर तो उसे मुझ से बात करनी चाहिए, इस रिलेशनशिप पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए. शुरू-शुरू में तो मैं उसे कुछ कह भी देता था लेकिन अब कहने का मन ही नहीं होता.

हमारे बीच दूरियां बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हैं. मुझे उस से प्यार है लेकिन ऐसे प्यार का क्या फायदा जिस में केवल मैं ही एफर्ट करता रहूं और वह नहीं. क्या करूं?

जवाब-

पहले तो यह जान लें कि प्यार में इस तरह शर्तें नहीं लगाई जातीं, मैं यह कर रहा हूं वह नहीं कर रही जैसी बातें नहीं की जातीं. हो सकता है वह अपने करियर को ले कर किसी तरह की उलझन में हो या किसी तरह की परेशानी में हो जो आप को न बता रही हो. कहने का मतलब यह है कि आप उस से इतना प्यार करते हैं तो उस से साफ-साफ कह दीजिए कि आप को क्या बुरा लग रहा है. उस से पूछिए कि वह समय क्यों नहीं दे रही या आप को इस तरह नजरअंदाज क्यों कर रही है. हो तो यह भी सकता है कि वह थोड़ा स्पेस चाहती हो.

आप उस से मिलिए और इस बारे में बात कीजिए. वह क्या सोच रही है, क्या चाहती है जानिए और फिर आप को ही रिलेशनशिप में रहना है या नहीं, सोचिए. अगर उस की कन्वीनिएंस के लिए आप को थोड़े ज्यादा एफर्ट्स करने भी पड़ रहे हैं तो कर लीजिए न. आखिर प्यार में ज्यादा एफर्ट्स करने वाली हमेशा लड़की ही क्यों रहे.

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मेरी पत्नी मुझे ही अपना भाई जैसा समझने लगी है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 35 साल का हूं. मेरे 2 बच्चे हैं. मेरी पत्नी मुझे नजदीक नहीं आने देती, क्योंकि पिछले कुछ समय से वह आश्रम के बाबा के चक्कर में पड़ कर मुझे ही अपना भाई जैसा समझने लगी है. मैं उसे छूने की कोशिश करता हूं तो झिड़क देती है. बस बात से मैं दूसरी औरतों को देख कर आपा खोने लगता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की बीवी उन बाबाओं के चक्कर में पड़ गई है, जो अपनी दुकानदारी, खुदगर्जी और हवस के लिए हंसतीखेलती गृहस्थियां उजाड़ने से बाज नहीं आते हैं.

ऐसा भी लगता है कि ऐसे बाबाओं की बातों और प्रवचनों ने आप की बीवी को दिमागीतौर पर हिला दिया है, तभी तो वे आप को भाई कहने लगी हैं. ऐसी हालत में जितना आप उन्हें समझाएंगे, वे उतनी ही जिद पकड़ती जाएंगी, इसलिए तलाक ही एकलौता रास्ता आप के पास बचता है, जो आपसी रजामंदी से लेना बेहतर होगा. इस के लिए किसी काबिल और तजरबेकार वकील से मिलें. हालफिलहाल तो अपनी सैक्स से जुड़ी जरूरतें पूरी करने के लिए एहतियात से काम लें.

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छत्तीसगढ़ आसपास के अनेक राज्यों में जहां आदिवासी बाहुल्य हैं अंधविश्वास को लेकर के महिलाओं की हत्या हो जाती है.छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखंड के साहिबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र की मोहनपुर पंचायत के मेंहदीपुर गांव की मतलू चाैराई नामक एक 60 वर्षीय महिला की हत्या डायन बताकर कर दी गई. जिस व्यक्ति ने हत्या की उसे यह शक था कि इसने उसके बेटे को जादू टोना कर मारा है. महिला की हत्या गांव के सकल टुडू ने विगत  7 जुलाई को गला काट कर की और दुस्साहसिक  ढंग से और धड़ से कटे सिर को लेकर बुधवार 8 जुलाई की सुबह वह थाने पहुंच गया.

पुलिस बताती है कि कि आरोपी का 25 वर्षीय बेटा साधिन टुडू बीमार था. उसे सर्दी खांसी थी और सोमवार 6 जुलाई की शाम उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद गांव में यह अफवाह फैल गई कि जादू टोना कर मतलू चाैराई ने उसकी जान ले ली. इसके बाद साधिन का पिता अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के बजाय महिला की हत्या तय करने का ठान लिया. उसने मंगलवार 7 जुलाई की रात मतलू की गर्दन काट कर हत्या कर दी और कट हुआ सिर लेकर अगली सुबह राधानगर थाना पहुंच गया.

इससे पहले हाल में ही रांची जिले के लापुंग में दो भाइयों ने मिल कर अपनी चाची की डायन होने के संदेह में हत्या कर दी थी. रांची जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के चालगी केवट टोली की रहने वाली 56 वर्षीया फुलमरी होनो की हत्या शनिवार 4 जुलाई को उनके दो भतीजों ने धारदार हथियार से कर दी. जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है ऐसा कोई महीना नहीं व्यतीत होता जब कुछ पुरुष और महिलाओं की तंत्र मंत्र के नाम पर हत्या नहीं हो जाती.

आवश्यकता जागरूकता की

छत्तीसगढ़ सहित देश में ऐसे अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की दरकार अभी भी बनी हुई है इसके लिए छत्तीसगढ़ में टोनही अधिनियम बनाया गया है मगर वह भी कागजों में सिमटा हुआ है ऐसे में लगभग तीन दशक से अंधविश्वास और तंत्र मंत्र के खिलाफ जागरूकता फैला रहे डॉक्टर दिनेश मिश्रा की पहल एक आशा की किरण जगाती है.

डॉ. दिनेश मिश्र  के अनुसार  अंधविश्वास में  की गई ये हत्याएं अत्यंत शर्मनाक व दुःखद हैं. जादू टोने जैसे मान्यताओं का कोई अस्तित्व नहीं है और कोई महिला डायन/टोनही नहीं होती. यह अंधविश्वास है, जिस पर ग्रामीणों को भरोसा नहीं करना चाहिए. विभिन्न बीमारियों के अलग-अलग कारण व लक्षण होते हैं. संक्रमण, कुपोषण, दुर्घटनाओं से लोग अस्वस्थ होते है, जिसका सही परीक्षण एवं उपचार किया जाना चाहिए. किसी भी बैगा, गुनिया के द्वारा फैलाये भ्रम व अंधविश्वास में पड़ कर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. मगर सच तो यह है कि शासन, प्रशासन व छत्तीसगढ़ की सामाजिक संस्थाएं हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई हैं और महिलाएं अंधविश्वास की चपेट में आकर मारी जा रही है.

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बौयफ्रैंड से हो सकती हैं सेक्सुअल बीमारियां

असुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से लड़के व लड़कियों दोनों को ही सैक्सुअल डिजीजेस हो सकती हैं. यह वे बीमारियां हैं जो सेक्स करने के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसफर हो जाती हैं. सेक्स के दौरान दोनों व्यक्तियों का शारीरिक जुड़ाव कई बीमारियों का आदानप्रदान करता है जिन की उन्हें जानकारी भी नहीं होती. ये बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं. वर्ल्ड हैल्थ और्गेनाइजेशन यानी डबल्यूएचओ के अनुसार ग्लोबली हर दिन 10 लाख व्यक्ति सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इनफैक्शंस यानी एसटीआई के शिकार होते हैं. कुछ एसटीआई ऐसे हैं जो एचआईवी का कारण भी बनते हैं.

ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि वह जिस के साथ सेक्स कर रहा है उस के बारे में जान ले, खासकर यह कि कहीं उसे कोई बीमारी तो नहीं है. लड़कियां सेक्स को ले कर उतनी सहज नहीं होतीं जितने लड़के होते हैं. यह एक बड़ा कारण है कि लड़कियां जान नहीं पातीं कि उन के बौयफ्रैंड को कहीं किसी प्रकार की कोई सैक्सुअल बीमारी है या नहीं. इस से हट कर वन नाइट स्टैंड या पहली डेट पर ही सेक्स करने पर उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं होता कि लड़का पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं. इसी कारण वे अनजाने में कई बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं. इस के बाद उन के पास सिवा पछताने के कुछ नहीं होता.

लड़कियों को सेक्स से पहले किन बातों की जानकारी होनी चाहिए और अपने बौयफ्रैंड में बीमारी के लक्षण किस तरह पहचानने चाहिए, इस विषय पर हम ने एक्सैस हैल्थकेयर दिल्ली के हैड औफ द डिपार्टमैंट, सीनियर कंसल्टैंट व फिजियोथेरैपिस्ट डा. सत्यम भास्कर से बात की.

किसकिस तरह के सैक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफैक्शंस व डिजीजेज लड़कियों को लड़कों से हो सकते हैं?

एचआईवी, गोनोरिया, पीआईडी, क्लैमिडिया, ट्रिकोमोनाइसिस, सिफलिस, एचवीपी, जेनिटल हर्प्स आदि,  कुछ सामान्य सैक्सुअल डिजीजेज या कहें बीमारियां हैं. ये बीमारियां व्यक्ति की स्किन, मुंह, होंठ, रैक्टम, एनस, जेनिटल और्गन्स को प्रभावित करती हैं.

लड़कों में ऐसी कौन सी इंटरनल और एक्सटर्नल बीमारियां हैं जो सेक्स करने पर लड़कियों को हो सकती हैं?

मान लीजिए अगर किसी लड़के को किसी भी तरह की सैक्सुअल डिजीज हो या ट्रांसमिटेड डिजीज हो तो वह सेक्स करने पर लड़की को हो सकती है. अगर लड़के के खून में किसी भी तरह की बीमारी के कण हैं और सेक्स के दौरान वह लड़की के संपर्क में आते हैं तो उसे वह बीमारी हो सकती है. जैसे अगर लड़के के शरीर पर कोई कट लगा हुआ है और आप की स्किन या ब्लड उस के संपर्क में आएंगे तो उस से संक्रमण हो सकता है.

ओरल सेक्स आजकल बहुत बढ़ गया है. इस से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

अगर आप अपने पार्टनर के साथ ओरल सेक्स करने वाले हैं तो इस से पहले आपस में बात करें. मार्केट में डैंटल डैम कंडोम उपलब्ध है जो बहुत ही बढि़या तरीका है ओरल सेक्स के दौरान बीमारियों से बचने का. अकसर लोग जल्दबाजी में एक्सपायरी डेट चैक करना भूल जाते हैं, इसलिए एक्सपायरी डेट सब से पहले चैक करें. यह कंडोम थोड़ा महंगा आता है लेकिन उपयोगी है. दूसरा, अगर आप ओरल सेक्स कर रहे हैं तो कोई औयली चीज न खाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि औयल कंडोम की प्रोटैक्शन लेयर को डैमेज करता है.

क्या सेक्स के दौरान लव बाइट्स और नाखूनों को घोंपने से भी बीमारी हो सकती है?

सिंपल सी बात है कि यह सैक्सुअल एब्यूज के अंतर्गत आता है. अगर आप का पार्टनर नाखूनों को बहुत ज्यादा पेनिट्रेट कर रहा हो, अंदर तक घोंप रहा हो तो नाखूनों से किसी भी तरह के जर्म्स आप के शरीर में जा सकते हैं. अगर आप के पार्टनर को कोई बीमारी है जो सलाइवा से या दांतों से काटने पर फैल सकती है तो वह भी आप को लव बाइट्स के कारण आसानी से हो जाएगी. साथ ही, अगर आप अपने पार्टनर को स्किन पर काटती हैं, तब भी आप को संक्रमण हो सकता है.

ब्लड ट्रांसमिशन से होने वाली बीमारियों से बचाव कैसे कर सकते हैं?

आप सेक्स से पहले अपने पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगा सकते हैं जिस से आप के शरीर पर एक लेयर बन जाए. कुछ चीजें माइंड में रखें जो आप को कंट्रोल में रखनी ही हैं, जैसे लव बाइट्स से बचना है, नाखून अंदर तक घोंपने नहीं हैं. ध्यान दें कि आप एकदूसरे की स्किन पर किसी तरह की चोट देने से बचें.

इस के साथ ही पौस्चर्स पर ध्यान दें. आजकल लड़केलड़कियां कई ऐसे पौस्चर्स में सेक्स करते हैं जिन से उन्हें गंभीर चोटें लगती हैं. पौस्चर्स जिन से आप को दर्द हो, उन्हें न करें.

सेक्स को ज्यादा सेफ बनाने के लिए मार्केट में कौनकौन सी चीजें उपलब्ध हैं?

मार्केट में प्रोडक्ट तो एक ही है कंडोम. मेल और फीमेल दोनों कंडोम अवेलेबल हैं जिन का यूज किया जा सकता है. ओरल के लिए डैंटल डैम कंडोम यूज करें. लड़कियां वैजाइनल टैबलेट्स का इस्तेमाल करें जिस से प्रोटैक्शन बढ़ जाएगा. जिन्होंने पहले कभी इस्तेमाल नहीं किया वे डाक्टर से मिल कर परामर्श ले सकते हैं या जिसे जानकारी हो, उस से बात करें.

लड़कियां इस बात पर ध्यान दें कि मैंस्ट्र ुएशन यानी पीरियड्स के दिनों में सेक्स न करें. पीरियड्स में संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ सकता है. इस में लड़कों को बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है. सिफलिस और गोनोरिया लड़कों को आसानी से हो जाती हैं.

लड़कों के शरीर पर बीमारियों के कौन से लक्षण हैं जो लड़कियों को नोटिस करने चाहिए?

लड़कियां कुछ लक्षण नोटिस कर सकती हैं जैसे सोर थ्रोट, स्किन रैशेज, लड़कों के जौइंट्स में दर्द होता है, पैलविक फ्लोर में तकलीफ होती है, सिर में दर्द रहता है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, यहां तक कि उन की स्पीच में भी दिक्कत आने लगती है. और ये सभी बीमारियां लड़की को होने की संभावना है, जो समलैंगिक सेक्स में भी हो सकती हैं. लड़के को यदि सिफलिस हो तो उस की स्किन पर रैशेज, चेहरे पर स्पौट्स, कुहनी छू कर देखने पर पता चलेगा कि हलकी सूजन है, कलाई पर सूजन, साथ ही उसे बुखार भी रहता है.

आजकल किस करना तो बेहद नौर्मल है. क्या उस से किसी तरह की कोई परेशानी हो सकती है?

बिलकुल हो सकती है. अगर किसी को लंग्स की कोई बीमारी है तो वह भी ट्रांसफर हो सकती है. हालांकि उतनी प्रौब्लम नहीं होगी लेकिन एयर के जरिए जो बीमारियां फैलती हैं, वे हो सकती हैं. सलाइवा के कारण भी कई बीमारियां हो सकती हैं. माउथ इन्फैक्शन जैसे जिंजीवाइटिस हो सकता है. अगर जीभ पर दाने हों तो वे पार्टनर को भी हो सकते हैं. विटामिन सी की कमी से व्यक्ति के होंठ सूखने लगते हैं, खून आने लगता है, किस करने पर पार्टनर को इन्फैक्शन हो सकता है.

कोई ऐसी चीज जो सेक्स से पहले लड़कियों को पता होनी चाहिए?

पहली चीज जो लड़कियों को पता होनी चाहिए यह है कि उन के पार्टनर के कितने सेक्स पार्टनर्स रहे हैं. मल्टीपल पार्टनर्स के साथ सेक्स करने वाले व्यक्ति में बीमारियों की संभावना होती है. इस के अलावा ऊपरलिखित बातें ध्यान में रखें.

मैं एक लड़की से प्यार करता हूं, कैसे पता करूं कि वह भी मुझसे प्यार करती है या नहीं ?

सवाल

मैं कालेज के फाइनल ईयर में हूं. अपने ही कोर्स की जूनियर स्टूटैंड से मुझे सच्चा प्यार हो गया है. दिलोदिमाग में वही छाई रहती है. कालेज में जबतब दिख जाती है. शायद उसे अंदाजा हो गया है  कि मैं उस का दीवाना हो गया हूं. वह भी मुझे देखती है. कभीकभी पढ़ाई को लेकर  बात भी हो जाती है. कैसे पूरी तरह से  यकीन हो जाए कि वह भी मुझसे प्यार  करती है?

जवाब

कालेजलाइफ में प्यार हो जाना सामान्य बात है. यह उम्र ही कुछ ऐसी होती है कि लड़के का लड़की के प्रति और लड़की का लड़के के प्रति अट्रैक्शन हो जाता है. कभीकभी यह अट्रैक्शन दीवानगी की हद तक हो जाता है.

खैर, आप कह रहे हैं कि आप को सच्चा प्यार हो गया है, चलिए आप को कुछ टिप देते हैं. टिप 1, तो कैसे भी कर के, कोई बहाना बना कर उस लड़की से बात करने की कोशिश करें. तब नोट करें कि लड़की आप से बात करते वक्त आप की आंखों में किस तरीके से देख रही है. अगर वह आप में इंटरैस्टेड नहीं है या आप को लाइक नहीं करती तो कभी भी आप की आंखों में आंखें डाल कर बात नहीं करेगी. इंटरैस्टेड है, तो ध्यान से आप की आंखों  में देखेगी. और बातों भी करेगी.

टिप 2, अगर वह लड़की अपनी फ्रैंड के साथ बैठी है तो आप सामने थोड़ी दूरी पर अनजान बन कर खड़े हो जाएं. ध्यान रखें यदि वह आप को देख रही है या उस की सहेलियां भी देख रही हैं तो इस का मतलब वे आप के बारे में ही बात कर रही हैं.

टिप 3, यदि वह लड़की थोड़ाबहुत बात करती है तो उस के सामने अन्य किसी लड़की से बात करना शुरू करे दें, साथ में उस की तारीफ भी करें. यदि वह लड़की आप को पसंद करती है जो जरूर बोलेगी कि मु झे क्यों  बता रहे हो उस के बारे में या उसी के पास जाओ और तारीफ करो. मतलब साफ है, उसे जलन हो रही है क्योंकि वह आप को पसंद करती है.

इस के अलावा वह आप को देख कर मुसकराती है, पलट कर देखती है, आप से रिलेटेड बातें करें तो ये साइन भी बताते हैं कि वह भी आप में इंटरैस्टेड है.

फिर भी आप को थोड़ा भी डाउट है तो थोड़ी हिम्मत जुटा कर अपने दिल की बात बोल दीजिए. ज्यादा से ज्यादा न ही तो बोलेगी. लेकिन, आप की उल झन तो सुल झ जाएगी.

महिलाओं में बढ़ रही पोर्न की लत

पोर्न मूवी का चसका बिलकुल उसी तरह है जैसेकि ड्रग का चसका. आजकल तो औनलाइन हर तरह की पोर्न मूवीज उपलब्ध हैं. जो इन्हें एक बार देख लेता है वह इन का आदी हो जाता है और फिर इन के चंगुल से निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है.

आप क्या सोचते हैं कि  औनलाइन पोर्न मूवी या वीडियो देखने का शौक सिर्फ पुरुषों को ही है? जी नहीं, एक सर्वे के अनुसार महिलाएं भी पोर्न मूवी या वीडियो देखने में पीछे नहीं हैं.

क्या है साइबर सेक्स          

यह एक प्रकार की मानसिक समस्या है, जिस में लोग पोर्न मूवी देखने के आदी हो जाते हैं. रोज कुछ समय इंटरनैट पर बिता कर नई तरह की पोर्न मूवी देखना चाहते हैं.

एक कंपनी में किए गए शोध से यह बात सामने आई है कि कुछ सदस्य दफ्तर में ही पोर्न फिल्म डाउनलोड कर रहे थे. इन कर्मचारियों में एक महिला भी शामिल थी. जब महिला का लैपटौप खंगाला गया तो बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई. इस महिला ने 2 सप्ताह में करीब 1,100 बार पोर्न क्लिप्स डाउनलोड कीं और

400 से ज्यादा अश्लील पिक्चर्स उस के हार्ड ड्राइव में पाई गईं. इस से पता चला कि पुरुषों की तरह महिलाएं भी वर्कप्लेस पर पोर्न देखने की आदी होती हैं.

महिलाएं पोर्न क्यों देखती हैं

रिलैक्सेशन के लिए: हर समय सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहने वाली महिलाएं भी अब कोई भी पोर्न साइट देखने में झिझकती नहीं हैं. कुछ मसालेदार, कुछ चटपटा देखने की उन की भी इच्छा होती है. कुछ औरतों का तो कहना है कि  वे इस तरह के वीडियो या पिक्चर देख कर तनावमुक्त होती हैं. कुछ सिर्फ टाइमपास या ऐंजौय करने के लिए इन का आनंद लेती हैं.

कौन्फिडैंस बढ़ाने के लिए: शोध से यह  बात भी सामने आई है कि सिर्फ मूड बदलने के लिए ही नहीं, बल्कि सेक्स के समय अपनी तरफ से पहल करने के लिए भी महिलाएं इस तरह के वीडियो या मूवी देखना पसंद करती हैं. कहा जाता है कि महिलाएं पहल नहीं करतीं. लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज के समय में महिलाएं भी अपने पार्टनर को खुश करने के लिए पहल करती हैं, तो कुछ अपना कौन्फिडैंस बढ़ाने के लिए पोर्न देखना पसंद करती हैं. यह एक तरह से महिलाओं के लिए फोरप्ले का काम करता है.

साथी के लिए: कई केसों में देखा गया है कि पुरुष मित्र या पति चाहता है कि उस की महिला पार्टनर भी उस के साथ बैठ कर पोर्न देखे. ऐसे में पार्टनर की इच्छा को पूरा करने के लिए भी कई महिलाएं पोर्न देखना पसंद करती हैं.

सेक्स फैंटेसी के लिए: कई महिलाएं नई फैंटासियों के बारे में सोचने और उन्हें ऐक्सप्लोर करने के लिए पोर्न वीडियो का सहारा लेती हैं.

क्या कहते हैं शोध

कुछ शोध बताते हैं कि 15 से 25% महिलाएं औनलाइन पोर्न मूवी देखने की आदी और हाइपरसेक्सुअल बनती जा रही हैं. हाइपरसेक्सुअल मानसिकता वाली महिलाएं इस कदर इन की आदी हो जाती हैं कि उन्हें हर समय सिर्फ सेक्स से जुड़ी फैंटेसी या उस से जुड़ी बातें करना ही अच्छा लगता है.

शोधों से यह बात भी सामने आई है कि ऐसी महिलाएं हस्तमैथुन या मास्टरबेशन संकीर्णता से ग्रस्त होती हैं. पोर्नोग्राफी की फिल्में इंटरनैट का ट्रैफिक बढ़ाती हैं जोकि सामान्य साइटों की तुलना में कहीं अधिक होती हैं.

हीट्रोसेक्सुअल महिलाएं

इस शोध के परिणाम में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि जो महिलाएं हीट्रोसेक्सुअल होती हैं, वे इंटरनैट पर रोज नए तरह के पोर्न वीडियो की तलाश करती हैं. ऐसी महिलाएं इंटरनैट पाते ही पोर्न वीडियो की तलाश में लग जाती हैं. उन्हें सब से अधिक जरूरी काम यही लगता है.

अच्छी नहीं लत

कहावत है कि अति हर चीज की बुरी होती हैं. जी हां, इस लत का पड़ना भी अच्छा नहीं. इस बीमारी से त्रस्त महिलाएं हर समय सिर्फ पोर्न ही देखना चाहती हैं. इस कारण उन्हें जगह का भी एहसास नहीं रहता. रिसर्च के मुताबिक औफिस में भी महिलाएं पोर्न वीडियो देखती हैं, जिस वजह से वे अपने काम परकम ध्यान देती हैं. पोर्न देखने की आदी महिलाओं की संख्या दिनबदिन बढ़ती जा रही है.

सेक्स और भ्रांतियां : जीवन के आनंद के लिए जरूरी है सेक्स

राजू की शादी विगत वर्ष मुन्नी के साथ हुवी थी.दोनों के परिवारवाले काफी खुश थे. पहले दिन जब राजू ने शारीरिक सम्बन्ध बनाया तो योनि से रक्तस्राव नहीं हुआ. राजू को साथी दोस्तों से मालूम था कि पहली बार सेक्स करने के बाद अगर रक्तस्राव नहीं हुआ तो समझना की लड़की पहले ही किसी लड़के के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना चुकी है.वह उसी रात्रि से मुन्नी से नफरत करने लगा.उसने मुन्नी से पूछा भी क्या तुमने किसी लड़के के साथ सम्बन्ध बनायी हो अगर बनायी हो तो सच सच बता दो.मुन्नी राजू का पैर पकड़ कर बोलने और गिड़गिड़ाने लगी मैंने किसी लड़के के साथ सम्बन्ध नहीं बनायी हूँ.मुन्नी जब अपने मैके गयी तो शर्म की वजह से किसी को बता नहीं पायी.शादी के दो वर्ष बीतने के बाद राजू पुनः मुन्नी को अपने घर ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ तो मुन्नी के पिता ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया.कोर्ट ने मुन्नी के पक्ष में फैसला सुनाया.आज मुन्नी ससुराल में है लेकिन राजू के मन में एक कसक और टीस है कि मुन्नी चरित्रहीन है.राजू जैसे ग्रामीण क्षेत्र के कम पढ़े लिखे और कम उम्र में शादी हुवी लड़कों को इन चीजों की जानकारी नहीं होती.

मदन की शादी हुवी.वह सुहागरात के दिन पहले से ही काफी डरा हुआ था कि मैं हस्तमैथुन बहुत करता हूँ तो अपनी पत्नी को सन्तुष्ट नहीं कर पायूँगा.हस्तमैथुन के सम्बन्ध में उसके मन में बहुत सारी भ्रांतियां थी.हुआ भी वही डर और अवसाद की वजह से वह अपनी पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना पाया.एक सप्ताह तक पत्नी रही परन्तु वह सफल नहीं हो सका.वह जब मैके गयी तो अपनी माँ से बतायी लड़का नपुंसक है.लड़की के माता पिता ने निर्णय लिया की अब उस लड़के के साथ इसकी जिंदगी नहीं बीत पायेगी.उसके बाद दूसरे लड़के के साथ शादी कर दी।मदन के माता पिता ने जब मनोचिकित्सक से दिखाया तो उसकी भी बीमारी समाप्त हो गयी और दूसरी शादी जब मदन की हुवी तो वह सफल हो गया.मदन को आज दो बच्चे भी हैं और सफलतापूर्वक अपना परिवार चला रहा है.

संजय की इसी वर्ष शादी हुवी है.शादी के बाद वह दुबला हो गया है.उसके परिवार और गाँव वाले उसे कहने लगे तुम क्यों दुबले होते जा रहे हो.उसी गाँव में एक महात्मा यज्ञ कराने के लिए आये हुवे थे.परिवार वालों ने संजय को महात्मा जी के पास ले गए और समस्या को बताये.महात्मा ने संजय को बताया की अगर तुम स्वस्थ रहना चाहते हो तो संयम से रहो.औरत के साथ माह में एक बार शारीरिक सम्बन्ध बनाओ.उपस्थित लोग भी संजय को महात्मा जी के बात को मानने पर बल देने लगे।संजय और कमजोर होते चला गया.उसके बाद जब डॉक्टर को दिखाया तो ब्लड जाँच से पता चला की संजय को सुगर की बीमारी है.

उक्त चन्द उदाहरण हैं.समाज में ब्याप्त सेक्स से सम्बंधित भ्रांतियों का.चर्चा करते हैं.समाज में ब्याप्त सेक्स से सम्बंधित भ्रांतियां और अंधविस्वास का.

सेक्स से सम्बंधित बहुत सारी भ्रांतियां हमारे समाज में ब्याप्त है. सेक्स से सम्बंधित चर्चा करना आज भी लज्जा और शर्म की बातें समझी जाती है. बहुत सारे लोगों को यौन रोग हो जाता है तो उसे शर्म से किसी को नहीं बता पाते और मर्ज बढ़ता चला जाता है.यौन रोग को गुप्त रोग कहते हैं और उसे गुप्त ही रहने देते हैं किसी को बताते तक नहीं.सेक्स को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां मनोरोग का भी बड़ा कारण बन रही है.समाज में सेक्स को लेकर जागरूकता का अभाव है.सेक्स से सम्बंधित समाज,परिवार में इस पर कोई बात नहीं करना चाहता .स्कूलों में भी सेक्स से सम्बंधित कोई शिक्षा नहीं दी जाती .युवा वर्ग अपनी जिज्ञासा को मिटाने के लिए अपने साथी ,इंटरनेट ,सोशल मीडिया का सहारा लेता है.

सेक्स से सम्बंधित बहुत सी भ्रांतियां है जिसके लिए उचित शिक्षा की जरूरत है.भ्रांतियां का वास्तविकता के साथ दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं होता मगर यह भ्रांतियां सेक्स समस्या को और गहरा कर देती है.

आम युवा लोग के बीच आम धारणा है कि जब हम पहली बार लड़की से सम्बन्ध बनाते हैं तो योनी से रक्तस्राव जरूरी है.

लेकिन सच्चाई है कि पहली बार संभोग करते समय कोई जरूरी नहीं की योनी से रक्तस्राव हो ही क्योंकि सायकिल चलाने, रस्सी फांदने या अन्य शारीरिक श्रम करने के दौरान योनी की झिल्ली फट सकती है.ऐसी स्थिति में पहली बार संभोग के दौरान रक्त नहीं निकलता.

लोगों में यह भ्रांतियां और अंधविस्वास है कि हस्तमैथुन करने से आँखों की रौशनी कम हो जाती है.लिंग टेढ़ा हो जाता है.आप पिता नहीं बन सकते.कमजोर और नपुंसक हो जाता है.

लेकिन वास्तविकता यह है कि हस्तमैथुन एक सामान्य शारीरिक क्रिया है.इससे रक्त संचार में सुधार होता है.तनाव अवसाद और संक्रमण से बचाव होता है.प्रोस्टेट कैंसर से बचाव सहित सहित शरीर की प्रतिरक्षण शक्तियों में बढ़ोतरी.

महिलाओं को भी हस्तमैथुन करने से किसी प्रकार का कोई हानि नहीं होती है.लाभ ही होता है.

शरीर में जब बीर्य की मात्रा बढ़ जाती है और किसी माध्यम से जब नहीं निकलता है तो सोने के दौरान स्वप्न के दौरान वीर्य स्खलित हो जाता है.आम लोगों के बीच धारणा है कि स्वप्नदोष से कमजोरी होती है.स्वप्नदोष एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें वास्तविक संभोग के बिना ही रति आनंद की प्राप्ति होती है.नीम हकीम झोला छाप डॉक्टर युवकों में भय पैदाकर इलाज के नाम पर लूटते हैं.

लेकिन वास्तविकता है कि स्वप्नदोष से मन हल्का हो जाता है.अवसाद से लोगों को मुक्ति मिलती है.

संभोग के दौरान जो लोग शीघ्र स्खलित हो जाते हैं.वो समझते हैं कि यह बीमारी है और इलाज पर निम–हकीम और तरह तरह के दवाओं का सेवन करते रहते हैं.सेक्स पॉवर बढाने वाली बहुत सारी दवायें बाजार में उपलब्ध है जिसका बहुत सारा साईड इफेक्ट है.

आमलोगों के बीच धारणा  है  कि लिंग का छोटा होने की वजह से पुरुष और स्त्री को सेक्स के दौरान आनंद नहीं आता.

सेक्स विशेषज्ञो का कहना है कि यौन सन्तुष्टि और आनंद के लिए लिंग के छोटा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.

आमलोगों के बीच यह धारणा है कि कंडोम का प्रयोग करने से सेक्स में आनंद नहीं आता जबकि सच्चाई यह है कि कंडोम यौन रोग से तो बचाता ही है.सेक्स के दौरान आनंद भी अधिक आता है.

महिलाओं को खाने वाली गर्भ निरोधक ओरल पिल्स के सम्बन्ध में भी लोगों के अंदर विस्वास और धारणा है कि जो महिलायें इसका उपयोग करती हैं और जब वे चाहती हैं कि गर्भधारण करें तो गर्भधारण नहीं कर पाती जबकि इसमें सच्चाई नहीं है.

आमलोगों के बीच यह धारणा और विस्वास को साधु सन्यासियो नीम हकीमों द्वारा भी फैलाया जाता है कि एक हजार खून के बूँद से एक बून्द बीर्य बनता है. जब यह वीर्य हमारे शरीर से बाहर निकलता है तो हमें कमजोरी महसूस होती है.उनलोगों के द्वारा बताया जाता है कि हमे संयम से रहनी चाहिए यानि की सेक्स नहीं करनी चाहिए जिससे हम ज्यादा स्वस्थ और ताकतवर बने रहेंगे.

जबकि सच्चाई यह है कि जब हम सेक्स करते हैं तो उससे हमें आनंद और ख़ुशी मिलती है. वीर्य की मात्रा जब हमारे शरीर में बढ़ता है तो किसी न किसी माध्यम से बाहर निकल ही जाता है. अगर हम सेक्स नहीं करते तो स्वप्नदोष के माध्यम से भी बाहर निकल जाता है. जिस तरह से मनुष्य के लिए भोजन की आवश्यकता है.सेक्स की भी इक्षा हर पुरुष स्त्री को होता है. सेक्स भी मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा है. जीवन के आनंद के लिए सेक्स जरूरी है.

मैं अपनी क्लास टीचर के साथ सेक्स करना चाहता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 16 वर्षीय किशोर 11वीं कक्षा का छात्र हूं. मेरी मां नहीं हैं. मेरी क्लास टीचर मुझे मां समान प्यार करती हैं पर वे कुछ दिन से मुझ से बात नहीं कर रही हैं. मैं उन के साथ एक अलग तरह का जुड़ाव महसूस करता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की टीचर आप को मां समान प्यार करती हैं यह तो अच्छी बात है, लेकिन आप उन के साथ एक अलग तरह का जुड़ाव महसूस करते हैं इस का अर्थ समझ से परे है. भई, जब आप की मां नहीं हैं और टीचर आप से मां समान प्यार करती हैं तो आप को भी बेटे की तरह रहना चाहिए और उन से उसी तरह प्यार रखते हुए इस रिश्ते को निभाना चाहिए. रही टीचर के कुछ दिन से आप से बात न करने की बात, तो खुद ही सोचिए अगर आप की मां ऐसा करतीं तो आप क्या करते?

बहरहाल, खुद सोचिए कहीं कोई गलती या गलत बात तो आप से नहीं निकल गई जिस वजह से वे नाराज हैं. बस, उस गलती को सुधारिए और आगे ऐसा न करने का आश्वासन उन्हें दीजिए, वे अवश्य मान जाएंगी. हां, अगर उन के साथ अलग तरह के जुड़ाव वाली बात से आप का इशारा ‘क्रश’ की ओर है तो संभल जाइए, टीचर का स्टूडैंट से गरिमामय रिश्ता होता है, उसे ससम्मान निभाइए. ऐसा भी हो सकता है आप के इस बिहेव से वे नाराज हों, तो खुद को भी सुधारिए.

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