सवाल

मेरी उम्र 21 साल है, कालेज के थर्ड ईयर में हूं. मेरी अपने दोस्तों से बातचीत अब लगभग खत्म हो चुकी है. मेरा सोशल मीडिया से भी मन ऊब चुका है. पढ़ना चाहता हूं तो किताबों में मन नहीं लगता. किसी दोस्त से बात करना भी चाहता हूं तो सब इतनी ऊपरी बातें करते हैं कि लगता है आखिर बात शुरू ही क्यों की थी. मम्मीपापा या छोटी बहन के साथ बैठता हूं तो उन्हें फोन से सिर उठा कर बात करने का मन नहीं होता. मम्मी अपनी सहेलियों से ब्यूटी टिप्स लेनेदेने में लगी रहती हैं और पापा राजनीतिक बहसों में, बहन को तसवीरें पोस्ट करने से फुरसत नहीं है. इतना अकेलापन महसूस होने लगा है कि समझ नहीं आता, इस से छुटकारा कैसे मिलेगा.

जवाब

इंग्लिश में एक बात कहते हैं कि ‘इट्स औल इन योर हैड’ यानी जो है आप के दिमाग में है. कोई बात नहीं कर रहा है और आप को समय नहीं दे रहा है तो आप कुछ नहीं कर सकते. लेकिन आप अपना मूड जरूर ठीक कर सकते हैं. अकेले रहने में कोई बुराई नहीं है. यह प्रोडक्टिव रहने का सब से अच्छा समय है. बुक नहीं पढ़ी जा रही तो वैब सीरीज देखिए, कोई फिल्म देख लीजिए. खुद की कंपनी एंजौय कीजिए. अपना मन नैगेटिव चीजों से हटाएंगे तभी पौजिटिव चीजें देख पाएंगे. छोटे पैराग्राफ या कविता आदि पढ़ेंगे तो किताबें पढ़ने में भी मन लगेगा. आप का थर्ड ईयर है और यह समय कैरियर के बारे में सोचने का है. इस समय को लोगों में गलतियां छांटने या समय गंवाने की जगह खुद पर और अपनी पढ़ाई पर इन्वैस्ट कीजिए.

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