सेक्स लाइफ में बदलाव का कारण आपकी उम्र तो नहीं

सेक्स एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में आज भी लोग अपने से छोटे या बड़े से बात करते हुए कतराते हैं।लेकिन सेक्स के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि सही जानकारी हमें कई परेशानियों व बिमारियों से बचा सकती है।सेक्स हमारे जीवन का अहम हिस्सा है फिर चाहे अविवाहित हो या विवाहित। क्योंकि ख़ुशहाल जीवन जीने के लिए आनंददायक सेक्स ज़रूरी है,हमारी उम्र के अनुसार सेक्स की चाहत में भी बदलाव आते रहते हैं। इस का कारण हार्मोन्स मे बदलाव, बढ़ती उम्र,आपसी संबंध या जिमदारियों का बोझ भी हो सकता है। विवाह के बाद सेक्स आपके रिश्ते को मजबूती देता है इसलिए सुखी विवाहिक जीवन में इसका बहुत बड़ा रोल है। तो चलिए जानते हैं किस उम्र में सेक्स की इच्छा जागरूक होती है व किस तरह उम्र के अनुसार इसके पड़ाव में बदलाव आते हैं।

किशोरवस्था में सेक्स की तरफ झुकाव (14-18 वर्ष )

किशोर अवस्था में ना सिर्फ शरारिक बदलाव होते हैं बल्कि मानसिक बदलाव भी होते हैं इस उम्र में बॉडी में सेक्स हार्मोंस का स्तर काफ़ी तेज़ी से बढ़ता है यही वह उम्र है जिसमें हार्मोनल बदलाव के कारण सेक्स को लेकर उत्सुकता बढ़ती है इस उम्र की लड़कियों में अपने पार्टनर के प्रति भावनात्मक लगाव अधिक रहता है और लड़को में सेक्स के प्रति भावनत्मक से ज्यादा फिजिकल होने की इच्छा अधिक होती है जिसके लिए वह सेक्स से संबंधित फिल्मे देखना व किताबें पढना अधिक पसंद करते हैं।इसलिए सेक्स को लेकर सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेेंट्स, फैंटेसी और ड्रीमिंग भी इसी उम्र में होती है।

प्रारंभिक वयस्कता में सेक्स की तरफ झुकाव (18-35 वर्ष )

18 से 35 साल की आयु के बीच पुरषों में कामोत्तेजना के लिए जरूरी हार्मोन सामान्य रूप से अधिक होते हैं क्योंकि वे टेस्टोस्टेरॉन की वजह से हायर सेक्स ड्राइव का अनुभव करते है।युवाओं में सेक्स को लेकर उनमें कई तरह की जिज्ञासाएं व उत्तेजनाएं उमड़ने लगती हैं।वहीं महिलाए उम्र के इस पड़ाव में सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं. उनके गर्भ ठहरने की उम्मीद इस उम्र में सबसे अधिक होती हैं।उनके मन में भी सेक्स को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह व उत्तेजना रहती है अधिकतर लड़कियां सेक्सुअल रिलेशन बनाने से पहले अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिता कर उसे समझने , प्रेम भरी बातें करने,की चाह रखती हैं और साथ हीं लड़कियां सेक्सुअली इन्वॉल्व होना उसी के साथ पसंद करती हैं जिससे उनकी सोच मिलती हुई हो और वह उनके साथ आगे चल कर रिश्ता निभा सके लेकिन यदि उनका पार्टनर उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो यह उनके लिए तनाव और डिप्रेशन का कारण बनने लगता है, जो विभिन्न प्रकार की मानसिक-शारीरिक परेशानियों का कारण बन जाता हैं वहीं लड़कों में ऐसी सोच कुछ में हीं होती है क्योंकि लड़के इमोशनली कम बल्कि सेक्सुअल रिलेशन बनाने की इच्छा अधिक रखते हैं।

मध्य वयस्कता में सेक्स के प्रति लोगों की झुकाव (35-50 वर्ष )

यह उम्र का वो दौर होता हैं जब दोनों पार्टनर्स पर बहुत सी ज़िम्मेवारियां होती हैं इस स्टेज में बहुत से पुरुष और महिला जब 35 की उम्र तक पहुंचते हैं, तो उनका सेक्स के प्रति झुकाव कम होने लगता है। लेकिन सेक्स की क्वॉलिटी पहले से बेहतर ज़रूर हो जाता है, क्योंकि दोनों पार्टनर काफ़ी मैच्योर होने के साथ साथ दोनों एक-दूसरे को समझ चुके होते हैं। जिस कारण उनका रिश्ता फिजिकल से ज्यादा भावनात्मक रूप से मजबूत हो जाता है इस दौरान समय की कमी, ऑफिस का वर्क प्रेशर, घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते सेक्स लाइफ भी काफ़ी हद तक प्रभावित होती है। वैसे 35 से 45 की उम्र की महिलाएं सेक्स को ज्यादा एन्जॉय करती हैं 45 के बाद महिलाओं में मेनोपॉज़ की समस्या होने लगती हैं। जिस कारण मूड स्विंग व सेहत संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। जिस करण सेक्स लाइफ पर काफ़ी असर पड़ता है।
50 की उम्र से प्रोढ़अवस्था में सेक्स की तरफ झुकाव जिन पार्टनर्स की लाइफ स्टाइल और फिजिकल फिटनेस अच्छी होती है वो 50 की उम्र में भी सेक्स को एन्जॉय करते हैं लेकिन ऐसे जोड़े कम हीं होतें हैं क्योंकि इस उम्र तक आते आते एनर्जी लेवल कम हो जाता है लोग बिमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं जिस करण वे सेक्स से दुरी बनाने लगते हैं। इस उम्र तक लोग सास-ससुर और दादा-दादी बन जाते हैं, जिस कारण पार्टनर आपस में इस बारे में बात करने तक में हिचकते है और सेक्स से दुरी बना लेते हैं।

मुझे एक लड़की पसंद है मैं उससे दोस्ती करना चाहता हूं, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 19 साल का एक कुंआरा लड़का हूं. मैं कालेज के दूसरे साल में पढ़ रहा हूं. मैं अपने कालेज सरकारी बस से जाता हूं. इसी बस में एक लड़की भी चढ़ती है, जो मुझे पसंद है. वह भरेपूरे बदन की है और हर किसी की निगाह उस के उभारों पर ही टिकी रहती है. पर वह किसी की परवाह नहीं करती है और शायद किसी लड़के से फोन पर बात भी करती है. लेकिन साथ ही मुझे देख कर मुसकराती भी है.

मुझे उस लड़की से दोस्ती करनी है, पर डर लगता है कि कहीं वह मना न कर दे. उस का बदन मुझे सपनों में भी सताता है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

एक पुरानी कहावत है, हंसी सो फंसी. अब बस जरूरत आप की तरफ से पहल की है, जिस की आप हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. रोजरोज उस अनजान लड़की के उभारों और भरेपूरे बदन को देख कर आहें भरते रहने से तो बेहतर है कि आप हिम्मत कर के दोस्ती के लिए प्रपोज कर ही दें. लेकिन जरा ड्रामेटिक स्टाइल में करें. वह मना कर भी देगी तो आप का कोई नुकसान नहीं है. वैसे पढ़ाईलिखाई की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे तो फायदे में रहेंगे. इस उम्र में लड़कियों के प्रति आकर्षण होना कुदरती बात है, लेकिन इस से पढ़ाई और कैरियर पर फर्क न पड़े, इस का भी ध्यान रखें.

मेरा बौयफ्रेंड मौका मिलते ही मुझे चूमने लगता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 18 साल की एक लड़की हूं. मेरा 21 साल का बौयफ्रैंड है. वह किसी न किसी बहाने मेरे बदन को पाने की कोशिश करता है. मना करती हूं, तो रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है. मौका मिलते ही मुझे चूमने लगता है और मुझ से लिपट कर अपनी हवस पूरी करता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप को संभल कर रहने की जरूरत है और यह समझने की भी कि इस उम्र में लड़का और लड़की दोनों में सैक्स के प्रति कुदरती जिज्ञासा होती है, लिहाजा वे अपने पार्टनर से इसे पूरा कर लेना चाहते हैं.

दोनों की मरजी और रजामंदी हो तो यह हर्ज की भी बात नहीं, लेकिन नासमझी के चलते कई बार कई अनचाही झंझटें भी खड़ी हो जाती हैं.

आप अपने बौयफ्रैंड को समझाएं कि चूमाचाटी बुरी बात नहीं, पर इस के बाद के लिए दोनों को ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए. मसलन, आप का प्यार सिर्फ मौजमस्ती के लिए है या आगे शादी का भी इरादा है. ऐसी हालत में लड़कियां भी अपनेआप को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं पातीं, क्योंकि उन्हें भी इस में मजा आने लगता है, इसलिए जो भी करें काफी सोचसमझ कर करें और रिश्ता तोड़ने की धमकी से डरें नहीं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आखिर क्या है सेक्स फैंटेसी, पढ़ें खबर

शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था.

कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझ जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.

सेक्स को ले कर जितने आतुर मर्द रहते हैं उतनी महिलाएं भी होती हैं. हां यह बात अलग है कि वे इस का जिक्र कभी किसी से नहीं करती हैं. बात अगर स्पैशल रात की हो तो मर्दों से ज्यादा महिलाओं में ऐक्साइटमैंट होता है. यह कहानी सिर्फ हीरो का इंतजार करती हीरोइन की नहीं, बल्कि हर उस लड़की की है जो बेसब्री से इंतजार करती है.

कोई रिश्ता परफैक्ट नहीं

सचाई यह है कि कोईर् भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता. यदि आप यह सोचती हैं कि रिश्ते में सब कुछ आप की मरजी के अनुसार या किसी फिल्मी कहानी की तरह होना चाहिए, तो चोट लगनी लाजिम है. हर रिश्ता अलग होता है. यही नहीं हर रिश्ते को आप के प्यार, समर्पण, श्रम और साथ के खादपानी की जरूरत होती है. कई बार रिश्ता टूटने की वजह बेमानी ही होती है.

वह हमेशा सही बातें करेगा

ऐसा नहीं होगा और न ही आप उस से ऐसी उम्मीद रखें. वह परफैक्ट नहीं है और न ही वह किसी रोमानी फिल्म का हीरो है, जो हमेशा सही और अच्छी बातें ही करेगा. वह भी इंसान है और आम इंसानों की तरह वह भी गलतियां करेगा. वह ऐसी बातें कर सकता है, जो उसे नहीं करनी चाहिए.

और्गैज्म

पति हो या पत्नी, दोनों में से किसी भी एक का तरीका यदि आक्रामक व नैगेटिव हो तो उस के भावों पर ध्यान देना चाहिए. बहुत सी पत्नियां अपने पति से कहतीं कि तुम स्वार्थी हो, तुम्हें सिर्फ अपने आनंद की पड़ी होती है, तुम्हें मेरी परवाह नहीं. इस का सीधा मतलब है अभी उस का और्गैज्म पर पहुंचना बाकी है या आप उस के और्गैज्म पर पहुंचने की परवाह नहीं करते. जल्दीजल्दी और बारबार कही गई बात चिढ़ाने और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हो सकती है.

इसलिए जब भी जितना कुछ कहा जाए वह किया भी जाए. तभी वह सार्थक और असरदार बदलाव लाने वाला होता है. निजी संबंधों को कहनेसुनने की कुशलता सिर्फ बैडरूम तक ही सीमित नहीं रहती. वह जीवन में घरबाहर भी सार्थक बातचीत का सिस्टम पैदा करती है और उसे बढ़ावा देती है.

सेक्स कोरी क्रिया नहीं, एक खूबसूरत कला है. इसे सदियों से काम कला का स्थान प्राप्त है. इस में हर बार कुछ नया, कुछ अनोखा किए जाने का स्कोप रहता है. पतिपत्नी के रिश्ते में प्यार और सेक्स दांपत्य की इमारत को खड़ा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मजबूत पिलर हैं.

मेरी शादी मुझसे 11 साल बड़े लड़के से हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 19 साल है और मेरे होने वाले पति की उम्र 30 साल है. क्या शादी के बाद उम्र का यह फर्क हमारे रिश्ते में आड़े तो नहीं आएगा?

जवाब

उम्र में 11 साल का फर्क आगे चल कर आड़े आ सकता है लेकिन जब शादी तय हो ही गई है तो आगे की सोचें कि आप के पति आप से जल्दी बूढ़े हो जाएंगे. आप की और उन की पसंद और नापसंद, शौक और दूसरे मामलों में भी फर्क हो सकता है. लिहाजा, अभी से खुद को पति के हिसाब से ढालना शुरू कर दें, तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं रह जाएगी. बड़ी उम्र का पति ज्यादा अच्छी देखभाल करता है.

शिकार : क्या महेंद्र कर पाया उस लड़की का शिकार

महेंद्र थाने में आ कर बैठा ही था कि एक सिपाही ने उसे खबर दी, ‘‘साहब, निजामुद्दीन से अहमदाबाद आने वाली ‘राजधानी ऐक्सप्रैस’ ट्रेन में एक आदमी बेहोशी की हालत में मिला है.’’

यह सुन कर महेंद्र को आज से एक साल पहले की घटना याद आ गई. तब उस की बेरावल रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के थानेदार के रूप में नईनई पोस्टिंग हुई थी.

एक दिन की बात है. सुबहसुबह थाने के एक सिपाही ने आ कर बताया, ‘साहब, राजकोट से सोमनाथ आने वाली पैसेंजर ट्रेन में एक लड़की बेहोश पड़ी मिली है.’

यह सुन कर महेंद्र तुरंत उस सिपाही के साथ चल पड़ा. उस ने देखा कि इंजन से पीछे वाले डब्बे में एक लड़की, जिस की उम्र 22-23 साल होगी, ऊपर वाली बर्थ पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी.

महेंद्र के साथ गए सिपाही रामलाल ने कहा, ‘साहब, मुझे तो मामला जहरखुरानी का लगता है. इस के पास कोई सामान भी दिखाई नहीं दे रहा है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे तुरंत डाक्टर के पास ले जाओ और होश में आने पर मुझे बताना.’

दिन के तकरीबन 10 बजे रामलाल ने बताया, ‘साहब, उस लड़की को होश आ गया है और अब वह ठीक है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘उस लड़की को थाने ले आओ.’

जब वह लड़की थाने आई, तो बेहतर दिख रही थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘क्या नाम है तुम्हारा?’

उस लड़की ने बताया, ‘मेरा नाम राजबाला है और मैं राजस्थान के भरतपुर इलाके की रहने वाली हूं.’

यह पूछने पर कि यहां और इस हालत में वह कैसे पहुंची, तो उस ने बताया कि वह प्रेमी के साथ घर से भाग कर आई है, लेकिन उस के प्रेमी ने रास्ते में उसे नशीली दवा खिला दी और उस के जेवर व पैसे ले उड़ा.

महेंद्र ने उस लड़की के मातापिता का मोबाइल नंबर पूछा, तो उस ने कहा, ‘साहब, उन्हें मत बताइए. मैं खुद ही अपने घर चली जाऊंगी.’

पता नहीं उस की बातों में क्या जादू था कि महेंद्र उस की बात मान गया.

उस लड़की ने कहा, ‘मेरे सिर में अभी भी थोड़ा दर्द है. आराम कर के मैं अपने घर चली जाऊंगी.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे मेरे रैस्टहाउस में लिटा दो. बाद में किसी ट्रेन में बिठा देना.’

महेंद्र अपने काम में लग गया, लेकिन उस के मन में राजबाला के प्रति काम भावना जाग गई थी. रात को तकरीबन 8 बजे वह अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो राजबाला पलंग पर बैठी थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘कैसी तबीयत है?’

उस ने बताया, ‘पहले से ठीक है.’

महेंद्र ने कहा, ‘रुको, मैं तुम्हारे लिए खानेपीने का इंतजाम करता हूं.’

इस के बाद महेंद्र ने बाहर आ कर एक सिपाही को बुलाया और उस लड़की के लिए खाना और अपने लिए शराब मंगाई. महेंद्र ने एक सिपाही के घर पर बैठ कर पहले जम कर शराब पी और वहीं बैठ कर खाना खाया.

रात के तकरीबन साढ़े 11 बजे महेंद्र अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो देखा कि राजबाला खाना खा कर सो चुकी थी.

एक तो शराब का नशा, ऊपर से एक जवान लड़की का शबाब… महेंद्र ने आते ही दरवाजा बंद किया और राजबाला पर झपट पड़ा.

अचानक हुई इस हरकत से वह जाग गई, लेकिन महेंद्र उसे कहां छोड़ने वाला था. वह रोतीगिड़गिड़ाती रही, पर महेंद्र पर इस का कोई असर न हुआ. वह उस पर छाता गया और अपनी मंजिल पा कर ही उस से अलग हुआ.

वह बेचारी महेंद्र से अलग हो कर एक कोने में जा कर रोने लगी. महेंद्र अपनी हवस मिटाने के बाद सो गया.

सुबह तकरीबन 9 बजे एक सिपाही ने महेंद्र को जगाया. वह अधनंगी हालत में बिस्तर पर पड़ा था. महेंद्र ने जागते ही उस लड़की के बारे में पूछा, तो सिपाही ने कहा, ‘मुझे तो कुछ नहीं मालूम साहब. रात को वह इसी कमरे में ही तो सोई थी. जब आप सुबह से नहीं दिखे, तो मैं आप को देखने चला आया.’

अचानक महेंद्र का ध्यान हाथों पर गया, तो चौंक गया. उस की दोनों अंगूठियां और घड़ी गायब थी. पैंट में रखा पर्स भी नदारद था. अलमारी खुली पड़ी थी. वहां जा कर देखा, तो 50 हजार रुपए भी गायब थे.

महेंद्र ने अपना सिर पकड़ लिया. उसे समझ में आ गया कि उस ने उस लड़की का नहीं, बल्कि उस लड़की ने उस का शिकार किया था.

सेक्स लाइफ में जरूर लगाएं ‘सेक्सी मसाज थेरैपी’ का तड़का, जानें कैसे

यह आप पर ही डिपैंड करता है कि आप उसे कैसे रोमांचक बनाएं. मसाज थेरैपी एक ऐसा तरीका है, जिस के जरीए आप बोरिंग लाइफ को चटपटा बना सकते हैं और उस में रोमांच भर सकते हैं.

मसाज थेरैपी

मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस के जरीए आप के शरीर को आराम तो मिलता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुचारु रूप से चलने लगता है. यौनांगों व मांसपेशियोें को नया रूप और पोषण मिलता है. नतीजतन सैक्स उत्तेजना बढ़ जाती है.

मसाज करने के टिप्स

ऐसा स्थान चुनें जो रोमांच पैदा कर दे: एकदूसरे से रोमांस करने के लिए आप को सब से पहले एक मुलायम बेड की जरूरत तो होगी ही, लेकिन मसाज करने के लिए जगह फार्म हाउस या कोई फ्लैट ऐसा हो, जहां आप दोनों अकेले हों, तो और भी मजा आ जाएगा. इस के साथ ही अगर आप चाहें तो जमीन पर मैट्स को कई तहों में बिछा कर उस पर अपने पार्टनर को लिटा कर उस के गले, कुहनी व घुटनों के नीचे तकिए रख कर मसाज कर सकते हैं. 

सुगंधित तेल का प्रयोग: आप जब अपने हलके और गरम हाथों से पार्टनर के शरीर पर तेल लगाते हैं, तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होता है. तेल आप के हाथों व पार्टनर के बीच घर्षण पैदा कर देता है. आप अपने पार्टनर के थके शरीर व खिंचे मसल्स को रिलैक्स कर देते हैं. मसाज के लिए नारियल, जैतून, तिल के तेल के साथसाथ अन्य सुगंधित तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि सुगंधित तेल इस्तेमाल करते हैं, तो यह सैक्सुअल पावर को और भी अधिक बढ़ा देता है. 

शांतिपूर्ण माहौल की व्यवस्था: आप अपने पार्टनर के सामने खुले बाल ले कर व झीनी नाइटी पहन कर न जाएं, बल्कि अपने बालों को कस कर बांध लें व टाइट फिटिंग डै्रस पहन कर जाएं. साथ ही, कमरे का वातावरण ऐसा बना दें कि वहां पूरी शांति मिल सके. इस के अलावा आप कम आवाज में संगीत चलाना चाहें तो चला सकती हैं.

शरीर का कोई हिस्सा चुन लें: आप को मसाज करते समय शरीर का कोई हिस्सा या पौइंट चुन लेना चाहिए, जिस से आप उस पर ही ध्यान दे सकें. आप साथी से पूछ कर भी जान सकते हैं कि वह कहां मसाज करवाना पसंद करेगा. इस के बाद मसाज करें.

मूवमैंट के बारे में जान लें: अच्छी मसाज के लिए जरूरी है कि आप को अपनी हथेलियों के मूवमैंट की सही जानकारी हो. इस के लिए आप को सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए. 

फीलिंग्स को समझें: मसाज करते समय आप को अपना ध्यान इस बात पर भी रखना चाहिए कि आप का पार्टनर उसे कैसे ले रहा है. सैक्स में टच यानी स्पर्श खास रोल अदा करता है. आप के छूने भर से साथी के दिलोदिमाग में सिहरन पैदा हो जाती है. धीरेधीरे सहलाने और स्पर्श करते रहने से प्यार के साथसाथ सैक्स की इच्छा भी बढ़ती जाती है. कभीकभी यह स्थिति आप को औरगेज्म तक भी पहुंचा देती है.

लड़का हो या लड़की, जरूरी है Sex की जानकारी

गांव हो या शहर लड़के और लड़कियों में सेक्स की जानकारियां बेहद कम होती है. जो भी जानकारियां होती भी है वह बेहद सतही होती है. इसकी वजह यह है कि पढने लिखने की जगह सोशल मीडिया से यह जानकारियां मिलती है. जो भ्रामक होती है. सोशल मीडिया के अलावा पोर्न फिल्मों से सेक्स की जानकारियां मिलती है. यह दोनो ही पूरी तरह से गलत होती है. कई बार लडकियों को पता ही नहीं होता है और गर्भवती हो जाती है. बात केवल लडकियों में नासमझी की नहीं होती लडकों को भी सेक्स की पूरी जानकारी नहीं होती है.

स्त्री रोगो की जानकार डाक्टर रमा श्रीवास्तव कहती है ‘बहुत सारी घटनाये हम लोगो के सामने आती है. जिनमें लड़की को पता ही नही चलता है कि उसे साथ क्या हो गया है. इसीलिये इस बात की जरूरत है कि किशोर उम्र में ही लड़की सेक्स शिक्षा दी जाय. घर में मां और स्कूल में टीचर ही यह काम सरलता से कर सकती है. मां और टीचर को पता होना चाहिये कि बच्चो को सेक्स की क्या और कितनी शिक्षा देनी चाहिये. इसके लिये मां को खुद भी जानकारी रखनी चाहिये.

गर्भ निरोधक की जानकारी हो:

डाक्टर रमा श्रीवास्तव का कहना है ‘जिस तरह की बाते सामने आ रही है उनसे पता चलता है कि कम उम्र में लडकियो के साथ होने वाला शारीरिक शोशण उनके रिश्तेदारो या फिर घनिष्ठ दोस्तो के द्वारा किया जाता है. इसलिये जरूरी है कि लड़की को यह 10 से 12 साल के बीच यह बता दिया जाय कि सेक्स क्या होता है और यह बहलाफुसला कर किस तरह किया जा सकता है.  लड़कियांे को बताया जाना चाहिये कि वह किसी के साथ एंकात में न जाय. अगर भी इस तरह की कोई घटना हो जाती है तो लड़की को यह बता दे कि मां को अपनी बात बता दे ताकि मां उसकी मदद कर से.

शारीरिक संबंधो से यौन रोग हो सकते है. इनका स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड सकता है.  इन बीमारियो में एडस जैसी जानलेवा बीमारियां भी शामिल है. जिनऽका इलाज तक नही है.  इसी तरह स्कूल में टीचर को चाहिये कि वह लडकियो को बताये कि गर्भनिरोधक गोलियां क्या होती है ? इनऽका उपयोग क्यो किया जाता है. बहुत सारी लडकियों के साथ बलात्कार जैसी घटना हो जाती है तो वह या तो मां बन जाती है या फिर आत्महत्या कर लेती है. ऐसी लडकियो को इस बात की जानकारी दी जानी चाहिये कि अब इस तरह की गोली भी आती है जिसके खाने से अनचाहे गर्भ ऽको रोका जा सकता है. मार्निग आफ्टर पिल्स नाम से यह दवा की दुकानो पर मिलती है.

अस्पतालों में मिले मुफ्त:

डाक्टर रमा श्रीवास्तव का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालो में महिला डाक्टरो को एक दिन कुछ घण्टे ऐसे रखने चाहिये जिसऽके दौरान किशोरियो की परेशानियो को हल किया जा सके. यहां पर परिवार नियोजन की बात होनी चाहिये. स्कूलो को भी समय समय पर डाक्टरो को साथ लेकर ऐसी चर्चा करानी चाहिये. जिससे छात्र और टीचर दोनो को सही जानकारी मिल सके.

किशोर उम्र में सबसे बडी परेशानी लडकियो में माहवारी को लेकर होती है. आमतौर पर माहवारी आने की उम्र 12 साल से 15 साल केे बीच की होती है. अगर इस बीच में माहवारी न आये तो डाक्टर से मिल कर पता करना चाहिये कि ऐसा क्यो हो रहा है. डाक्टर रमा का कहना है कि माहवारी में देरी का कारण खानपान में मी पारिवारिकऽइतिहास जैसे मां और बहन को अगर माहवारी देर से आयी होगी तो उसके साथ भी देरी हो सकती है. इसके अलावा कुछ बीमारियो  चलते भी ऐसा होता है. इन बीमारियो में गर्भाशय का न होना, उसका छोटा होना, अण्डाशय में कमी हो, क्षय रोग और एनीमिया के कारण भी देरी हो सकती है. डाक्टर के पास जाकर ही पता चल सकता है कि सही कारण क्या है.

यह बात भी ध्यान देने केे योग्य है किऽभीऽभी लड़की उस समय भी गर्भधारण कर लेती है जब उसऽके माहवारी नही होती है. डाक्टर रमा कहती है ऐसा तब होता है जब लड़की को शरीर गर्भ धारण के योग्य हो जाता है लेकिन माहवारी किसी कारण से नही आती है. यह नही सोचना चाहिये कि जब तक माहवारी नही होगी गर्भ नही ठहर सकता है.

माहवारी में रखे ख्याल:

माहवारी में दूसरी तरह की परेशानी भी आती है. कभी कभी यह समय से शुरू तो हो जाता है लेकिन बीच में एक दो माह का गैप भी हो जाता है. शुरूआत में यह नार्मल होता है लेकिन अगर यह परेशानी बारबार हो तो डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. कभी कभी माहवारी का समय तो ठीक होता है लेकिन यह ज्यादा मात्रा में होता है. अगर ध्यान न दिया जाय तो लड़की का हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और उसका विकास कम हो जाता है.

डाक्टर रमा कहती है परेशानी की बात यह है किऽकुछ लोग अपनी लडकियो को डाक्टर के पास लाने से घबराती है उनका मानना होता है कि अविवाहित लड़की की जांच कराने से उसके अंग को नुकसान हो सकता है. जिससे पति उस पर शक कर सकता है. ऐसे लोगो को पता होना चाहिये की अब ऐसा नही है. अल्ट्रसाउण्ड और दूसरे तरीको से जांच बिना किसी नुकसान के हो सकती है.

जानकारियां जो दी जानी चाहिये:

  • वैक्सिन द्वारा बचाव – रूबैला, चिकन पाक्स, टिटनेस, हैपिटाइटस और पोलियो के टीके स्कूल समय में लगने चाहिये.
  • युवा उम्र में खाना ऐसा होना चाहिये जो ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक हो. इस उम्र में शरीर का विकास होता है इसके लिये पौष्टिक खाना जरूरी होता है.
  • लड़के और लडकियों को गर्भ से बचाव के तरीके बताये जाने चाहिये. जिससे उनको गर्भपात की परेषानियों से निपटना ना पडे.
  • एनीमिया और माहवारी में ज्यादा रक्तस्त्राव होना खतरनाक होता है. इसको छिपाया नही जाना चाहिये.
  • लड़के लडकियों दोनो में त्वचा सबंधी बीमारियां भी हो सकती है. इनमें मुंहासे निकलना सबसे प्रमुख समस्या होती है.
  • पढाई का बोझ और नयेनये दोस्त बनने से कुछ मनोवैज्ञानिक परेशानियां भी हो सकती है.  इस उम्र में पढाई, कैरियर और प्रेम संबंधों को लेकर तनाव को संभालने के लिये काउंसलर से सलाह लेनी जरूरी हो जाती है.

मेरे घरवाले पैसों की खातिर मेरी शादी करवाना चाहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 23 साल का हूं. 2 साल पहले मेरे घर वालों ने पैसों की खातिर एक अमीर परिवार की लड़की से मेरी शादी करा दी थी. वे पैसे भी मेरे घर वालों ने रख लिए थे.

शादी के कुछ दिनों बाद वह लड़की दूसरे लड़कों के साथ संबंध रखने लगी तो मैं ने उसे तलाक दे दिया. अब मैं घर में अपनी दूसरी शादी की बात करता हूं तो घर वाले दोबारा पैसे वाला परिवार ढूंढ़ना चाहते हैं यानी वे मेरी सौदेबाजी करना चाहते हैं. मैं क्या करूं?

जवाब-

एक बार घर वालों के लालच का शिकार बन कर भी आप को अक्ल नहीं आई है जो उन के कहने पर दोबारा किसी अमीरजादी से ही शादी करना चाहते हैं.

सौदेबाजी और शर्तों पर जिंदगी नहीं चलती. इस बार आप खुद अच्छी लड़की देख कर शादी करें. इस के लिए घर वालों से अलग भी होना पड़े तो हर्ज की बात नहीं. आप खुद को बिकाऊ सामान न बनने दें, नहीं तो फिर पछताना पड़ सकता है.

मेरे पति की सेक्स के प्रति रूचि कम हो गई है, कोई उपाय बताएं ?

सवाल

मैं 21 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 2 वर्ष हुए हैं और मेरे पति की सेक्स के प्रति अभी से रूचि कम हो गई है. कोई उपाय बताएं, जिस से उन की सेक्स में दिलचस्पी बढ़ जाए. क्या कोई दवा कारगर होगी?

जवाब

सेक्स करने की इच्छा (कामेच्छा) हर व्यक्ति की अलग अलग होती है. इस का कोई निश्चित मानदंड नहीं है. यह व्यक्ति की इच्छा और क्षमता पर निर्भर करती है.

ऐसी कोई दवा नहीं है, जो व्यक्ति की यौनेच्छा को बढ़ा सके. अलबत्ता इस बात पर गौर करें कि आप के पति को अपनी नौकरी या व्यवसाय को ले कर कोई परेशानी तो नहीं है या फिर औफिस में काम का बोझ ज्यादा तो नहीं, क्योंकि कई बार ऐसी किसी परेशानी के कारण भी व्यक्ति का सेक्स करने को मन नहीं करता. थकान की वजह से नींद जल्दी आ जाती है. सेक्स के लिए प्रवृत्त होने के लिए व्यक्ति का तन और मन दोनों का स्वस्थ और सक्रिय होना आवश्यक होता है.

सेक्स करने का ये फायदा शायद ही कोई जानता हो

आज के जमाने में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं और महिला और पुरुष अपने वजन को लेकर चौकन्ने रहते हैं. इसके लिए वे न सिर्फ अपने खानपान पर खास ध्यान देते हैं बल्कि फिट रहने के लिए हजारों रुपये भी खर्च करते हैं. लेकिन एक नए शोध के अनुसार अब आपको वजन कम करने के लिए न तो घंटों जिम में जाकर पसीना बहाने की जरूरत है और न ही घंटों जॉगिंग की. सेक्स एक ऐसा जरिया है जो आपको वजन बढ़ने की परेशानी से बचा सकता है.

कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि सेक्स करके आसानी से वजन कम किया जा सकता है. सेक्स करने से तेजी से कैलोरी बर्न होती है जिससे वजन कम होता है. हम यहां आपको बता रहे हैं कैसे सेक्स मददगार होता है वजन घटाने में.

एक शोध में यह सामने आया है कि अगर पुरुष 25 मिनट तक सेक्स करे तो इससे वह 101 कैलोरी जला सकता है जबकि इतने ही समय तक सेक्स करके महिला 70 कैलोरी बर्न करती है. इस अध्ययन के मुताबिक जवान और स्वस्थ पुरुष औसतन सेक्स के दौरान एक मिनट में 4.2 कैलोरीज बर्न करते हैं, जबकि ट्रेडमिल में 9.2 कैलोरीज बर्न होती हैं. वहीं महिलाएं सेक्स के दौरान एक मिनट में 3.1 कैलोरीज बर्न करती हैं.

जॉगिंग ही नहीं सेक्स भी जलाती है कैलोरीज

सेक्स करके भी आप अपनी कैलोरी बर्न कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ एक घंटे तक मस्ती करके आप 70 कैलोरी जलाते हैं. इस एक घंटे में फोरप्ले करके यौन संबंध को मस्ती के साथ और भी रोचक बना सकते हैं. अगर अधिक कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो अपने सेक्स के तरीकों को बदलें.

सेक्स कम करता है चर्बी

नियमित रूप से सेक्स संबंध बनाने से कार्टिसोल का स्तर सामान्य रहता है. कार्टिसोल ऐसा हार्मोन है जो आपकी भूख बढ़ाता है. इस हार्मोन के अधिक स्राव होने के कारण भूख अधिक लगती है. जबकि कार्टिसोल का स्तर कम रहने से शरीर से अतिरिक्त फैट जलता है.

बेहतर सेक्स और खानपान

सेक्स के मामले में अगर आप अपनी इमेज अच्छी रखना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका पार्टनर आपसे खुश रहे तो अपना खानपान जरूर सुधारें. आपको तले हुए खाने से बचना चाहिए और ऐसा भोजन लेना चाहिए जिससे वसा न बढ़ता हो. इसके अलावा फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

सेक्स करता है बीमारियों से बचाव

सेक्स करने से न केवल वजन कम होता है बल्कि कई सामान्य और गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है. सेक्स से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं और ब्लड प्रेशर भी काबू में रहता है. महिलाओं में मासिक धर्म में परेशानी नहीं होती.

तो अब आप वजन कम करने के लिए बाहर जाने की बजाय अपने पार्टनर को प्यार करें और अपने वजन को काबू में रखें, इससे आपकी सेक्स लाइफ भी खुशहाल रहेगी और आप सेहतमंद भी रहेंगे.

जब पति करने लगे ज्यादा सेक्स की मांग

कोरोना की दहशत को एक तरफ रखकर देखें तो तमाम लोगों ने अलग अलग तरीकों से लौकडाउन में जिन्दगी का भरपूर लुत्फ उठाया . जिन्हें खाने पीने का शौक था उन्होंने घर पर ही तरह तरह के पकवान बनाकर खाए और जिन्हें सेक्स के बाबत मूड न होने और वक्त की कमी की शिकायत रहती थी उन्होंने जमकर और मनचाहे तरीकों से सेक्स का मजा लिया , वे बीवियां जो अपने आप से या फिर नजदीकी सहेलियों से इस बात का रोना रहती थीं कि क्या करूं बहिन ये तो दिन भर के थके हारे आते हैं और खाना खाकर बिस्तर पर लुढ़ककर खर्राटे भरने लगते हैं और मैं प्यासी तड़पती रहती हूँ लाक डाउन उन के लिए सेक्स के मामले में वरदान साबित हुआ .

लेकिन यही वरदान भोपाल की रहने बाली सुमित्रा जैसी औरतों के लिए जल्द ही अभिशाप बनने लगा . सुमित्रा का पति चन्दन मंडीदीप की एक दवा फेक्ट्री में काम करता है और खुद सुमित्रा तीन घरों में खाना बनाने जाती है . दोनों की पगार से घर ठीक ठाक तरीके से चल जाता है . चन्दन सुबह 9 बजे घर से निकलता था तो रात के 8 बजे वापस आ पाता था लगभग यही वक्त सुमित्रा के वापस लौटने का होता था . 3  साल के बेटे मुन्नू की देखभाल सास करती थी . दोनों थके हारे होते थे इसलिए खा पीकर 10 बजे तक सो जाते थे .सेक्स के लिए उन्होंने इतवार का दिन तय कर रखा था लेकिन कई बार वे इसमें कुछ वजहों के चलते  चूक भी जाते थे .

लौकडाउन लगा तो शुरू के चार पांच दिन तो दोनों आने बाले वक्त की चिंता में डूबे पैसों का हिसाब किताब लगाते रहे कि पास में जो नगदी है उससे कितने दिन काम चल जाएगा और लाक डाउन जैसी की चर्चा है अगर और लम्बा खिंचा तो फिर क्या करेंगे . चन्दन का फेक्ट्री जाना बंद हो गया था और सुमित्रा को भी कह दिया गया था कि वह कुछ दिन खाना बनाने न आये क्योंकि कोरोना फैलने का डर है और शहर में कर्फ्यू भी लगा हुआ है . पास की किराने की दुकान से चन्दन महीने भर का इकट्ठा राशन खरीद कर ले आया था जिससे दोनों बेफिक्र यह सोचते हो चले थे कि अब आगे जो होगा सो देखा जाएगा .

गलत शुरुआत –

अब दोनों की दिनचर्या बदल गई थी और काम पर जाने का टेंशन भी  खत्म हो गया था . छठे दिन सुबह चन्दन देर से उठा उस वक्त सुमित्रा बाथरूम से नहा कर निकली ही थी कि उसे पेटीकोट और ब्रा में देख चन्दन की कनपटियाँ गर्म हो उठीं ,  उसने सुमित्रा को फ़िल्मी स्टाइल में गोद में उठाकर बिस्तर में ला पटका और भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा . दोनों करीब एक घंटा बिस्तर में रहे और जब अलग हुए तो उन्हें महसूस हुआ कि मुद्दत बाद हमबिस्तरी का सही मजा आया है . सुमित्रा जब कपडे पहनकर रसोई की तरफ जाने लगी तो चन्दन शरारत से बोला यह तो ट्रेलर था असली फिल्म तो रात को शुरू होगी .

सुमित्रा को तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि यही वह चन्दन है जो इतवार की रात एक बार के बाद ही पस्त होकर कहता था कि बस हो गया अब सोउंगा सुबह फेक्ट्री जाना है तू भी सो जा थक गई होगी अब वह कैसे चंदन को बताती कि वह थकी नहीं है बल्कि और थकना चाहती है पर पति की हालत देख खामोश रह जाती थी और आज सुबह सुबह ही इतनी थक गई थी कि और सो जाने को मन कर रहा था . घर के काम करते करते वह रात का इंतजार वैसे ही करने लगी जैसे शादी के बादके दिनों में करती थी .

रात हुई तो चन्दन ने फिर उसे दबोच लिया वह खुद भी इसके लिए बैचेन थी और पति का पूरा साथ दे रही थी . कुछ देर बाद चन्दन ने मोबाइल उठाकर उसे एक ब्लू फिल्म दिखाई और बोला चल अब यह ट्राई करते हैं . सुमित्रा उस दिन वाकई वैसे ही थक गई थी जैसा की चाहती रहती थी लेकिन चन्दन को बुरा न लगे इसलिए उसने खुद को उसके हवाले कर दिया और जैसा वह कहता गया वैसा वैसा करती गई . उस रात कोई 4 बजे वे सोये .

फिर तो यह रोज सुबह , दोपहर और रात का सिलसिला हो गया अब हालत यह थी कि वह हमबिस्तरी से बचना चाहती थी लेकिन चन्दन के सर जाने कौन सा भूत सवार हो गया था कि उसे सेक्स और सेक्स के सिवाय कुछ सूझता ही नहीं था . कोई काम धाम या चिंता तो थे नहीं लिहाजा उसका खाली दिमाग शैतान का तो नहीं लेकिन सेक्स का घर जरुर हो चला था .  सुमित्रा यह सोच कर पति को मना नहीं कर पाती थी कि कहीं उसे बुरा न लग जाए क्योंकि उसे भी तो शादी के 6 साल बाद ऐसा सुनहरी मौका हाथ लगा है . लेकिन यह कितनी गलत शुरुआत थी इसका एहसास और पछतावा अब सुमित्रा को हो रहा है .

जब टूटी परेशानियां –

कुछ दिन बाद सुमित्रा को प्राइवेट पार्ट में दर्द हुआ तो वह घबरा उठी गौर से देखने पर पता चला कि उस पर हलकी सी सूजन भी है .यह बात उसने चन्दन को बताई तो वह बोला अब कुछ दिन हमबिस्तरी बंद कर लेते हैं और दो चार दिन में डाक्टरनी को दिखा लेंगे हालाँकि अभी डाक्टर्स भी मरीजों को नहीं देख रहे हैं . लेकिन चन्दन एक दिन ही अपने वादे पर कायम रह पाया और दूसरे दिन सुमित्रा से बोला यार बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब आदत पड़ गई है . सुमित्रा ने समझा बुझा कर और अपनी हालत का हवाला देकर उसे टरकाया लेकिन यह सोचकर वह काँप उठी कि अगर लाक डाउन के बाद भी पति की आदत नहीं सुधरी तो लेने के देने पड़ जायेंगे यह सोचकर भी उसे घबराहट होने लगी कि अगर वह चन्दन को सेक्स सुख नहीं दे पाई तो वह इधर उधर मुंह मारने लगेगा अब वह उस घडी को भी कोस रही थी जब उसने पति का जोर शोर और जोश से साथ दिया था.

सहेली काम आई

इत्तफाक से दूसरे दिन ही उसकी खास सहेली निम्मी घर आई तो उसने सारी बात उसे बताई . निम्मी ने उसे बताया कि तेरे शौहर का अभी तो यह हाल हुआ है मेरा तो शादी के वक्त से ही ऐसा है उसे रोज वक्त वेवक्त सेक्स करना रहता है जिससे मैं परेशान रहती हूँ कभी कभार वह सेक्स पावर बढ़ाने बाली गोलियां खा लेता है इससे एक बार तो उसका अंग छिल गया था और उसमे दाने भी पड़ गए थे  . कई बार मेरे साथ भी ऐसा हुआ कि अंग पर सूजन आ गई दर्द भी खूब हुआ इससे बचने यानी उसे संतुष्ट करने मैं हाथ और मुंह से उसे संतुष्ट करने लगी हूँ तू भी यही ट्रिक अपना और उसे समझा कि ज्यादा सेक्स से हम औरतों पर क्या बीतती है .

सुमित्रा ने इन तरीकों को आजमाया जो एक हद तक कारगर भी रहे लेकिन अब लाक डाउन के बाद भी चन्दन हर कभी कुदरती सेक्स की मांग करने लगता है तो वह दिक्कत में पड़ जाती है और निम्मी की बताई ट्रिक अपनाती है . पहले पति के संग के लिए बेताब रहने बाली सुमित्रा अब सेक्स के नाम से ही डरने लगी है .12 बी तक पढ़ी लिखी निम्मी ने ही उसे बताया था कि बात तेरे या मेरे पति की ही नहीं बल्कि दुनिया भर की कई औरतें पति की बढ़ती सेक्स मांग से परेशान हैं लाक डाउन के दौरान तो अफ्रीका की कई औरतों ने सरकार से मांग की थी कि लाक डाउन बंद किया जाए और पतियों को काम पर भेजा जाए क्योंकि वे फुर्सत के चलते  दिन रात सेक्स के लिए उतावले रहते हैं .

यह करें

पति जब जरुरत से ज्यादा सेक्स की मांग करने लगे तो पत्नियों को इन बातों पर अमल करना चाहिए –

– सेक्स का टाइम टेबिल बनायें कि यह हफ्ते में एक या दो बार ही होगा.

– इस पर भी वह जिद करे तो हाथ या मुंह से उसे संतुष्ट करें लेकिन इस दौरान साफ़ सफाई का ध्यान रखें .

– पति को समझाएं कि ज्यादा सेक्स दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह है इससे संक्रमण यानी इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है .

– सेक्स के माहिर डाक्टर यह मशवरा देते हैं कि हमबिस्तरी साल में 54 बार यानी महीने में 4 – 5 बार करना ठीक रहता है .

– पति जब सेक्स की इससे ज्यादा मांग करने लगे तो उसे शह न दें और न ही उसकी बात माने इससे आप पेट से भी हो सकती हैं अगर बच्चा न चाहिए हो तो खामोख्वाह की झंझट पैदा हो जाती है और रिश्ते पर भी बुरा फर्क पड़ता है.

– पति अगर सेक्स पावर बढ़ाने बाली दवाइयां लेने लगे या नशा करने लगे तो उसे इसके खतरे समझाएं सेक्स कुदरती तौर पर ही करने पर असली सुख देता है.

– पति को ब्लू फ़िल्में देखने से रोकें और खुद तो इसमें उसका साथ बिलकुल न दें.

– पति को रोजाना कसरत के लिए कहें और खानपान सादा रखें ज्यादा मिर्च मसाले बाला खाना सेक्स और सेहत दोनों के लिए नुकसानदेह होता है.

– इस पर भी बात न बने तो पति को शहर के काबिल सेक्स डाक्टर के पास ले जाएँ नीम हकीमों के चक्कर में तो बिलकुल न पड़ें.

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