मैं सस्ता सामान बेचता हूं फिर भी ग्राहक कम आते हैं, क्या करूं?

सवाल

लौकडाउन खत्म होने के बाद इसी वर्ष मैं ने जून के महीने में एक दुकान खरीदी थी. मैं अपने आसपास के दुकान वालों से सस्ता सामान बेचता हूं. फिर भी ग्राहक कम आते हैं. क्या करूं?

जवाब

चमकती चीज हर किसी को लुभाती है. इस बात से आप भी वाकिफ होंगे. इसलिए सब से पहले तो अपनी दुकान को आकर्षक बनाएं. दुकान में सामान ऐसा रखा होना चाहिए कि वह भरीभरी लगे और व्यवस्थित भी. एक ग्राहक सिर्फ सामान के लिए नहीं आता, बल्कि उसे ग्राहक वाली इज्जत भी चाहिए होती है. इसलिए ग्राहक का सम्मान करें तथा उन से मीठे बोल बोलिए. आसपास के एरिया में होम डिलीवरी की सुविधा दीजिए.

यदि दुकान पर महिला अपने छोटे बच्चे के साथ आती है तो बच्चे को छोटा सा उपहार टौफी, चौकलेट आदि दे कर खुश करें. समयसमय पर कुछ स्कीम निकालें, जिस से लगे कि आप कुछ अलग कर रहे हैं. और हां, सब से जरूरी बात, धैर्य से काम कीजिए. किसी भी काम को सफलता मिलने में वक्त लगता है.

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मेरा Nephew आस्ट्रेलिया में रहता है, लेकिन उसके Parents भारतीय लड़की से शादी करना चाहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 45 वर्षीया वर्किंग वुमन हूं. घर और बाहर अपने काम को ले कर बिजी रहती हूं. आस्ट्रेलिया में मेरे बड़े भाई और भाभी रहते हैं. उन का एक बेटा 23 वर्ष का है. वह अपनी शिक्षा पूरी कर वहीं आस्ट्रेलिया में अच्छी कंपनी में जौब कर रहा है और अच्छा कमा रहा है. भाईभाभी चाहते हैं कि उस की शादी जल्दी करा दें और वह भी भारतीय लड़की से. उन्होंने लड़की ढूंढ़ने का काम मु झे सौंपा है जबकि मैं इस हक में नहीं हूं कि भारतीय लड़की से उस की शादी हो. आस्ट्रेलिया में कई भारतीय हैं और वहीं के परिवेश में पलीबढ़ी लड़की बहू के रूप में उन के लिए सही रहेगी. लेकिन वे अड़े हैं कि नहीं, उन्हें भारतीय लड़की ही चाहिए क्योंकि आस्ट्रेलिया की लड़कियां घरेलू नहीं होतीं, शादी को वे सीरियस नहीं लेतीं. क्या उन का ऐसा सोचना जायज है? मैं उन्हें कैसे समझाऊं?

लड़की आस्ट्रेलिया में पलीबढ़ी हो या पूर्णतया भारतीय हो, शादी के बारे में क्या सोचती है, यह उस की खुद की सोच है. जरूरी नहीं कि भारतीय लड़की ही शादी को ले कर सीरियस और आस्ट्रेलिया में पलीबढ़ी लड़की खुले विचारों की हो और शादी को हलके में लेती हो, इस का उलटा भी हो सकता है .बाकी भविष्य के बारे में कोई कुछ कह नहीं सकते कि कौन सी लड़की आप के घर में बहू बन कर आएगी और वह आप के अनुसार ही चलेगी.

जवाब

आप सही सोच रही हैं कि यदि आस्ट्रेलिया की ही पलीबढ़ी भारतीय परिवार की लड़की से वे अपने बेटे का विवाह करते हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा. लड़की को क्योंकि आस्ट्रेलिया में ही रहना है, उस का मायका भी आस्ट्रेलिया में होगा तो उन से मेलजोल रख सकती है. आप के भाईभाभी का भी रिश्तेदारी का सर्कल बढ़ेगा. भारतीय लड़की होगी तो साल में एक बार तो भारत में अपने मातापिता से मिलने की जिद करेगी ही. बाद में हो सकता है वह आस्ट्रेलिया में रचबस जाए लेकिन शुरू में तो यह दिक्कत आएगी क्योंकि शादी के बाद लड़कियों का मायके से ज्यादा लगाव रहता है.

आप यह बात भाईभाभी को समझाएं. समझते हैं तो ठीक है वरना उन्हें अपने मन की करने दीजिए. दूसरे परिवार के शादीब्याह के मामले में ज्यादा न पड़ें.

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4 साल पहले मैने बौयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था, क्या मेरे पति को इस बात का पता चल सकता है?

सवाल

मैं 25 वर्षीय अविवाहित युवती हूं. इसी वर्ष के अंत तक घर वाले मेरी शादी कर देना चाहते हैं. मैं बहुत परेशान हूं, क्योंकि कालेज के दिनों में मेरे बौयफ्रैंड ने मुझे बरगला कर एक बार शारीरिक संबंध बना लिया था. उस के बाद मैं ने उस से सारे संबंध तोड़ लिए. इस बात को 4 साल हो चुके हैं. मैंने सुना है कि सुहागरात को ही पति को ज्ञात हो जाता है कि लड़की का कौमार्य भंग हो चुका है. यदि ऐसा हुआ और पति ने मुझे अपमानित कर के छोड़ दिया तो क्या होगा? इस से तो अच्छा यही होगा कि मैं शादी ही न करूं? पर घर वालों से क्या कहूं कि मैं शादी क्यों नहीं करना चाहती? बड़ी उलझन में हूं. बताएं क्या करूं?

जवाब

अतीत में आप के साथ जो हुआ उसे भूल जाएं. कौमार्य या शील भंग जैसे शब्द आज बेमानी हो गए हैं. आप जब तक अपने मुंह से नहीं कहेंगी आप के भावी पति नहीं जान पाएंगे कि आप का किसी से संबंध बन चुका है. सुनीसुनाई बातों पर ध्यान न दें और भविष्य की सुखद कल्पना करें. सब अच्छा होगा. जरूरी है विवाह के बाद पतिपत्नी का एकदूसरे पर विश्वास हो. रिश्तों को ईमानदारी से निभाएंगे तो कोई समस्या नहीं होगी.

कौलेज लाइफ में रोमांस का तड़का

कालेज की मौजमस्ती जिंदगीभर याद रहती है. वहां बनाए दोस्त, टीचर, घूमनाफिरना सब यादगार लमहों में शामिल होते हैं पर कालेज का रोमांस जिंदगी का ऐसा हिस्सा होता है, जिसे याद कर हर समय रूमानियत महसूस होती है और लगता है कालेज में रोमांस नहीं किया तो क्या किया… कालेज लाइफ के लमहे जीवन के अनमोल लमहे होते हैं. उस दौरान हम कई अलगअलग अनुभवों से गुजरते हैं. एक तरफ दिल धड़कता है तो दूसरी तरफ कैरियर को ले कर टैंशन होती है. वहीं दोस्तों के साथ मस्ती वाले पल गुजरते हैं. इन पलों को अच्छे से जी लेना चाहिए क्योंकि यही वह समय होता है जब हमें पहलीपहली बार प्यार का एहसास होता है. कई बार हम बताने में डरते हैं तो कई बार जल्दबाजी में गड़बड़ भी कर देते हैं. सो, जरूरी है कि अपने क्रश को अपने दिल की बात बताने में देरी न करें, न ही हिचकिचाएं.

उसे अपने दिल का हाल इस तरह बताएं कि वह मान ही जाए. तो आइए जानते हैं कि कालेज में कैसे करें मस्ती. शरीफों वाली इमेज छोड़ें यार अगर मैं ने लड़की से फ्रैंडशिप कर ली और पापा को पता चल गया तो क्या होगा, इस बात पर मम्मी बहुत गुस्सा होंगी, अगर बहन को पता चला तो वह मु झ से बात करना छोड़ देगी. यह सब सोचसोच कर यानी आप की शरीफों वाली इमेज के कारण अगर आप ने कालेज लाइफ नहीं जी तो आप बाद में बहुत पछताएंगे. ये दिन वापस लौट कर नहीं आने वाले. इसलिए अपनी सीधेपन वाली इमेज को छोड़ कर अपने बाकी फ्रैंड्स की तरह मस्ती करने में पीछे न रहें.

लड़की से दोस्ती करने में हिचकिचाएं नहीं. दोस्ती करते समय आप की पर्सनैलिटी काफी बोल्ड व अच्छी होनी चाहिए ताकि लड़की को आप में कोई बात नजर आए. वह यह न सोचे कि यार, यह तो अभी ही इतना डरपोक है, आगे दोस्ती कैसे निभाएगा, सो, इस से दूर रहने में ही भलाई है. प्रपोज करने में देरी न करें यार, वह क्या सोचेगी, कहीं बुरा न मान जाए या फिर मन के डर के कारण अगर आप ने अपने क्रश को प्रपोज करने में काफी समय लगा दिया तो हो सकता है कि आप की वाली किसी और की हो जाए क्योंकि आप का जिस पर क्रश है, हो सकता है उसे भी किसी पर क्रश हो जाए. ऐसे में बहुत ही ‘जैंटल वे’ में लड़की को प्रपोज करें. उस से बोलें, ‘मु झे तुम्हारी मासूमियत बहुत पसंद है, तुम्हारी स्माइल पर मैं फिदा हो गया हूं. क्या तुम मु झ से दोस्ती करोगी.’ अगर लड़की की भी हां हुई तो आप के मजे आ जाएंगे. फिर तो कालेज लाइफ को जीने का जो मजा आएगा उस की बात ही अलग होगी. लेकिन अगर वह इस दोस्ती के लिए न करे तो जबरदस्ती न करें और उसे सोचने के लिए थोड़ा समय दें.

हो सकता है कि धीरेधीरे उसे भी आप पसंद आने लगें. एकदूसरे के साथ खूबसूरत समय बिताएं अगर आप स्कूल की तरह कालेज में भी किताबी कीड़ा बन कर रहेंगे तो लाइफ को खुल कर एंजौय नहीं कर पाएंगे. इसलिए खुल कर जिएं इन दिनों को. अगर आप ने कालेज में गर्लफ्रैंड नहीं बनाई तो जिंदगी फीकीफीकी सी लगेगी. इसलिए गर्लफ्रैंड बनाएं क्योंकि इस में कोई बुराई नहीं है और जब साथ में खूबसूरत लड़की का साथ होता है तो उस की बात ही अलग होती है. अगर पहलीपहली बार गर्लफ्रैंड बनाई है तो उस के साथ खूबसूरत समय बिताएं. उसे कहीं आउटिंग पर ले कर जाएं, उस की पसंद का फूड और्डर करें. कहीं शांत जगह पर एकदूसरे को जानने की कोशिश करें, जिस से दोस्ती और गहरी हो सके. जब एकदूसरे को जानते हैं तो रिश्ता और गहरा बनता है. बस, दिल से किसी बात को न लगाएं

और खुल कर इस टाइम को एंजौय करें. बोरिंग बन कर न रहें फ्रैंड्स के कहने पर कालेज में गर्लफ्रैंड तो पटा ली लेकिन उस के साथ इतने बोरिंग बने रहे कि उसे ही आप से दोस्ती करने में पछतावा होने लगे और वह मौका पा कर आप से छुटकारा पाने के लिए सोचने लगे. इसलिए आप जब गर्लफ्रैंड बनाएं तो आप को अपना बोरिंग व्यवहार छोड़ना पड़ेगा. उस के साथ रोमांटिक बातें करें. अगर दोस्ती थोड़ी गहरी हो गई है तो पार्टनर की मरजी से ‘किस’ करने का मौका भी न छोड़ें. उसे जब घुमाने ले जाएं तो हाथ में हाथ डाल कर उस के साथ रोमांटिक बातें करें. अपनी भी सुनाएं और उस के मन की भी सुनें. इस से रिश्ते में बोरियत नहीं रहेगी और यह दोस्ती दिल को एक सुकूनभरा एहसास देने का काम करेगी. सरप्राइज से स्पैशल फील करवाएं हर लड़की को सरप्राइज अच्छे लगते हैं लेकिन अगर गर्लफ्रैंड होने के नाते वह ही आप को हमेशा सरप्राइज देती रहेगी तो उसे भी आप के साथ अच्छा फील नहीं होगा. इसलिए अपनी इस दोस्ती को स्पैशल बनाने के लिए कभी उसे लंच डेट पर ले जा कर सरप्राइज दें तो कभी उसे छोटी ही सही लेकिन शौपिंग करवा कर उस को आप से प्यार करने पर मजबूर कर दें. लड़कियां शौपिंग की दीवानी होती हैं, कोई भी उन की इस इच्छा को पूरा कर देता है तो वे उस की हो कर रह जाती हैं. फिर तो आप उस के लिए काफी खास हैं. यकीन मानिए जब आप उसे उस के फेवरेट रैस्तरां में लंच करवाने के साथसाथ शौपिंग करवा देंगे तो वह आप को हग किए बिना नहीं रह पाएगी.

इसलिए इस दोस्ती को फीकाफीका रखने के बजाय पार्टनर को सरप्राइज दे कर स्पैशल बनाएं. दोस्त की मदद लें अगर आप को पहलीपहली बार प्यार हुआ है, पहलीपहली बार आप इस तरह के रिलेशन में बंधे हैं, पहलीपहली बार कुछ खास एहसास हुआ है और आप को कुछ सम झ नहीं आ रहा कि कैसे अपनी पार्टनर को खुश रखें, उस के लिए क्या कुछ स्पैशल प्लान करूं, उसे कहां घुमाने ले जाऊं तो इस के लिए अपने दूसरे दोस्त की मदद लें. वह आप को अच्छे से गाइड करने के साथसाथ आप को कुछ हैल्पफुल टिप्स देगा. जिस से आप को अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने में आसानी होगी. न करें यह गलती कालेज का क्रश हो या फिर कालेज का प्यार, अकसर कालेज की तरह ही शौर्ट टर्म होता है. इसलिए इस में एक बार दोस्ती होने पर जोश में आ कर होश न खोएं. पार्टनर के साथ रोमांस, मीठेमीठे पल जरूर बिताएं. लेकिन जितना हो सके, संबंध बनाने से बचें और अगर दोस्ती काफी गहरी हो गई है और रिलेशन बनाना भी चाहते हैं तो अनसेफ सैक्स करने से बचें. वरना बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.

मैं इन दिनों बहुत अकेला महसूस करता हूं किसी से भी बात करने का मन नहीं करता, क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 21 साल है, कालेज के थर्ड ईयर में हूं. मेरी अपने दोस्तों से बातचीत अब लगभग खत्म हो चुकी है. मेरा सोशल मीडिया से भी मन ऊब चुका है. पढ़ना चाहता हूं तो किताबों में मन नहीं लगता. किसी दोस्त से बात करना भी चाहता हूं तो सब इतनी ऊपरी बातें करते हैं कि लगता है आखिर बात शुरू ही क्यों की थी. मम्मीपापा या छोटी बहन के साथ बैठता हूं तो उन्हें फोन से सिर उठा कर बात करने का मन नहीं होता. मम्मी अपनी सहेलियों से ब्यूटी टिप्स लेनेदेने में लगी रहती हैं और पापा राजनीतिक बहसों में, बहन को तसवीरें पोस्ट करने से फुरसत नहीं है. इतना अकेलापन महसूस होने लगा है कि समझ नहीं आता, इस से छुटकारा कैसे मिलेगा.

जवाब

इंग्लिश में एक बात कहते हैं कि ‘इट्स औल इन योर हैड’ यानी जो है आप के दिमाग में है. कोई बात नहीं कर रहा है और आप को समय नहीं दे रहा है तो आप कुछ नहीं कर सकते. लेकिन आप अपना मूड जरूर ठीक कर सकते हैं. अकेले रहने में कोई बुराई नहीं है. यह प्रोडक्टिव रहने का सब से अच्छा समय है. बुक नहीं पढ़ी जा रही तो वैब सीरीज देखिए, कोई फिल्म देख लीजिए. खुद की कंपनी एंजौय कीजिए. अपना मन नैगेटिव चीजों से हटाएंगे तभी पौजिटिव चीजें देख पाएंगे. छोटे पैराग्राफ या कविता आदि पढ़ेंगे तो किताबें पढ़ने में भी मन लगेगा. आप का थर्ड ईयर है और यह समय कैरियर के बारे में सोचने का है. इस समय को लोगों में गलतियां छांटने या समय गंवाने की जगह खुद पर और अपनी पढ़ाई पर इन्वैस्ट कीजिए.

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एक गेस्ट मेरे घर आकर रहना चाहते हैं पर उनसे मैं अनकंफर्टेबल फील करती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी ननद के पति यानी ननदोई कुछ दिन हमारे घर आ कर रहना चाहते हैं. मैं नहीं चाहती कि वे हमारे घर में रहें. उन के यहां आते ही मेरी सारी खुशी खत्म हो जाती है. लेकिन मेरे पति यह बात नहीं समझते. उन का कहना है कि हमें रिश्ते निभाने चाहिए और अतिथि का आदर करना चाहिए. मगर अतिथि एक दिन के लिए आए तो अच्छा है न, घर में 15 दिन बसने के लिए आ जाए, यह तो सही नहीं है. उन के आने के एक मिनट बाद से ही मैं अनकंफर्टेबल फील करने लगती हूं, पर पति को कैसे समझाऊं?

जवाब

आप यदि नहीं चाहतीं कि कोई आप के घर में इतने लंबे समय के लिए आए तो अपने पति से साफ शब्दों में कह दीजिए, यह भी बताएं कि आप अनकंफर्टेबल महसूस करती हैं. हो सकता है इस बात से आप पतिपत्नी की आपस में बहस भी हो लेकिन अपनी बात रखना गलत नहीं है. आखिर आप किसी के प्रति खुशी जाहिर तभी कर सकते हैं न जब आप सच में खुश हों. आप अपने पति को समझाइए कि 15 दिन ज्यादा हैं, बात एकदो दिन की हो तो आप एडजस्ट करने के लिए तैयार हैं.

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मेरी चाची अक्सर अपने कमरे में रहती है उन्हें देखकर लगता है वो खुश नहीं हैं, मैं क्या करूं ?

सवाल

मेरे चाचाचाची की अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई है. मेरी उम्र 19 वर्ष है और मेरे चाचाचाची की उम्र यही कुछ 26-27 के आसपास है. मुझे अपनी चाची को देख कर लगता है जैसे वे खुश नहीं हैं और हमेशा उदास रहती हैं. मैं कालेज जाती हूं, वापस आती हूं तो अपने कमरे में ही रहती हूं जिस कारण कभी चाची से घुलीमिली भी नहीं. समझ नहीं आता उन से कैसे पूछूं कि क्या परेशानी है?

जवाब

आप की और आप की चाची की उम्र में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है, आप चाहें तो उन से हिलनेमिलने की कोशिश कर सकती हैं. आप का और उन का व्यवहार एकदूसरे से अलग हो सकता है, व्यक्तित्व अलग हो सकता है मगर इस का मतलब यह नहीं कि आप उन्हें परेशान देख कर भी चुप बैठी रहें, यह तो   नैतिक भी नहीं होगा. आप उन्हें समय देने की कोशिश कीजिए. यदि वे आप को बता दें कि उन्हें किस बात से परेशानी है और उस में आप उन की मदद कर सकें तो इस से बेहतर क्या होगा.

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उम्र के साथ ऐसे बदलता है सेक्स बिहेवियर

शादीशुदा जिंदगी में दूरियां बढ़ाने में सेक्स का भी अहम रोल होता है. अगर परिवार कोर्ट में आए विवादों की जड़ में जाएं तो पता चलता है कि ज्यादातर झगड़ों की शुरुआत इसी को ले कर होती है. बच्चों के बड़े होने पर पतिपत्नी को एकांत नहीं मिल पाता. ऐसे में धीरेधीरे पतिपत्नी में मनमुटाव रहने लगता है, जो कई बार बड़े झगड़े का रूप भी ले लेता है. इस से तलाक की नौबत भी आ जाती है. विवाहेतर संबंध भी कई बार इसी वजह से बनते हैं.

मनोचिकित्सक डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘उम्र के हिसाब से पति और पत्नी के सेक्स का गणित अलगअलग होता है. यही अंतर कई बार उन में दूरियां बढ़ाने का काम करता है. पतिपत्नी के सेक्स संबंधों में तालमेल को समझने के लिए इस गणित को समझना जरूरी होता है. इसी वजह से पतिपत्नी में सेक्स की इच्छा कम अथवा ज्यादा होती है. पत्नियां इसे न समझ कर यह मान लेती हैं कि उन के पति का कहीं चक्कर चल रहा है. यही सोच उन के वैवाहिक जीवन में जहर घोलने का काम करती है. अगर उम्र को 10-10 साल के गु्रपटाइम में बांध कर देखा जाए तो यह बात आसानी से समझ आ सकती है.’’

शादी के पहले

आजकल शादी की औसत उम्र लड़कियों के लिए 25 से 35 के बीच हो गई है. दूसरी ओर खानपान और बदलते परिवेश में लड़केलड़कियों को 15 साल की उम्र में ही सेक्स का ज्ञान होने लगता है. 15 से 30 साल की आयुवर्ग की लड़कियों में नियमित पीरियड्स होने लगते हैं, जिस से उन में हारमोनल बदलाव होने लगते हैं. ऐसे में उन के अंदर सेक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. वे इस इच्छा को पूरी तरह से दबाने का प्रयास करती हैं. उन पर सामाजिक और घरेलू दबाव तो होता ही है, कैरियर और शादी के लिए सही लड़के की तलाश भी मन पर हावी रहती है. ऐसे में सेक्स कहीं दब सा जाता है.

इसी आयुवर्ग के लड़कों में सेक्स के लिए जोश भरा होता है. कुछ नया करने की इच्छा मन पर हावी रहती है. उन की सेहत अच्छी होती है. वे हर तरह से फिट होते हैं. ऐसे में शादी, रिलेशनशिप का खयाल उन में नई ऊर्जा भर देता है. वे सेक्स के लिए तैयार रहते हैं, जबकि लड़कियां इस उम्र में अपनी इच्छाओं को दबाने में लगी रहती हैं.

30 के पार बदल जाते हैं हालात

महिलाओं की स्थिति: 30 के बाद शादी हो जाने के बाद महिलाओं में शादीशुदा रिलेशनशिप बन जाने से सेक्स को ले कर कोई परेशानी नहीं होती है. वे और्गेज्म हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं. महिलाएं कैरियर बनाने के दबाव में नहीं होती. घरपरिवार में भी ज्यादा जिम्मेदारी नहीं होती. ऐसे में सेक्स की उन की इच्छा पूरी तरह से बलवती रहती है. बच्चों के होने से शरीर में तमाम तरह के बदलाव आते हैं, जिन के चलते महिलाओं को अपने अंदर के सेक्सभाव को समझने में आसानी होती है. वे बेफिक्र अंदाज में संबंधों का स्वागत करने को तैयार रहती हैं.

पुरुषों की स्थिति: उम्र के इसी दौर में पति तमाम तरह की परेशानियों से जूझ रहा होता है. शादी के बाद बच्चों और परिवार पर होने वाला खर्च, कैरियर में ग्रोथ आदि मन पर हावी होने लगता है, जिस के चलते वह खुद को थका सा महसूस करने लगते हैं. यही वह दौर होता है जिस में ज्यादातर पति नशा करने लगते हैं. ऐसे में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

महिला रोग विशेषज्ञा, डाक्टर सुनीता चंद्रा कहती हैं, ‘‘हमारे पास बांझपन को दूर करने के लिए जितनी भी महिलाएं आती हैं उन में से आधी महिलाओं में बांझपन का कारण उन के पतियों में शुक्राणुओं की सही क्वालिटी का न होना होता है. इस का बड़ा कारण पति का मानसिक तनाव और काम का बोझ होता है. इस के कारण वे पत्नी के साथ सही तरह से सेक्स संबंध स्थापित नहीं कर पाते.’’

नौटी 40 एट

40 के बाद की आयुसीमा एक बार फिर शारीरिक बदलाव की चौखट पर खड़ी होती है. महिलाओं में इस उम्र में हारमोन लैवल कम होना शुरू हो जाता है. उन में सेक्स की इच्छा दोबारा जाग्रत होने लगती है. कई महिलाएं अपने को बच्चों की जिम्मेदारियों से मुक्त पाती हैं, जिस की वजह से सेक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. मगर यह बदलाव उन्हीं औरतों में दिखता है जो पूरी तरह से स्वस्थ रहती हैं. जो महिलाएं किसी बीमारी का शिकार या बेडौल होती हैं, वे सेक्स संबंधों से बचने का प्रयास करती हैं.

40 प्लस का यह समय पुरुषों के लिए भी नए बदलाव लाता है. उन का कैरियर सैटल हो चुका होता है. वे इस समय को अपने अनुरूप महसूस करने लगते हैं. जो पुरुष सेहतमंद होते हैं, बीमारियों से दूर होते हैं वे पहले से ज्यादा टाइम और ऐनर्जी फील करने लगते हैं. उन के लिए सेक्स में नयापन लाने के विचार तेजी से बढ़ने लगते हैं.

50 के बाद महिलाओं में पीरियड्स का बोझ खत्म हो जाता है. वे सेक्स के प्रति अच्छा फील करने लगती हैं. इस के बाद भी उन के मन में तमाम तरह के सवाल आ जाते हैं. बच्चों के बड़े होने का सवाल मन पर हावी रहता है. हारमोनल चेंज के कारण बौडी फिट नहीं रहती. घुटने की बीमारियां होने लगती हैं. इन परेशानियों के बीच सेक्स की इच्छा दब जाती है.

इस उम्र के पुरुषों में भी ब्लडप्रैशर, डायबिटीज, कोलैस्ट्रौल जैसी बीमारियां और इन को दूर करने में प्रयोग होने वाली दवाएं सेक्स की इच्छा को दबा देती हैं. बौडी का यह सेक्स गणित ही पतिपत्नी के बीच सेक्स संबंधों में दूरी का सब से बड़ा कारण होता है.

डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘ऐसे में जरूरत इस बात की होती है कि सेक्स के इस गणित को मन पर हावी न होने दें ताकि सेक्स जीवन को सही तरह से चलाया जा सके.’’

रिलेशनशिप में सेक्स का अपना अलग महत्त्व होता है. हमारे समाज में सेक्स पर बात करने को बुरा माना जाता है, जिस के चलते वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं. इन का दवाओं में इलाज तलाश करने के बजाय अगर बातचीत कर के हल निकाला जाए तो समस्या आसानी से दूर हो सकती है. लड़कालड़की सही मानो में विवाह के बाद ही सेक्स लाइफ का आनंद ले पाते हैं. जरूरत इस बात की होती है कि दोनों एक मानसिक लैवल पर चीजों को देखें और एकदूसरे को सहयोग करें. इस से आपसी दूरियां कम करने और वैवाहिक जीवन को सुचारु रूप से चलाने में मदद मिलती है.

मेरे पेरेंट्स और भाई हमेशा ताना मारते रहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरे 2 बड़े भाई हैं जो मुझ पर अकसर रोकटोक करते रहते हैं. उन दोनों के अनुसार मुझे एक सभ्य लड़की की तरह रहना चाहिए मुंह बंद कर के. बीते दिनों घर में सुबहशाम न्यूज चैनल चलते
रहते थे. उन पर कभी जमाती तो कभी हिंदूमुसलिम मसला उठता तो परिवार के सभी लोग किसी गुंडे जैसी भाषा का प्रयोग करने लगते. जला दो, मार डालो जैसे शब्द कहते तो मैं खिन्न हो जाती क्योंकि किसी भी स्थिति में इंसानियत भूल जाना तो किसी मसले का हल नहीं.

इस चक्कर में मेरी अपने भाइयों से भी कई बार लड़ाई हुई और मम्मीपापा से भी. अब हो यह रहा है कि वे आज तक मुझे ताने ही देते रहते हैं. मुझे लगने लगा है कि मेरी ही गलती है जो मैं ने किसी को कुछ समझाने की कोशिश की, लेकिन क्या सचमुच में मैं ही गलत हूं? अब अपने घरवालों से अपने रिश्ते को संभालूं या अपने सिद्धांतों पर चलूं?

जवाब

आप का कहना सही है कि इंसान को इंसानियत देखनी चाहिए और अपने सिद्धांतों पर भी चलना चाहिए. आप अब तक अपने परिवार को सही समझाने की कोशिश करती आई हैं तो अब पीछे हटने के बारे में मत सोचिए. यह सही है कि रिश्ते बनाए रखना जरूरी है लेकिन इस बाबत किसी के गलत तथ्यों या कहें गलत बातों का समर्थन करना तो सही नहीं है. आप अपनी बात पर अडिग रहें और साथ ही अपने पारिवारिक संबंध भी सही करने की कोशिश करें.

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मुझे भाभी के साथ सेक्स करते हुए मेरे भतीजे ने देख लिया, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 35 साल है और अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है. पिछले 15 साल से मेरा अपनी भाभी के साथ जिस्मानी रिश्ता रहा है. लेकिन हाल ही में मेरे भतीजे ने हम दोनों को बिस्तर पर एकसाथ देख लिया था. तब से मेरी भाभी मुझ से बात नहीं कर रही हैं. मैं उस के बिना रह नहीं सकता. क्या करूं?

जवाब

इस तरह के संबंध बनाए तब जाने चाहिए जब छिपा कर रख सकें, वरना खतरा तो रहेगा ही. भतीजे की जगह अगर भाई या कोई और बड़ा देखता तो क्या हालत होती, इस का अंदाजा आप भी लगा सकते?हैं. आप की?भाभी वही कर रही?हैं जो इस हालत में किसी भी औरत को करना चाहिए. अब आप को चाहिए कि मुफ्त की मलाई का लालच छोड़ कर शादी कर लें और भाभी से जिस्मानी संबंधों की बात को भूल जाएं.

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