मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

पति-पत्नी: इस बेवफाई की वजह क्या है

तनाव ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना स्थायी बसेरा बना लिया है और इस के चलते आज दुनिया के दूसरे तमाम देशों के साथसाथ भारत में भी औरतें और लड़कियां अपनी सैक्स जिंदगी को ले कर चिंता से घिर चुकी हैं.

दरअसल, आज एक तरफ देश अपनी आजादी के 75 सालों का महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ ‘सैक्स’ शब्द का उच्चारण करना ही हमारे पारंपरिक समाज में गलत माना जाता रहा है.

उर्फी जावेद और पूनम पांडेय के बदनदिखाऊ कपड़ों पर बेहूदा बातें कही जाती हैं, पर जब उन के फोटो सोशल मीडिया पर आते हैं, तो लोग अकेले में अपनी आंखें सेंकने से बाज नहीं आते हैं. पर मजाल है कि कोई लड़की सैक्स पर अपने मन की बात कह सके कि उसे अपने पार्टनर से आखिर चाहिए क्या?

गांवदेहात की औरतों की हालत तो और भी ज्यादा बुरी है. वहां तो सैक्स का मतलब है मर्द की मनमानी और औरत की चुप्पी. सिसकी लेना भी सजा की तरह है, तभी तो आज के दौर में औरतें अपनी सैक्स इमेज से ले कर सैक्स के जोश, चरम संतुष्टि तक को ले कर समस्याग्रस्त रहने लगी हैं. इतनी ज्यादा कि वे डिप्रैशन में चली जाती हैं.

यह बड़े दुख और हैरत की बात है कि आजादी के इतने साल बाद भी भारत जैसे परंपरागत देश में सैक्स या औरत और मर्द के नाजुक अंगों संबंधी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने की तकरीबन मनाही है. औरतों की तो जबान ही सिल दी जाती है. तो क्या यह गूंगापन औरतों को बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है?

बिलकुल कर सकता है. आज ऐसी खबरों से मीडिया अटा पड़ा है कि 2 बच्चों की मां अपने प्रेमी के संग भागी. पति के काम पर जाते ही पत्नी अपने प्रेमी को घर पर बुला लेती थी. बहुत सी बार तो इस तरह के मामले खुलने पर मर्डर जैसा खतरनाक अपराध भी हो जाता है.

पहली नजर में ऐसा लगता है कि हमारा समाज एक ऐसा समाज है, जहां नौजवान यह सोचसोच कर बड़े होते हैं कि सैक्स करना एक ऐसा काम है, जो सिर्फ शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी का हिस्सा है और शादी के बाद किसी पराए से नजदीकियों को हमारे समाज में अच्छा नहीं समझा जाता है, लेकिन आप को यह जान कर हैरानी होगी कि बेवफाई के मामले में शादीशुदा भारतीय औरतें देश में मर्दों के मुकाबले आगे हैं. यह खुलासा एक विदेशी ऐक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग एप ‘ग्लीडन’ द्वारा कराए गए एक सर्वे से हुआ है.

इस सर्वे के मुताबिक, 53 फीसदी भारतीय पत्नियों ने शादी के बाद पराए मर्दों से सैक्स संबंधों में शामिल होने की बात मानी है, जबकि ऐसे मर्दों का आंकड़ा 43 फीसदी पाया गया है.

इस सर्वे से यह भी खुलासा हुआ कि भारतीय औरतें शादी के बाद पराए मर्द से संबंधों को ले कर, खासतौर से जब इस में रोमांस भी घुला हो, तो काफी खुली सोच रखती हैं.

इस सर्वे में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद जैसे बड़े भारतीय शहरों की 25 से 50 साल की उम्र की शादीशुदा औरतों को शामिल किया गया था.

इस सर्वे से यह भी पता चला है कि भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा लोगों ने अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ सैक्स संबंध होने की बात स्वीकार की है.

ऐसी औरतें, जो अपने पति के अलावा किसी दूसरे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध बना कर रखती हैं, उन मर्दों से आगे हैं, जो शादी के बाद किसी पराई औरत के साथ रिश्ते निभा रहे हैं.

इस सर्वे से सब से हैरान करने वाली जो बात सामने आई है, वह यह कि बहुत से भारतीयों का मानना है कि कोई भी इनसान एक समय में 2 अलगअलग लोगों के प्यार में पड़ सकता है.

भारतीय समाज के इस दिलचस्प पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि यहां 46 फीसदी लोगों का मानना है कि आप जिस इनसान से प्यार करते हैं, उसी को प्यार में धोखा भी दे सकते हैं. शायद यही वजह है कि भारतीय अपने पार्टनर की बेवफाई का राज खुलने पर उसे माफ करने को तैयार हैं.

इस सर्वे से यह भी उजागर हुआ है कि 37 फीसदी लोग अपने पार्टनर को बिना कुछ सोचेसमझे माफ कर देंगे, जबकि 40 फीसदी उस हालत में माफ करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते हालात इस गुनाह को हलका बनाने वाले हों. इसी तरह सर्वे की रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि लोग चाहते हैं कि उन के पार्टनर भी उन्हें भेद खुलने पर माफ कर दें.

इस सर्वे के मुताबिक, ऐसी शादीशुदा औरतों का फीसदी 40 तक है, जो किसी ऐसे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध रखती हैं, जो उन का पति नहीं है, जबकि केवल 26 फीसदी मर्द ही किसी दूसरी औरत के साथ शारीरिक स्तर पर नियमित संबंध रखते हैं.

भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा मर्दों ने यह स्वीकार किया है कि वे अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ भी सैक्स संबंध रख चुके हैं, जबकि 10 में से 5 मर्द कैजुअल सैक्स या वन नाइट स्टैंड में शामिल रहे हैं.

भारत में औरतों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी बेइज्जती और शर्मिंदगी उठानी पड़ती है, फिर वह चाहे सड़कोंचौराहों की बात हो या बिस्तर पर, इसी के चलते वे अकसर अपनी सैक्सुएलिटी को ले कर खुलापन नहीं रख पातीं. लेकिन अब औनलाइन दुनिया में सक्रियता बढ़ने से वे भी खुल रही हैं और खुद को जाहिर भी कर पा रही हैं.

इस सर्वे में यह तो बता दिया गया है कि शादीशुदा औरतें भी पराए मर्द के साथ संबंध बनाने में कोई गुरेज नहीं करती हैं, पर इस बेवफाई की वजह क्या है? क्या पति की उम्र का फर्क इस बेवफाई को बढ़ावा देता है?

आज से कुछ साल पहले तक ऐसा खूब होता था, जब शादी के समय लड़के और लड़की की उम्र में काफी फर्क हो जाता था. लड़की 22 की, तो लड़का

32 का. कुछ साल तक तो ऐसी शादी में कोई अड़चन नहीं आती थी, पर बाद में लड़की का किसी हमउम्र लड़के की तरफ खिंचाव होना नौर्मल बात होती थी.

पैसा भी इस बेवफाई में काफी अहम रोल निभाता है. बहुत सी औरतों को पैसे की इतनी ज्यादा चाहत हो जाती है कि उन्हें अपने पति की कमाई कम लगने लगती है. फिर वे कोई ऐसा पार्टनर तलाश करने लगती हैं, जो उन के खर्चे बिना किसी बहस के उठा सके और यह काम तो कोई आशिक ही कर सकता है.

पतिपत्नी की कलह भी औरत को पति से बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है. पति कितना भी रईस क्यों न हो, पर अगर वह औरत को अपने पैर की जूती समझ कर उस पर जुल्म करे, तो औरत का किसी पराए मर्द की तरफ जाना बहुत आसान हो जाता है. वह खुद पर हुए जुल्म का बदला किसी दूसरे मर्द के साथ हमबिस्तर हो कर देने में अपनी जीत समझती है.

बहुत से मामलों में पति की बेवफाई भी औरत को वैसा ही करने पर मजबूर कर देती है. जब पति उस के होते हुए किसी दूसरी पर बेसब्रे सांड़ की तरह लाइन मारे तो वह भी खूंटा तुड़ाई गाय बन जाती है.

इस के अलावा अगर पति अपनी पत्नी से दूर रहता है या औरत की उस की ससुराल में बेइज्जती होती है या फिर उन के विचार सिरे से नहीं मिलते हैं,

तब भी औरत बेवफाई की राह पर चल पड़ती है. इतना ही नहीं, जब से बाजार में गर्भनिरोधक सामान की भरमार हुई है, तब से औरतों को नाजायज रिश्ता बनाने में आसानी हुई है.

लेकिन ऐसी बातें जब तक छिपी रहती हैं, तब तक तो मजा देती हैं पर खुलने पर जिंदगी को जहन्नुम बनाने में देर नहीं लगाती हैं.

बढ़े हुए प्रोस्टेट से आपकी सेक्स लाइफ हो सकती है प्रभावित!

कहीं इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या यौन संतुष्टि में कमी जैसी किसी परेशानी से तो आप सामना नहीं कर रहे? यह समस्या प्रोस्टेट के बढ़ने से भी हो सकती हैं .यदि आपका प्रोस्टेट नार्मल साइज से बड़ा है तो यह आपकी सेक्स लाइफ को खराब कर सकता है.

असल में प्रोस्टेट ग्लैंड जिसको पौरुष ग्रंथि भी कहा जाता है वीर्य बनाने वाली महत्वपूर्ण ग्लैंड है. कई बार उम्र के साथ-साथ या हार्मोनल चेंज के कारण यह बढ़ जाती है. इस कारण बहुत से पुरुषों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

अगर आपकी भी प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ी हुई है, तो आपको भी सेक्स संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ये यौन समस्यायें , प्रोस्टेट की स्थिति के अनुसार भिन्न भिन्न होती है.बढ़ा हुआ प्रोस्टेट आपकी पेशाब करने की सक्षमता को सीधा प्रभावित करते हैं.इस परेशानी की वजह से  बहुत सी सेक्स संबंधित समस्या होने लगती है . और यह समस्याएं बढ़े हुए प्रोस्टेट की स्थिति के मुताबिक बढ़ती हैं.

कुछ आम सेक्चुअल साइड इफैक्ट्स इस प्रकार हैं-

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction)
  • यौन संतुष्टि में कमी (reduced sexual satisfaction)
  • इरेक्शन को बनाए रखने में समस्याएं (problems maintaining an erection)
  • कामेच्छा में कमी (decreased libido)इन साइड इफेक्ट्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर हैं-
  • उम्र
  • जेनेटिक्स और
  • एंजाइटीआइए जानते हैं लक्षण ताकि आप  मालूम कर सके कि कहीं आप इस परेशानी से तो ग्रस्त नहीं.लक्षण (Symptoms)

कई बार पुरुषों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें प्रोस्टेट से जुड़ी समस्या है. यदि नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं ,तो आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. यह भी संभव है कि यह परेशानी किसी और वजह से हो.

  • पेशाब के लिए जाएं और पेशाब करने में परेशानी हो. पेशाब करने की
  • पेशाब  शुरू होने पर हल्की धारा का निकलना.
  • चाहे दिन हो या रात लेकिन बार-बार पेशाब  की जरूरत महसूस होना.
  • पेशाब करने के बाद भी डिस्चार्ज होना.
  • पेशाब करने के बाद ब्लैडर का भरा हुआ फील होना.
  • पेशाब  करते समय तेज दर्द महसूस होना.

बढ़े हुए प्रोस्टेट का असर

नई दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट और यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसके पाल का कहना है कि पिछले कुछ सालों से पुरुषों से जुड़ी गुप्त रोगों की समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं.बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयां या सर्जरी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है या सेक्स लाइफ प्रभावित होती है .आइए जानते हैं किस प्रकार.

सेक्स इच्छा का कम होना

प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पुरुषों को समय से पहले ही बुढ़ापा अपनी गिरफ्त में ले लेता है. ऐसे पुरुष संकोच में रहते हैं. ये ग्लैंड्स प्रजनन के लिए सीमन बनाते हैं. उपचार के समय दवाइयों की वजह से प्रभावित होने के कारण सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

स्खलन शरीर के अंदर

डॉ अनूप  धीर, सीनियर कंसलटेंट एंड सर्जन अपोलो हॉस्पिटल के अनुसार बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण स्खलन की समस्या हो जाती है. स्खलन बाहर होने की बजाय शरीर के अंदर होने लगता है. मेडिकल भाषा में इसे रिवर्स इजैकुलेशन भी बोलते हैं.

बांझपन की समस्या

  • इन ग्लैंड्स के बढ़ने पर शीघ्र पतन और शुक्राणु में कमी जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं. जिस कारण बांझपन की समस्या हो सकती है. इस वजह से सेक्स लाइफ अत्यधिक प्रभावित होती है.
  • शोध के अनुसार प्रोस्टेट इंफेक्शन या बड़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी पुरुषों की सेक्स इच्छा में कमी होती है. यह भी एक वजह है पुरुषों की सेक्स लाइफ प्रभावित होने की.
  • इसके अलावा इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति का शुक्राणुओं की गिनती  भी कम हो जाती है. व्यक्ति नपुंसकता का शिकार तक हो जाता है.

सेक्स से विमुखता

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए दो प्रकार से सर्जरी की जाती है. पहली टीयूआरपी सर्जरी और दूसरी प्रॉस्टेटिक आर्टरी इंबोलाइजेशन सर्जरी. लेकिन इस सर्जरी के फौरन बाद सेक्स के लिए मनाही है. इसलिए 20 से 25 दिन तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिस वजह से सेक्स लाइफ प्रभावित होती है. जब दवाइयां असर नहीं करती तब प्रोस्टेक्टॉमी शल्य चिकित्सा से इन ग्लैंड्स को निकाला जाता है. डॉक्टर एसके पाल का कहना है कि इस का  खास साइड इफेक्ट सेक्स  विमुखता है. इरेक्शन को बनाए रख पाने में असफल होने पर अक्सर पुरुष हीन भावना का शिकार हो जाते हैं.इस वजह से भी अपने पार्टनर से दूरी बना लेते हैं.

मैं कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं होती, क्या करूं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवती हूं. अपने बौयफ्रैंड के साथ 1 साल से कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर मुझे कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई. मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुझ में कोई कमी है और क्या मैं भविष्य में मां बन पाऊंगी या नहीं?

जवाब

सहवास के दौरान आनंदानुभूति न होने की मुख्य वजह सैक्स के प्रति आप की अनभिज्ञता ही है. जहां तक संतानोत्पत्ति का प्रश्न है तो उस का इस से कोई संबंध नहीं है. पीरियड के तुरंत बाद के कुछ दिनों में पति पत्नी समागम के बाद स्त्री गर्भ धारण कर लेती है, बशर्ते दोनों में से किसी में कोई कमी न हो. इसलिए आप कोई पूर्वाग्रह न पालें.

पर विवाह से पहले किसी से संबंध बनाना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है. अत: इन संबंधों पर तुरंत विराम लगाएं वरना पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा.

ऐसे रोमांटिक बनाएं मैरिड लाइफ

शादी के बाद पतिपत्नी पर जैसेजैसे जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ने लगता है वैसेवैसे उन की सैक्स लाइफ पर उस का असर पड़ने लगता है. रोजाना के कामों में व्यस्त हो जाने से उन की सैक्स लाइफ से रोमांटिक लमहे गायब से हो जाते हैं. आइए, जानते हैं कुछ छोटीछोटी ऐक्टिविटी टिप्स, जिन से वे अपने जीवन में रोमांच और रोमांस का भरपूर आनंद ले सकें.

पतिपत्नी के बीच सब से अहम चीज क्या है? जी हां प्यार. रोमांटिक शारीरिक संबंध उन के यौन जीवन को बहुत प्रभावित करता है. अकसर देखा गया है कि जिन पतिपत्नी के रिश्ते में सैक्स की कमी होती है उन में बहुत जल्दी दरार पड़ती है या फिर कपल्स के बीच मनमुटाव हो जाता है. क्योंकि सैक्सुअल लाइफ से ही पता चलता है कि पार्टनर्स के बीच कैसी अंडरस्टैंडिंग है. वे एकदूसरे में कितनी रुचि रखते हैं और एकदूसरे के लिए क्या सोचते हैं. किसी भी कपल की सैक्स लाइफ उन के बीच के भरोसे का प्रतीक होती है.

शादी के बाद पतिपत्नी जैसेजैसे रोजाना के कामों में व्यस्त होते जाते हैं उन के बीच सैक्स की इच्छा घटने लगती है या फिर वह स्पार्क नहीं रह पाता. पतिपत्नी बिस्तर पर होते जरूर हैं लेकिन उन के बीच रोमांटिक शारीरिक संबंध नहीं बन पाता और न ही वे एकदूसरे को सैक्सुअली संतुष्ट कर पाते हैं.

यदि आप अपनी शादीशुदा जिंदगी को भरपूर एनर्जी के साथ जीना चाहते हैं, उसे रोमांस के नए रंगों से भरना चाहते हैं तो कुछ छोटीछोटी ऐक्टिविटीज के लिए तैयार हो जाइए. हां, कुछ एफर्ट तो आप को करने होंगे लेकिन उस के बाद प्यार के लिए एकदूसरे की गर्मजोशी आप खुद महसूस करेंगे.

सैक्स बनाएं रोमांचकारी : पतिपत्नी हैं तो क्या हुआ, गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड की तरह अपने सैक्स को रोमांचकारी बनाने के लिए रात को कुछ नया कर सकते हैं. सैक्स के लिए मूड बनाने के लिए कुछ ऐसा करना जरूरी है जिस से उबाऊ सैक्स से बचा जा सके. कुछ नया करने के लिए आप कमरे में रोमांटिक म्यूजिक प्ले कर सकते हैं. परफ्यूम कैंडिल जला सकते हैं. सैक्सी कपड़े पहन कर एकदूसरे को अट्रैक्ट कर सकते हैं. इसलिए ऐसा कुछ कीजिए जिस से आप का मजा बढ़े.

फोरप्ले है जरूरी : प्यार की शुरुआत करने और अपने पार्टनर को सैक्स के लिए तैयार करने के लिए फोरप्ले करना बहुत जरूरी होता है. आप के प्यार की गरमी उस में यौनसंबंध बनाने की इच्छा पैदा करती है, इसलिए फोरप्ले करने के लिए उस के होंठों, चेहरे, पेट, कमर, गरदन आदि पर किस करें. इस से जननांगों में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और पार्टनर बहुत जल्दी सैक्स के लिए उत्तेजित हो जाता है. फोरप्ले सैक्स का एक अहम हिस्सा है, इसलिए फोरप्ले करने से व्यक्ति अधिक देर तक अंतरंग रहता है और उतना ही अधिक सैक्स का आनंद लेता है.

पहले ओरल सैक्स : सैक्सुअल इंटरकोर्स एक शारीरिक जरूरत है और उसी की पूर्ति के लिए व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सैक्स करता है लेकिन ओरल सैक्स, सैक्स क्रिया शुरू करने से पहले का एक स्टेप है. ओरल सैक्स करने का एक अन्य फायदा यह है कि पतिपत्नी के बीच इंटीमेसी बढ़ती है और  अपने पार्टनर के साथ सैक्स की बातें या अंतरंग बातें करने या पोजिशन के बारे में बात करने में उसे झिझक नहीं होती है. अगर आप चाहते हैं कि आप दोनों की उत्तेजना चरम पर हो और एकदूसरे को बराबर मजा आए तो इस के लिए जरूरी है कि आप ओरल सैक्स करें.

करें मसाज : पतिपत्नी रोजाना शारीरिक संबंध बनाएं, यह जरूरी नहीं है. आप की पार्टनर औफिस और घर के काम के बाद थक गई है, ऐसे में उस के पैरों की मसाज गजब की ऐक्टिविटी हो सकती है. इसी तरह यदि कभी पति पूरे दिन औफिस में काम कर के घर लौटता है तो रात में बैड पर पत्नी उसे प्यार से मसाज करे. इस से थोड़े ही समय में वह पति का दिल जीत सकती है. पति और पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने के लिए एकदूसरे की न्यूड शरीर मालिश करना थ्रिल ऐक्टिविटी है.

सैक्स टौय का भी मजा : पतिपत्नी अपनी सैक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए सैक्स टौय का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्लिटोरिस और योनि में उत्तेजना पैदा करने में सैक्स टौय काफी सहायक होता है जिस से बैड पर पति का काम आसान हो जाता है और पत्नी एक मजेदार और्गेज्म का अनुभव कर सकती है. इसलिए पतिपत्नी एकदूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय हर वह चीज करें जो मजे को बढ़ा दे. सिर्फ अधिक से अधिक आनंद का ध्यान रखें.

पार्टनर के साथ देखें एडल्ट मूवी : कभीकभी अधिक तनाव या यौन रोगों के कारण यौन इच्छा में कमी आ जाती है, ऐसे में सैक्सुअल लाइफ प्रभावित होती है. आमतौर पर सैक्स की इच्छा तीव्र करने के लिए डाक्टर भी एडल्ट मूवी देखने की सलाह देते हैं. साथसाथ एडल्ट मूवी देखने के बाद पतिपत्नी नईनई पोजिशन में एकदूसरे के साथ सैक्स कर सकते हैं. शादी के कुछ वर्षों बाद पतिपत्नी अपने को नए कपल्स नहीं समझते हैं. एकदूसरे को संतुष्ट किए बिना ही सो जाते हैं, इसलिए उत्तेजना बनाए रखने के लिए एडल्ट मूवी जरूर देखें.

एकदूसरे को अच्छा महसूस कराएं: हर समय हर कोई सैक्स के लिए तैयार नहीं भी हो सकता है, इसलिए साथी से पूछ लेना अच्छा होता है या प्यारभरे टच से भी इस बात का पता लगाया जा सकता है कि वह मानसिक व शारीरिक तौर पर सैक्स के लिए तैयार है कि नहीं. इसलिए दोनों पार्टनरों को मानसिक रूप से तैयार होने के लिए आपसी बातचीत और फन करना जरूरी है. एकदूसरे को अच्छा महसूस कराएं.

सैक्स एक संवेदनशील स्थिति है, इसलिए पतिपत्नी को एकदूसरे को हग कर के, एकदूसरे की न्यूड बौडी को छू कर उस के सैक्सी शरीर की तारीफ करनी चाहिए. इस से आप एकदूसरे को अच्छा महसूस कराते हैं.

बहाना न बनाएं : बिस्तर पर सैक्स के लिए न कहना शादीशुदा जिंदगी को प्रभावित करता है. वास्तव में सैक्स शारीरिक दर्द को दूर करने, तनाव को कम करने और बेहतर नींद को बढ़ावा देने में काफी मददगार होता है. इसलिए सैक्स को ले कर आपसी समझ और तालमेल बिठाए रखना चाहिए ताकि दोनों की रात खराब न हो.

हाल में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि शादीशुदा लोगों के जीवन में सैक्स का एक अलग स्थान है. अगर पतिपत्नी रोजाना शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उन के चेहरे पर उन की उम्र का असर 7 साल कम दिखाई देता है.

इन सब बातों के अलावा भी कई छोटीछोटी बातें हैं जो प्यार की गर्मजोशी को बढ़ाती हैं, जैसे दिन में पार्टनर को सिंपल ‘आई लव यू’ बोल कर उसे स्पैशल फील कराएं. बिना वजह पार्टनर को गले लगा लें, प्यारभरा लव नोट उस की ड्रैसिंग टेबल पर लगा कर, उस का असर देखें. जज्बातों के शब्द सामने वाले के दिल तक उतर जाते हैं.

लोग हमेशा चाहते हैं कि उन की लव लाइफ में सैक्स लाइफ भी उतनी ही बेहतर हो जितना कि वे भावनात्मक रूप से एकदूसरे से जुड़े हुए होते हैं. एक रिलेशनशिप में अगर भावनाओं के साथसाथ सैक्स रिलेशन भी बेहतर हो तो आप का रिश्ता एक परफैक्ट रिश्ता बन जाता है.

मुझे डर है की मेरे पति को मेरे शादी से पहले के संबंधों के बारे में पता न चल जाए, क्या करूं?

सवाल
मैं शादीशुदा, 5 वर्षीय बेटे की मां हूं. मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं. शादी से पूर्व मैं एक युवक से प्रेम करती थी और उस से मेरा शारीरिक संबंध भी था पर अब उस की भी शादी हो गई है. वह मेरे मायके के पास ही रहता है. मैं जब भी मायके जाती हूं, हम अवश्य मिलते हैं. इस बार भी जब मैं मायके गई तो वह मेरे घर पर मुझ से मिलने आया.

परिस्थितिवश उस समय घर पर कोई नहीं था. भावनाओं में बह कर हमारे बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गया. अब मुझे डर है कि कहीं मेरे पति को हमारे संबंधों की भनक न लग जाए. मैं अपनी वैवाहिक जिंदगी में कोई परेशानी नहीं चाहती. मुझे क्या करना चाहिए जिस से मेरे वैवाहिक संबंधों में कोई कड़वाहट न आए?

जवाब
आप एक के बाद एक गलतियां करती जा रही हैं और चाहती हैं कि वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट न आए. सब से बड़ी गलती तो आप ने उस युवक से अब तक संबंध रख कर की है. विवाह के बाद भी आप उस युवक से क्यों मिलती हैं, जबकि वह भी शादीशुदा है.

अभी आप के पति को और उस युवक की पत्नी को आप दोनों के विवाहेतर संबंधों की जानकारी नहीं है लेकिन जैसे ही दोनों को आप के संबंधों की जानकारी होगी, दोनों बसेबसाए घरों को टूटने में देर नहीं लगेगी.

आप के लिए यही सलाह है कि आप उस लड़के से पूरी तरह दूरी बना लें, उस से कोई संपर्क न रखें और अपने वैवाहिक रिश्ते यानी अपने घरपरिवार पर ध्यान दें व उसी में मन लगाएं. उस युवक से साफ शब्दों में कह दें कि वह आप से किसी प्रकार का संपर्क न करे. इसी में आप की व उस के  परिवार की भलाई है.

मेरे पति के कई महिलाओं के साथ संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 25 वर्षीय विवाहित महिला हूं. विवाह को 2 वर्ष हो गए हैं. लेकिन अब मुझे अपने पति के बारे में जो बातें पता चल रही हैं, अगर मुझे पहले पता होती तो मैं उन से शादी कभी न करती. मेरी केवल बहनें हैं कोई भाई नहीं है और पति का कहना है कि उन्होंने मेरे पिता के कहने पर मुझ से इसलिए विवाह किया ताकि मेरे गांव और शहर दोनों की संपत्ति उन के नाम हो जाए.

मेरे पति मुझ पर मायके से पैसा लाने के लिए दबाव डालते हैं और नशे में मुझे मारतेपीटते भी हैं. उन के खुद के अन्य महिलाओं से अफेयर हैं पर वे मुझ पर शक करते हैं जबकि मेरा ऐसा कोई संबंध नहीं है. वे मुझ पर हमेशा नजर रखते हैं और घर से बाहर नहीं जाने देते. कहते हैं, ‘‘मैं तुम्हें तलाक कभी नहीं दूंगा. तुम्हें ऐसे ही रहना होगा.’’ मैं बीए कर चुकी हूं और एमए कर रही हूं. मैं इतनी सक्षम हूं कि अकेले रह सकती हूं लेकिन मेरे पति मुझे तलाक नहीं देना चाहते. मैं बहुत परेशान हूं. मैं ऐसे इंसान के साथ और नहीं रह सकती. मैं अकेले रहना चाहती हूं. क्या करूं सलाह दें.

जवाब
आप की सारी बातों से पता चल रहा है कि आप के पति ने संपत्ति के लालच में आप से विवाह किया है और उन्हें आप से कोई लगाव या प्यार नहीं है. उन का मकसद सिर्फ आप को परेशान करना है. अगर आप सचमुच उन से छुटकारा पाना चाहती हैं तो या तो आप बिना तलाक के भी पति से अलग रह सकती हैं. इस के अलावा आप का इस तरह उन से अलग रहना कानूनन तलाक का आधार नहीं माना जाएगा.

इस के अलावा अगर आप चाहें तो पति के क्रूरतापूर्ण व्यवहार के आधार पर न्यायिक पृथक्करण करवा सकती हैं या तलाक ले सकती हैं. अगर आप तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी देती हैं तो कोर्ट एक खास समय के लिए कानूनी अलगाव की मंजूरी देता है ताकि पतिपत्नी अपने रिश्ते के बारे में पूर्ण विचार कर सकें. इस अवधि में आप दोनों कानूनन विवाहित रहेंगे. लेकिन इस अवधि के बाद भी आप का निर्णय अलग होने का होगा तो कानून के अंतर्गत आप की तलाक की याचिका पर सुनवाई होगी.

बेहद जरूरी है यौन रोग के शुरुआती लक्षणों को जानना

शादी के कुछ समय के बाद रेखा के अंदरूनी अंग से कभीकभी कुछ तरल पदार्थ निकलने लगा, पर उस ने इस तरफ खास ध्यान नहीं दिया. मगर कुछ दिनों बाद जब उसे उस तरलपदार्थ से बदबू आने का एहसास होने लगा और अंग में खुजली भी होने लगी तो वह तुरंत डाक्टर के पास गई.

डाक्टर ने जांच कर के रेखा को बताया कि उसे यौन रोग हो गया है, पर घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि समय पर दिखा लिया. इलाज पर कम पैसा खर्च कर बीमारी ठीक हो जाएगी.

सीमा जब अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाती तो उसे दर्द होता. उस ने इस परेशानी के बारे में डाक्टर को बताया. डाक्टर ने सीमा के अंगों की जांच कर के बताया कि उसे यौन रोग हो गया है. समय से इलाज कराने पर सीमा की बीमारी दूर हो गई.

यौन रोग पतिपत्नी के संबंधों में बाधक बन जाते हैं. यौन रोग के डर से लोग संबंध बनाने से डरने लगते हैं. कई बार यौन रोगों से अंदरूनी अंग से बदबू आने लगती है, जिस की वजह से सैक्स संबंधों से रुचि खत्म हो जाती है. ऐसे में पतिपत्नी एकदूसरे से दूर जा कर कहीं और संबंध बनाने लगते हैं.

क्या है यौन रोग

यौन रोग शरीर के अदरूनी अंगों में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. यह एक पुरुष और औरत के साथ संपर्क करने से भी हो सकता है और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकता है. यौन रोग से ग्रस्त मां से पैदा होने वाले बच्चे को भी यह रोग हो सकता है. ऐसे में अगर मां को कोई यौन रोग है, तो बच्चे का जन्म डाक्टर की सलाह से औपरेशन के जरीए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौन रोग से बच जाता है.

कभीकभी यौन रोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं. इस के बाद भी इस के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए यौन रोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौन रोग कभीकभी अपनेआप ठीक हो जाते हैं, पर इन के बैक्टीरिया शरीर में रह जाते हैं, जो कुछ समय बाद शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौन रोग शरीर की खुली और छिली जगह वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

यौन रोग का घाव इतना छोटा होता है कि उस का पता ही नहीं चलता है. पति या पत्नी को भी इस का पता नहीं चलता है. यौन रोगों का प्रभाव 2 से 20 सप्ताह के बीच कभी भी सामने आ सकता है. इस के चलते औरतों को माहवारी बीच में ही आ जाती है. यौन रोग योनि, गुदा और मुंह के द्वारा शरीर में फैलते हैं. यौन रोग कई तरह के होते हैं. इन के बारे में जानकारी होने पर इन का इलाज आसानी से हो सकता है.

हार्पीज: हार्पीज बहुत ही आम यौन रोग है. इस रोग में पेशाब करते समय जलन होती है. पेशाब के साथ कई बार मवाद भी आता है. बारबार पेशाब जाने को मन करता है. बुखार भी हो जाता है. टौयलेट जाने में भी परेशानी होने लगती है.  जिसे हार्पीज होता है उस के मुंह और योनि में छोटेछोटे दाने हो जाते हैं. शुरुआत में ये अपनेआप ठीक भी हो जाते हैं. अगर ये दोबारा हों तो इलाज जरूर कराएं.

व्हाट्स: व्हाट्स में शरीर के तमाम हिस्सों में छोटीछोटी फूलनुमा गांठें पड़ जाती हैं. व्हाट्स एचपीवी वायरस यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के चलते फैलता है. यह 70 प्रकार का होता है. अगर ये गांठें अगर शरीर के बाहर हों और 10 मिलीमीटर के अंदर हों तो इन्हें जलाया जा सकता है. 10 मिलीमीटर से बड़ा होने पर औपरेशन के जरीए हटाया जाता है.

योनि में फैलने वाले वायरस को जैनरेटल व्हाट्स कहते हैं. यह योनि में बच्चेदानी के मुख पर हो जाता है. अगर समय पर इलाज न हो तो यह घाव कैंसर का रूप ले लेता है. अगर यह हो तो 35 साल की उम्र के बाद एचपीवी का कल्चर जरूर करा लें. इस से घाव का पूरा पता चल जाता है.

गनेरिया: इस रोग में पेशाब की नली में घाव हो जाता है, जिस से पेशाब की नली में जलन होने लगती है. कई बार खून और मवाद भी आने लगता है. इस का इलाज ऐंटीबायोटिक दवाओं के जरीए किया जाता है. अगर यह बारबार होता है तो इस का घाव पेशाब की नली को बंद कर देता है, जिसे बाद में औपरेशन के द्वारा ठीक किया जाता है.

गनेरिया को साधारण बोली में सुजाक भी कहा जाता है. इस के होने पर तेज बुखार भी आता है. इस के बैक्टीरिया की जांच के लिए मवाद की फिल्म बनाई जाती है. अगर यह बीमारी शुरू में ही पकड़ में आ जाए तो इलाज आसानी से हो जाता है. बाद में इलाज कराने में मुश्किल आती है.

सिफ लिस: यह यौन रोग भी बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह यौन संबंध के कारण ही होता है. इस रोग के चलते पुरुषों के अंग के ऊपर गांठ सी बन जाती है. कुछ समय के बाद यह ठीक भी हो जाती है. इस गांठ को शैंकर भी कहा जाता है. शैंकर से पानी ले कर माइक्रोस्कोप द्वारा ही बैक्टीरिया को देखा जाता है. इस बीमारी की दूसरी स्टेज पर शरीर में लाल दाने से पड़ जाते हैं. यह कुछ समय के बाद शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है. इस बीमारी का इलाज तीसरी स्टेज के बाद मुमकिन नहीं होता है. खराब हालत में यह शरीर की धमनियों को प्रभावित करता है. धमनियां फट भी जाती हैं. यह रोग आदमी और औरत दोनों को हो सकता है. इस का इलाज दवा और इंजैक्शन से होता है.

क्लैमाइडिया: इस बीमारी में औरतों को योनि में हलका सा संक्रमण होता है. यह योनि के द्वारा बच्चेदानी तक फैल जाता है. यह बांझपन का सब से बड़ा कारण होता है. यह बच्चेदानी को खराब कर देता है. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज हो जाए तो ठीक रहता है. क्लैमाइडिया के चलते औरतों को पेशाब करते समय जलन, पेट दर्द, माहवारी में दर्द, टौयलेट के समय दर्द, बुखार आदि परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

मेरा मंगेतर औनलाइन होकर भी बात नहीं करता, मैं क्या करूं?

मेरी कुछ दिनों पहले शादी होने वाली थी पर वह टल गई. इस बीच मेरे मंगेतर और मेरे बीच लड़ाइयां शुरू होने लगीं. वह रातरात भर औनलाइन रहता है लेकिन मुझ से बात नहीं करता, न कभी सामने से मैसेज करता है. मैं उस की होने वाली पत्नी हूं, फिर भी मुझे उस पर अपना कोई हक नहीं लगता. मैं उसे मजबूर तो नहीं कर सकती कि मुझ से बात करे लेकिन उस का मुझ से बात न करना मुझे अखरता है. मेरा उस से बात करने का मन करता है उस का क्यों नहीं करता. मुझे लगता है कि उस की जिंदगी में कोई और लड़की है. मैं, बस, यह जानना चाहती हूं कि क्या यह नौर्मल है या मैं जो सोच रही हूं वही सही हो.

किसी के औनलाइन रहने का मतलब यह नहीं कि वह किसी और से बात ही कर रहा हो. आप उन की होने वाली पत्नी हैं लेकिन इतना हक तो एक दोस्त को भी होता है कि वह पूछ सके कि सामने वाला बात क्यों नहीं करता. इस बारे में सोचसोच कर घुटने से अच्छा है, आप स्पष्ट पूछ लें कि क्या बात है और यह भी कह दें कि आप चाहती हैं कि वह आप को वक्त दे. कई बार परेशानी इतनी बड़ी होती नहीं है जितनी हम उसे बना लेते हैं. आप को अपने मन की उलझन अपने मंगेतर से बांटनी चाहिए, हो सकता है वह आप से बात करे और आप के सवालों के जवाब दे. और अगर उस के जीवन में कोई और लड़की है तो आप को बात की तह तक जाने की जरूरत है, बेबुनियाद शक करने से कुछ नहीं होगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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पति की चाह पर आखिर आप की न क्यों

हिंदी फिल्म ‘की एंड का’ में गृहिणी की भूमिका निभा रहा नायक पति की भूमिका निभा रही नायिका से रात में बिस्तर पर कहता है कि आज नहीं डार्लिंग, आज मेरे सिर में दर्द है. तात्पर्य यह कि यदि लड़का पत्नी की भूमिका निभाएगा, तो सैक्स के नाम पर उस के भी सिर में दर्द उठेगा. ऐसा क्यों होता है कि पति की तुलना में पत्नी को संभोग के प्रति थोड़ा ठंडा माना जाता है? सिरदर्द की बात चाहे बहाने के रूप में हो या सचाई, निकलती पत्नी के मुख से ही है. क्या वाकई सहवास का जिक्र पत्नियों के सिर में दर्द कर देता है? यदि पत्नी के मन में अपने पति के प्रति आकर्षण या प्रेम में कुछ कमी है, तो रोमांटिक होना कष्टदाई हो सकता है. लेकिन जब नानुकुर बिना किसी ठोस कारण हो तब?

मर्द और औरत की सोच का फर्क

सैक्स के मामले में मर्द और औरत भिन्न हैं. एक ओर जहां मर्द का मन स्त्री की शारीरिक संरचना के ध्यान मात्र से उत्तेजित हो उठता है, वहीं एक स्त्री को भावनात्मक जुड़ाव तथा अपने पार्टनर पर विश्वास सहवास की ओर ले जाता है. एक स्त्री के लिए संभोग केवल शारीरिक नहीं अपितु मानसिक और भावनात्मक स्तर पर होता है. पुरानी हिंदी फिल्म ‘अनामिका’ का गाना ‘बांहों में चले आओ…’ हो या नई फिल्म ‘रामलीला’ का गाना ‘अंग लगा दे…’ ऐसे कितने ही गाने इस विषय को उजागर करते हैं. जो पत्नियां अपने पति से प्यार करती हैं और उन पर विश्वास रखती हैं, उन के लिए संभोग तीव्र अंतरंगता और खुशी को अनुभव करने का जरीया बन जाता है. किंतु जिन पतिपत्नी का रिश्ता द्वेष, ईर्ष्या और अनबन का शिकार होता है वहां सहवास को अनैच्छिक रूप में या बदले के तौर पर महसूस किया जाता है. लेकिन कई बार हमारी अपनी मानसिकता, हमारे संस्कार, हमारी धारणाएं सैक्स को गलत रूप दे डालती हैं और हम अनजाने ही उसे नकारने लगते हैं. इस का इलाज संभव है और आसान भी.

क्या कहता है शोध

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के यौन चिकित्सा कार्यक्रम की निर्देशिका डा. रोसमैरी बेसन कहती हैं कि स्त्रियों में यौनसंतुष्टि से जुड़ी सब से बड़ी शिकायत उन में इच्छा, उत्तेजना और यौन संतुष्टि की कमी होती है.

एक और खास मुद्दा लैंगिक विभिन्नता का है. जहां एक ओर एकतिहाई औरतों में मर्दों से अधिक कामुकता होती है, वहीं दूसरी ओर दोतिहाई जोड़ों में मर्दों की कामप्रवृत्ति औरतों से ज्यादा होती है. इसी कारण ऐसे जोड़े में एक स्त्री को कामोत्तेजित पुरुष की वजह से अपनी कामेच्छा को अनुभव करने का मौका नहीं मिल पाता है.

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की डा. लौरी मिंज अपनी पुस्तक ‘अ टायर्ड विमंस गाइड टु पैशिनेट सैक्स,’ में बताती हैं कि जहां औरतों की कामप्रवृत्ति अधिक होती है, वहां भी रोजमर्रा की गृहस्थी संबंधी जिम्मेदारियों के कारण वे कामोत्तेजना तथा यौनसंतुष्टि नहीं भोग पाती हैं.

भारतीय कानून का नजरिया

जो पत्नी बिना कारण अपने पति को लगातार सैक्स से वंचित रखती है या सिर्फ अपनी मरजी से ही संबंध स्थापित करना चाहती है, उसे खुदगर्ज कहना अनुचित न होगा. भारतीय कोर्ट पति या पत्नी द्वारा बिना कारण लंबे समय तक अपने पार्टनर को सैक्स से वंचित रखने को मानसिक क्रूरता की श्रेणी में रखते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कोर्ट ने सुनवाई में इस दलील पर तलाक तक की मंजूरी दे दी. अप्रैल, 2005 में पति केशव ने मद्रास हाई कोर्ट में पत्नी सविता के खिलाफ लंबे समय तक अंतरंग संबंध स्थापित न करने देने पर तलाक की मांग की, जिस की उसे मंजूरी मिल गई. मद्रास हाई कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पत्नी सविता सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां न्यायाधीश ज्योति मुखोपाध्याय एवं न्यायाधीश प्रफुल पंत ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि बिना किसी ठोस कारण तथा बिना किसी शारीरिक दुर्बलता के यदि कोई अपने पति या पत्नी को लंबे समय तक संबंध स्थापित नहीं करने देता है तो यह मानसिक क्रूरता की श्रेणी में गिना जाता है. उन के शब्दों में, मानसिक क्रूरता शरीरिक चोट से अधिक आघात पहुंचा सकती है.

अतीत में झांक लें

मालिनी के एक रिश्तेदार ने उस के साथ दुष्कर्म करते समय उस का बाल उम्र का लिहाज नहीं किया. नतीजा यह रहा कि आज भी अपने पति के निकट जाते हुए उसे लगता है जैसे उस के शरीर पर वही लिजलिजे हाथ जबरदस्ती कर रहे हों. सैक्स को वह अपने पत्नी फर्ज की तरह निभाती है न कि अपने पति के साथ बिताए उन प्रेमालाप पलों को पूर्णरूप से जीती है. क्या आप के अतीत में ऐसा कुछ हुआ था, जिस की छाया आप के वर्तमान पर गहरी छाई है? हो सकता है पुराने किसी बुरे अनुभव के कारण आप आज संभोग से घबराती हों. यदि आप के अतीत में हनन या दुर्व्यवहार का ऐसा कोई अनुभव है, जिस से संबंध बनाते समय आप खुश नहीं रह पाती हैं तो आप को जल्द से जल्द प्रोफैशनल मदद लेनी चाहिए और स्वयं को अपने उस बुरे अतीत से मुक्त करना चाहिए.

शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाएं

कभीकभी शारीरिक समस्या जैसे हारमोनल इंबैलैंस के कारण भी स्त्री का मन सैक्स से उचट सकता है. यदि आप को स्वयं में सैक्स के प्रति अरुचि का कारण भावना से अधिक शारीरिक जवाबदेही की कमी लगती है तो आप को यौनरोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए. वे और भी परेशानियों से मुक्ति दिला सकते हैं जैसे चरमोत्कर्ष पर न पहुंच पाना, स्नेह की कमी, पीडा़दायक सहवास, आप के द्वारा खाई गई कुछ ऐसी दवाएं, जिन के कारण आप में यौन ड्राइव की कमी आई हो इत्यादि.

हमसफर के साथ को करें ऐंजौय

‘‘तुम्हारे साथ होते हुए मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं एक लाश के साथ हूं,’’ अंतरंग क्षणों में कभी पत्नी की तरह से कोई रिस्पौंस न मिलने पर अमित के मुंह से निकल गया. यदि पत्नी कभी प्यार में पहल नहीं करेगी तो पति को ही पहल करनी पड़ेगी. इस का परिणाम यह होगा कि पति असुरक्षित भावना का शिकार हो जरूरत से अधिक पहल करने लगेगा और इस का नतीजा यह हो सकता है कि पत्नी, पति की आवश्यकता से अधिक पहल पर उस से और दूर होती जाए. यदि पति को आश्वासन हो कि पत्नी भी पहल करेगी या उस की पहल पर पौजिटिव रिस्पौंस देगी तो वह धैर्य के साथ पत्नी के तैयार होने का इंतजार कर सकता है.

जब एक पत्नी सिर्फ ग्रहण नहीं करती, बल्कि शुरुआत भी करती है तो वह सैक्स को एक जबरदस्ती, जिम्मेदारी या दबाव के रूप में न देख कर आपसी मेल के रूप में देख पाती है.

किताबें काफी मददगार

अधिकतर परिवारों से मिले संस्कार ऐसे होते हैं, जिन के कारण लड़कियां संभोग को गलत या वर्जित मानती हैं और इसी कारण विवाहोपरांत भी वे इस विषय पर खुल नहीं पातीं. अपनी इस हिचक को दूर करने के लिए ‘गाइड टु गैटिंग इट औन, ‘द गुड गर्ल्स गाइड टू ग्रेट सैक्स’ आदि किताबें पढ़ सकती हैं.

सैक्सुअल थेरैपी भी लाभकारी

कई बार केवल स्वयं कदम उठाना काफी नहीं होता. यदि आप को स्वस्थ  वैवाहिक जीवन जीने में असुविधा हो रही है तो आप प्रोफैशनल मदद के बारे में सोच सकती हैं. सैक्सुअल थेरैपी में एकदम शुरू से आरंभ किया जाता है. जैसे आप दोनों पहली बार मिल रहे हैं. जोड़ों में धीरधीरे रिश्ता कायम कराया जाता है. स्टैप बाई स्टैप सैक्स की ओर ले जाते हैं. हो सकता है कि आप के पति ऐसे प्रोग्राम में जाने को तैयार न हों. ऐसे में आप अकेले भी ऐसे प्रोग्राम का लाभ उठा सकती हैं. आप देखेंगी कि काउंसलर की मदद से आप न केवल सैक्स से संबंधित कितनी ही समस्याओं का समाधान खोज पाएंगी, बल्कि अपने पति से इस विषय में बात करना भी आप के लिए आसान हो जाएगा.

समाज में आ रहे लगातार बदलाव से लिंग भूमिका व कामुकता में भी बदलाव आ रहे हैं. संभोग कोई ऐसा कार्य नहीं जो मर्द औरत के लिए करेगा या औरत मर्द के लिए. संभोग में समान रूप से भागीदारी करें.

वैवाहिक सुख की ओर मिल कर बढ़ाएं कदम

यदि हर बार आप को अपने पति का अंतरंग साथ बेचैनी की भावना की ओर धकेलता है, तो आप को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिन से आप दोनों को वैवाहिक सुख की प्राप्ति हो सके. यह समस्या संवेदनशील अवश्य है, किंतु इसे सुलझाना कठिन नहीं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे स्टैप्स जिन्हें आप आसानी से फौलो कर सकती हैं और इस में आप के पति भी यकीनन आप का साथ देंगे:

– हो सकता है कि रिश्ते की शुरुआत में कुछ समय के लिए आप वैवाहिक सुख के लिए तैयार न हों, लेकिन यदि आप के पति यह जानते हैं कि आप का उद्देश्य कम सैक्स नहीं, अपितु पूरे जीवन के लिए ज्यादा व बेहतर सैक्स है, तो वे आप की बात से सहमत होंगे. उन्हें आप के साथ इस विषय पर बातचीत करने, किताबें पढ़ने या किसी काउंसलर से मिलने में भी आपत्ति नहीं होगी. लेकिन यदि उन्हें आपत्ति हो तो आप अकेली ही काउंसलर से मिल कर इस समस्या का हल खोजने का प्रयास करें.

– कोई ऐसी बात या कोई ऐसी चीज जिस के कारण आप का अपने पति के निकट आना मुश्किल हो जाता हो जैसे उन के शरीर से आ रही पसीने की बू, उन के मुंह से आ रही गंध आदि के बारे में उन्हें अवश्य अवगत कराएं, क्योंकि ये छोटीछोटी बातें भी अंतरंग क्षणों पर असर डालती हैं.

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