भोजपुरी एक्टर और एक्ट्रेस ने यूं मनाया मदर्स डे, शेयर की अनदेखी फोटो

मदर्स डे भले ही बीत गया हो लेकिन इसके चर्चे अभी बंद नहीं हुए है, जी हां भोजपुरी एक्टर और एक्ट्रेस ने अपनी मां के साथ सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कर मदर्स डे मनाया है जो कि अनदेखी तस्वीरें है इसमे भोजपुरी एक्ट्रेस अकक्षरा सिंह से लेकर रानी चटरजी शामिल है जिन्होंने मां को कैप्शन देते हुए मदर्स डे विश किया है.

आपको बता दें, कि अक्षरा सिंह ने भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी खूबसूरती और एक्टिंग के दम पर अपना नाम बनाया है. हमेशा की तरह अपने अलग अंदाज में उन्होंने मदर्स डे के पावन अवसर पर अलग तरीके से विश किया है. सोशल मीडिया पर उन्होंने एक वीडियो शेयर किया जिसमें वो दुर्गा मां के सामने खड़े होकर आरती गा रही हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा कि- एक नहीं हर दिन मां का है.

 

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वहीं भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने भी अपनी मां की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर के कैप्शन में लिखा- आज ही नहीं हर दिन इन्हीं का है माई.. रानी चटर्जी ने भी अपनी मां को विश किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर मां के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा- मेरे लिए आप से बढ़कर कुछ नहीं मैं आपके एडवाइस के बिना कुछ भी नहीं कर पाती, घर में हम सब के लिए आप सुपर हीरो हो मम्मी आप कभी नहीं थकतीं , कितनी फिट हो मम्मी अल्लाह आपको हमेशा खुश और फिट रखें… लव यू मम्मी हैप्पी मदर्स डे

भोजपुरी गायक की पत्नी ज्योति सिंह ने शेयर की फोटो, यूजर्स ने किए कमेंट

भोजपुरी इंडस्ट्री के मशहूर गायक और एक्टर की दूसरी पत्नी इन दिनो चर्चा में है. दोनों की पर्सनल लाइफ इन दिनों काफी सुर्खियों में है दोनों का तलाक बलिया की अदालत में चल रहा है. इसी बीच पवन सिंह की दूसरी पत्नी ज्योति सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फोटो अपलोड की है जिसपर लोग जमकर कमेंट कर रहे है.

 

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आपको बता दें, कि दोनों के बीच काफी विवाद हुआ है वही ज्योति सिंह ने पवन सिंह और उनके घरवालों पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि ससुराल वालो ने उन्हे सुसाइड के लिए उकसाया था. सुदंर ना होने की वजह से उन्हे ताने भी मारे जाते थे. यहां तक की उनका गर्भपात भी कराया. इसके साथ ही ज्योति सिंह ने पति पवन सिंह पर मार-पीट औऱ गाली गलौच का आरोप लगाया था. जिसके बाद दोनों को तलाक चल रहा है लेकिन इसी बीच एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की है जिसमें वह बेहद ही खूबसूरत लग रही है औऱ साथ में कैप्शन भी ऐसा दिया है जिसे पढ लोग कमेंट करने से रुक नहीं रहे है.

 

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ज्योति सिंह ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड की है जिसमें वह सलवार-सूट में नजर आ रही है व्हाइट कलर के सूट में वो बला की खूबसूरत नजर आ रही है. जिसके साथ उन्होंने हाई हील्स कैरी की है औऱ जी-20 के आगे खडे होकर पोज दिए है. उनका ये लुक कमाल का है जिसपर लोगों ने कई कमेंट कर ये भी कहा कि उन्हे दुबारा पवन सिंह के साथ हो जाना चाहिए.

यूजर्स ने किए जमकर कमेंट      

ज्योति सिंह ने फोटो शेयर कर साथ में लिखा है कि ‘अकेले रहना ही पावर है’ उनके इस कैप्शन को लेकर कई यूजर्स ने कमेंट कर दिए है. एक यूजर ने लिखा ‘पावर यही से शुरु होता है’. तो दूसरे ने लिखा है कि ‘जियो भाभी जी’ तीसरे ने लिखा पवन सिंह का पावर चौथे ने लिखा ‘हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश में देखा लेकिन, पावर स्टार जैसा पवन सिंह का प्यार कही नहीं देखा’.

साड़ी में बला की खूबसूरत दिखीं भोजपुरी एक्ट्रेस Monalisa , इस शो के लिए कराया फोटोशूट

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस मोनालिसा इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती है.हाल ही में एक्ट्रेस ने एक वीडियो शेयर किया है जिसे देख फैंस पागल हो गए है और जमकर कमेंट्स बरसा रहे है एक्ट्रेस की कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर छाई हुई है जो कि चर्चा का विषय बन गई है.

 

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आपको बता दे, कि हाल ही में एक्ट्रेस मोनालिसा ने फोटोशूट कराया है जिसमें वो बला की खूबसूरत नजर आ रही है. एक्ट्रेस ने साड़ी कैरी की हुई है. साथ में बाल खुले हुए है. जिसमें मोनालिसा साड़ी में किसी अप्सारा से कम नहीं लग रही है. बता दें कि मोनालिसा ने इन फोटोज को टीवी शो बेकाबू के सेट से शेयर किया है. फैंस एक्ट्रेस के इस पोस्ट पर प्यार बरसाते हुए जमकर कमेंट कर रहे हैं.

 

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बताते चलें कि भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. एक्ट्रेस अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं जिसे देखते ही लोग घायल हो जाते हैं. बता दें कि इन दिनों मोनालिसा टीवी शोज में अपना जलवा बिखेर रही हैं. उनकी एक्टिंग को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.मालूम हो कि मोनालिसा ने भोजपुरी इंडस्ट्री में काफी सालों तक काम किया हैं. एक्ट्रेस ने पवन सिंह से लेकर खेसारी लाल यादव तक के साथ काम किया है. आज भी यूपी-बिहार के लोगों में मोनालिसा को लेकर एक अलग क्रेज है.

भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां

इस के बावजूद भले ही भोजपुरी हीरोइनें भोजपुरी सिनेमा में टौप पर बैठी हों, लेकिन उन का मेहनताना इतना कम होता है कि वे खुल कर कभी मीडिया के सामने बता भी नहीं पाती हैं.

वैसे, नए और छोटे ऐक्टरों के मामले में ऐसा नहीं है, फिर भी ज्यादातर मामलों में हीरो की दखलअंदाजी कास्टिंग के मामले में ज्यादा होती है.

भोजपुरी फिल्मों में अपनी खास पहचान बना चुकी कई हीरोइनों ने अपने कैरियर के शुरुआती दौर में चर्चित ऐक्टरों के साथ काम किया, जिस का नतीजा यह रहा कि उन्हें एक के बाद एक कई फिल्में मिलती गईं और वे टौप पर आती गईं. उन का चेहरा भी दर्शकों के दिलोदिमाग पर घर करता गया.

लेकिन जब इन हीरोइनों की जोडि़यां टूटीं तो हीरो के इशारों पर चलने वाली भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं ने भी इन से किनारा करना शुरू कर दिया, क्योंकि जिन ऐक्टरों की जोडि़यां टूट चुकी हैं, उन की फिल्म इंडस्ट्री में तूती बोलती है और इस के चलते दूसरे हीरो की फिल्मों के खरीदार तक नहीं मिलते हैं.

यही वजह है कि कई अच्छे ऐक्टरों को ले कर भी निर्माता फिल्म बनाने से डरते हैं. भोजपुरी सिनेमा में स्टारडम इतना हावी है कि अच्छी कहानियों, अच्छे कलाकारों और तकनीकी से भरपूर फिल्में भी खरीदारों के इंतजार में ठंडे बस्ते में पड़ी रहती हैं.

कई स्टारडम वाली हीरोइनें, जिन का कैरियर कभी आसमान पर था, उन में सब से पहली जोड़ी मनोज तिवारी और रानी चटर्जी की मानी जाती थी. दोनों ने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं.

भोजपुरी सिनेमा में साल 2000 के बाद बनी फिल्मों में मनोज तिवारी और रानी चटर्जी के नाम आज भी सब से ज्यादा कमाई करने का रिकौर्ड है.

मनोज तिवारी और रानी चटर्जी की इस जोड़ी को दर्शकों ने भी खूब प्यार दिया. यही वजह है कि मनोज तिवारी और मेकर्स की पहली पसंद रानी चटर्जी हुआ करती थीं.

रानी चटर्जी मनोज तिवारी की फिल्मों के साथसाथ उन के गानों के वीडियो अलबम में भी खूब नजर आईं. लेकिन जब मनोज तिवारी ने भोजपुरी फिल्मों में ऐक्टिंग और गायन छोड़ कर राजनीति की तरफ कदम बढ़ाया, तो रानी चटर्जी के कैरियर पर भी ग्रहण लगना शुरू हो गया.

भोजपुरी सिनेमा के निर्माता अब उन से दूरी बनाने लगे हैं. यही वजह है कि उन के पास अब गिनीचुनी फिल्में ही हैं. यह अलग बात है कि रानी चटर्जी अब भोजपुरी सिनेमा के बाद हिंदी वैब सीरीज में भी अपना जलवा बिखेरने लगी हैं.

सुपरस्टार रवि किशन और ऐक्ट्रैस नगमा की जोड़ी भी खूब चर्चा में रही. इन की जोड़ी ने लगातार कई हिट फिल्में दीं. रवि किशन और नगमा की जोड़ी जितना रील लाइफ में चर्चा में रही, उस से कहीं ज्यादा रिएल लाइफ में भी इस जोड़ी ने सुर्खियां बटोरीं. मीडिया में तो ऐसी खबरें उड़ने लगी थीं कि वे दोनों एकदूसरे प्यार करते हैं. लेकिन किसी बात को ले कर दोनों के रिश्ते में खटास आ गई और उन्होंने एकदूसरे से दूरी बना ली. इस के बाद यह जोड़ी फिल्मों में नजर नहीं आई.

रवि किशन से नगमा की जोड़ी टूटने के बाद वे भोजपुरी सिनेमा से गायब सी हो गई हैं और उन का कैरियर भी भोजपुरी फिल्मों से तकरीबन खत्म हो गया चुका है.

पवन सिंह और अक्षरा की जोड़ी भोजपुरी सिनेमा के सब से ज्यादा हिट और चर्चा में रहने वाली जोडि़यों में शुमार रही. इन के अफेयर की खबर हर जगह चर्चा का विषय रही.

भोजपुरिया बैल्ट के दर्शक पवन सिंह और अक्षरा की जोड़ी को इतना पसंद करने लगे थे कि वे हर फिल्मों में उन्हें साथ देखना चाहते थे. लेकिन जब पवन सिंह और अक्षरा में विवाद हुआ, तो भोजपुरी बैल्ट में तहलका मच गया.

इस के बाद अक्षरा ने पवन सिंह पर कई आरोप लगाए थे. सालों तक दोनों की एकदूसरे के खिलाफ जबानी जंग चलती रही.

दोनों के रिश्ते में आई इस खटास का नतीजा यह रहा कि अक्षरा को फिल्में मिलनी कम हो गईं. एक समय तो ऐसा भी आया, जब अक्षरा को अलबम में गाने गा कर अपने खर्चे निकालने पड़ते थे.

वैसे, टैलीविजन शो ‘बिग बौस’ में जाने के बाद अक्षरा सिंह एक बार फिर भोजपुरी फिल्मों में मजबूती से अपने पैर जमाने में कामयाब रही हैं.

पवन सिंह और अक्षरा सिंह के जोड़ी के बाद जो जोड़ी सब से ज्यादा चर्चा में रही, उस में खेसारीलाल यादव और  काजल राघवानी ने सब से ज्यादा सुर्खियां बटोरीं.

खेसारीलाल यादव और काजल राघवानी ने एक के बाद एक कई ब्लौकबस्टर फिल्में दीं, लेकिन खेसारीलाल यादव और काजल राघवानी में ऐसा विवाद हुआ कि वे लोग अब आपस में एकदूसरे का मुंह नहीं देखना चाहते हैं. इस के चलते उन्होंने अपनी राहें जुदा कर ली हैं.

खेसारीलाल यादव के साथ जोड़ी टूटने के बाद काजल से फिल्म निर्माताओं ने भी मुंह मोड़ लिया है और आज के दौर में काजल राघवानी के पास फिल्मों की काफी कमी है.

एक समय था, जब अरविंद अकेला ‘कल्लू’ और निशा दुबे की जोड़ी भोजपुरी अलबम व फिल्म इंडस्ट्री की हिट जोडि़यों में शुमार थी, लेकिन आज यह जोड़ी भी टूट चुकी है. आजकल निशा दुबे केवल स्टेज शो और अलबम में ही नजर आती हैं.

अरविंद अकेला ‘कल्लू’ व यामिनी सिंह की जोड़ी भी हिट जोडि़यों में शुमार रही है. लेकिन आजकल यामिनी सिंह और अरविंद अकेला ‘कल्लू’ भी एकसाथ फिल्मों में कम नजर आते हैं. फिर भी यामिनी सिंह के पास फिल्मों की कमी नहीं है.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक जोड़ी और हिट रही, जिस में यश कुमार मिश्रा और अंजना सिंह का नाम शामिल है. बाद में दोनों ने शादी भी की, लेकिन यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और दोनों ने आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया.

अंजना सिंह की एक बेटी भी है.  उन्होंने अब भोजपुरी फिल्मों के साथ ही हिंदी के धारावाहिकों में भी काम करना शुरू कर दिया है, इसलिए उन के पास काम की कोई कमी नहीं है.

यश कुमार मिश्रा ने बाद में ऐक्ट्रैस निधि झा के साथ अपनी जोड़ी बनाई और साथ में कई फिल्में कीं और दोनों ने शादी भी कर ली है.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक जोड़ी, जो सब से ज्यादा चर्चा में रहती है, वह गायक, अभिनेता और सांसद दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे की जोड़ी है, जिन्होंने आज तक एकसाथ दर्जनों हिट फिल्में की हैं और आज भी इन की जोड़ी एकसाथ काम कर रही है.            द्य

फिल्मों की फेमस जोडि़यां

भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाइयों की तरफ ले जाने वाली फिल्म ‘ससुरा बड़ा पईसा वाला’ रही थी, जिस में मनोज तिवारी और रानी चटर्जी की जोड़ी ने दर्शकों पर कमाल का असर डाला था. इस के बाद इन दोनों ने एक के बाद एक दर्जनों हिट फिल्में दी थीं.

पवन सिंह और अक्षरा सिंह की जोड़ी भोजपुरी फिल्म ‘ठोक देब’, ‘हमार त्रिदेव’, ‘सरकार राज’, ‘सत्या’, ‘तबादला’, ‘धड़कन’, ‘हम हैं लुटेरे’, ‘पवन राजा’, ‘सइयां सुपरस्टार’, ‘मां तुझे सलाम’ में नजर आई थी. इस जोड़ी को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया था.

खेसारीलाल यादव और काजल राघवानी की जोड़ी भी दर्जनों हिट फिल्में देने में कामयाब रही थी. इन में ‘प्रतिज्ञा 2’, ‘चरणों की सौगंध’, ‘जानेमन’, ‘इंतकाम’, ‘दबंग आशिक’, ‘मेहंदी लगा के रखना’, ‘हम हैं हिंदुस्तानी’, ‘मैं सेहरा बांध के आऊंगा’, ‘मुकद्दर’, ‘दीवानापन’, ‘दुलहन गंगा पार के’, ‘संघर्ष’, ‘बालमजी लव यू’, ‘नागदेव’, ‘कुली नंबर 1’, ‘बागी-एक योद्धा’, ‘बलमुवा कैसे तेजब’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘लिट्टीचोखा’ खास रही हैं.

इस के अलावा अरविंद अकेला ‘कल्लू’ और यामिनी सिंह की

जोड़ी ‘छलिया’, ‘पत्थर के सनम’, ‘दिलदार’, ‘प्यार तो होना ही था’ जैसी हिट फिल्मों में नजर आई थी.

इतना ही नहीं, वर्तमान सांसद रवि किशन और नगमा की जोड़ी अमिताभ बच्चन के साथ ‘गंगा’, ‘अब बन जा सजनवा हमार’ जैसी कई फिल्मों में नजर आई थी.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गायक से नायक बने स्टार्स का है दबदबा-शुभम तिवारी

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार शुभम तिवारी ज्यादा लाइमलाइट में नहीं रहते हैं, फिर भी उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं. वे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के पहले सीजन से एंकरिंग का जिम्मा संभालते रहे हैं. शुभम तिवारी ने भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के हीरो रविकिशन के साथ ‘कानून हमरा मुट्ठी में’ से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की थी.

इस के बाद उन्होंने दर्जनों फिल्मों में लीड रोल निभा कर अपने अभिनय का जलवा दिखाया है, जिन में ‘तू ही मोर बलमा’, ‘भैया हमार दयावान’, ‘मल्लयुद्ध’, ‘कलुआ भईल सयान’, ‘प्रतिघात’, ‘अंतिम तांडव’, ‘लड़ब मरते दम तक’, ‘संन्यासी बलमा’, ‘प्रशासन’, ‘बहूरानी’, ‘इलाहाबाद से इसलामाबाद’ जैसी कई हिट फिल्में शामिल हैं. चौथे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ शो में जब शुभम तिवारी एंकरिंग कर रहे थे, तो फुरसत के क्षणों में उन से भोजपुरी सिनेमा के हालात पर खुल कर बात हुई.

पेश हैं, उसी बातचीत के खास अंश : आप ने नागपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिगरी हासिल की है, फिर फिल्मों की तरफ आने का खयाल मन में कैसे आया? मैं शुरुआती दौर में हिंदी फिल्म कलाकारों की मिमिक्री कर के लोगों को हंसाने का काम करता था, जिन में गोविंदा, सनी देओल, नाना पाटेकर, अमिताभ बच्चन, सुनील शेट्टी, परेश रावल समेत कई नामचीन कलाकारों की मैं ने हूबहू नकल उतारी.

उस दौरान मुझे लगा कि जब मैं दूसरे कलाकारों की आवाज की नकल कर सकता हूं, तो खुद की आवाज और अंदाज को ही अपनी ऐक्टिंग के जरीए क्यों न दर्शकों के सामने रखूं? फिर क्या था, मैं ने हीरो बनने की चाहत रख कर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और पहली ही फिल्म में रविकिशन के साथ लीड रोल में काम करने का मौका मिल गया, जिस में लोगों ने मेरे काम को खासा पसंद किया और फिर मेरे सामने एक के बाद एक कई फिल्मों में काम करने के औफर आते चले गए.

आप को सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्मों में काम करने के लिए जाना जाता है, जबकि आज का दौर मसाला, थ्रिलर और ऐक्शन फिल्मों का है. ऐसे में इंडस्ट्री के साथ कैसे तालमेल बना पाते हैं? जहां समाज में मसाला, थ्रिलर और ऐक्शन फिल्मों को पसंद करने वाले हैं, वहीं ऐसे लोग भी हैं, जो सोशल मुद्दे पर बनी फिल्में भी देखना पसंद करते हैं.

अभी तक मैं ने जितनी सोशल मुद्दे पर आधारित फिल्में की हैं, उन सभी फिल्मों को दर्शकों ने अपना प्यार दिया है. मुझे लगातार 2 बार ‘बैस्ट ऐक्टर इन सोशल इशू’ का अवार्ड मिल चुका है. क्या गायक से नायक बने स्टार्स के चलते अच्छे ऐक्टरों को मौका कम मिल पा रहा है? यह कड़वा सच है कि गायक से नायक बने स्टार्स का दबदबा भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादा है. निर्माता से ले कर निर्देशक तक केवल इन्हीं लोगों के साथ फिल्में बनाना चाहते हैं.

भोजपुरी के इन चुनिंदा ऐक्टरों ने दूसरे ऐक्टरों के मेहनताने पर भी कैंची चलवाने का काम किया है. भोजपुरी में ऐसे हालात बन चुके हैं कि फिल्मों के खरीदार तक नहीं मिलते हैं, फिल्म की लागत निकालना तो दूर की बात है. मेरा मानना है कि जब तक म्यूजिक कंपनियां व फिल्म निर्माता और वितरक गायक से नायक बने लोगों के अलावा अच्छे ऐक्टरों को मौका नहीं देंगे, तब तक भोजपुरी कुछ चुनिंदा लोगों की इंडस्ट्री बनी रहेगी.

आप ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ शो के लिए पहले सीजन से होस्ट करते आ रहे हैं. ‘सरस सलिल’ पत्रिका को ले कर आप क्या सोच रखते हैं? मेरे हिसाब से ‘सरस सलिल’ आम लोगों की ऐसी आवाज है, जिस के जरीए वे अपनी बात एकदूसरे तक पहुंचाते हैं. ‘सरस सलिल’ ने भोजपुरी सिने अवार्ड की शुरुआत कर के ऐतिहासिक पहल की है.

इस पहल से भोजपुरी सिने जगत को बड़े लैवल पर पहचान मिल रही है. ‘सरस सलिल’ उत्तर प्रदेश और बिहार में सब से ज्यादा पढ़ी जाने वाली पत्रिकाओं में शुमार है. इस पत्रिका के जरीए भोजपुरी सिनेमा आम दर्शकों तक पहुंचने में कामयाब हो रहा है. आप की आने वाली फिल्में कौनकौन सी हैं? मेरी रिलीज होने वाली फिल्मों में ‘जिंदगी बन गए हो तुम’, ‘तुम से अच्छा कौन है’, ‘दरोगा नंबर-1’ खास हैं. इस साल भी मेरी कई फिल्में अनाउंस होने वाली हैं, जिन का खुलासा मैं जल्द ही करूंगा.

गुटबाजी का शिकार हुआ भोजपुरी सिनेमा

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में नैपोटिज्म तो नहीं है, लेकिन गुटबाजी का जम कर बोलबाला है. यहां हीरोवाद, हीरोइनवाद, कंपनीवाद, निर्मातावाद, निर्देशकवाद, गायकवाद और वितरकवाद हावी है.

भोजपुरी सिनेमा में ग्रुपबाजी का सब से ज्यादा शिकार नए हीरोहीरोइन और गायक हो रहे हैं. भोजपुरी सिनेमा में अगर कोई गायन में तेजी से उभर रहा है, तो बड़े गायक और ऐक्टर उस के गाने और फिल्में रिलीज होने से रोकने के लिए पूरे जतन करते हैं.

भोजपुरी सिनेमा 2 सब से बड़े ग्रुपों में बंटा हुआ है, जिस में पहला खेसारीलाल का ग्रुप है और दूसरा पवन सिंह का ग्रुप है. इन दोनों ऐक्टरों के खेमों के अपनेअपने निर्माता और निर्देशक हैं. गाने रिलीज करने वाली म्यूजिक कंपनियां हैं और दोनों खेमों के अपनेअपने पसंदीदा सपोर्टिंग ऐक्टर व टैक्निशियन भी हैं. इन ऐक्टरों के

साथ कुछ खास हीरोइनों को ही काम मिलता है.

इस के अलावा छोटे और मझोले ऐक्टरों के भी अपनेअपने गुट हैं, जो अलगअलग लोगों के साथ ही फिल्में शूट करते हैं.

भोजपुरी सिनेमा की जानीमानी हीरोइन अक्षरा सिंह भी ग्रुपबाजी का शिकार हो चुकी हैं. उन्होंने 25 जून, 2020 को अपने यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया एकाउंट पर 25 मिनट, 37 सैकंड का वीडियो जारी कर भोजपुरी में गुटबाजी पर खुल कर बोला था कि भोजपुरी सिनेमा में गुटबाजी इस कदर हावी है कि इस का शिकार छोटेबड़े कलाकार और सपोर्टिंग ऐक्टर तक हो चुके हैं.

अक्षरा सिंह ने उस वीडियो में खुल कर आरोप लगाया था कि ‘जब मैं किसी एक हीरो के साथ काम करती थी, तो दूसरे ग्रुप के हीरो मुझे फिल्म में काम नहीं करने देते थे. इस गुटबाजी का शिकार सिर्फ हीरोहीरोइन ही नहीं होते, बल्कि इस का शिकार फिल्म निर्देशक और टैक्निशियन भी होते हैं.’

अक्षरा सिंह ने भोजपुरी सिनेमा में होने वाली गुटबाजी को ले कर आगे कहा कि ‘मुझे गुटबाजी के चलते कई फिल्मों से निकाल दिया गया. जो लोग मेरा सहयोग करना चाहते थे, वे दूसरे ग्रुप से जुड़े होने के चलते चाह कर भी सहयोग नहीं कर पा रहे थे.’

अक्षरा सिंह ने वीडियो में यह भी बताया कि जब ग्रुपबाजी का शिकार होने के बाद उन के पास फिल्मों में करने के लिए कोई काम नहीं था, तो मुंबई में पैर जमाए रखने के लिए उन्होंने अलबम में गीत गाने शुरू कर दिए.

जब अक्षरा सिंह के गाने हिट होने शुरू हुए और पैसे आने शुरू हो गए, तो ग्रुपों में बंटे बड़े ऐक्टर और गायक म्यूजिक कंपनियों से उन के गाने रिलीज होने से रोकने लगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि कई म्यूजिक कंपनियों के मालिकों ने फोन कर के कहा कि वे उन के गाने रिलीज नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कई बड़े ऐक्टरों और गायकों ने उक्त कंपनी के लिए गाने और फिल्में करने से मना कर दिया है.

यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब भोजपुरी सिनेमा में अक्षरा सिंह जैसी बड़ी कलाकार ग्रुपबाजी का शिकार हो सकती हैं, तो इंडस्ट्री में नया कदम रखने वाले लोग किस कदर शिकार होते होंगे.

एक फिल्म निर्माता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ऐसी है, जो सिर्फ आपसी खींचतान और गुटबाजी के लिए जानी जाती है. इस का नतीजा यह होता है कि गुट के लोगों को ही काम मिलता है, दूसरा कितना ही टैलेंटेड क्यों न हो, उसे काम नहीं दिया जाता है.

अगर कोई नया हीरो, गायक, राइटर, टैक्निशियन आगे बढ़ने की कोशिश करता है, तो भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में जिन की तूती बोलती है और जो बड़े चेहरे हैं, वे म्यूजिक कंपनियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देते हैं. फिर चाहे कोई लाख बड़ा गायक हो, लाख अच्छी ऐक्टिंग आती हो, आप के न गाने रिलीज हो पाएंगे और न ही इंडस्ट्री में काम मिलेगा.

हीरो तय करता है…

भोजपुरी सिनेमा के एक उभरते हुए ऐक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भोजपुरी सिनेमा में फिल्म की कास्टिंग में सब से ज्यादा दखलअंदाजी गायक से नायक बने बड़े ऐक्टरों की है.

उन्होंने आरोप लगाया कि ये बड़े ऐक्टर ही तय करते हैं कि उन की फिल्म में कौन सी हीरोइन रहेगी, कौन फिल्म का निर्देशन करेगा, कौनकौन से लोग सपोर्टिंग ऐक्टर के रूप में काम करेंगे और कौन फिल्म में टैक्निशियन के रूप में काम करेगा.

भोजपुरी सिनेमा में कभी काजल राघवानी के पास फिल्मों की लाइन लगी रहती थी. इस की वजह यह थी कि उन की और खेसारीलाल यादव की जोड़ी हिट मानी जाती थी. ऐसे में काजल को खेसारीलाल की फिल्मों के साथ उन के गुट के दूसरे निर्माताओं की फिल्मों में भी काम मिलता था. लेकिन खेसारीलाल और काजल के विवाद के बाद जब दोनों की जोड़ी टूट गई, तो अब काजल राघवानी के पास फिल्मों में काम न के बराबर है.

इस की महज यही वजह है कि खेसारीलाल की भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में तूती बोलती है और उन के नाराज होने के डर से कोई भी फिल्मकार काजल को अपनी फिल्म में काम देने से डरता है.

यही हाल कमोबेश अक्षरा सिंह का भी हुआ था. पवन सिंह के साथ विवाद होने के बाद अक्षरा सिंह के पास काम ही नहीं रह गया था. तब उन्होंने गायन का रास्ता अख्तियार किया और बाद में जा कर वे कुछ हद तक भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में वापसी कर पाईं.

जातियों में बंटे फैन

भोजपुरी सिनेमा में जातिवाद का बोलबाला सब से ज्यादा है. जहां एक तरफ पिछड़ी जातियों के लोग खेसारीलाल के समर्थक हैं, वहीं अगड़ी जातियों के समर्थक पवन सिंह, रितेश पांडेय, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’ वगैरह के समर्थक हैं. कई बार ये समर्थक इन ऐक्टरों के सोशल मीडिया पोस्ट पर ही आपस में भिड़ जाते हैं और गालीगलौज व धमकियां देने पर उतर आते हैं.

अहंकार भी है वजह

भोजपुरी सिनेमा में गुटबाजी की जो खास वजह सामने आती है, वह बड़े और चर्चित कलाकारों की लोकप्रियता और अहम भी है, जो अकसर विवाद की वजह बनते हैं. अगर हम खेसारीलाल, पवन सिंह, रितेश पांडेय के आपसी टकराव पर नजर डालें, तो अकसर इस को ले कर बयान सामने आते रहते हैं.

एक वीडियो में खेसारीलाल ने अपशब्द बोलते हुए कहा था कि प्रमोद प्रेमी, रितेश, ‘कल्लू’ और समर सिंह की औकात 5 लाख से ज्यादा की नहीं है.

खेसारीलाल के इस वीडियो के बाद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कई ऐक्टरों ने विरोध जताया था. इस मसले पर ऐक्टर और गायक रितेश पांडेय ने सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए लिखा था कि इन में से किस के घर का खर्च आप चलाते हैं? अपने से छोटों को आप इस नजरिए से देखते हैं. बहुत घटिया है आप की मानसिकता.

फिल्म जानकारों का मानना है कि कई नामीगिरामी म्यूजिक कंपनियां और प्रोडक्शन हाउस भोजपुरी के कुछ चुनिंदा ऐक्टरों के इशारों और रहमोकरम पर ही चल रहे हैं. ऐसे में भोजपुरी इंडस्ट्री में खेमेबाजी तो आम बात है.

अभी शादी का कोई इरादा नहीं

महज 16 की उम्र में ही ‘मिस जम्मू’ का खिताब जीतने वाली अनारा गुप्ता इन दिनों भोजपुरी फिल्मों का चर्चित नाम बन चुकी हैं. साल 2004 में वायरल हुई एक सीडी से चर्चा में आईं अनारा गुप्ता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन कोर्ट में चली लंबी लड़ाई के बाद वे यह साबित करने में कामयाब हो गई थीं कि वायरल सीडी में दिख रही लड़की वे नहीं थीं.

अनारा गुप्ता ने अपने कैरियर की शुरुआत मौडलिंग से की थी और उन्होंने अपने फिल्मी सफर में कई उतारचढ़ाव देखे हैं. वे भोजपुरी फिल्मों के साथसाथ सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं और बेहद खूबसूरत व स्टाइलिश फोटो शेयर करती रहती हैं. वहां पर उन के लाखों चाहने वाले हैं. वे भोजपुरी के साथसाथ साउथ की फिल्मों में भी काफी काम कर रही हैं.

हाल ही में रिलीज हुई भोजपुरी वैब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ में अनारा गुप्ता की अंकुश राजा के साथ जोड़ी खूब हिट रही है. अनारा गुप्ता से हुई एक मुलाकात में उन के फिल्मी सफर पर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

आप बेहद कम उम्र में ‘मिस जम्मू’ के खिताब से नवाजी गई थीं. मौडलिंग की तरफ रुख करने का खयाल मन में कैसे आया?

मैं ने अपने स्कूल के एक दोस्त के कहने पर मौडलिंग की तरफ रुख किया. इस में मेरी मां ने काफी मदद की. मैं ने जब मौडलिंग की तरफ कदम रखा, तो एक महीने तक स्पीच, वाक, स्टाइलिंग को सीखा. इस के बाद मेरे एक फ्रैंड ने ही मुझे ‘मिस जम्मू’ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की सलाह दी.

क्या आप के कैरियर का शुरुआती दौर बहुत झंझावातों से गुजरा था?

जिंदगी में बहुत सारी चीजें नहीं होनी चाहिए, पर वह सब मेरे साथ हुआ. मेरे ऊपर कई झूठे आरोप लगे. उस दौर में मैं ने बहुत दुख झेला, पर मुझे मेरे परिवार का बहुत ज्यादा साथ मिला.

जब भी मैं पीछे मुड़ कर उस दौर को देखती हूं, तो काफी दुख होता है. कभीकभी मुझे खुद पर गुस्सा भी आया, लेकिन कभीकभी लगता है कि मैं बहुत मजबूत भी हूं.

जब आप ने कोई गलती की ही न हो और मीडिया के टेढ़ेमेढ़े सवालों का जवाब देना पड़े, तो क्या कभी खुद पर या मीडिया पर गुस्सा आया?

बिलकुल बहुत गुस्सा आता है. लेकिन यह भी सच है कि जब मेरे ऊपर यह आरोप लगा था, तो उस दौर की मीडिया सचाई की छानबीन कर के ही खबरें लिखती थी.

तब बहुत सारे पत्रकारों ने मेरी सचाई को दिखाने में मदद की और मेरे ऊपर लगा आरोप झूठा साबित हुआ.

आप के बुरे दिनों में सब से ज्यादा साथ किस ने दिया?

मेरे बुरे दिनों में सब से ज्यादा मेरी मां ने साथ दिया, जो आज इस दुनिया में नहीं हैं. मेरे 3 भाई मेरे साथ हर समय खड़े रहे. मीडिया का भी बहुत ज्यादा सहयोग रहा.

आप की लाइफ पर फिल्म भी बन चुकी है. ऐसा मौका बहुत कम लोगों को मिलता है. इस को ले कर आप के क्या विचार हैं?

मेरी जिंदगी में केके यादव का बहुत सहयोग रहा, जिन्होंने मुझे फिर से खड़ा होने का मौका दिया. उन्होंने मेरे स्ट्रगल को ले कर फिल्म बनाई और लोगों को सचाई से रूबरू कराया.

वे इस फिल्म के जरीए लोगों को बताने में कामयाब रहे कि मैं ने कुछ गलत किया नहीं, बल्कि झेला है.

आप ने साउथ और भोजपुरी दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में काम किया है. आप इन दोनों फिल्म इंडस्ट्री में क्या फर्क पाती हैं?

मैं ने साउथ की फिल्मों में काम कर के समय प्रबंधन और समय की पाबंदी का मतलब सीखा. साउथ की फिल्मों में काम कर के यह पता चला कि फिल्मों में कैसे काम किया जाता है. लेकिन असल पहचान भोजपुरी से मिली. यहां दर्शकों ने मुझे और मेरी ऐक्टिंग को सिरआंखों पर लिया.

भोजपुरी इंडस्ट्री से मुझे खूब सारा प्यार मिला और मिल भी रहा है. मुझे लगता ही नहीं है कि मैं जम्मू में पलीबढ़ी हूं, क्योंकि भोजपुरी से मेरा ऐसा जुड़ाव बन चुका है, जैसे मैं यहीं पलीबढ़ी हूं.

हाल ही में लौंच हुए भोजपुरी के ओटीटी प्लेटफार्म ‘चौपाल’ पर आप की भोजपुरी वैब सीरीज खूब सुर्खियां बटोर रही है. आप भोजपुरी वैब सीरीज का क्या भविष्य देखती हैं?

बौलीवुड फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर लगातार रिलीज हो रही थीं, लेकिन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं था. लेकिन ‘चौपाल’ ने भोजपुरी सिनेमा में भी भोजपुरी वैब सीरीज को ले कर रास्ते खोल दिए हैं.

भोजपुरी वैब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ किस तरह से अलग है?

फिल्मों में तकरीबन 2 घंटे में पूरी कहानी दर्शकों के सामने रखने का मौका मिलता है, जबकि वैब सीरीज में आप को अपने रोल के साथ पूरा इंसाफ करने का मौका मिलता है.

इस वैब सीरीज में मैं नैगेटिव कैरेक्टर में नजर आई हूं. इस रोल के जरीए मुझे दर्शकों का बहुत प्यार भी मिल रहा है.

आप शादी कब कर रही हैं?

मैं शादी अपनी मां के लिए करना चाहती थी, लेकिन अब जब वे इस दुनिया में ही नहीं हैं, तो मुझे कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में जितना लेट शादी की जाए उतना ही अच्छा है.

एक कलाकार के तौर पर मैं ने जो देखा है कि जब कोई हीरोइन शादी कर लेती है, तो उस के कैरियर पर बहुत असर पड़ता है, इसलिए मेरा अभी शादी करने का कोई इरादा नहीं है. हां, यह जरूर है कि मैं अपनी मां की आखिरी इच्छा की इज्जत करते हुए शादी करूंगी.

आजकल फिल्मों में रंग, जाति, धर्म आदि के नाम पर फिल्मों का बौयकौट का ट्रैंड चल पड़ा है. इस से आप फिल्मों के भविष्य पर कैसा असर देखती हैं?

एक फिल्म बनाने में बहुत लोगों की मेहनत लगती है. इस में बहुत सारा पैसा लगता है. एक फिल्म से सैकड़ों लोगों का घर चलता है. लोगों के मुंह में निवाला जाता है. फिल्में मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं, न कि रंग, जाति, धर्म के नाम पर बौयकौट करने के लिए. फिल्में समाज का आईना होती हैं, इसलिए हमें फिल्म को फिल्म के नजरिए से देखना होगा.

दर्शकों को इस बात को समझना होगा कि बौयकौट से समाज में सिर्फ भेदभाव फैलता है.

जिंदगी में आई तमाम नाकामियों के चलते आप हताश हुई हैं या और भी मजबूत हुई हैं?

जिंदगी में उतारचढ़ाव आते रहते हैं, खासकर फिल्म इंडस्ट्री में कामयाबी और नाकामी लगी रहती है. मेरी मम्मी ने मुझे सिखाया है कि कभी हालात से हार न मानो. ऐसे में जब भी मेरे सामने नाकामियां आईं, तो मैं हताश होने की जगह और भी मजबूत होती गई.

आप की जिंदगी का सब से ज्यादा टर्निंग पौइंट कब रहा?

मेरे जिंदगी का टर्निंग पौइंट साल 2004 रहा. तब मैं ने खुद को हालात से उबारा भी और फिल्मों में ऐक्टिंग की तरफ कदम भी बढ़ाया.

 

दर्शकों को मेरी फिगर पसंद है: रिंकू भारती गोस्वामी

सिनेमा में वैसे तो कई चेहरे हैं, जो दर्शकों में काफी पैठ रखते हैं और उन की फैन फौलोइंग भी काफी तादाद में है, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जो भोजपुरी सिनेमा में चरित्र अभिनेता या चरित्र अभिनेत्री के तौर पर काम करते आ रहे हैं, लेकिन उन की फैन फौलोइंग भोजपुरी के बड़े सुपरस्टारों से कहीं ज्यादा है.

इन्हीं में एक नाम है बिहार के सिवान जिले से ताल्लुक रखने वाली कलाकार रिंकू भारती गोस्वामी का. वे फिल्मों में अकसर भौजी, मामी, बहन के रूप में ही नजर आती रही हैं, लेकिन उन का छरहरा बदन, सोशल मीडिया पर लटकेझटके से भरपूर डांस वाले वीडियो और फिल्म सैट पर हंसीठिठोली उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग ही मुकाम देते हैं.

रिंकू भारती गोस्वामी से एक फिल्म के सैट पर हुई मुलाकात में उन्होंने अपनी जिंदगी के वे सभी राज खोले, जो अभी भी दर्शकों को पता नहीं हैं. पेश हैं, उसी बातचीत के खास अंश : आप एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं और शादी के बाद आप ने अदाकारी की दुनिया में सक्रिय रूप से कदम रखा. यह सफर कैसा रहा? मैं मूल रूप से बिहार के सिवान से ताल्लुक रखती हूं और मेरे पिताजी एक किसान हैं. हम 5 बहनें हैं और हमारी सभी बहनों को पिताजी ने बड़े लाड़प्यार से पाला है. बचपन से ही उन्होंने हमें सभी जरूरी सहूलियतें दीं. इसी दौरान मेरे अंदर ऐक्टिंग करने की ललक जग गई थी. लेकिन कोई ऐसा प्लेटफार्म नहीं मिल रहा था, जिस से मैं ग्लैमर की दुनिया में कदम रखूं, इसलिए मैं अपने इस शौक को डांस और गा कर पूरा कर लेती थी.

इस दौरान मेरी शादी हो गई. मुझे लगा कि शादी के बाद अब मेरा सपना अधूरा ही रह जाएगा, लेकिन मेरी ससुराल ने मेरा बहुत सपोर्ट किया और साल 2013 में मुझे ‘महुआ टीवी’ के ‘भौजी नंबर वन’ नाम के एक शो में आडिशन देने का मौका मिला और इसी से मेरे हौसले ने उड़ान भरनी शुरू कर दी.

इस के बाद मुझे लीड रोल में ‘प्राइम टीवी’ के सीरियल ‘सनसनी’ में काम करने का मौका मिला और यहीं से मैं फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाती गई. क्या आप ने भोजपुरी फिल्मों में आने के लिए थिएटर भी किया? मैं जब सीरियलों में काम कर रही थी, तो मेरे एक साथी ने मुझे फिल्मों मेंकदम जमाने के लिए थिएटर करने की सलाह दी. चूंकि मेरा सपना था फिल्मों में काम करना, इसलिए मैं ने दिल्ली में थिएटर किया और ऐक्टिंग की सभी बारीकियां सीखीं.आप ने मुंबई की तरफ कब रुख किया मैं ने थिएटर से ऐक्टिंग सीखने बाद खुद के रिस्क पर मुंबई जाने का तय कर लिया था, इसलिए मैं खुद के बचाए पैसे ले कर मुंबई चली गई. वहां जा कर मुझे 23 दिनों तक भटकना पड़ा, लेकिन इसी दौरान मुझे बहुत ही चर्चित सीरियल ‘मुसकान’ में काम करने का मौका मिला, जहां लोग मेरी ऐक्टिंग के मुरीद होते गए.

इसी के बाद मुझे पहली भोजपुरी फिल्म मिली, जिस में मुझे सैकंड लीड रोल मिला. इसी के बाद हिंदी फिल्म ‘वनडे’ मिली, जहां से मुझे बहुत हिम्मत मिली. इस के बाद जिन फिल्म मेकरों ने मेरी अदाकारी को देखा और भोजपुरी भाषा पर मेरी पकड़ देखी, तो मेरे पास फिल्मों के जबरदस्त औफर आने लगे. यहीं से मैं ने कामयाबी का स्वाद चखना शुरू किया और आज के दौर में भोजपुरी बैल्ट में बच्चाबच्चा मुझे पहचानता है.

क्या इस कामयाबी को अपना भाग्य मानती हैं या यह सब आप को जद्दोजेहद से मिला? कामयाबी तो भाग्य से मिल ही नहीं सकती है. मेरी कामयाबी के पीछे मेरी जद्दोजेहद है, क्योंकि न ही मेरा कोई गौडफादर है और न ही इस इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए मेरा किसी ने सहयोग किया. यह कामयाबी मुझे केवल मेरे जुनून और जद्दोजेहद के बदौलत ही मिली है.

आप भोजपुरी फिल्मों में कभी भाभी, कभी पुलिस और कभी गंवई लुक में नजर आती रही हैं, फिर भी आप को भोजपुरी में वह पहचान मिली है, जो बड़ीबड़ी हीरोइनों को ही मिल पाई है. यह सब कैसे हो पाया?

इस का सारा क्रेडिट मैं केवल दर्शकों को देना चाहूंगी, क्योंकि जिन को दर्शकों ने नकारा, वे फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमा ही नहीं सकते हैं. मुझे लगता है कि मेरा रोल और अदाकारी दोनों ही मेरे दर्शकों को पसंद आते हैं, इसलिए मुझे दर्शक सिरआंखों पर बैठा कर रखते हैं.

आप जब फिल्म सैट पर होती हैं, तो अकसर बड़े ऐक्टरों के साथ फेसबुक लाइव या वीडियो क्लिप में हंसीठिठोली करती नजर आती हैं. क्या ऐसा भी कभी हुआ, जब इस से किसी ने बुरा भी माना हो?

आप ने सही कहा और देखा भी होगा कि मैं ने खेसारीलाल यादव, सुशील सिंह, देव सिंह जैसे कई कलाकारों के साथ हंसीमजाक, ठिठोली वाले कई वीडियो बनाए हैं, लेकिन इस में सभी लोग मेरे साथ खुल कर मस्ती करते नजर आए होंगे. ऐसे में किसी के बुरा मानने की बात ही नहीं आती है. हां, यह जरूर है कि ऐसे वीडियो के मेरे प्रशंसक बहुत प्यार देते हैं.

आप सोशल मीडिया पर भी किसी सनसनी से कम नहीं हैं. आप की फैन फौलोइंग भी काफी अच्छी है. ऐक्टिंग और सोशल मीडिया पर एकसाथ सक्रियता, यह सब कैसे हो पाता है?

मैं अपनी कामयाबी में एक क्रेडिट सोशल मीडिया को भी देना चाहूंगी, क्योंकि मैं शुरुआती दौर में छोटेछोटे वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डालती थी, जिन्हें मेरे चाहने वालों ने काफी प्यार दिया और आज यह सब

मेरी पहचान में एक बड़ा योगदान बनाए हुए है.मै भोजपुरी में अकसर शौर्ट वीडियो और रील्स बना कर डालती हूं, जिन्हें लाखों व्यूज मिलते रहे हैं, इसलिए मेरा मानना है कि जिस के जरीए आप को कामयाबी मिली है, उस का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए. आप एक किशोर बच्चे की मांहैं, यह आप की फिगर देख कर लगता ही नहीं है. एक कलाकार के तौर पर फिगर को मेंटेन रखना कितना चैलेंजिंग है?

अगर आप ग्लैमर की दुनिया में खासकर फिल्मों में तो आप के लिए अपनी फिगर को फिल्मों के मुताबिक मेंटेन रखना बहुत ही चैलेंजिंग होता है, क्योंकि शूटिंग के दौरान न खाने का कोई समय होता है और न ही सोने का. मेरे जैसी एक कलाकार के लिए तो और भी मुश्किल, जब बेटा ही मेरी कदकाठी का हो चुका हो.

इस सब के बाद भी अगर दर्शक मेरी फिगर को पसंद कर रहे हैं, तो इस के पीछे का राज यह है कि मैं डांस में खूब पसीना बहाती हूं, ऐक्सरसाइज करती हूं. खाना तो ऐसा खाती हूं, जो मेरी सेहत और स्किन का खास खयाल रखे.  शूटिंग से जब भी मुझे फुरसत मिलती है, तो मैं भरपूर नींद भी लेती हूं.

एक कामयाब कलाकार होने के बावजूद आप एक कामयाब हाउसवाइफ भी हैं. ऐसे में हाउसवाइफ के लिए कोई संदेश देना चाहेंगी? भारत एक ऐसा देश है, जहां औरतें पहले अपने परिवार के लिए सोचती हैं और आखिरी में अपने बारे में. यह बहुत जरूरी भी है, लेकिन कई बार इन सब के बीच वे अपनी सेहत और फिगर के प्रति लापरवाह हो जाती हैं, इसलिए मेरा सभी घरेलू औरतों के लिए यही संदेश है कि वे घरपरिवार की जिम्मेदारियों के साथसाथ अपने खानपान, सेहत और फिगर के प्रति जरूर ध्यान दें.

‘नमस्ते बिहार’ फेम राजन कुमार ने भोजपुरी फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, पढ़ें खबर

भोजपुरी फिल्मों के साथ ही भोजपुरी गीत संगीत में बढ़ती अश्लीलता व फूहड़ता ने अब कई बिहार पुत्रों के इसके खिलाफ जंग छेड़ने के लिए उद्वेलित कर दिया है.इसी के चलते बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी सफलतम फिल्म ‘‘नमस्ते बिहार‘‘फेम और चार्ली चैप्लिन द्वितीय के रूप में मशहूर अभिनेता तथा  बिहार पुत्र हीरो राजन कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,बिहार प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर भोजपुरी सिनेमा व भोजपुरी गीत संगीत में जिस तरह से लोकगीतों के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है,उसे रोकने के लिए दिल्ली,मुंबई,कलकत्ता ,चेनई, हैदराबाद की तरह बिहार राज्य के पटना शहर में ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रसारण बोर्ड’ का दफ्तर खोलने की मांग की  है. जिससे भोजपुरी व मैथिली भाषा के जानकार लोग अश्लीलता रोकने में मददगार साबित हो सकें.

पिछले कुछ वर्षों में बिहार में लोक गीत संगीत और भोजपुरी गाने के नाम पर धड़ल्ले से अश्लीलता परोसी जा रही है. आज अश्लीलता, द्विअर्थी गीतों और भड़काऊ अलबम का बहुत बड़ा भयावह बाजार बन गया है. भोजपुरी गीत के नाम पर बहन, चाची, लईकी, भउजी, साली जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए रिश्तों को भी बदनाम किया जा रहा है.पिछले दिनों कई  भोजपुरी कलाकारों द्वारा परोसी गई अश्लीलता पर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा भी हुआ, बात मीडिया में भी आई मगर इस समस्या पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया,जिससे लोग ऐसे भद्दे गाने बनाने या इसे रिलीज करने से पहले सोचें.

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यूं तो हाल ही में सांसद रवि किशन शुक्ला ने भी भोजपुरी फिल्मों और गानों के जरिए समाज में फैलाई जा रही अश्लीलता पर रोक लगाए जाने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की थी. लेकिन उनकी इस मांग पर कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि,‘क्या रवि किशन ने जिन भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया, वह साफ सुथरी फिल्मों की श्रेणी में आती हैं?’’ खैर, अब बिहार पुत्र, ‘बिहार फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एयसोसएिशन’ के संस्थापक अध्यक्ष और फिल्म ‘‘नमस्ते बिहार‘‘ के  हीरो राजन कुमार ने बिहार में सेंसर बोर्ड स्थापित करने की मांग की है.

हीरो राजन कुमार ने बिहार फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष की हैसियत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,बिहार राज्य के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार को पत्र लिखकर  उनका ध्यान समाज की इस गंदगी की तरफ देने की गुहार लगाई है. उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि बिहार में भोजपूरी गानों और फुहड़ फिल्मो के द्वारा अश्लीलता का बाजार गरम है,जो समाज और हमारी सांस्कृतिक विरासत को एक बड़ा खतरा है. उन्होने अपने इस पत्र में अश्लील गीत संगीत और फूहड़ता फैलाने वाली फिल्मों पर अंकुश लगाने के लिए बिहार के पटना शहर में सेंसर बोर्ड की स्थापना की अपील की है.

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राजन कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि बिहार अपनी कला संस्कृति, गीत संगीत और लोकगीत की महत्ता और खूबसूरती की वजह से सारी दुनिया मे मशहूर है. बिहार के पारम्परिक लोकगीतों को सुनते ही दिल दिमाग को बहुत सुखद अनुभव होता है परन्तु, दुःख की बात यह है कि आज लोकगीत के नाम पर अश्लील गीत संगीत तैयार किए जा है जिन पर लड़कियों से उत्तेजक डांस करवाए जा रहे हैं. जिसका दुष्परिणाम ये हो रहा है कि आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है और हमारा युवा भटकता जा रहा है. अब तो, शादी-व्याह, तिलक, जन्मदिन और छोटे-छोटे उत्सवों पर भी अश्लील गीत संगीत बजाकर और इस तरह के कार्यक्रम कर इनको फलीभूत किया जा रहा है.निजी सवारी, सामान ढोने वाले वाहन, चैक-चैराहा, ऑटो-टेम्पो, बस और ट्रैक्टर में धड़ल्ले से ऐसे द्विअर्थी गाने बज रहे है.जिन्हें सुनकर कुछ मनचले युवक रास्ते पर, सफर में अकेले चल रही बहु-बेटियो पर छींटाकशी करते हैं. इसलिए बिहार कला संस्कृति के सम्मान हेतु इस पर जल्द से जल्द अंकुश लगाने की जरुरत है.

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राजन कुमार ने सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निवेदन के साथ कुछ बेहद महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं.उनकी अपील है कि बिहार में केद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्थापना हो, जो म्यूजिक वीडियो और फिल्म को सेंसर करके पारित करे. कला संस्कृति विभाग के अधिकारिक वेबसाइट पर सभी कलाकारों,फिल्मकारों,गीतकारों,  संगीतकारों और फिल्म निर्देशकों का  सरकारी पहचान पत्र के साथ ऑनलाइन पंजीकरण हो. बिहार में एक राज्य और प्रमंडलवार गीत,संगीत और फिल्म परामर्शी समिति का गठन हो, जो भोजपुरी व मैथिली सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं पर आधारित गीत संगीत को देखकर कर अनुमति दे. सभी रिकॉर्डिंग स्टूडियोको गीत-संगीत रिकॉर्डिंग मार्गदर्शिका प्रदान किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका अनुपालन कड़ाई से हो. जिससे कोई भी कलाकार अश्लील गीत@संगीत और फूहड़ फिल्म बनाने की कल्पना भी न करे.

इस भोजपुरी गाने ने दिखाई शराबी आदमी की पत्नी की तड़प, देखें Video

शराब एक ऐसी सामाजिक बीमारी है,जिसके चलते आए दिन परिवारों के अंदर कलह होती रहती है.इतना ही नहीं शराब जैसी सामाजिक बीमारी के चलते लोग अपने शराब का सेवन करने वाले प्रियजनों को भी खो रहे हैं. इसी मुसीबत से हर इंसान व परिवार को बचाने के मकसद से बिहार सरकार ने शराब बंदी लागू की है.

मगर इसका खास असर बिहार में नजर नही आ रहा है. अभी भी लोग चोरी छिपे शराब खरीद रहे हैं और उसका सेवन कर रहे हैं. ऐसे में सामाजिक मुद्दों पर आधारित गाने लेकर आने वाली मशहूर संगीत कंपनी ‘‘विजय लक्ष्मी म्यूजिक’’ एक नया गाना ‘‘मिल गईल पियवा पियक्कड़” को बाजार में लेकर आयी है. यह गाना विजय लक्ष्मी भोजपुरी ट्यून पर रिलीज हुआ है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं. यह एक विशुद्ध रूप से सामाजिक सरोकारों वाला गाना है.

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यह गाना एक शराबी पुरूष की पत्नी की पीड़ा व वेदना को जगजाहिर करता है. इस गाने में अपने पति से पीड़ित पत्नी अपनी वेदना सुनाते हुए कहती है-‘‘मिल गईल पियवा पियक्कड़”. जिसे नीतू श्री ने अपनी मधुर व वेदनामयी आवाज मेें स्वरबद्ध किया है.

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नीतू श्री कहती हैं-‘‘वर्तमान दौर के एक ज्वलंत विषय पर आधारित है. इस गाने कापक्ष जितना मनोरंजक है, उतना ही यह समाज में जागृति लाने वाला भी है.

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यह ऐसा गाना है,जिसे हर पुरूष व नारी को सुनना चाहिए. बहुत मजा आएगा. आप भी गाने को सुने और दूसरे को भी सुनाएँ. ’’ गीत ‘‘मिल गईल पियवा पियक्कड़” के गीतकार अमन अलबेला ,संगीतकार लार्ड जी,निर्देशक रंजीत कुमार सिंह और नृत्य निर्देषक गणेश सपना है.

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