मैं 28 साल का हूं. मेरा अंग छोटा रह गया है. इस वजह से सैक्स के दौरान मैं पत्नी खुश नहीं कर पाता. मैं क्या करूं.

सवाल
मैं 28 साल का हूं. एक साल की उम्र में किसी तकलीफ की वजह से डाक्टर ने मेरे अंग का आपरेशन कर दिया था. लिहाजा, वह छोटा रह गया है. इस वजह से पत्नी खुश नहीं रहती है. मैं क्या करूं?

जवाब
आमतौर पर अंग के आकार से हमबिस्तरी के मजे में कोई फर्क नहीं पड़ता है. चूंकि आप के अंग का आपरेशन हुआ था, इसलिए शायद कुछ और दिक्कत होगी. आप इस बारे में किसी माहिर डाक्टर से बात करें.

वीर्य की जानकारी आपके लिए है फायदेमंद

वीर्य आदमी के अंडकोष और अंग के मार्ग में मौजूद प्रोस्टै्रट, सैमाइनल वैसिकल और यूरेथल ग्रंथियों से निकले रसों से बनता है. वीर्य में तकरीबन 60 फीसदी सैमाइनल वैसिकल, 30 फीसदी प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रिसाव और केवल 10 फीसदी अंडकोष में बने शुक्राणु यानी स्पर्म होते हैं, जो वीर्य में तैरते रहते हैं. शुक्राणु की मदद से ही बच्चे पैदा होते हैं.

अंडकोष यानी शुक्राशय आदमी के शरीर के बाहर लटके होते हैं, क्योंकि शुक्राणु बनने के लिए शरीर से कुछ कम तापमान की जरूरत होती है. अगर किसी वजह से अंडकोष अंदर ही रह जाते हैं, तो ये खराब हो जाते हैं. शुक्राशय के 2 काम हैं, शुक्राणु बनाना और पुरुषत्व हार्मोन टैस्ट्रोस्ट्रान बनाना.

टैस्ट्रोस्ट्रान कैमिकल ही आदमी में क्रोमोसोम के साथ लिंग तय करता है. इसी के चलते बड़े होने पर लड़कों में बदलाव होते हैं, जैसे अंग के आकार में बढ़ोतरी, दाढ़ीमूंछें निकलना, आवाज में बदलाव, मांसपेशियों का ताकतवर होना वगैरह.

किशोर उम्र तक शुक्राशय शुक्राणु नहीं बनाते. ये 11 से 13 साल के बीच शुरू होते हैं और तकरीबन 17-18 साल तक पूरी तेजी से बनते हैं.

अंडकोष से निकल कर शुक्राणु इस के ऊपरी हिस्से में इकट्ठा हो कर पकते हैं. यहां पर ये तकरीबन एक महीने तक सक्रिय रहते हैं. शुक्राणु बनने की पूरी प्रक्रिया में 72 दिन का समय लगता है.

किशोर उम्र में बनना शुरू हो कर शुक्राणु जिंदगीभर बनते रहते हैं. हां, अधेड़ उम्र में इस के बनने की रफ्तार धीमी हो जाती है. शुक्राणु के बनने में दिमाग में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि, एफएसएच हार्मोन व टैस्टीज से निकले टैस्ट्रोस्ट्रान हार्मोन का हाथ होता है. इन हार्मोनों की कमी होने पर शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं.

वीर्य में मौजूद शुक्राणु 2 तरह के होते हैं, 3 3 या 3 4. अगर औरत के अंडे का मिलन 3 3 से होता है, तो लड़की और अगर 3 4 से होता है, तो लड़का पैदा होता है.

मां के पेट में बच्चे का लिंग आदमी के शुक्राणुओं द्वारा तय होता है. इस में औरत का कोई बस नहीं होता है. वीर्य में सब से ज्यादा रस सैमाइनल वैसिकल ग्रंथि से निकले पानी से होता है. इस में फ्रक्टोज शुक्राणुओं का पोषक तत्त्व होता है. इस के अलावा रस में साइट्रिक एसिड, प्रोस्ट्राग्लैंडिन और फाइब्रोजन तत्त्व भी पाए जाते हैं.

प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रस दूधिया रंग का होता है. इस में साइट्रेट, कैल्शियम, फास्फेट, वीर्य में थक्का बनाने वाले एंजाइम और घोलने वाले तत्त्व होते हैं. इन में अलावा मूत्र में स्थित यूरेथल ग्रंथियों का रिसाव भी वीर्य में मिल जाता है.

स्खलन के समय शुक्राशय से निकले शुक्राणु सैमाइनल वैसिकल व प्रोस्टै्रट के स्राव के साथ मिल कर शुक्र नली द्वारा होते हुए मूत्र नलिका से बाहर हो जाते हैं.

यह भी जानें

* एक बार में निकले वीर्य की मात्रा 2 से 5 मिलीलिटर होती है.

* वीर्य चिकनापन लिए दूधिया रंग का होता है और इस में एक खास तरह की गंध होती है.

* वीर्य का चिकनापन सैमाइनल वैसिकल व पीए प्रोस्टै्रट के स्राव के चलते होता है. अगर पीए अम्लीय है, वीर्य पीला या लाल रंग लिए है, तो यह बीमारी की निशानी है.

* वीर्य से बदबू आना भी बीमारी का लक्षण हो सकता है.

* 2-3 दिन के बाद निकला वीर्य गाढ़ा होता है, क्योंकि इस में शुक्राणुओं की संख्या ज्यादा होती है.

* वीर्य निकलने के बाद जम जाता है. पर इस में मौजूद रसायन फाइब्रोलाइसिन एंजाइम इसे 15-20 मिनट में दोबारा पतला कर देते हैं. अगर वीर्य दोबारा पतला न हो, तो यह बीमारी की निशानी है.

* 4-5 दिन बाद एक घन मिलीलिटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 8 से 12 करोड़ होती है. यानी एक बार में तकरीबन 40 करोड़ शुक्राणु निकलते हैं, पर एक ही शुक्राणु अंडे को निषेचित करने के लिए काफी होता है.

* अगर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 6 करोड़ प्रति मिलीलिटर से कम हो, तो आदमी में बच्चे पैदा करने की ताकत कम होती है. अगर 2 करोड़ से कम हो, तो आदमी नामर्द हो सकता है.

* सामान्य शुक्राणु छोटे से सांप की शक्ल का होता है. इस का सिरा गोल सा होता है और सिर पर एक टोपी होती है, जिस को एक्रोसोम कहते हैं. साथ में गरदन, धड़ और पूंछ होती है.

* अगर शुक्राणुओं के आकार में फर्क हो, तब भी बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो जाती है. यह फर्क सिर, धड़ या पूंछ में हो सकता है. अगर असामान्य शुक्राणुओं की संख्या 20 फीसदी से भी ज्यादा होती है, तो आदमी नामर्द हो सकता है.

* शुक्राणु वीर्य में हमेशा तैरते रहते हैं. अगर शुक्राणु सुस्त हैं या 40 फीसदी से ज्यादा गतिहीन हैं, तो भी आदमी नामर्द हो सकता है.

* अगर वीर्य में मवाद, खून या श्वेत खून की कणिकाएं मौजूद हों, तो यह भी बीमारी की निशानी है.

* वीर्य या शुक्राणु बनने में खराबी कई बीमारियों के चलते हो सकती है. हार्मोन के बदलाव से शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है.

* शुक्राशय में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जैसे मम्स, लेप्रोसी, सिफलिस वगैरह.

* ट्यूमर, इंफैक्शन, फाइलेरिया से शुक्राशय खराब हो सकता है.

* शुक्राणु के बनने में प्रोटीन, विटामिन, खासतौर से विटामिन ई की जरूरत होती है.

वीर्य संबंधी गलतफहमियां

 *  अगर पेशाब के साथ वीर्य या वीर्य जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है, तो लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं. वे समझते हैं कि उन की ताकत कम हो रही है. नतीजतन, वे कई बीमारियों को न्योता दे बैठते हैं, जबकि वीर्य के निकलने या धातु निकलने से जिस्मानी ताकत में कमी होने का कोई संबंध नहीं है.

* हस्तमैथुन करने या रात को वीर्य गिरने से नौजवान समझते हैं कि इस के द्वारा उन की ताकत निकल रही है और वे तनावग्रस्त हो जाते हैं, जबकि यह सामान्य प्रक्रिया है.

* वीर्य जमा नहीं होता. अगर वीर्य के साथ शुक्राणु बाहर न निकलें, तो शरीर में इन की कमी हो जाती है. इसी तरह शौच जाते समय जोर लगाने से भी कुछ बूंद वीर्य निकल सकता है, इसलिए घबराएं नहीं.

* कुछ लोगों में यह गलतफहमी है कि वीर्य की एक बूंद 40 बूंद खून के बराबर है. यह गलत सोच है. वीर्य जननांगों का स्राव है, जो लार, पसीना या आंसू की तरह ही शरीर में बनता है.

* कुछ लोगों का मानना है कि वे वीर्य गिरने के समय जीवनदायक रस को बरबाद करते रहे हैं.

* अगर वीर्य के निकल जाने से कीमती ताकत का नाश होता है, तो सभी शादीशुदा आदमी कमजोर हो जाते, इसलिए वीर्य और सैक्स संबंध के बारे में गलत सोच न बनाएं, तनाव से दूर रहें और कामयाब जिंदगी का लुत्फ उठाएं.

सेक्स करने के बाद मेरे यूटरस में काफी दर्द होने लगा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले मैने अपने बौयफ्रैंड के साथ सेक्स किया था. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सेक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मुझे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब

सेक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सेक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

अच्छी बात नहीं सैक्स में नानुकुर

आज यह लगातार चौथी रात थी जब सुरभि बिस्तर पर आने के बाद तकरीबन घंटाभर अपने मायके वालों से ले कर दोस्तों तक फोन पर लगी रही थी. टैलीविजन देख रहा उस का मर्द विवेक उस से बीचबीच में जोकुछ भी कहता, उस का वह ‘हांहूं’ में जवाब देती जाती. यही करतेकरते उसे खर्राटे आने लगे. विवेक ने मन मसोस कर टैलीविजन बंद किया और बगल में लेट गया.

आधी रात को जब विवेक की आंख खुली तो उस ने अपने में कड़ापन पाया. उसे सैक्स की तलब हो रही थी. उस ने सुरभि को जगाना चाहा लेकिन उस ने अपना रोज का ‘सोने दो न…’ वाला डायलौग बोल दिया.

झल्ला कर विवेक को आज भी खुद से ही काम चलाना पड़ा और वह नाराज मूड लिए ही सो गया.

इस तरह की हालत केवल विवेक की ही नहीं है बल्कि हर दूसरे घर में मर्दों को अपनी औरतों की यह ‘न’ झेलनी पड़ती है.

औरतों की सैक्स को ले कर नानुकर या इस के बल पर अपने मर्द को ब्लैकमेल करने की यह आदत अकसर अच्छेखासे रिश्ते को खराब कर देती है. ऐसा करना खुद औरतों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है.

बारबार सैक्स के लिए मना करने से औरत के साथी को लगने लगता है कि शायद उस में कोई कमी है जिस के चलते ही औरत को उस के साथ सैक्स करने में मजा नहीं आ रहा है. इस से जिंदगी के प्रति उस की चाहत कम हो सकती है.

अगर सैक्स के दौरान सचमुच औरत को अपने साथी की कोई बात खटके तो वह उसे सीधे शब्दों में बताए ताकि उस का हल निकाला जा सके.

लगाव कम होना

अपने साथी से लगातार सैक्स संबंध न बनाना या बहुत कम यानी महीने में 1-2 बार बनाना मर्दऔरत दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घोल सकता है. सैक्स के दौरान मर्दऔरत जितने घुलतेमिलते जाते हैं, वैसा किसी और मौके पर होना अकसर मुश्किल होता है.

नए रिश्ते बनाना बुरा नहीं है लेकिन बारबार नएनए रिश्ते बनाना न आसान होता है और न ही अच्छा, इसलिए अगर औरत को अपना रिश्ता प्यारा है तो वह उसे और मजबूत करने पर ध्यान दे.

जिस तरह कोई गायक रियाज करना छोड़ दे तो वह गाना भी भूलने लगता है, उसी तरह सैक्स कम करने से सैक्स की चाहत में भी कमी आनी शुरू हो जाती है. वैसे, सैक्स करने से नीचे खून का दौरा सही रहता?है, पेशाब पर जोर बढ़ता है.

शक को जन्म देना

जी हां, औरत की रोजरोज की यह नानुकर उसे इस तरह की समस्या से भी दोचार करा सकती है खासकर अगर वह कामकाजी औरत है. फिर वह चाहे जो भी बहाने बना ले, अपने साथी को बिस्तर पर समय न देना उस के मन में यह शक पैदा करेगा कि उस की औरत की जिस्मानी जरूरतें कहीं और से पूरी हो रही हैं. मर्द का इस बात का गुस्सा दूसरे मौकों पर निकलने लगेगा जो घर में कलह की वजह बनेगा.

न करें ये गलतियां

कई औरतों को अकसर अपना बदन एक हथियार जैसा लगने लगता है. सासससुर, ननद वगैरह से नोकझोंक की हालत में वे अपने पति को सैक्स के नाम पर धमकाना शुरू कर देती हैं. साथी अगर बौयफ्रैंड है तो मामला खर्च, औफिस जैसे मसलों पर टिक जाता है.

औरत को यह समझना होगा कि सैक्स केवल मर्द की गरज नहीं है, बल्कि औरत को भी सैक्स की उतनी ही जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो ‘पति के अंग में तनाव कम होता है’ जैसे मुद्दों पर घर नहीं टूटते. सैक्स को ले कर ब्लैकमेल करने की आदत औरत को एक दिन किसी लायक नहीं छोड़ती है.

बिना वजह ‘न’ कहना

ऐसा हो सकता है कि किसी दिन या कुछ दिनों तक औरत सैक्स के लिए तैयार न हो, पर इस की सही वजह होनी चाहिए. ‘थकी हुई हूं’ जैसी बातें हमेशा अच्छी नहीं लगतीं. औरत का साथी भी उसी की ही तरह थका हुआ होता है. इस के अलावा एक कामयाब सैक्स औरत की थकान भी उतारेगा, इस को भी समझें.

प्यार भरी छेड़छाड़ तक तो ठीक है लेकिन औरत का साथी अगर उस से सैक्स करने के लिए चिरौरी कर रहा है, तो यह सोच कर मजे लेना शुरू न करें. इस का भारी खमियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. लिहाजा, सैक्स करने का मजा लें और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाएं.

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं पर मुझे कोई काम नहीं मिल रहा है, क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं. हम ने लवमैरिज की थी. मेरा एक 4 साल का बेटा भी है. लेकिन पिछले कई साल से मुझे कोई ढंग का काम नहीं मिल रहा है. मैं घर पर पड़ापड़ा आलसी हो गया हूं और मुझ पर चरबी भी चढ़ गई है. इस बात पर मेरा अपनी पत्नी का झगड़ा भी खूब होता है. इस आलसीपन से कैसे बाहर निकलूं?

जवाब 

लगता है कि आप के बापदादा अच्छीखासी जमीनजायदाद छोड़ कर गए हैं या फिर आप को ज्ञान मिल गया है कि बिना कुछ करेधरे भी दालरोटी मिल ही जातीहै, तो क्यों मेहनत की जाए. यह निहायत ही लानत और शर्म की बात है. इस का असर आप की बीवी और बच्चे पर भी पड़ रहा है, इसलिए यह निकम्मापन तुरंत छोड़ दें.

हमबिस्तरी की शुरुआत में तो मेरी बीवी साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है. मुझे क्या करना चाहिए.

सवाल
मैं 30 साल का हूं और मेरी बीवी 26 साल की है. हमबिस्तरी की शुरुआत में तो वह साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
बीवी से बात करने में संकोच की जरूरत नहीं है. उसे समझाएं कि जब वह हमबिस्तरी में खुल कर हिस्सा लेगी, तभी पूरा लुत्फ आएगा. आप फोर प्ले कर के पहले बीवी को पूरी तरह गरम कर लिया करें, उस के बाद हमबिस्तरी करेंगे, तो यकीनन वह सुस्त नहीं पड़ेगी.

मैं 19 साल का हूं. मेरा मन जिस्मानी संबंध बनाने के लिए उतावला रहता है. मैं खुद को कैसे साबित करूं.

सवाल
मैं 19 साल का हूं और अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहता हूं, पर मेरा मन जिस्मानी संबंध बनाने के लिए उतावला रहता है. जब भी कुछ करना चाहता हूं, तो मन इसी तरफ चला जाता है. लोग मुझ से नफरत करते हैं और नालायक समझते हैं. मैं खुद को कैसे साबित करूं?

जवाब
आप को जिस्मानी संबंध का सच्चा सुख तभी हासिल होगा, जब आप पढ़लिख कर कुछ बन जाएंगे, वरना जिंदगीभर यों ही तरसते रहेंगे. अपना उतावलापन छोड़ कर पहले पढ़ाई पूरी करें और नौकरी या कारोबार कर के कुछ कमाई करें. निकम्मे लोगों को न प्रेमिका मिलती है और न ही बीवी.

सोशल बैवसाइट सर्वे करने वाली एक आईटी कंपनी की हालिया रिपोर्ट चौंकाती है, जिस में पोर्न बेस्ड सर्वे के आधार पर ये आंकड़े दिए गए हैं कि देश में 22 से 34 आयुवर्ग के युवा पोर्नोग्राफी, पेड सैक्स, बैव सैक्स चैट के जरिए अपनी पौकेट ढीली कर रहे हैं. उन की कमाई का लगभग 20 से 30त्न हिस्सा पेड सैक्स के लिए जा रहा है. माध्यम चाहे जो भी हो, सैक्स के लिए मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है यानी सैक्स अब सस्ता व सुलभ नहीं, बल्कि महंगा और अनअफोर्डेबल है. पेड सैक्स की बढ़ती लोकप्रियता व चलन ने सैक्स को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है. अब यह पैसे वालों का शौक बन गया है. सैक्स की बढ़ती मांग और आपूर्र्ति के बीच गड़बड़ाए तालमेल ने सैक्स बाज़ार के रेट आसमान पर पहुंचा दिए हैं. इस का दूसरा बड़ा कारण है मोटी जेब वालों की सैक्स तक आसान पहुंच. जहां जैसी जरूरत हो, मोटी रकम दे कर सैक्स बाज़ार से सैक्स खरीद लिया, नो बारगेनिंग, नो पचड़ा. इस का नतीजा हाई रेट्स पेड सैक्स के रूप में सामने आया. सैक्स वर्कर्स ने भी मांग के आधार पर अपनी दरें ऊंची कर लीं.

क्या है पेड सैक्स

 सैक्स के लिए जो रकम अदा की जाती है उसे पेड सैक्स कहा जाता है. इस के कई रूप हो सकते हैं. वर्चुअल सैक्स से ले कर लाइव फिजिकल सैक्स तक. औनलाइन सैक्स मसलन, पोर्न वीडियो, पोर्नोग्राफी, औनलाइन पेड फ्रैंडशिप, वीडियो सैक्स, वैब औरिएंटेड सैक्स. औफलाइन सैक्स मसलन, ब्रोथल पिकअप सैक्स, कौलगर्ल औन डिमांड आदि. सैक्स के इन तमाम माध्यमों में कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसे इनवैस्ट किए जाते हैं. सैक्स के तमाम माध्यमों में सीधे इनवैस्टमैंट को पेड सैक्स कहते हैं.

सैक्स की राह नहीं आसान

 कुछ दशक पहले तक सैक्स तक आम लोगों की आसान पहुंच थी. छोटीमोटी रकम अदा कर के यौनसुख का आनंद उठाया जा सकता था, पर सैक्स के विभिन्न मौडल सामने आने के बाद उस की दरों में कई गुणा वृद्धि हुई है.

क्या है इन की कैटेगरी व प्रचलित दरें

 – औनलाइन पेड सैक्स : प्रति मिनट डेटा चार्जेज.

– फोन फ्रैंडशिप : 2 से 3 हजार रुपए प्रतिमाह सदस्यता.

–       कौलगर्ल औन डिमांड : 2 से 10 हजार रुपए प्रति घंटा.

–       स्कौर्ट सर्विस (श्रेणी एबीसी ) शुरुआती दर.

–       ब्रोथल सैक्स : 500 से 1,500 रुपए तक नाइट/आवर.

–       हाउस सर्विस : पर शौट (हाउसवाइफ, कालेज/वर्किंग वूमन)  3 से 5 हजार रुपए पर शौट.

मार्केट में चल रही इन दरों को देख कर आसानी से यह कहा जा सकता है कि ऐक्स्ट्रा मैरिटल सैक्स की चाह रखने वालों को अब मनी कैपेबिलिटी भी ऊंची रखनी होगी. यौनतृप्ति की राह आसान नहीं है. सैक्स के बाजार ने एक बड़ा रूप ले लिया है, जहां जिस की जितनी हैसियत है उस हिसाब से यौन संतुष्टि पा सकता है. आम व सामान्य लोगों के लिए यौनलिप्सा के दरवाजे लगभग बंद होते प्रतीत हो रहे हैं.

कौलगर्ल रिचा चंद्रा बताती हैं, ‘‘वर्षों से (लगभग 11 साल पहले) जब वे इस पेशे में आई थीं, तब उन के पास ठीक से खाने व ब्रोथल की मैडम को रैंट चुकाने तक के पैसे नहीं थे, क्योंकि तब ग्राहकों की पेइंग कैपेसिटी बहुत कम थी और मार्केट में सप्लाई ज्यादा. इसलिए औनेपौने रेट पर भी वे ग्राहक पटा लेती थीं, तब न तो इतने बड़े और ग्लैमरस तरीके से उन्हें प्रोजैक्ट किया जाता था और न ही इंटरनैट के जरिए विज्ञापन व प्रचारप्रसार था.

‘‘अब स्थिति बिलकुल उलट है. ऐडवर्ल्ड व सोशल मीडिया की आसान पहुंच ने सबकुछ बदल दिया है. अब वे विज्ञापन के जरिए अपना बेस प्राइस भी तय कर सकती हैं और अपनी सर्विस के लिए बारगेनिंग भी. साथ ही ग्लैमरस प्रोजैक्शन ने मार्केट में उन की प्राइस वैल्यू औैर बढ़ा दी है.

‘‘इस तरह जहां वे पहले वननाइट सर्विस के लिए 200 से 500 रुपए तक ही कमा पाती थीं आज वह बढ़ कर 2 से 5 हजार रुपए तक हो गया है. रिचा आगे बताती हैं कि विवाह से इतर सैक्स की चाह ने भी बाज़ार में क्लाइंट की संख्या में खासा इजाफा किया है. इंटरनैट पर बढ़ते सैक्स के प्रोजैक्शन ने युवाओं में लाइव सैक्स की चाह को बढ़ाया है.’’

चाहे जो हो, सैक्स का बाज़ार महंगाई के प्रभाव से अछूता है. जब तक लोगों की जेबें गरम रहेंगी, बिस्तर भी गरम होता रहेगा. हैसियत और ओहदे के हिसाब से बेहतर सेवाएं भी मिलती रहेंगी. पैसे वालों के लिए अल्ट्रामौडर्न स्कौर्ट्स सर्विस तो आम लोगों के लिए साधारण ब्रोथल सर्विस.

मांग है तो आपूर्त्ति भी लगातार बनी रहेगी, तो पैसा फेंकिए और तमाशा देखिए. इस में हर्ज ही क्या है?

क्या शादी से पहले की जिंदगी मजेदार होती है?

सवाल- हाल ही में मेरी शादी हुई है. पति सुझले हुए इंसान हैं और मुझे बेहद प्यार भी करते हैं. मेरी समस्या यह है कि मेरी कुछ सहेलियां हैं, जो अकसर मेरे घर आ धमकती हैं और मुझ से अपने बौयफ्रैंड्स को ले कर काफी क्लोज और अंतरंग बातें शेयर करती रहती हैं. वे मुझ से फोन पर भी फोटो व बातें शेयर करती रहती हैं. वे बातबेबात मेरी शादीशुदा जिंदगी का भी मजाक उड़ाती रहती हैं. ये सब सुन कर मैं असहज हो जाती हूं. लगता है कि शादी से पहले की जिंदगी ही मजेदार होती है. मैं परेशान हूं. कृपया बताएं क्या करूं?
फैंटेसी की दुनिया में खोई रहने वाली ऐसी युवतियों को दरअसल इस में आनंद आता है और वे इसे स्टेटस सिंबल समझती हैं तथा चाहती हैं कि दूसरे भी उन्हीं की तरह सोचें और करें. इस का दिलोदिमाग पर जरूर असर पड़ता है.

जवाब-

शादी के बाद जिंदगी की खुशियां कम नहीं होतीं

आप ऐसा कतई न करें. चूंकि अब आप शादीशुदा हैं और आप के पति आप को प्यार भी करते हैं. बेहतर होगा कि दांपत्य जीवन की गाड़ी सुचारु रूप से चलाई जाए. शादी के बाद जिंदगी की खुशियां कम नहीं होतीं.

शादी को लेकर सोच ऐसी रखें

आप अपनी सहेलियों से कह सकती हैं कि शादी को ले कर अपनी सोच के लिए वे स्वतंत्र हैं पर अब मैं शादीशुदा हूं, इसलिए इन सब बातों में मेरी कोई रुचि नहीं है.

मै 23 साल का लड़का हूं,मै अपनी बात किसी लड़की के सामने नहीं रख पता हूं,क्या करूं?

सवाल –

मैं 23 साल का एक लड़का हूं और काफी पढ़ालिखा भी हूं. मेरे साथ दिक्कत यह है कि किसी लड़की के सामने मैं अपनी बात को ढंग से नहीं रख पाता हूं. इस वजह से मेरे मन में हीनता का भाव रहता है.  हाल ही में मैं अपने औफिस के एक जरूरी काम से किसी लड़की से मिला थापर उसे ठीक से हमारी कंपनी की नीतियों के बारे में समझा  नहीं पाया और उस ने इस बात की शिकायत  मेरे सीनियर से कर दी. औफिस में मुझे काफी खरीखोटी सुननी पड़ी. यह समस्या धीरेधीरे गंभीर होती जा रही है. मेरे कुछ दोस्त कहते हैं कि अब मुझे अपनी गर्लफ्रैंड बना लेनी चाहिए. इस से मेरा लड़कियों के प्रति नजरिया बदल जाएगा. लेकिन क्या वाकई इस से कोई फायदा होगाआप कुछ सुझाव दें?

जवाब –

गर्लफ्रैंड बना लेने से आप को मदद तो मिलेगीलेकिन समस्या की असल वजह आप में आत्मविश्वास की कमी हैजिसे दूर करने के लिए आप को और भी कोशिशें करनी होंगी.  पहले तो लड़कियों को हौआ समझना बंद करें. दूसरों से घुलनेमिलने की कोशिश करें. शुरुआत बच्चों से बातचीत कर के करें. आईने के सामने बोलने की प्रैक्टिस करें. नए लोगों से मिलेंजुलें और मन से यह डर निकाल दें कि कोई क्या सोचेगा.  आप भी औरों की तरह आम आदमी ही हैंइसलिए यह हीनता दिल से निकाल दें कि आप को किसी से बात करने में कोई दिक्कत होती है. फोन  पर दोस्तों से ज्यादा बात करें. धीरेधीरे समस्या हल  हो जाएगी.

आप अपनी समस्या हमें एसएमएस या वाट्सएप के जरीए भी इस मोबाइल नंबर पर भेज सकते हैं : 08826099608.  

मैं 27 साल की ब्याहता हूं,मेरी मां मुझे मेरी सास के खिलाफ भड़काती है, क्या करे ?

मैं 27 साल की ब्याहता हूं. मेरे मांबाप को लगता है कि ससुराल में किसी पर भी यकीन नहीं करना चाहिए और इसीलिए मेरी मां मुझे अपनी सास के खिलाफ भड़काती रहती हैं. इसी वजह से वे कभी मुझे मायके बुला लेती हैंतो कभी खुद वहां आ जाती हैं. वे मेरी ससुराल की हर खबर रखती हैं. इस के उलट मेरी ससुराल वाले बहुत अच्छे हैंपर मेरे मायके वालों की इन सब बातों से वहां पर बेवजह तनाव का माहौल रहता है. मैं क्या करूं?

आप जैसी करोड़ों ब्याहताएं मायके और उस में भी खासतौर से अपनी मां की दखलअंदाजी से अपनी जिंदगी नरक बना लेती हैं और बाद में पछताती हैं. आप तुरंत घर वालों से कहिए कि वे आप की जिंदगी और ससुराल में दखल न दें.  आप को अपनी जिंदगी मायके वालों के साथ नहीं, बल्कि ससुराल वालों के साथ गुजारनी है. अगर वे अच्छे हैं, तो बेवजह का तनाव लेना ठीक नहीं. अपनी मां के कहने में आ कर सास से पंगा न लें और अपनी ससुराल पर ध्यान दें.

मैंने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स कर लिया, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 24 साल का हूं और मेरी गर्लफ्रैंड 25 साल की. मैं ने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स किया. गर्लफ्रैंड ने हालांकि 72 घंटे की मैडिकल लिमिट के अंदर ही इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल ली पर अब हम दोनों की ही टैंशन बढ़ गई है. गर्लफ्रैंड को 20 से 27वें दिन के बीच पीरियड्स आता है, जो इस बार नहीं आया. क्या वह प्रैगनैंट है?

जवाब-

कंडोम की तरह ही इमरजैंसी पिल्स गर्भधारण रोकने का एक माध्यम हैं. मगर इन्हें आमतौर पर तब लिया जाता है जब सेक्स संबंध अनायास बन जाए और उस दौरान गर्भनिरोध के किसी भी तरीके को अपनाया न जाए. इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल को सेक्स के बाद 72 घंटे के अंदर लेना होता है. 72 घंटे से पहले इसे लेने से गर्भ ठहरने की संभावना को काफी हद तक टाला जा सकता है.

संभव है कि आप की गर्लफ्रैंड को इमरजैंसी पिल लेने की वजह से उस के रक्त में मौजूद हारमोंस का संतुलन बिगड़ गया हो. संभव यह भी है कि उस का मासिकधर्म लेट हो.

बेहतर होगा कि आप अपनी गर्लफ्रैंड से कहें कि वह यूरीन प्रैगनैंसी टैस्ट कर ले. यह घर पर भी आसानी से किया जा सकता है.

सेक्स में उतावलापन या जल्दबाजी सही नहीं होती और बिना कंडोम यौन संबंध बनाना नई मुसीबत को जन्म देता है. इसलिए आगे से जब भी सेक्स संबंध बनाएं कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें ताकि आप दोनों ही बिना किसी भय के सेक्स का आनंद उठा सकें और बाद में भी कोई टैंशन न हो.

मेरा बौयफ्रैंड मेरे साथ फिजिकल रीलेशन बनाना चाहता है, पर मुझे प्रेगनेन्ट होने से डर लगता है क्या करूं?

सवाल
मेरा बौयफ्रैंड मेरे साथ सोना चाहता है, पर मुझे पेट से होने का डर लगता है. मुझे उसे मना करना अच्छा नहीं लगता. ऐसे में क्या ठीक है?

जवाब

बौयफ्रैंड को सोने का मौका कतई न दें. आप पेट से हो गईं, तो वह किनारा कर लेगा. सिर्फ बातचीत तक ही सीमित रहें. हमबिस्तरी शादी के बाद ही करें. शादी तक सेक्‍स का इंतजार करना वास्‍तव में आपके लिए काफी मददगार हो सकता है.

आश्‍वस्‍त होना है जरूरी

किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से पहले यह बात पूरी तरह से तय कर लेनी जरूरी है कि वह आपके लिए बिलकुल ठीक है. एक बार संभोग करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता है. कई बार संबंध बनाने के बाद हमें अपराध बोध होता है, तो इसलिए जरूरी है कि जब तक पूरी तरह से आश्‍वस्‍त न हों, तब तक शारीरिक संबंध न ही बनाना बेहतर होगा. और अगर आप आश्‍वस्‍त नहीं हैं, तो ऐसा न करें. आपको बाद में अपनी यह बात सही ही लगेगी.

उत्‍सुकता बनी रहती है

जब आप अच्‍छी चीजें सही समय पर करते हैं, तो उसका आनंद ही अलग होता है. जब आप सेक्‍स पहले कर लेते हैं, तो इसे लेकर कोई उत्‍सुकता नहीं रहती. तो अगर सेक्‍स न करने से आपकी उत्‍सुकता बढ़ती रहती है, तो बेहतर है कि शादी तक सेक्‍स न किया जाए.

किशोर गर्भावस्‍था से बचाये

शादी से पहले सेक्‍स न करने से आप किशोर गर्भावस्‍था से बची रहती हैं. इससे आपको अनचाहे गर्भ के खतरे से निजात मिलती है. हालांकि बाजार में गर्भनिरोध के कई उपाय मौजूद हैं, लेकिन कई बार वे भी पूरी तरह सक्षम नहीं होते. इसके साथ ही यह गर्भ धारण करना आपको भावनात्‍मक रूप से भी तोड़ सकता है.

झूठे प्‍यार से रहेंगे दूर

सेक्‍स के लिए एक दूसरे के साथ भावनात्‍मक जुड़ाव होना बहुत जरूरी होता है. यह एक-दूसरे के लिए प्रेम को दर्शाने का शारीरिक तरीका माना जाता है. लेकिन, आज के दौर में प्रेम केवल शरीर तक ही सीमित रह गया है. कई महिलायें और पुरुष दोनों ही प्रेम को अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने का तरीका मानते हैं. हर चलन हर शहर, हर गांव में देखा जा रहा है, और अगर आप इससे दूर रहेंगे तो आपका ही फायदा है. याद रखिए, ऐसे संबंध अधिक नहीं चलते.

यौन रोगों से बचाए

आखिर में, सेक्‍स में प्रति लापरवाही आपको यौन रोग होने का खतरा काफी बढ़ा देती है. जवानी के जोश में आप कंडोम को अधिक महत्‍व नहीं होते, उस समय आपकी प्राथमिकता अपनी शारीरिक आकांक्षाओं को पूरा करना होता है. और यही लापरवाही कई बार गंभीर बीमारियां दे सकता है.

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सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. जौब लगे 10 महीने हो चुके हैं. पहले दिन ही औफिस में अच्छी पोस्ट और पैकेज पर 2 साल से काम करने वाले लड़के से कुछ विशेष जानपहचान हो गई. लौकडाउन के दौरान वर्क ऐट होम के बीच हमारी फोन पर रोज बात होती थी. अब औफिस स्टार्ट होने के बाद रोज ही मुलाकात होती है. थोड़े दिनों पहले उस ने मुझसे साफसाफ कह दिया कि वह मुझसे शादी करना चाहता है. मुझे भी वह पसंद है और शादी करने में कोई दिक्कत नहीं. लेकिन हाल ही में मुझे पता चला है कि औफिस की एक और लड़की से उस का अफेयर था हालांकि अब ब्रेकअप हो गया है. वह लड़की अभी भी औफिस में है और काम के सिलसिले में दोनों में बात भी होती है.

मुझे उन दोनों का बात करना अच्छा नहीं लगता. मेरे बौयफ्रैंड का कहना है कि अब उसे उस लड़की से कोई मतलब नहीं, कोई फीलिंग्स नहीं उस के प्रति. उस से बात होती है तो सिर्फ औफिशल वर्क की. उसे सिर्फ मैं पसंद हूं, मुझसे प्यार करता है तभी तो शादी करना चाहता है. लेकिन मैं जब भी उस लड़की को देखती हूं तो यह सोच कर कि बौयफ्रैंड की वह पहली पसंद थी, मन बैठ सा जाता है. शादी का उत्साह कुछ कम सा हो गया है. अपने मन को समझा नहीं पा रही हूं. क्या करूं?

जवाब

आप की समस्या वह लड़की है. हमें लगता है आप उस लड़की के बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रही हैं. इस में दोराय नहीं कि जिसे हम प्यार करते हैं उसे ले कर पजेसिव हो जाते हैं. लेकिन आप यह भी तो सोचिए कि वह लड़का आप से प्यार ही नहीं बल्कि शादी करना चाहता है. आप को ले कर वह सीरियस है. यानी, लाइफ पार्टनर के लिए उसे जो चाहिए, वह सब उसे आप में दिखा. वह लड़की उस के मानदंडों पर खरी नहीं उतरी, तभी तो ब्रेकअप हो गया.

आप बेकार परेशान हो रही हैं. उस लड़की की भी तो शादी होगी, या हो सकता है वह जौब चेंज कर ले. अगर यह सब नहीं होता तो भी आप का ब्रौयफै्रंड काबिल है. वह दूसरी जौब के लिए ट्राई कर सकता है. यदि बौयफ्रैंड जौब बदलता है तो सारी समस्या अपनेआप हल हो जाएगी. इसलिए हमारी तो यही राय है कि बेकार की बातें दिमाग से निकाल दीजिए और सब्र से काम लें, और आने वाली खुशियों को खुले दिमाग से एंजौय करें, खुश रहें और ब्रौयफ्रैंड को भी अपने प्यार से बांध कर खुश रखें. तभी तो उस के दिमाग में आप ही आप रहेंगी.

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