मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं पर अभी तक मैं प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पाई हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 26 वर्षीय विवाहिता हूं. शादी को 3 साल हो गए हैं पर अभी तक कंसीव नहीं कर पाई हूं. इस के लिए अब मैं सेक्स के दौरान नीचे तकिया भी रखती हूं और पति से कहती हूं कि स्खलित होने के बाद वे देर तक उसी अवस्था में रहें. फिर भी कंसीव नहीं कर पा रही जबकि मेरे पीरियड्स रैग्युलर हैं और हम नियमित रूप से सेक्स भी करते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

सेक्स के दौरान इजैक्युलेशन के समय पुरुष के अंग से काफी तीव्र वेग से स्पर्म निकलते हैं और गहराई तक पहुंचते हैं. जो स्पर्म स्ट्रौंग नहीं होते वे वैजाइना से बाहर भी निकल जाते हैं, मगर इस से गर्भधारण प्रक्रिया में कोई फर्क नहीं पड़ता. यह एक आम प्रक्रिया है और इस से घबराने की भी जरूरत नहीं है.

अगर पति का स्पर्म काउंट सही है, आप का पीरियड्स रैग्युलर है तो संभव है कि आप के कंसीव न कर पाने के पीछे कोई और मैडिकल वजह हो. यह वजह आप में या फिर आप के पति दोनों में से किसी में भी हो सकती है.

अच्छा यही होगा कि आप किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा से सलाह लें और फर्टिलिटी के बारे में बात करें. तभी आप जल्दी कंसीव कर पाएंगी.

मां बनने में न हो देरी इसलिए कराएं समय पर इलाज –

शादी के बाद मां बनने की ख्वाहिश हर महिला की होती है. लेकिन कैरियर के चक्कर में एक तो देरी से शादी करने का फैसला और उस के बाद भी मां बनने का फैसला लेने में देरी करना उन की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, जिस से उन्हें कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है समय पर सही फैसला लेने की व कंसीव करने में सफलता नहीं मिलने पर डाक्टरी परामर्श ले कर इलाज करवाने की.

जानते हैं इस संबंध में गाइनोकोलौजिस्ट ऐंड ओब्स्टेट्रिशिन (नर्चर आईवीएफ सैंटर) की डा. अर्चना धवन बजाज से:

कब आती है समस्या

पीसीओडी, ऐंडोमिट्रिओसिस, अंडे कम बनना या बनने पर उन की क्वालिटी का सही नहीं होना, फैलोपियन ट्यूब में ब्लौकेज, हारमोंस का इंबैलेंस, पुरुष में शुक्राणुओं की कमी की वजह से दंपती संतान सुख से वंचित रह जाते हैं.

आज संतान सुख से वंचित दंपतियों की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जो तनाव का भी कारण बनती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आप दोनों साथ रहते हैं और 1 साल से भी ज्यादा समय से बच्चे के लिए ट्राई कर रहे हैं और आप को सफलता नहीं मिल रही है तो आप तुरंत डाक्टर से संपर्क करें ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके. सक्सैस नहीं मिलने पर आईयूआई, आईवीएफ व आईसीएसआई का विकल्प आइए, जानते हैं विस्तार से आईयूआई, आईवीएफ व आईसीएसआई प्रक्रिया के बारे में:

आईयूआई

आईयूआई को इंट्रायूटरिन इंसेमिनिशेन कहते हैं. इस प्रक्रिया में पहले सोनोग्राफी के द्वारा महिला के एग के रिलीज होने के समय का पता लगाया जाता है. इस दौरान अंडे की क्वालिटी को अच्छा बनाने व रिलीज करने के लिए दवाइयां भी दी जाती हैं. जब अंडा रप्चर होने के करीब होता है तब पुरुष के अच्छे शुक्राणुओं को अलग कर लिया जाता है फिर उसे गर्भाशय में पहुंचाया जाता है ताकि अंडा आसानी से शुक्राणु से मिल सके और कंसीव करने में आसानी हो.

इस प्रक्रिया में महिला के पीरियड को ध्यान में रखा जाता है. इस में पीरियड के 10वें दिन से सोनोग्राफी करवाई जाती है, जो 14वें, 15वें दिन तक रोजाना या एक दिन छोड़ कर होती है. इस में नियमित रूप से सैक्स भी करने को कहा जाता है, क्योंकि अंडा 1 दिन तक जीवित रहता है जबकि स्पर्म 2 दिन तक.

आईयूआई के कम से कम 5-6 सर्किल ट्राई किए जाते हैं. फिर भी सफलता नहीं मिलने पर आईवीएफ का सु झाव दिया जाता है. इस के लिए पहले लैप्रोस्कोपी द्वारा स्थिति का पता लगाया जाता है.

आईवीएफ

आईवीएफ को इनविट्रो फर्टिलाइजेशन कहा जाता है, जिस में महिला के शरीर से विकसित हुए अंडे को बाहर निकाल कर पुरुष के अच्छे शुक्राणुओं से मिलाया जाता है. फिर इन्हें कल्चर डिश में डाल दिया जाता है. इस प्रक्रिया से बने भ्रूण को प्रयोगशाला में रखा जाता है और फिर 2 दिन बाद महिला के यूटरस में डाल दिया जाता है. इस से कंसीव करने में आसानी होती है.

आईसीएसआई

इसे इंट्रासाइटोप्लास्मिक मोफोलौजिकल सिलैक्टेड स्पर्म इंजैक्शन तकनीक कहा जाता है. इस तकनीक का सहारा तब लिया जाता है जब पुरुष शुक्राणुओं की संख्या काफी कम होती है. इस में टैस्ट द्वारा उच्च गुणवत्ता यानी अच्छे शुक्राणुओं को अलग कर के फिर प्रोसैस में लाया जाता है.

आईवीएफ से सक्सैस रेट

इस में सक्सैस इस बात पर निर्भर करती है कि दंपती की उम्र क्या है और उन की शादी को कितने साल हुए हैं. जैसे अगर उम्र 30 साल से कम है तो 50-55% सक्सैस के चांसेज होते हैं, वहीं 35-40 वर्ष की उम्र में सक्सैस रेट 30-35% रह जाता है. 40 में या उस के बाद सिर्फ 20-25%. कई बार पहली बार आईवीएफ करवाने पर सक्सैस नहीं मिलती है. लेकिन दूसरी, तीसरी, चौथी बार इस के सक्सैस के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं.

फायदा

ट्यूब बंद होने, स्पर्म काउंट कम होने या फिर अंडे की क्वालिटी सही नहीं होने पर  भी आईवीएफ से आसानी से कंसीव कर के संतान सुख प्राप्त किया जा सकता है.

खास केयर की जरूरत

वैसे तो हर महिला यही चाहती है कि उसे नैचुरल तरीके से गर्भधारण हो, लेकिन जब इस में सफलता नहीं मिलती तो अन्य विकल्पों का सहारा लेना ही पड़ता है. अन्य विकल्पों को अपनाने के साथ ही प्रैगनैंसी में कौंप्लिकेशन न आए, इस के लिए ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है जैसे कई बार प्रैगनैंसी के दौरान डायबिटीज, हाइपरटैंशन, ओवेरियन हाइपर स्टिम्युलेशन हो जाता है. इसलिए जरूरत है कि इस दौरान डाक्टर की हर सलाह पर अमल करने की और किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाने की ताकि स्थिति बिगड़े नहीं.

हारमोंस को बैलेंस में रखना जरूरी

हारमोंस के असंतुलित होने से हमारी शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक व इमोशनल हैल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है. इस के लिए काफी हद तक हमारा मौडर्न लाइफस्टाइल जिम्मेदार होता है, जिसे अगर आप चाहें तो बड़ी आसानी से बैलेंस कर सकते हैं. जैसे-

– रोजाना पर्याप्त मात्रा में अपनी डाइट में प्रोटीन लें.

– बिजी शैड्यूल के बावजूद ऐक्सरसाइज के शैड्यूल को न छोड़ें.

– मोटापे को कंट्रोल करने व खुद को फिट रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट व चीनी का इनटेक कम करें.

– खुश रहें ताकि तनाव से दूर रहें.

– ओवरईटिंग की आदत से बचें.

– पूरी नींद लेने के साथसाथ हाइफाइबर डाइट लें.

इस बात का ध्यान रखें कि अपने इलाज को ले कर स्ट्रैस में न रहें, क्योंकि स्ट्रैस में रहने से हारमोंस का संतुलन बिगड़ता है, जिस से आप को कंसीव करने में दिक्कत होगी.

डा. अर्चना धवन बजाज

कंसलटैंट ओब्स्टेट्रिशन, गाइनोकोलौजिस्ट इनफर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ ऐक्सपर्ट, द नर्चर क्लीनिक

जब ओल्डर कलीग के साथ हो सेक्सुअल टैंशन

अकसर ओल्डर कलीग का ज्यादा एक्सपीरियंस्ड होना, सपोर्टिव होने, फाइनैंशियल स्टेबल होने आदि के कारण लड़कियां उन की तरफ अट्रैक्ट हो जाती हैं. उन के साथ औफिस में 7-8 घंटे का साथ, काम के दौरान डिस्कशन, शेयरिंग, केयरिंग बढ़ावा देता है सेक्सुअल टैंशन को. लेकिन यह किसी भी तरह से सही नहीं है.

सैक्सुअल टैंशन का मतलब है जब आप किसी के साथ सेक्स करने की इच्छा रखते हों, लेकिन सेक्स न कर पा रहे हों. इसे इस तरह भी सम झा जा सकता है कि आप को किसी को देख कर उस के करीब आने का मन करता हो लेकिन आप की यह चाह मन में ही दबी रहने से आप के लिए अपनी तलब को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. इस का मतलब है कि आप सैक्सुअल टैंशन महसूस कर रहे हैं.

वर्कप्लेस पर अकसर ही लड़कियां सैक्सुअल टैंशन महसूस करती हैं और जब यह सैक्सुअल टैंशन सीनियर कोवर्कर या कहें ओल्डर कलीग के साथ हो तो सैक्सुअल टैंशन लगातार बढ़ती जाती है, क्योंकि सेक्स तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इस सिचुएशन में सेक्स इसलिए मुश्किल है क्योंकि आप चाहे अविवाहित हों लेकिन उम्र में बड़ा सीनियर शादीशुदा हो सकता है.

कलीग का शादीशुदा होना यानी कि उस के साथ सेक्स करना या रिलेशनशिप में आना मुश्किल होता है. ऐसे में सैक्सुअल टैंशन वक्त के साथ बढ़ती जाती है. आप अगर अपनी उम्र से बड़े कलीग से सेक्स करने की इच्छा रखती हैं यह जानते हुए कि उस के साथ सेक्स करना मुश्किल है तो आप यकीनन सैक्सुअल टैंशन महसूस कर रही हैं.

सैक्सुअल टैंशन की निशानी

  • जब भी वह व्यक्ति आसपास से गुजरता है तो आप दोनों की नजरें एकदूसरे से टकरा जाती हैं. नजरें टकरा कर एकदूसरे पर कुछ सैकंड के लिए ठहर जाने का मतलब है कि आप दोनों एकदूसरे में इंट्रैस्टेड हैं.
  • आप के कलीग को जितना मौका मिलेगा आप की सीट की तरफ आने का या आप से बात करने का, वह नहीं छोड़ेगा. कुछ ऐसा ही आप भी करती हैं जब आप को मौका मिलता है.
  • दोनों एकदूसरे से फ्लर्ट करते हो यह जानते हुए भी कि आप दोनों रिलेशनशिप में नहीं आ सकते.
  • आप दोनों एकदूसरे से हाथ मिलाते हो तो आप को सामान्य से कुछ अलग महसूस होता है. लगता है जैसे हाथ पकड़े ही खड़े रहें देर तक.
  • आप को अपने कलीग को देख कर उसे किस करने का या गले लगाने का मन करने लगता है.
  • दोनों जानबू झ कर एकदूसरे से टकराने की कोशिश करने लगते हो.
  • आप अपने कलीग को ले कर डेड्रीम यानी दिवास्वप्न देखने लगते हो. आप अपनी कल्पना में उस कलीग के साथ सेक्स करने लगते हो.
  • एकदूसरे को देखने पर या बात करने पर हमेशा लगता है कि कुछ है जो दोनों कह नहीं पा रहे हैं, जिस से सैक्सुअल टैंशन इंगित होती है.
  • एकदूसरे के करीब आने पर हार्ट रेट बढ़ जाता है और शरीर में सैंसेशन सी महसूस होने लगती है.
  • सैक्सुअल टैंशन महसूस होने का मतलब यह नहीं है कि आप को अपने ओल्डर कलीग से प्यार है. यह नौर्मल है और बिना स्ट्रौंग फीलिंग्स के भी हो सकती है.

क्यों होती है सैक्सुअल टैंशन

ओल्डर कलीग के साथ सैक्सुअल टैंशन होने के बहुत से कारण है जिन में पहला तो यही है कि आप उन की तरफ आकर्षित हैं. आकर्षण या अट्रैक्शन होना लाजिमी है क्योंकि कलीग चाहे उम्र में बड़ा हो लेकिन कहते हैं न ‘मेन एज लाइक फाइन वाइन.’ लुक्स के अलावा भी बहुत से कारण हैं जिन से लड़कियों को खुद से सीनियर और ओल्डर कलीग के लिए सैक्शुअल टैंशन महसूस होती है.

वे हर चीज के लिए क्लियर होते हैं : ओल्डर मेन अपने कैरियर, लाइफ और थिंकिंग को ले कर बहुत क्लियर होते हैं. उन्हें पता है कि वे क्या चाहते हैं और क्या नहीं. वे वर्कप्लेस में सीनियर होते हैं और इसलिए उन की वहां धाक जमती है.

उन के पास ऐक्सपीरियंस होता है : चाहे औफिस के अंदर के काम हों या बाहर के, चाहे प्रोफैशनल चीजें हों या पर्सनल, उन के पास ऐक्सपीरियंस होता है. वे नौसिखिए नहीं होते. लड़कियां यह जानती हैं कि ओल्डर कलीग न तो उन के एक्सबौयफ्रैंड की तरह कनफ्यूज्ड घूमेगा और न ही बैड पर बुरा परफौर्म करेगा, क्योंकि ऐक्सपीरियंस होता है. जाहिर तौर पर उन्होंने ज्यादा दुनिया देखी है, उन्हें पता है किस काम को कैसे करना है या किस जगह जाना है, क्या खाना है, क्या खरीदना है और सेविंग्स कैसे करनी है आदि.

फाइनैंशियल स्टेबिलिटी होती है : लड़कियां उन लड़कों की तरफ या कहें आदमियों की तरफ ज्यादा आकर्षित होती हैं जो फाइनैंशियली स्टेबल होते हैं. औफिस में काम करने वाली लड़कियां स्कूलकालेज की तरह खाली जेब वाले बौयफ्रैंड में इंट्रैस्ट नहीं रखतीं क्योंकि वे खुद अच्छाखासा कमा रही होती हैं. ऐसे में जब कोई उन से ज्यादा कमाने वाला उन के तरफ रुचि दिखाता है तो उन्हें भी उस में रुचि आने लगती है.

वे सपोर्टिव होते हैं : 22-23 साल की लड़कियों के अपनी उम्र के बौयफ्रैंड्स अपनी लाइफ को ले कर ही इतने उल झे हुए होते हैं कि सपोर्ट देने के बजाय वे, बस, लेना जानते हैं. उन से बिलकुल उलट ओल्डर कलीग होता है जिस की अपनी लाइफ बहुत शौर्टआउट है और इसीलिए वे सपोर्ट देना जानते हैं. औफिस में बौस से किस प्रेजैंटेशन के बारे में किस तरह बात करनी है से ले कर काम को और बेहतर कैसे बनाना है तक वे सब सम झाते हैं, बताते हैं.

सैक्सुअल टैंशन को खत्म करना जरूरी

ओल्डर कलीग के साथ सेक्स करने में बुराई नहीं है लेकिन जब आप को पता हो कि वह व्यक्ति शादीशुदा है और आप का उस के साथ सेक्स करना आप के कैरियर, रैपुटेशन और नौकरी के लिए खतरा बन सकता है तो इस सैक्सुअल टैंशन को खत्म करना बहुत जरूरी हो जाता है.

  • मन में सोच लें कि आप को अपने ओल्डर कलीग के साथ सेक्स नहीं करना है, तो नहीं करना है. अगर कभी मौका मिलता भी है एकदूसरे के करीब आने का या एकदूसरे को छूने का, किस करना का, तो पीछे हट जाएं.
  • खाली जगह पर उस कलीग के साथ जाने से बचें. खाली लिफ्ट, औफिस का खाली कोना, उस की कार में बैठ कर जाना या भरी मैट्रो में एकदूसरे के बहुत करीब खड़े होने जैसी सिचुएशन से जितना खुद को दूर रख सकते हैं, रखें.
  • एकदूसरे का हाथ पकड़ना, देर तक नजरें मिलाना, घूरना और किसी भी तरह से छूना बंद कर दें.
  • किसी और को डेट करने की कोशिश करें. कोई और जिस के साथ आप सेक्स करना चाहें तो कर सकें. इस से आप की अपने ओल्डर कलीग के साथ सैक्सुअल टैंशन खत्म हो जाएगी और शायद इंट्रैस्ट भी.
  • जितना हो सके उतना कम समय एकदूसरे के साथ बिताएं.
  • फ्लर्ट पर और फ्लर्टी टैक्सटिंग पर रोक लगाएं. फ्लर्ट सैक्सुअल टैंशन का बड़ा कारण है.
  • सेक्सुअल टैंशन को रिलीज करने के लिए सेक्सुअलएनर्जी को डाइवर्ट करने की कोशिश करें. कोई ऐसा काम या ऐक्टिविटी करना शुरू कर दीजिए जिस से मन में सेक्स को ले कर खयाल ही कम आने लगें या न आएं. खुद को औफिस में ही इतना बिजी कर लीजिए कि अपने ओल्डर कलीग पर ध्यान देने का आप को समय ही न मिले.

जब भी मैं पति के साथ सेक्स करती हूं तो मुझे काफी दर्द होता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित महिला हूं. विवाह को अभी 1 वर्ष ही हुआ है. समस्या यह है कि मैं जब भी पति के साथ सेक्स करती हूं, मुझे दर्द व तकलीफ से गुजरना पड़ता है. जिस की वजह से मैं सेक्स को एंजौय नहीं कर पाती. मैं अपनी इस समस्या को ले कर बहुत स्ट्रैस में रहती हूं. लेकिन समझ नहीं आता कि किस से अपनी समस्या शेयर करूं. मैं अपनी सेक्स लाइफ एंजौय कर सकूं, इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 1 महिला को सेक्स के दौरान दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है. आप को सेक्स के दौरान दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है तो इस को ले कर हिचकिचाएं नहीं और अपने पति से खुल कर यह बात शेयर करें. क्योंकि यह सामान्य बात है.

अगर आप किसी बात को ले कर स्ट्रैस में हैं या चिंतित हैं तो आप अपनी गाइनीकोलौजिस्ट से भी इस बारे में सलाह लें. क्योंकि सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि चिंता व भावनात्मक कारणों से सेक्स संबंध के दौरान दर्द व तकलीफ की समस्या और बढ़ती है.

यह समस्या 20-30 वर्ष की आयु की महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है. आप अपने पार्टनर और गाइनीकोलौजिस्ट से इस बारे में खुल कर बात करें. पति से अपनी पसंद और नापसंद को शेयर करें. ऐसा करने से काफी हद तक आप की समस्या का समाधान हो जाएगा.

कौमार्य का ये उपहार बढ़ा देगा सेक्स का मजा

कामिनी की शादी को 10 साल हो गए हैं. वह 2 बच्चों की मां है. पति बहुत अमीर हैं. कारोबार के सिलसिले में उन्हें अकसर विदेश जाना पड़ता है. कामिनी बेहद शौकीन तबीयत की है. उस पर जो धुन सवार हो जाए उसे पूरा कर के ही मानती है. कुछ अरसा पहले कामिनी को हाइमनोप्लास्टी (कौमार्य पुनर्प्राप्ति) के बारे में पता चला. पति 1 माह के लिए यूरोप दौरे पर थे. इसी दौरान उचित अवसर जान उस ने हाइमनोप्लास्टी करवा ली. इस संबंध में उस ने पूरी गोपनीयता बरती. सब कुछ सामान्य होने पर एक दिन उस ने पति से फोन पर कहा, ‘‘आप जैसे ही भारत लौटेंगे हम हनीमून ट्रिप पर स्विट्जरलैंड जाएंगे.’’

‘‘यह क्या मजाक है,’’ पति ने हंसते हुए कहा, ‘‘हमारी शादी को 10 साल हो गए हैं. इस उम्र में अब तुम मुझे किस के साथ हनीमून पर भेजना चाह रही हो?’’

कामिनी को ऐसे उत्तर की उम्मीद न थी, इसलिए तुनक कर बोली, ‘‘कैसी बातें करते हैं, आप? किसी और के साथ क्यों? हनीमून ट्रिप मेरे साथ होगा.’’

पति ठहाका लगाते हुए बोले, ‘‘क्यों बचकानी बातें कर रही हो?’’

‘‘मैं बचकानी बातें नहीं कर रही हूं. और हनीमून पर तो चलिए. एकदम प्योर वर्जिनिटी का आनंद उठाएंगे.’’

अंजलि कालेज के साथियों के साथ पिकनिक पर गोवा गई. दोस्त एकदूसरे से बेहद खुले हुए थे, अत: खूब मस्ती कर रहे थे. मगर इसी बीच अंजलि के साथ एक हादसा घट गया. पार्टी के दौरान उस के दोस्तों ने उस के ड्रिंक में नशीली दवा मिला दी. फिर क्या था, उसे नशे में कुछ पता नहीं चल रहा था कि उस के दोस्त उस के साथ क्या कर रहे हैं. उलटे नशे में होने पर वह उन का साथ दे रही थी. मगर जब नशा उतरा तो अपनी हालत देख कर उस के होश उड़ गए. पिकनिक से लौटने पर अंजलि ने सारी बात अपनी डाक्टर मम्मी को बताई. सुन कर वे बहुत दुखी हुईं. फिर उन्होंने बेटी को धैर्य बंधाया. पर अंजलि अंदर ही अंदर टूट चुकी थी. शीघ्र ही उस का विवाह होने वाला था. उसे वर्जिन न होने की टीस साल रही थी. मां उस की भावनाओं को समझती थीं. आखिर उन्होंने एक दिन बेटी की हाइमनोप्लास्टी करवा दी. इस से वह दोबारा वर्जिन हो गई और फिर उस का खोया आत्मविश्वास भी लौट आया.

करीब 30% से अधिक लड़कियों को प्रथम मिलन पर रक्तस्राव नहीं होता, जिस का अर्थ आमतौर पर यह लगाया जाता है कि लड़की का विवाहपूर्व कौमार्य भंग हो चुका है अथवा यों कहिए कि उस के विवाहपूर्व यौन संबंध रहे हैं. परिणामस्वरूप रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है. जहां तक पारंपरिक भारतीय समाज की सोच का सवाल है, तो यहां सब कुछ एकपक्षीय यानी पुरुष के पक्ष में है. पति चाहे खुद कितना भी दुराचारी क्यों न हो, वह अपेक्षा रखता है कि उस की होने वाली पत्नी शतप्रतिशत वर्जिन हो.

अपराधबोध से ग्रस्त

इस पुरुषप्रधान समाज की यह दकियानूसी सोच स्त्री पर इस कद्र हावी हो गई है कि वह भी अपनी कौमार्य को अपनी आबरू कह कर संबोधित करती है. जिस का मतलब औरत की इज्जत से है. यदि विवाह के समय उस के पास कौमार्य की पूंजी नहीं है तो वह अपराधबोध से ग्रस्त हो जाती है, भले ऐसा किसी हादसे के कारण हुआ हो. कौमार्य भंग होने का मतलब यह नहीं कि लड़की चरित्रहीन है. अब वह जमाना नहीं रहा जब लड़कियां घर की चारदीवारी में बंद रहती थीं और शादी हो कर गुडि़या की भांति ससुराल विदा हो जाती थीं. आज की लड़कियां स्कूलकालेज जाती हैं और लड़कों की तरह हर गतिविधि में हिस्सा लेती हैं. जिमनास्टिक, तैराकी, घुड़सवारी, स्कूटर, बाइक चलाते या फिर अन्य कोई शारीरिक श्रम के दौरान कब कौमार्य की झिल्ली अपना वजूद खो देती है, इस का लड़कियों को एहसास तक नहीं होता.

कई बार विवाह का वादा कर यौन संबंध बन जाते हैं, मगर बाद में दहेज या अन्य किसी कारण के चलते रिश्ता टूट जाता है. कई बार लड़कियां अंजलि जैसी स्थिति का भी शिकार बन जाती हैं और कौमार्य खो बैठती हैं. ऐसे में लड़की व उस के मांबाप के लिए यह हादसा गहरी चिंता का विषय बन जाता है. और जगह रिश्ता तय करने में वे कौमार्य भंग को मुख्य बाधा मानते हैं. लेकिन अब ऐसे मामलों में हाइमनोप्लास्टी के माध्यम से आशा की नई किरण नजर आने लगी है.

क्या है हाइमनोप्लास्टी

कामिनी जैसे शौकिया वर्जिनिटी हासिल करने के मामले बहुत कम होते हैं, क्योंकि इस प्रकार की महिलाएं ऐसी शल्य चिकित्सा महज इसलिए करवाती हैं ताकि एक बार फिर कौमार्य होने का लुत्फ उठाया जा सके. मगर हाइमनोप्लास्टी क्या है, यह जानना भी जरूरी है. यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिस में चिकित्सक कौमार्य झिल्ली जिसे हाइमन कहते हैं, का वैजाइना से टिशू ले कर पुनर्निर्माण कर देते हैं. इस में करीब क्व 60-70 हजार का खर्च आता है और उसी दिन मरीज को छुट्टी दे दी जाती है. कुछ दिनों तक मरीज को ऐंटीबायोटिक्स व अन्य दवाएं खानी पड़ती हैं.

बढ़ रहा है प्रचलन

शौकिया किस्म की शादीशुदा महिलाएं वैलेंटाइन डे और शादी की वर्षगांठ से कुछ समय पूर्व हाइमनोप्लास्टी करवाती हैं. लेकिन बारबार यह सर्जरी करवाने को डाक्टर बेहद नुकसानदेह बताते हैं. कौस्मैटिक सर्जन विक्रमजीत सिंह के अनुसार करीब 60 फीसदी मामलों में लड़कियां मांबाप के साथ सर्जरी के लिए आती हैं. उन में से ज्यादातर तो शादी की तारीख के हिसाब से समय तय कर सर्जरी करवाती हैं ताकि विवाह के समय वे बिलकुल फिट ऐंड फाइन हों. जिस तरह शादियों के सीजन में लोग शौपिंग से ले कर बैंडबाजे जैसी तैयारी की प्लानिंग करते हैं, उसी तरह शादी के लिए वर्जिनी फिट होने के उद्देश्य से डाक्टर से हाइमनोप्लास्टी का समय तय करते हैं. अकेले चंडीगढ़ में हर महीने करीब आधा दर्जन शल्य चिकित्सा होती है, जिस से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरे देश में कितने पैमाने पर इस का प्रचलन हो गया है. चूंकि यह प्रक्रिया प्राय: गुपचुप होती है, इस के सही आंकड़े तो कुछ और ही होंगे.

क्या प्रतिबंध लगाना चाहिए

महिला कल्याण समिति की डाक्टर सरस्वती मनोहर हाइमनोप्लास्टी करवाए जाने को बहुत बुरा मानती हैं. उन का कहना है कि बेशक चिकित्सकों के अनुसार इस शल्य चिकित्सा का शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़ता हो, मगर वे महिलाओं द्वारा अपनाए जाने वाले इस विकल्प को केवल पुरुष के अहम का तुष्टीकरण ही मानती हैं. वे रोषपूर्वक पूछती हैं कि क्या पुरुष ऐसा कोई प्रमाण दे सकता है जिस से यह साबित हो कि वह विवाहपूर्व उस के किसी स्त्री से संबंध नहीं रहे हैं? डाक्टर सरस्वती की सलाह है कि सरकार को इसे रैग्युलेट करना चाहिए और ऐसी शल्य चिकित्सा से पहले संबंधित महिला व अभिभावकों की काउंसलिंग की जानी चाहिए. हालांकि वे यह भी मानती हैं कि सामाजिक बदनामी के दबाव में पीडि़त महिला व उस के मांबाप काउंसलिंग सहज ही स्वीकार नहीं करेंगे. मगर परिवार न्यायालय की भांति निजता व अपनत्व का भरोसा दिलवाए जाने पर ऐसा संभव हो सकता है. साथ ही, शौकिया तौर पर करवाई जाने वाली हाइमनोप्लास्टी को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है. वह लंबा, सुंदर और समझदार लड़का है. कभीकभी लगता है जैसे वह मुझे एक अलग नजर से देख रहा है. मेरी बेस्टफ्रैंड मुझे अपने और अपने बौयफ्रैंड के इंटीमेट मोमैंट्स के बारे में भी बताती है जिन्हें सुन कर मुझे उस लड़के के लिए और ज्यादा फैसिनेशन होने लगी है.

मैं अपनी बेस्टफ्रैंड को धोखा नहीं देना चाहती, उस का दिल दुखाना नहीं चाहती पर अपने इस दिल का क्या करूं. मैं बहुत परेशान हो रही हूं. वह लड़का उस से शायद प्यार भी नहीं करता. लेकिन, मेरा उसे पाने का मतलब होगा अपनी दोस्ती खराब करना. कुछ हैल्प कीजिए.

जवाब

आप की बातें सुन कर यह लव का कम और लस्ट का मामला ज्यादा लग रहा है. आप को अपनी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से सिर्फ अट्रैक्शन है जिस के चलते आप को अपना दिल टूटता हुआ सा लग रहा है जबकि यह ज्यादा से ज्यादा इन्फैचुएशन है और कुछ नहीं. आप को उस लड़के के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए. वह आप की दोस्त से प्यार करता है या नहीं करता इसे ले कर आप अपनी फ्रैंड को सचेत कर सकती हैं, लेकिन खुद उस लड़के के करीब जाने की कोशिश करेंगी तो बेस्टफ्रैंड खो देंगी.

बेहतर यही होगा कि आप अपनी दोस्त के बौयफ्रैंड से दूरी बना कर रखें वरना क्या पता आप की दोस्त ही शक करने लगे, और ऐसे नहीं तो वैसे आप की दोस्ती दांव पर लगे. अट्रैक्शन कम करने के लिए किसी और लड़के पर फोकस करने की कोशिश कीजिए, किसी और ऐक्टिविटी पर ध्यान दीजिए और इस बारे में सोचना बंद कर दीजिए. प्यार को कंट्रोल करना मुश्किल है, अट्रैक्शन को नहीं.

मेरा बौयफ्रेंड अकेले में मुझसे शारीरिक छेड़छाड़ करता है जबकि मैं उस से प्यार की बातें करना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवती अपनी ही कक्षा के एक छात्र से प्रेम करती हूं, लेकिन वह मुझ से सेक्सुअल चाहत ही रखता है. मौडर्न होने के कारण मैं हर तरह की ड्रैसेज पहनती हूं. जब भी मैं शौर्ट स्कर्ट, निकर या खुली पोशाक पहनती हूं तो एकांत मिलते ही वह मेरी जांघ, पीठ आदि पर हाथ फेरने लगता है जबकि मैं उस से प्रेमभरी बातें करना चाहती हूं. मना करने पर वह कहता है कि तुम मुझ से प्यार नहीं करती. क्या करूं?

जवाब

आप दोनों एकदूसरे से प्यार करते हैं तो जाहिर है सिर्फ प्रेममयी बातों तक ही प्यार सीमित नहीं रहेगा. हां, कुछ वक्त व जरूरत का खयाल रखना होगा. लेकिन उस के द्वारा आप के शरीर को छेड़ने की कोशिश व न मानने पर प्रेम का वास्ता देने की बात से जाहिर है कि वह आप से शारीरिक संबंध बनाने को उतावला है. साथ ही उस का ध्यान आप की यौन सुंदरता पर है, दिल पर नहीं.

सब से पहले तो यह जान लें कि भूल कर भी उस से संबंध बनाने की गलती न करें, ‘आप प्यार नहीं करती’ जैसी बातों में आ कर भी उसे शरीर न सौंपें वरना पछतावा ही हाथ लगेगा.

उसे समझाएं कि सैक्स शादी के बाद ही ठीक रहता है. अभी तो प्यार चाहिए. अगर न माने तो उस से थोड़ी दूरी बनाएं. जब उसे अपनी गलती का एहसास होगा, अपनेआप ही चला आएगा.

शादी से पहले मंगेतर के साथ सोना मना है क्योंकि…

-शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

-यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

सुहागरात को जब मैंने पति के साथ सेक्स किया तो मुझे ब्लीडिंग नहीं हुई, बताएं ऐसा क्यों हुआ?

सवाल

मैं 22 वर्षीय युवती हूं. 6 महीने पहले ही मेरा विवाह हुआ है. मैं एक बात को ले कर बहुत परेशान हूं. सुहागरात को जब मैं ने पति के साथ सहवास किया तो रक्तस्राव नहीं हुआ. मैं ने आज तक किसी से संबंध बनाना तो दूर दोस्ती तक नहीं की. फिर प्रथम समागम के दौरान रक्तस्राव क्यों नहीं हुआ. भले ही मेरे पति ने इस बात पर गौर नहीं किया पर यह बात मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही है. कृपया बताएं ऐसा क्यों हुआ?

जवाब

सुहागरात को संबंध बनाने के दौरान आप को रक्तस्राव नहीं हुआ इस बात को ले कर आप को परेशान नहीं होना चाहिए. बहुत बार दौड़तेभागते या गिरने आदि से कौमार्य झिल्ली फट जाती है. आप के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा, इसलिए आप बेवजह परेशान न हों और वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएं. अभी आप की नईनई शादी हुई है. रोमांस करने के समय में बेकार की बातों को ले कर परेशान न होएं.

कई महिलाओं को संभोग के बाद रक्त स्त्राव होता है. वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करती है. पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से योनि से खून आता है. लेकिन, यह महिलाओं की योनि में सेक्स के समय लगी किसी चोट, संक्रमण व सर्वाइकल कैंसर का भी संकेत करता है. अगर सेक्स के बाद योनि से लगातार खून निकल रहा हो तो इस स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

सेक्स करते समय खून क्यों आता है?

सेक्स के बाद योनि से खून आने की समस्या को चिकित्सा जगत में पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) के नाम से जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है. जो महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति में नहीं है, उनमें इस तरह की समस्या गर्भाशय ग्रीवा के कारण उत्पन्न होती है, जबकि रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में यह समस्या कई अन्य कारणों से भी होती हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है. खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है. सेक्स के बाद महिलाओं की योनि से इस कारण भी खून आता है.

इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनकी वजह से सेक्स के बाद रक्त स्त्राव होता है.

संक्रमण होना कुछ संक्रमण में सूजन व ऊतक भी योनि से खून आने की वजह होते हैं. इसमें निम्न संक्रमण शामिल होते हैं –

  • श्रोणि में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)
  • एसटीडी- यौन संचारित रोग
  • गर्भावशय की ग्रीवा में सूजन (Cervicitis)
  • योनि में सूजन (Vaginitis; वैजिनाइटिस)

रजोनिवृत्ति में जेनिटोयुरनेरी सिंड्रोम

यह सिंड्रोम महिलाओं की योनि की सक्रियता को कम करने का इशारा करता है. यह रोग रजोनिवृत्ति के समय व अंडाशय निकालने के कारण होता है. महिलाओं की अधिक उम्र होने पर महवारी बंद हो जाती है और ऐसे उनके शरीर में एस्ट्रोजन के बनने का स्तर कम हो जाता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार होता है.

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से कई तरह के रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इससे महिलाओं की योनि में कम ल्युब्रिकेशन बनता है. जिससे महिलाओं की योनि में सूखापन व जलन होने लगती है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के लचिलेपन पर भी असर पड़ता है. योनि के ऊतक सिकुड़ जाते हैं. जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द, असहजता व खून आता है.

पोलिप्स (Polyps)

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है. इसके होने से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा व गर्भाशय की अंदरूनी परत में भी हो जाते हैं. यह गोल आकार के होते हैं. इनके सक्रिय होने पर यह ऊतकों में जलन व रक्त वाहिकाओं में ब्लीडिंग की वजह बनते हैं.

जोश में सेक्स करना

जोश के साथ सेक्स करना भी योनि से खून आने का कारण होता है, क्योंकि इस तरह के सेक्स में शारीरिक बल लगाया जाता है जिससे योनि में खरोंच आ जाती है. रजोनिवृत्ति, स्तनपान व योनि में रूखापन होने के कारण भी योनि से खून आता है.

कैंसर

योनि से लगातार खून आना या सेक्स के बाद खून आना सर्वाइकल व योनि के कैंसर का लक्षण होता है. इस तरह के लक्षण पाए जाने वाली कई महिलाओं की जांच में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है. इसके अलावा कई मामलों में गर्भाशय के कैंसर को भी पाया गया.

योनि में सूखापन होना

योनि का सूखापन रक्त स्त्राव होने का आम कारण होता है. इसके अलावा भी योनि से खून बहने के निम्न अन्य कारण होते हैं –

  • स्तनपान कराना.
  • बच्चे के जन्म के बाद.
  • अंडाशय को निकालना
  • कई दवाएं, जैसे- सर्दी में ली जाने वाली दवाएं, अस्थमा की दवा, अवसाद को कम करने वाली दवाएं व एस्ट्रोजन को कम करने वाली दवाएं आदि.
  • किमोथेरेपी व रेडीएशन थेरेपी.
  • शारीरिक बल व जोश के साथ सेक्स करना.
  • किसी कैमिकल से योनि को साफ करना.

क्या सेक्स के बाद योनि से खून आना किसी समस्या की ओर संकेत करता है?

अगर आपको सेक्स के बाद खून आ रहा हो तो यह सामान्य स्तिथि होती है. लेकिन इस स्थिति के बारे में सही जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मिलना होगा. अगर आपको पीरियड्स के कुछ समय पहले या बाद के दौरान सेक्स करने के बाद खून आए तो आपको डॉक्टर से इस विषय पर अवश्य परार्मश कर लेना चाहिए. जब तक डॉक्टर की जांच की रिपोर्ट आपको न पता चले तब तक दोबारा सेक्स न करें. कई बार संक्रमण व किसी अन्य गंभीर समस्या के कारण भी संभोग के बाद योनि से खून आने लगता है.

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी

सेक्स के बाद खून आने के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर आपको सेक्स के बाद बेहद ही कम रक्त स्त्राव हो रहा हो, तो आपको इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इन लक्षणों के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें.

  • योनि में खुजली और जलन,
  • मूत्रत्याग में जलन महसूस होना,
  • संभोग करते समय अधिक दर्द होना,
  • अधिक खून बहना,
  • पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द,
  • जी मिचलाना और उल्टी आना,
  • योनि से सफेद पानी आना इत्यादि.

संभोग के बाद खून बहने पर कौन से परीक्षण कराएं?

यौन संबंध के बाद खून बहना आमतौर पर योनि के रूखेपन के कारण होता है, लेकिन कई बार यह समस्या गंभीर भी हो सकती है. इसमें डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की जांच करते हैं. जिसमें वह आपकी योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए पैप स्मीयर (Pap Smear) टेस्ट करते हैं. कैंसर की पहचान होने पर कैंसर विशेषज्ञ के पास आपको भेज दिया जाता है.

यौन संबंध के बाद खून बहने के अतिरिक्त कारणों की जांच निम्न परीक्षण से की जाती है.

  • कोलपोस्कोपी (Coloscope) – इसमें महिलाओं की योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच की जाती है.
  • ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड.
  • यूरीन टेस्ट (मूत्र का परीक्षण).
  • खून की जांच.
  • योनि से निकलने वाले सफेद पानी की जांच.

यौन संबंध बनाने के बाद खून आने का इलाज

यौन संबंध बनाने के बाद योनि से खून आने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है. जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

ल्यूब्रिकेंट्स –

अगर आपकी योनि से खून आने की वजह रूखापन है तो आपको योनि में मॉइश्चराइजर लगना चाहिए. नियमित रूप से मॉइश्चराइजर को योनि की त्वचा पर लगाने से यह योनि की अंदरूनी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इससे रूखापन खत्म होकर त्वचा में नमीं आने लगती है.

योनि के लिए आने वाले ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से संभोग के समय त्वचा के घर्षण से छिलने की समस्या कम हो जाती है. पानी युक्त ल्यूब्रिकेंट सेक्स के समय योनि से आने वाले खून को कम कर देता है. तेल युक्त ल्यूब्रिकेंट व कंडोम को साथ में इस्तेमाल करने से कंडोम के कटने या फटने का डर बना रहता है. इसलिए आप पानीयुक्त ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ यौन संबंध बनाते समय तेजी या जोश दिखाने की जरूरत नहीं हैं. अगर जोश में महिला को समस्या हो रही है तो आपको तुरंत रूक जाना होगा या इसको आराम से धीरे-धीरे करना होगा.

एस्ट्रोजन थेरेपी –

रजोनिवृत्ति या अंडाशय को बाहर निकलवाने से योनि में रूखापन आने की वजह में आप एस्ट्रोजन थेरेपी को अपना सकती हैं. योनि के लिए आने वाली एस्टोजन क्रीम व अन्य उपादों का इस्तेमाल कर सकती हैं. योनि से खून आने की स्थिति में आप एस्ट्रोजन अंगूठी (रिंग) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस लचीली अंगूठी को योनि में अंदर लगाई जाती है. यह सीमित मात्रा में एस्ट्रोजन को करीब 90 दिनों तक स्त्रावित करता है. ओरल हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीन को बदल दिया जाता है.  इसके लावा भी महिलाओं के लिए कई अन्य विकल्प मौजूद है.

अन्य इलाज –

योनि में सूजन आना रूखेपन व संक्रमण की ओर संकेत करता है. इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं. आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटीबॉटिक के कारण भी ऐसा हो सकता है. श्रोणी में दर्द व यौन संचारित रोगों की दवा के साथ भी आपको एंटीबॉयोटिक की दवा दी जा सकती है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने पर भी डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं, जिससे आपको योनि में रूखापन हो जाता है.

नीम-हकीमों के चक्कर में पड़ कर कहीं खो न दें मर्दाना ताकत

इन विज्ञापनों के नीचे विज्ञापनदाता के क्लीनिक का पता दिया गया होता है और मिलने का खास दिन भी लिखा होता है. जब विज्ञापन देने वाले नीम हकीमों के क्लीनिकों में मर्दाना ताकत की चाहत लेकर व्यक्ति जाता है, तो पता चलता है की यहाँ ईलाज करने वाला नीम हकीम किसी किराये के छोटे से कमरे में क्लिनिक चलाते हुए मिल जाता है.

मर्दाना ताक़त को बढ़ाने की चाहत लिए पहुंचा व्यक्ति जब अपने मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए इन नीम हकीमों से जांच करने और दवाएं देनें को कहता है. तो क्लिनिक चलाने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैंट की जिप खोलने को कहता है और उसके अंग पर टार्च की लाल-पीली रौशनी छोड़ता है. फिर गहरी सांस लेता है और कहता है की मरीज की बचपन की गलतियों के चलते उसकी मर्दाना ताकत में कमी आ गई है. जिसके चलते उसका अंग टेढ़ेपन का शिकार है और अंग की साइज़ का डेवलपमेंट सही से नहीं हुआ है. इसी कारण से व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स संबध के दौरान जल्दी ही स्खलित हो जाता है.

अब सामने वाले व्यक्ति की हालत देखते बनती है. वह काफी डर जाता है, कहीं ऐसा न हो की पत्नी उसे छोड़ कर किसी गैर मर्द के साथ भाग जाए. फिर वह व्यक्ति हकीम साहब से उस समस्या का निदान पूंछता है. इस पर वह हकीम अपने दराज से नीली-पीली सीसी निकालता है और कहता है उसे घबराने की जरुरत नहीं है. क्यों की उसकी दवाएं मरीज के सेक्स से जुड़े सारे समस्याओं को छूमंतर कर देगी. मरीज के चेहरे पर कुछ सुकून आता है अब हकीम साहब द्वारा मरीज को ईलाज के खर्च के बारे में बताया जाता है. स्वर्ण भस्म की कीमत 2 हजार से 3 हजार रुपये साथ ही महीने भर के दवा के पुड़ियों की कीमत लगभग 30 हजार रूपये यानी कुल ईलाज का खर्च लगभग 32 से 33 हजार रूपये. महीने भर के दवा की कीमत सुन कर व्यक्ति चौंकता है. लेकिन पत्नी को खुश करने और अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को वापस लाने के लिए हकीम साहब के पास ईलाज के लिए गया व्यक्ति  अपनी जमीन गिरवी रखके या पैसे उधार लेकर भी यह ईलाज शुरू कर देता है.

हकीम साहब की दवा की पुड़िया पहले दिन से ही काम करना शुरू कर देती है. कुछ दिनों तक तो तक तो बहुत अच्छा चल रहा होता है. लेकिन यह दवा भी अपना असर दिखाना बंद कर देती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है. हकीम साहब मरीज की हालत देख कर कहते हैं की अब दवाएं बदलनी पड़ेंगी. इसके लिए शाही ईलाज शुरू करना पडेगा. लेकिन हकीम साहब इस बार के ईलाज की कीमत डेढ़ गुना ज्यादा बताते हैं. सेक्स कूवत बढ़ाने की चाहत लिए व्यक्ति मरता क्या न करता, शाही ईलाज भी शुरू करता है. कुछ दिनों तक उस व्यक्ति को सेक्स में बड़ा मजा आता है. लेकिन इस बार उसके सेक्स की बची खुची ताकत भी चली जाती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है और ईलाज बदलने को कहता है. लेकिन हकीम साहब इस बार हाथ खड़े कर देते हैं. उनका कहना होता है की मरीज ने अपनी मर्दाना ताकत पूरी तरह से खो दी है, अब इसका ईलाज उनके पास नहीं है.

थक हार कर जब वह व्यक्ति सेक्स के किसी माहिर डाक्टर के पास जाता है. तो पता चलता है की उसके अन्दर कोई भी मर्दाना कमजोरी नहीं थी. लेकिन अब वह हकीम साहब के पुड़ियों के असर के चलते अपनी मर्दाना ताकत को खो चुका है. डाक्टर मरीज को कुछ परामर्श देते हैं साथ बहुत सस्ती दवाएं लिखते है. वह व्यक्ति फिर से माहिर डाक्टर की देखरेख में अपना ईलाज शुरू करता है. अब मरीज की मर्दाना ताकत फिर से वापस आने लगती है और कुछ दिनों में वह पूरी तरह से सेक्स के काबिल बन जाता है.

यह स्थितियां कमोबेश सेक्स में कमजोरी का भ्रम पाले सभी व्यक्तियों के साथ होती है. इसका कारण है है की व्यक्ति हकीम के लच्छेदार विज्ञापनों के भ्रमजाल में फंस जाता है. दूसरा इन हकीमों की क्लिनिक ऐसी जगह पर होती है ईलाज कराने वाले को जान पहचाने वाले आते जाते देख भी नहीं पाते है. लेकिन नीम-हकीमों के क्लीनिकों में ईलाज कराने वाले मरीज अपनी बची-खुची मर्दाना ताकत भी खो बैठते हैं. ऐसे में उनके पास पछताने के सिवा कोई चारा भी नहीं होता हैं.

क्या है नीम हकीमों के दवा के पुड़ियों की असलियत – सेक्स क्लिनिक चलाने वाले एक हकीम ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की वह मर्दाना ताकत को बढ़ाने के नाम पर दी जाने वाली पुड़ियों में वियाग्रा जैसी दवाएं मिला देते है. इसी लिए उनका ईलाज महंगा होता है. व्यक्ति को लगता है की हकीम साहब की पुड़िया के चलते सेक्स की ताकत में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन सब कमाल वियाग्रा जैसी दवाओं का होता है, वहीँ शाही ईलाज क्या होते होता है पूंछने पर उस हकीम ने बताया की उसमें ऐसा कुछ नहीं होता है. बस वियाग्रा जैसी दवाओं का डोज बढ़ा दिया जाता है जिससे व्यक्ति को ज्यादा मजा आने लगता है.

हकीमों के चक्कर में पड़ खो सकते हैं अपनी मर्दाना ताकत- सेक्स के माहिर डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की हकीमों से ईलाज के चक्कर में पड़ कर कई लोग जब पूरी तरह से अपनी मर्दाना ताकत खो बैठते हैं. जब उनके पास वह ईलाज के लिए आते है ऐसे में इन मरीजों का ईलाज बहुत कठिन हो जाता है.

सेक्स की ज्यादातर समस्या दिमागी – डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की सेक्स से जुडी ज्यादातर समस्याएं दिमागी होती है. इसमें अंग का छोटापन, टेढ़ापन, जल्दी स्खलित होंने जैसी समस्याएं ज्यादा शामिल हैं. जब की इन समस्याओं का ईलाज बिना किसी दवा के ही किया जा सकता है. इसके लिए सेक्स के किसी माहिर डाक्टर से मिलने भर की जरुरत होती है. अगर डाक्टर को लगता है समस्या में दवा देनें की जरुरत है तभी वह दवा लिखता है. नहीं तो सेक्स की ज्यादातर समस्या परामर्श से ही ठीक हो जाती है.

करोड़ों का सेक्स के भ्रामक विज्ञापनों का खर्च- नीम हकीमों के कमाई का अंदाज हम इसी बात से लगा सकते हैं की ये लोग करोड़ों रूपये खर्च करके दीवालों, अखबारों और टीवी जैसे माध्यमों पर अपना विज्ञापन करवाते हैं.

कानून के दायरे को तोड़ कर चलती हैं नीम-हकीमों की दुकानें – मर्दाना ताकत का ईलाज करने के नाम पर चलने वाले ज्यादातर क्लिनिक कानून का पालन नहीं करते हैं. इन क्लीनिकों में ज्यादातर रजिस्टर्ड ही नहीं होते हैं और ज्यादातर के पास कोई डिग्री ही नहीं होती है. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो हफ्ते के सातो दिन अलग-अलग नाम से अलग – अलग जगहों पर अपनी क्लिनिकें भी चलाते हैं. उत्तर प्रदेश में इस तरह के हकीमों का पूरा जाल फैला हुआ है.

इसमें हकीम एम जुनैद क्लिनिक, हाशमी दवाखाना , पीके जैन जैसे हजारों क्लिनिक मिल जातें हैं. इस तरह के नीम हकीमों द्वारा सेक्स के ईलाज के नाम पर ठगी के मामले में आई पी एस अमिताभ ठाकुर और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी नूतन ठाकुर ने 20 क्लीनिकों के खिलाफ वर्ष 2013 में एफ आई आर भी दर्ज कराया था. इसमें मशहूर हाशमी दवाखाना के हकीम ताजुद्दीन हाशमी व डॉ. पीके जैन क्लीनिक के डॉ. पीयूष जैन का नाम भी शामिल था. इन लोगों पर दवाओं और चमत्कारिक (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954  के तहत मुकदमें दर्ज हुए थे.

इस लिए जब भी आप को लगे की आप की मर्दाना ताकत घट रही है या आप सेक्स में कमजोर पड़ रहें है तो सेक्स के किसी माहिर डाक्टर की देखरेख में ही अपना ईलाज कराएं .

मेरे पति रात को बिस्तर पर एकदम जानवर बन जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 27 साल की एक शादीशुदा औरत हूं. मेरे पति रात को बिस्तर पर एकदम जानवर बन जाते हैं. उन्हें सिर्फ अपनी प्यास बुझानी होती है, जबकि उन्हें मेरी जिस्मानी जरूरतों की कोई परवाह नहीं रहती है.

इसी के चलते हम दोनों में अकसर लड़ाई होती है. मेरे पति मुझ पर हाथ उठाते हैं और मेरे घर वालों को कोसते हैं. कभीकभार तो मेरा मन करता है कि खुदखुशी कर लूं, लेकिन फिर जान देने के खयाल से डर भी जाती हूं. मैं इस जंजाल से कैसे बाहर निकलूं?

जवाब

आप इस जंजाल में ही लुत्फ ढूंढ़ें, क्योंकि सैक्स करने का तरीका निहायत ही प्राइवेट बात होती है. कोई आराम और इतमीनान से करना पसंद करता है, तो किसी से एक मिनट का भी सब्र नहीं होता है. कई औरतें तो इसलिए भी परेशान रहती हैं कि उन का पति जानवरों सरीखा बरताव नहीं करता है.

आप की परेशानी जायज है, जिसे दूर करने के लिए आप दोनों में तालमेल होना जरूरी है, जो कलह और लड़ाई से नहीं, बल्कि प्यार से आएगा. लड़ने से तो बात बिगड़ती ही है.

आप अपने पति को प्यार से समझाएं और बिस्तर में देर तक उसे उलझा कर रखें. फोरप्ले लंबा करें और पति को राजी करें कि वह कोई खेल खेलें. मसलन, कपड़े एकदम न उतारे जाएंगे, इस के लिए ताश के पत्ते बांटे जाएंगे. जिस के पास छोटा पत्ता आएगा, वह पहले अपना एक कपड़ा उतारेगा. दूसरे के लिए फिर से पत्ते बांटे जाएंगे.

जब तक दोनों पूरी तरह बिना कपड़ों के नहीं हो जाते हैं, तब तक यह खेल चलता रहेगा. इस तरह मजा भी आएगा और पति बिस्तर में जानवर से आदमी बन जाएगा.

मैं बीवी के साथ रोजाना सेक्स करना चाहता हूं पर उसे अच्छा नहीं लगता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 29 साल का हूं. मेरे 7 और 5 साल के 2 बच्चे भी हैं. मैं बीवी के साथ रोजाना सेक्स करना चाहता हूं, पर उसे अच्छा नहीं लगता. मैं क्या करूं?

जवाब

बच्चे होने के बाद अकसर औरतें सैक्स से बेजार हो जाती हैं. आप बीवी को प्यार से समझाएं कि हमबिस्तरी करना आप का हक है और दोनों के लिए अच्छा भी है. इस से बीवी की सोच बदल जाएगी.

आमतौर पर शादी के कुछ समय बाद तक तो कपल्स की सेक्स लाइफ मस्‍त रहती है. लेकिन, बच्‍चा होने के बाद उनकी सेक्‍स लाइफ को ब्रेक सा लग जाता है. उनके सेक्‍स एंड रिलेशनशिप पर बच्‍चे के बाद काफी असर पड़ता है. ऐसे कपल्स कम ही होते हैं, जिनके रिलेशन में बच्‍चा होने के बाद भी उतनी ही मस्‍ती बरकरार रहती है. जाहिर सी बात है कि बच्चा होने के बाद पैरंट्स बने कपल्‍स की जिम्‍मेदारियां भी बढ़ जाती है. उनका काफी समय बच्‍चे की देखभाल करने में चला जाता है. ऐसे में हसबेंड-वाइफ एक-दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाते है.

दूसरी तरफ मां बनने के बाद किसी भी महिला की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, बच्चे की सेहत का खयाल रखना किसी भी मां की प्राथमिकता होती है. यही वजह है कि वे सेक्स लाइफ पर इतना ध्यान नहीं दे पाती. कुछ लोगों को यह लगता है कि बच्चे हो जाने के बाद सेक्स लाइफ रूचिकर नहीं रहती. ऐसा होता भी है, कई बार प्रेग्नेसी के बाद कुछ वक्त के लिए महिलाओं की सेक्स में रुचि कम हो जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप बच्चे की वजह से अपनी सेक्स लाइफ का आनंद न उठाएं.

शोध बताते हैं कि बच्चों के जन्म के बाद नर्व एडिंग ज्यादा सेंसिटिव हो जाते है और क्लाइमेक्स की तीव्रता बढ़ जाती है. बच्चे के जन्म के बाद कुछ टिप्स अपनाकर आप अपनी सेक्स लाइफ को दोबारा ट्रैक पर ला सकते हैं-

लौट आएगी बहार

आमतौर पर जब बच्चा कुछ महीने का हो जाता है, तो औरतों में दोबारा से मासिक धर्म होने लगता है और उनके भीतर सेक्स करने की इच्छा दोबारा होने लगती है. उनकी सेक्स लाइफ दोबारा से एक्टिव हो जाती है. कई बार महिलाओं को लगता है कि सेक्स का मकसद सिर्फ मां बनना है, लेकिन यह बात बिल्‍कुल भूल जायें, क्‍योंकि सेक्‍स का असल मकसद शादीशुदा जिंदगी में ताजगी बनाए रखना है.

बनाए रखें रोमांस 

आपका रिश्‍ता सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि भावनात्‍मक रूप से मजबूत होना चाहिए. इससे प्रेग्नेसी जैसे वक्त में रिश्तों की गर्मी बरकरार रखने में मदद मिलती है. बच्चा होने के बाद पैरंट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें साथ में कुछ क्वॉलिटी टाइम बिताने की कोशिश करनी चाहिए. बच्चे की जन्‍म के तुरंत बाद आप बिना रिलेशन बनाए सिर्फ फोरप्ले से ही अपना सेक्स रिलेशन जवां बनाए रख सकते हैं. चाहें तो बेडरूम में म्यूजिक चलाकर और फ्लावर लगाकर रोमांटिक माहौल बना सकते हैं. इस तरह थोड़े समय बाद जब आपकी पत्‍नी के हॉर्मोन में चेंज आएगा, तो आपकी सेक्स लाइफ आसानी से पटरी पर लौट आएगी.

एक्सरसाइज करें

बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओं को वैजाइना में ढीलेपन की शिकायत हो जाती है. ऐसे में एक्सरसाइज या योगा की मदद से आप अपनी मसल्स को दोबारा से चुस्त कर सकती हैं. कुछ हफ्तों की एक्सरसाइज या योगा प्रैक्टिस के बाद आपकी सेक्स लाइफ दोबारा पहले जैसी ही होगी.

सावधानी बरतें

कई बार बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए डिलिवरी के वक्त एप्सिटॉमी नाम की छोटी सी सर्जरी की जाती है. कई बार इस ऑपरेशन की वजह से इंटरकोर्स करते वक्त परेशानी या दर्द होता है. ऐसे में आप सावधानी जरूर बरतें, वैसे 6 से 8 हफ्ते में इस सर्जरी का असर खत्म हो जाता है और वैजाइना अपनी पुरानी शेप में लौट आती है.

अपनी पसंद का काम करें

सेक्सुअल ऐक्टिविटी के लिए ‘ एड्रनेलिन ‘ केमिकल बहुत जरूरी होता है. शरीर में इसकी मात्रा बढ़ाने की कोशिश कीजिए. अगर आप थके हुए या तनावग्रस्त हैं, तो अपनी पसंद का कोई काम कीजिए. मनपसंद मूवी देखिए या कॉफी का कप लेकर रिलैक्स कीजिए.

रिलेशनशिप के बारे में बात करें

अक्सर यह देखा जाता है कि अगर आप अपनी रिलेशनशिप के बारे में बात नहीं करते, तो यह जल्दी ही बोझिल रिश्ते में बदल जाता है. इसलिए एक-दूसरे से इस विषय पर बात कीजिए. यह तरीका आजमाने पर आपको जल्द चेंज नजर आएंगे.

क्रेजी बनें

कई पैरंट्स बच्चा होने के बाद सेक्स नहीं कर पाते. ऐसे में आपको इसे लेकर क्रेजी होना पड़ेगा. माना कि बच्चे के सामने सेक्स के कम मौके मिलते हैं, लेकिन समझदार पैरंट्स बच्चे के झपकी लेते वक्त भी एक-दूसरे को प्यार कर लेते हैं.

मानसिकता को समझें

एक-दूसरे की मानसिकता को समझें व उसी तरह परस्पर व्यवहार करें, क्योंकि शारीरिक आनंद तभी प्राप्त होगा जब मन प्रसन्न होगा. कई बार हसबेंड भी बच्चे के जन्म के तुरंत बाद अपनी वाइफ पर सेक्स करने के लिए प्रेशर डालने लगते हैं. ऐसा ना करें, इससे आपकी पत्‍नी को परेशानी हो सकती है, या सेक्स के प्रति अरुचि भी हो सकती है.

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. अपनी भतीजी से 2 साल से प्यार करता हूं. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है.

सवाल
मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब
लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

जब बेटी को विवाहित से प्रेम हो जाए

युवाओं में प्रेम होना एक आम बात है. अब समाज धीरेधीरे इसे स्वीकार भी कर रहा है. माता- पिता भी अब इतना होहल्ला नहीं मचाते, जब उन के बच्चे कहते हैं कि उन्हें अमुक लड़की/लड़के से ही शादी करनी है, लेकिन अगर कोई बेटी अपनी मां से आ कर यह कहे कि वह जिस व्यक्ति को प्यार करती है, वह शादीशुदा है तो मां इसे स्वीकार नहीं कर पाती.

ऐसे में बेटी से बहस का जो सिलसिला चलता है, उस का कहीं अंत ही नहीं होता लेकिन बेटी अपनी जिद पर अड़ी रहती है. मां समझ नहीं पाती कि वह ऐसा क्या करे, जिस से बेटी के दिमाग से इश्क का भूत उतर जाए.

ऐसे संबंध प्राय: तबाही का कारण बनते हैं. इस से पहले कि बेटी का जीवन बरबाद हो, उसे उबारने का प्रयास करें.

कारण खोजें : मौलाना आजाद मेडिकल कालिज में मनोचिकित्सा विभाग के निदेशक, डा. आर.सी. जिलोहा का कहना है कि इस तरह के मामले में मां एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं.

मां के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि बेटी का किसी अन्य व्यक्ति की ओर आकर्षण का कारण घरेलू वातावरण तो नहीं है. कहीं यह तो नहीं कि जिस प्यार व अपनेपन की बेटी को जरूरत है, वह उसे घर में नहीं मिलता हो और ऐसे में वह बाहर प्यार ढूंढ़ती है और हालात उसे किसी विवाहित पुरुष से मिलवा देते हैं.

यह भी संभव है कि वह व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट न हो. चूंकि दोनों के हालात एक जैसे हैं, सो वे भावुक हो एकदूसरे के साथ न जुड़ गए हों. यह भी संभव है कि अपनी पत्नी की बुराइयां कर के और खुद को बेचारा बना कर लड़कियों की सहानुभूति हासिल करना उस व्यक्ति की सोचीसमझी साजिश का एक हिस्सा है.

सो, बेटी से एक दोस्त की तरह व्यवहार करें व बातोंबातों में कारण जानने का प्रयास करें, तभी आप अगला कदम उठा पाएंगी.

सही तरीका अपनाएं : डा. जिलोहा का कहना है कि बेटी ने किसी शादीशुदा से प्यार किया तो अकसर माताएं उन को डांटतीफटकारती हैं और उसे उस व्यक्ति को छोड़ने के लिए कहती हैं, पर ऐसा करने से बेटी मां को अपना दुश्मन मानने लगती है. बेहतर होगा कि प्यार से उसे इस के परिणाम बताएं. बेटी को बताएं कि ऐसे रिश्तों का कोई वजूद नहीं होता. व्यावहारिक तौर पर उसे समझाएं कि उस के संबंधों के कारण बहुत सी जिंदगियां तबाह हो सकती हैं.

फिर जो व्यक्ति उस के लिए अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़ सकता है, वह किसी और के लिए कभी उसे भी छोड़ सकता है, फिर वह क्या करेगी?

मदद लें : आप चाहें तो उस व्यक्ति की पत्नी से मिल कर समस्या का हल ढूंढ़ सकती हैं. अकसर पति के अफेयर की खबर सुनते ही कुछ पत्नियां भड़क जाती हैं और घर छोड़ कर मायके चली जाती हैं. उसे समझाएं कि वह ऐसा हरगिज न करे. बातोंबातों में उस से यह जानने का प्रयास करें कि कहीं उस के पति के आप की बेटी की ओर झुकाव का कारण वह स्वयं तो नहीं. ऐसा लगे तो एक दोस्त की तरह उसे समझाएं कि वह पति के प्रति अपने व्यवहार को बदल कर उसे वापस ला सकती है.      द्य

प्लान बनाएं

आप की सभी तरकीबें नाकामयाब हो जाएं तो उस की पत्नी से मिल कर एक योजना तैयार करें, जिस के तहत पत्नी आप की बेटी को बिना अपनी पहचान बताए उस की सहेली बन जाए. उसे जताएं कि वह अपने पति से बहुत प्यार करती है. उस के सामने पति की तारीफों के पुल बांधें. अगर वह व्यक्ति अपनी पत्नी की बुराई करता है तो एक दिन सचाई पता चलने पर आप की बेटी जान जाएगी कि वह अब तक उसे धोखा देता रहा है. ऐसे में उसे उस व्यक्ति से घृणा हो जाएगी और वह उस का साथ छोड़ देगी. यह भी हो सकता है कि उन का शादी का इरादा न हो और अपने संबंधों को यों ही बनाए रखना चाहते हों. ऐसे में बेटी को बारबार समझाने या टोकने से वह आप से और भी दूर हो जाएगी. उस को दोस्त बना कर उसे समझाएं और प्रैक्टिकली उसे कुछ उदाहरण दें तो शायद वह समझ जाए.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें