मेरे पति की सेक्स के प्रति रूचि कम हो गई है, कोई उपाय बताएं ?

सवाल

मैं 21 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 2 वर्ष हुए हैं और मेरे पति की सेक्स के प्रति अभी से रूचि कम हो गई है. कोई उपाय बताएं, जिस से उन की सेक्स में दिलचस्पी बढ़ जाए. क्या कोई दवा कारगर होगी?

जवाब

सेक्स करने की इच्छा (कामेच्छा) हर व्यक्ति की अलग अलग होती है. इस का कोई निश्चित मानदंड नहीं है. यह व्यक्ति की इच्छा और क्षमता पर निर्भर करती है.

ऐसी कोई दवा नहीं है, जो व्यक्ति की यौनेच्छा को बढ़ा सके. अलबत्ता इस बात पर गौर करें कि आप के पति को अपनी नौकरी या व्यवसाय को ले कर कोई परेशानी तो नहीं है या फिर औफिस में काम का बोझ ज्यादा तो नहीं, क्योंकि कई बार ऐसी किसी परेशानी के कारण भी व्यक्ति का सेक्स करने को मन नहीं करता. थकान की वजह से नींद जल्दी आ जाती है. सेक्स के लिए प्रवृत्त होने के लिए व्यक्ति का तन और मन दोनों का स्वस्थ और सक्रिय होना आवश्यक होता है.

सेक्स करने का ये फायदा शायद ही कोई जानता हो

आज के जमाने में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं और महिला और पुरुष अपने वजन को लेकर चौकन्ने रहते हैं. इसके लिए वे न सिर्फ अपने खानपान पर खास ध्यान देते हैं बल्कि फिट रहने के लिए हजारों रुपये भी खर्च करते हैं. लेकिन एक नए शोध के अनुसार अब आपको वजन कम करने के लिए न तो घंटों जिम में जाकर पसीना बहाने की जरूरत है और न ही घंटों जॉगिंग की. सेक्स एक ऐसा जरिया है जो आपको वजन बढ़ने की परेशानी से बचा सकता है.

कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि सेक्स करके आसानी से वजन कम किया जा सकता है. सेक्स करने से तेजी से कैलोरी बर्न होती है जिससे वजन कम होता है. हम यहां आपको बता रहे हैं कैसे सेक्स मददगार होता है वजन घटाने में.

एक शोध में यह सामने आया है कि अगर पुरुष 25 मिनट तक सेक्स करे तो इससे वह 101 कैलोरी जला सकता है जबकि इतने ही समय तक सेक्स करके महिला 70 कैलोरी बर्न करती है. इस अध्ययन के मुताबिक जवान और स्वस्थ पुरुष औसतन सेक्स के दौरान एक मिनट में 4.2 कैलोरीज बर्न करते हैं, जबकि ट्रेडमिल में 9.2 कैलोरीज बर्न होती हैं. वहीं महिलाएं सेक्स के दौरान एक मिनट में 3.1 कैलोरीज बर्न करती हैं.

जॉगिंग ही नहीं सेक्स भी जलाती है कैलोरीज

सेक्स करके भी आप अपनी कैलोरी बर्न कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ एक घंटे तक मस्ती करके आप 70 कैलोरी जलाते हैं. इस एक घंटे में फोरप्ले करके यौन संबंध को मस्ती के साथ और भी रोचक बना सकते हैं. अगर अधिक कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो अपने सेक्स के तरीकों को बदलें.

सेक्स कम करता है चर्बी

नियमित रूप से सेक्स संबंध बनाने से कार्टिसोल का स्तर सामान्य रहता है. कार्टिसोल ऐसा हार्मोन है जो आपकी भूख बढ़ाता है. इस हार्मोन के अधिक स्राव होने के कारण भूख अधिक लगती है. जबकि कार्टिसोल का स्तर कम रहने से शरीर से अतिरिक्त फैट जलता है.

बेहतर सेक्स और खानपान

सेक्स के मामले में अगर आप अपनी इमेज अच्छी रखना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका पार्टनर आपसे खुश रहे तो अपना खानपान जरूर सुधारें. आपको तले हुए खाने से बचना चाहिए और ऐसा भोजन लेना चाहिए जिससे वसा न बढ़ता हो. इसके अलावा फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

सेक्स करता है बीमारियों से बचाव

सेक्स करने से न केवल वजन कम होता है बल्कि कई सामान्य और गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है. सेक्स से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं और ब्लड प्रेशर भी काबू में रहता है. महिलाओं में मासिक धर्म में परेशानी नहीं होती.

तो अब आप वजन कम करने के लिए बाहर जाने की बजाय अपने पार्टनर को प्यार करें और अपने वजन को काबू में रखें, इससे आपकी सेक्स लाइफ भी खुशहाल रहेगी और आप सेहतमंद भी रहेंगे.

जब पति करने लगे ज्यादा सेक्स की मांग

कोरोना की दहशत को एक तरफ रखकर देखें तो तमाम लोगों ने अलग अलग तरीकों से लौकडाउन में जिन्दगी का भरपूर लुत्फ उठाया . जिन्हें खाने पीने का शौक था उन्होंने घर पर ही तरह तरह के पकवान बनाकर खाए और जिन्हें सेक्स के बाबत मूड न होने और वक्त की कमी की शिकायत रहती थी उन्होंने जमकर और मनचाहे तरीकों से सेक्स का मजा लिया , वे बीवियां जो अपने आप से या फिर नजदीकी सहेलियों से इस बात का रोना रहती थीं कि क्या करूं बहिन ये तो दिन भर के थके हारे आते हैं और खाना खाकर बिस्तर पर लुढ़ककर खर्राटे भरने लगते हैं और मैं प्यासी तड़पती रहती हूँ लाक डाउन उन के लिए सेक्स के मामले में वरदान साबित हुआ .

लेकिन यही वरदान भोपाल की रहने बाली सुमित्रा जैसी औरतों के लिए जल्द ही अभिशाप बनने लगा . सुमित्रा का पति चन्दन मंडीदीप की एक दवा फेक्ट्री में काम करता है और खुद सुमित्रा तीन घरों में खाना बनाने जाती है . दोनों की पगार से घर ठीक ठाक तरीके से चल जाता है . चन्दन सुबह 9 बजे घर से निकलता था तो रात के 8 बजे वापस आ पाता था लगभग यही वक्त सुमित्रा के वापस लौटने का होता था . 3  साल के बेटे मुन्नू की देखभाल सास करती थी . दोनों थके हारे होते थे इसलिए खा पीकर 10 बजे तक सो जाते थे .सेक्स के लिए उन्होंने इतवार का दिन तय कर रखा था लेकिन कई बार वे इसमें कुछ वजहों के चलते  चूक भी जाते थे .

लौकडाउन लगा तो शुरू के चार पांच दिन तो दोनों आने बाले वक्त की चिंता में डूबे पैसों का हिसाब किताब लगाते रहे कि पास में जो नगदी है उससे कितने दिन काम चल जाएगा और लाक डाउन जैसी की चर्चा है अगर और लम्बा खिंचा तो फिर क्या करेंगे . चन्दन का फेक्ट्री जाना बंद हो गया था और सुमित्रा को भी कह दिया गया था कि वह कुछ दिन खाना बनाने न आये क्योंकि कोरोना फैलने का डर है और शहर में कर्फ्यू भी लगा हुआ है . पास की किराने की दुकान से चन्दन महीने भर का इकट्ठा राशन खरीद कर ले आया था जिससे दोनों बेफिक्र यह सोचते हो चले थे कि अब आगे जो होगा सो देखा जाएगा .

गलत शुरुआत –

अब दोनों की दिनचर्या बदल गई थी और काम पर जाने का टेंशन भी  खत्म हो गया था . छठे दिन सुबह चन्दन देर से उठा उस वक्त सुमित्रा बाथरूम से नहा कर निकली ही थी कि उसे पेटीकोट और ब्रा में देख चन्दन की कनपटियाँ गर्म हो उठीं ,  उसने सुमित्रा को फ़िल्मी स्टाइल में गोद में उठाकर बिस्तर में ला पटका और भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा . दोनों करीब एक घंटा बिस्तर में रहे और जब अलग हुए तो उन्हें महसूस हुआ कि मुद्दत बाद हमबिस्तरी का सही मजा आया है . सुमित्रा जब कपडे पहनकर रसोई की तरफ जाने लगी तो चन्दन शरारत से बोला यह तो ट्रेलर था असली फिल्म तो रात को शुरू होगी .

सुमित्रा को तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि यही वह चन्दन है जो इतवार की रात एक बार के बाद ही पस्त होकर कहता था कि बस हो गया अब सोउंगा सुबह फेक्ट्री जाना है तू भी सो जा थक गई होगी अब वह कैसे चंदन को बताती कि वह थकी नहीं है बल्कि और थकना चाहती है पर पति की हालत देख खामोश रह जाती थी और आज सुबह सुबह ही इतनी थक गई थी कि और सो जाने को मन कर रहा था . घर के काम करते करते वह रात का इंतजार वैसे ही करने लगी जैसे शादी के बादके दिनों में करती थी .

रात हुई तो चन्दन ने फिर उसे दबोच लिया वह खुद भी इसके लिए बैचेन थी और पति का पूरा साथ दे रही थी . कुछ देर बाद चन्दन ने मोबाइल उठाकर उसे एक ब्लू फिल्म दिखाई और बोला चल अब यह ट्राई करते हैं . सुमित्रा उस दिन वाकई वैसे ही थक गई थी जैसा की चाहती रहती थी लेकिन चन्दन को बुरा न लगे इसलिए उसने खुद को उसके हवाले कर दिया और जैसा वह कहता गया वैसा वैसा करती गई . उस रात कोई 4 बजे वे सोये .

फिर तो यह रोज सुबह , दोपहर और रात का सिलसिला हो गया अब हालत यह थी कि वह हमबिस्तरी से बचना चाहती थी लेकिन चन्दन के सर जाने कौन सा भूत सवार हो गया था कि उसे सेक्स और सेक्स के सिवाय कुछ सूझता ही नहीं था . कोई काम धाम या चिंता तो थे नहीं लिहाजा उसका खाली दिमाग शैतान का तो नहीं लेकिन सेक्स का घर जरुर हो चला था .  सुमित्रा यह सोच कर पति को मना नहीं कर पाती थी कि कहीं उसे बुरा न लग जाए क्योंकि उसे भी तो शादी के 6 साल बाद ऐसा सुनहरी मौका हाथ लगा है . लेकिन यह कितनी गलत शुरुआत थी इसका एहसास और पछतावा अब सुमित्रा को हो रहा है .

जब टूटी परेशानियां –

कुछ दिन बाद सुमित्रा को प्राइवेट पार्ट में दर्द हुआ तो वह घबरा उठी गौर से देखने पर पता चला कि उस पर हलकी सी सूजन भी है .यह बात उसने चन्दन को बताई तो वह बोला अब कुछ दिन हमबिस्तरी बंद कर लेते हैं और दो चार दिन में डाक्टरनी को दिखा लेंगे हालाँकि अभी डाक्टर्स भी मरीजों को नहीं देख रहे हैं . लेकिन चन्दन एक दिन ही अपने वादे पर कायम रह पाया और दूसरे दिन सुमित्रा से बोला यार बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब आदत पड़ गई है . सुमित्रा ने समझा बुझा कर और अपनी हालत का हवाला देकर उसे टरकाया लेकिन यह सोचकर वह काँप उठी कि अगर लाक डाउन के बाद भी पति की आदत नहीं सुधरी तो लेने के देने पड़ जायेंगे यह सोचकर भी उसे घबराहट होने लगी कि अगर वह चन्दन को सेक्स सुख नहीं दे पाई तो वह इधर उधर मुंह मारने लगेगा अब वह उस घडी को भी कोस रही थी जब उसने पति का जोर शोर और जोश से साथ दिया था.

सहेली काम आई

इत्तफाक से दूसरे दिन ही उसकी खास सहेली निम्मी घर आई तो उसने सारी बात उसे बताई . निम्मी ने उसे बताया कि तेरे शौहर का अभी तो यह हाल हुआ है मेरा तो शादी के वक्त से ही ऐसा है उसे रोज वक्त वेवक्त सेक्स करना रहता है जिससे मैं परेशान रहती हूँ कभी कभार वह सेक्स पावर बढ़ाने बाली गोलियां खा लेता है इससे एक बार तो उसका अंग छिल गया था और उसमे दाने भी पड़ गए थे  . कई बार मेरे साथ भी ऐसा हुआ कि अंग पर सूजन आ गई दर्द भी खूब हुआ इससे बचने यानी उसे संतुष्ट करने मैं हाथ और मुंह से उसे संतुष्ट करने लगी हूँ तू भी यही ट्रिक अपना और उसे समझा कि ज्यादा सेक्स से हम औरतों पर क्या बीतती है .

सुमित्रा ने इन तरीकों को आजमाया जो एक हद तक कारगर भी रहे लेकिन अब लाक डाउन के बाद भी चन्दन हर कभी कुदरती सेक्स की मांग करने लगता है तो वह दिक्कत में पड़ जाती है और निम्मी की बताई ट्रिक अपनाती है . पहले पति के संग के लिए बेताब रहने बाली सुमित्रा अब सेक्स के नाम से ही डरने लगी है .12 बी तक पढ़ी लिखी निम्मी ने ही उसे बताया था कि बात तेरे या मेरे पति की ही नहीं बल्कि दुनिया भर की कई औरतें पति की बढ़ती सेक्स मांग से परेशान हैं लाक डाउन के दौरान तो अफ्रीका की कई औरतों ने सरकार से मांग की थी कि लाक डाउन बंद किया जाए और पतियों को काम पर भेजा जाए क्योंकि वे फुर्सत के चलते  दिन रात सेक्स के लिए उतावले रहते हैं .

यह करें

पति जब जरुरत से ज्यादा सेक्स की मांग करने लगे तो पत्नियों को इन बातों पर अमल करना चाहिए –

– सेक्स का टाइम टेबिल बनायें कि यह हफ्ते में एक या दो बार ही होगा.

– इस पर भी वह जिद करे तो हाथ या मुंह से उसे संतुष्ट करें लेकिन इस दौरान साफ़ सफाई का ध्यान रखें .

– पति को समझाएं कि ज्यादा सेक्स दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह है इससे संक्रमण यानी इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है .

– सेक्स के माहिर डाक्टर यह मशवरा देते हैं कि हमबिस्तरी साल में 54 बार यानी महीने में 4 – 5 बार करना ठीक रहता है .

– पति जब सेक्स की इससे ज्यादा मांग करने लगे तो उसे शह न दें और न ही उसकी बात माने इससे आप पेट से भी हो सकती हैं अगर बच्चा न चाहिए हो तो खामोख्वाह की झंझट पैदा हो जाती है और रिश्ते पर भी बुरा फर्क पड़ता है.

– पति अगर सेक्स पावर बढ़ाने बाली दवाइयां लेने लगे या नशा करने लगे तो उसे इसके खतरे समझाएं सेक्स कुदरती तौर पर ही करने पर असली सुख देता है.

– पति को ब्लू फ़िल्में देखने से रोकें और खुद तो इसमें उसका साथ बिलकुल न दें.

– पति को रोजाना कसरत के लिए कहें और खानपान सादा रखें ज्यादा मिर्च मसाले बाला खाना सेक्स और सेहत दोनों के लिए नुकसानदेह होता है.

– इस पर भी बात न बने तो पति को शहर के काबिल सेक्स डाक्टर के पास ले जाएँ नीम हकीमों के चक्कर में तो बिलकुल न पड़ें.

मैं एक शादीशुदा लड़की से प्यार करता हूं और हम ने कई बार सेक्स भी किया है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं पिछले तकरीबन 4 सालों से एक शादीशुदा औरत से प्यार करता हूं. हम ने कई बार सेक्स भी किया है, क्या ऐसा करना ठीक है?

जवाब-

अगर औरत राजी हो तो ठीक है, पर उस के पति को पता चल गया तो जनाब बुरी तरह पिटोगे. जैसा कि वे औरत शादी-शुदा है तो बेहतर यही रहेगा कि आप उसका साथ छोड़ दें.

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का कारण कहीं सेक्स असंतुष्टि तो नहीं

कुछ अरसा पहले आए सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले में धारा 497 को रद्द कर विवाहेतर संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया. उस समय के सीजेआई दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवाह से बाहर बनाया गया संबंध एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है. यह तलाक का आधार तो बन सकता है, परंतु यह अपराध नहीं है.

देश की शीर्ष अदालत के इस फैसले से बहस छिड़ गई है. समाज में बढ़ रहा व्यभिचार समाज के तानेबाने को तोड़ने का कुत्सित प्रयास तो कर रहा है, लेकिन प्रश्न यह भी उठा रहा है कि आखिर बढ़ते व्यभिचार और विवाहेतर संबंध का कारण क्या है?

मानव सभ्यता के विकास के साथ समाज ने शारीरिक संतुष्टि और सेक्स संबंधों की मर्यादा के लिए विवाह नामक संस्था को सामाजिक मंजूरी दी होगी. विवाह के बाद पति और पत्नी के बीच के सेक्स संबंध शुरू में तो ठीक रहते हैं, परंतु समय के साथ सेक्स के प्रति अरुचि व पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न दिया जाना कलह के कारण बनते हैं.

आमतौर पर सुखद सेक्स उसी को माना जाता है, जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सेक्स संबंध में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रतिभा की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है. परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रतिभा का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रतिभा अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है.

कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश जब सेक्स करने की पहल करता है, तो प्रतिभा उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता. मन मसोस कर अपनी कामेच्छा दबा लेता. धीरेधीरे सेक्स करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल आने लगे. प्रतिभा जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सेक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सेक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को अपनी सेक्स जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए. सेक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सेक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की गई पहल का स्वागत कर, सेक्स संबंध स्थापित कर, एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

बच्चों के जन्म के बाद भी सेक्स के प्रति उदासीन न हों. सेक्स दांपत्य जीवन का मजबूत आधार है. शारीरिक संबंध जितने सुखद होंगे भावनात्मक प्यार उतना ही मधुर होगा. घर में पत्नी के सेक्स के प्रति रूखे व्यवहार के चलते पति अन्यत्र सुख की तलाश में संबंध बना लेता है. कामकाजी पति द्वारा पत्नी को पर्याप्त समय और यौन संतुष्टि न देने से वह भी अन्य पुरुष से शारीरिक संबंध बना लेती है, जिस की परिणति दांपत्य जीवन में तनाव और बिखराव के रूप में देखने को मिलती है.

स्वाभाविक होता है बदलाव

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि संबंधों में यह बदलाव स्वाभाविक है. शादी के शुरू के सालों में पतिपत्नी एकदूसरे के प्रति जो खिंचाव महसूस करते हैं, वह समय के साथ खत्म होता जाता है और तब शुरू होती है रिश्तों में उकताहट.

आर्थिक, पारिवारिक और बच्चों की परेशानियां इस उकताहट को बढ़ावा देती हैं. फिर इस उकताहट को दूर करने के लिए पतिपत्नी बाहर कहीं सुकून तलाशते हैं, जहां उन्हें फिर से अपने वैवाहिक जीवन के शुरू के वर्षों का रोमांच महसूस हो. यहीं से विवाहेतर संबंधों की शुरुआत होती है.

एक रिसर्च से पता चला है कि अलगअलग लोगों में इन संबंधों के अलगअलग कारण हैं. किसी से भावनात्मक जुड़ाव, सेक्स लाइफ से असंतुष्टि, सेक्स से जुड़े कुछ नए अनुभव लेने की लालसा, वक्त के साथ आपसी संबंधों में प्रेम की कमी, अपने पार्टनर की किसी आदत से तंग होना, एकदूसरे को जलाने के लिए ऐसा करना विवाहेतर संबंधों के कारण होते हैं.

महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे की सोच

भारतीय संस्कृति में महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे का व्यवहार आज भी देखने को मिलता है. सामाजिक परंपराओं की गहराई में स्त्री द्वेष छिपा है. ये परंपराएं पीढि़यों से महिलाओं को गुलाम से अधिक कुछ नहीं मानती हैं. उन्हें इस तरह ढाला जाता है कि वे अपने शरीर के आकार से ले कर निजी साजसज्जा तक के लिए अनुमति लें.

जो महिला अपने ढंग से जीने के लिए परंपराओं और वर्जनाओं को तोड़ने का प्रयास करती है उस पर समाज चरित्रहीन होने का कलंक लगा देता है. पति को घर में व्यवस्था, पत्नी का समय व बढि़या तृप्तिदायक खाना, सुखचैन का वातावरण और देह संतुष्टि चाहिए. परंतु पति खुद उस की सुखसुविधाओं और शारीरिक जरूरतों का उतना खयाल नहीं रखता. पत्नी से यह चाह जरूर की जाती है कि वह पति की नैसर्गिक इच्छाएं पूरी करती रहे.

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार विवाहेतर संबंधों को रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. यदि आपसी रिश्ते की गरमाहट कम हो गई है तो रिश्ते को पुराने कपड़े की तरह निकाल कर नए कपड़ों की तरह नए रिश्ते बनाना समस्या का हल नहीं है. अपने पार्टनर को समझाने के कई तरीके हैं. उस से बातचीत कर समस्या को सुलझाया जा सकता है. सेक्स को ले कर की गई बातचीत, सेक्स के नएनए तरीके प्रयोग में ला कर एकदूसरे की शारीरिक संतुष्टि से विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

फोरप्ले से और्गेज्म तक का सफर

एक नामी फैशन मैगजीन के सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं के और्गेज्म यानी चरमसुख को ले कर कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं. इस औनलाइन शोध में 18 से 40 साल की आयु वाली 2300 महिलाओं से प्रश्न किए गए, जिन में 67% महिलाओं ने माना कि वे फेक और्गेज्म यानी और्गेज्म होने का नाटक करती हैं. 72% महिलाओं ने माना कि उन का साथी स्खलित होने के बाद उन के और्गेज्म पर ध्यान नहीं देता है. सर्वेक्षण के यह आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में पति और पत्नी अकसर सेक्स संबंधों में और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाते हैं.

सेक्स को केवल रात्रिकालीन क्रिया मान कर निबटाने से सहसंतुष्टि नहीं मिलती. जब दोनों पार्टनर को और्गेज्म का सुख मिलेगा तभी सहसंतुष्टि प्राप्त होगी. पत्नी और पति का एकसाथ स्खलित होना और्गेज्म कहलाता है. सुखद सेक्स संबंधों की सफलता में और्गेज्म की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है.

सेक्स को शारीरिक तैयारी के साथसाथ मानसिक तैयारी के साथ भी किया जाना चाहिए. यह पतिपत्नी की आपस की जुगलबंदी से ही मिलता है. सेक्स करने से पहले की गई सेक्स से संबंधित छेड़छाड़ भूमिका बनाने में सहायक होती है. कमरे का वातावरण, बिस्तर की जमावट, अंतर्वस्त्र जैसी छोटीछोटी बातें सेक्स के लिए उद्दीपक का कार्य करती हैं.

सेक्स के दौरान घरपरिवार की समस्याएं बीच में नहीं आनी चाहिए. सेक्स संबंध के दौरान छोटीछोटी बातों को ले कर की जाने वाली शिकायतें संबंध को बोझिल बनातीं और सेक्स के प्रति अरुचि भी उत्पन्न करती हैं. सेक्स के लिए नए स्थान और नए तरीकों का प्रयोग कर संबंध को प्रगाढ़ बनाया जा सकता है. सेक्स की सहसंतुष्टि यकीनन दांपत्य जीवन को सफल बनाने के साथसाथ विवाहेतर संबंध बनाने से रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है.

सेक्स टौयज की बढ़ती मांग

सेक्स टौय वाइब्रेटर बौलीवुड तक आ पहुंचा है क्योंकि बौलीवुड फिल्म ‘वीरे दी वैडिंग’ और नैटफ्लिक्स पर ‘फोर मोर शौट्स प्लीज’ फिल्म सैगमेंट लस्ट स्टोरीज में नायिकाओं को परदे पर सेक्स टौयज द्वारा यौन आनंद लेते हुए दिखाया गया है. जबकि भारतीय पेटेंट कार्यालय ने कनैडियन कंपनी की सेक्स टौय की बिक्री की प्रार्थना को यह कह कर ठुकरा दिया था कि वाइब्रेटर अश्लील और कानूनी नजरिए से नैतिक पतन है.

संस्कारी कानूनों से इतर वास्तविकता यह है कि भारत में सेक्स टौयज का बाजार 230 मिलियन डौलर का है. इस में 2019 में 34 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना जताई गई है. अगर इन से कानून की सख्ती हट जाती है तो यह बाजार और भी तेजी से बढ़ेगा. वर्तमान में सेक्स टौयज बिक्री का कानून न होने के कारण ग्राहक इन्हें चोरीछिपे और ब्लैक में खरीदते हैं. सेक्स टौयज कृत्रिम उपकरण हैं जिन का इस्तेमाल पार्टनर के न होने पर भी सेक्स का चरम सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इस के साथ ही अपने पार्टनर के साथ सेक्स संबंध को और मजेदार बनाने के लिए भी इन की मदद ली जाती है.

लौ प्रोफैसर शमनाद बशीर अपने ब्लौग में लिखते हैं कि पेटेंट कार्यालय ने उत्पाद को इस के तकनीकी दृष्टिकोण से समझा है जबकि यह जरूरी है कि इसे नैतिक और अनैतिक दृष्टिकोण से समझते हुए इस की प्रकृति निर्धारित की जाए.

भारतीय समाज में वाइब्रेटर को सदैव ही शर्मनाक और फूहड़ता की दृष्टि से देखा गया है. कुछ ही स्थान हैं जहां आप इसे खरीद सकते हैं जैसे कि दिल्ली का पालिका बाजार और मुंबई का क्राफोर्ड मार्केट या फिर विदेशों में जहां दुकानदार आप को शक की नजरों से नहीं देखता. इसलिए, लोग ज्यादातर इसे औनलाइन खरीदना पसंद करते हैं.

निसंदेह इंटरनैट ने अब इसे खरीदना टोस्टर की तरह आसान बना दिया है. वयस्क टौय वैबसाइट इस की बिक्री की कठिनाइयों को पहचानते हुए इस उत्पाद को बौडी मसाज की आड़ में बेचती हैं तथा आनंद प्राप्ति की गारंटी देती हैं. कुछ नए उत्पाद एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) की आड़ में धंधा करते हैं, जिस कारण से इन पर कोई संदेह नहीं करता.

उदाहरण के तौर पर पुरुष सेक्स टौयज को चौपस्टिक के नाम पर खरीदते हैं, तो महिलाएं लिपस्टिक के नाम पर अपना जुगाड़ कर लेती हैं. खुदरा व्यापारियों के हित और सुविधा को देखते हुए इन उत्पादों को ड्रग्स एवं प्रसाधन अधिनियम के अंतर्गत यौन स्वास्थ्य उत्पाद में रजिस्टर्ड करा दिया जाता है. ये उत्पाद न तो अश्लील दिखाई पड़ते हैं और न ही मानव अंग से मेल खाते हैं.

औनलाइन एडल्ट स्टोर किंकपिन के बिक्री अधिकारी रीतिंद्र सिंह का कहना है कि हमारे पास बहुत बड़ी मात्रा में सेक्स टौयज के और्डर आते हैं लेकिन हमें सभी ग्राहकों को मना करना पड़ता है.

अन्य वस्तुओं की तरह आनंद प्रदान करने वाली वस्तुएं भी सस्ती नहीं हैं. वैधानिक वैबसाइट्स पर इन उत्पादों का मूल्य 3,000 से ले कर 25,000 रुपए तक है. जबकि भारत में यौन संतुष्टि के प्राकृतिक साधन सस्ते में उपलब्ध हैं. हरियाणा के युवा अपनी यौन संतुष्टि के लिए बिहार, झारखंड और ओडिशा से मात्र 5,000 से 10,000 के बीच में युवा लड़कियां खरीद लाते हैं और मजेदार बात यह है कि इन से जीभर जाने पर वे इन्हें दूसरों को और भी सस्ती दर पर बेच देते हैं.

‘एजेंट औफ इश्क’ फिल्म ने भी यह उजागर किया है कि महिलाएं हस्तमैथुन से किस प्रकार आनंद और संतुष्टि प्राप्त करती हैं. नोकिया फोन 3310 का महिलाओं में प्रचलित होने का सब से बड़ा कारण इस का शक्तिशाली कंपन था.

सेक्स टौयज के दुष्प्रभाव : मानव जीवन में सेक्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. लेकिन अपनी सेक्स भूख मिटाने के लिए जहां तक संभव हो प्राकृतिक साधन प्रयोग करें. अगर किसी कारणवश अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए आप सेक्स टौय प्रयोग में लाते या लाती हैं तो इन के दुष्प्रभावों का भी ध्यान रखें. जैसे सेक्स टौय डिल्डो और बट प्लग्स अकसर खुरदरे होते हैं, जिस के कारण स्त्री यौनांग में कट  आ सकते हैं या जलन हो सकती है या आप का अंग भी खराब हो सकता है.

यदि आप सेक्स टौयज को नियमित तौर पर साफ नहीं करते हैं (ऐसे टौयज जिन्हें शरीर में अंदर डाला जाता है) तो शरीर से निकला हुआ तरल पदार्थ उन पर लगा रहता है और इस से संक्रमण हो सकता है.

किसी संक्रमित साथी के साथ अपना सेक्स टौय शेयर न करें क्योंकि इस से संक्रमण हो सकता है. वाइब्रेटर जैसे सेक्स टौयज का अधिक प्रयोग करने से महिलाओं के क्लाइटोरिस में संवेदनशीलता कम हो जाती है जिस के कारण सेक्स का आनंद कम हो जाता है.

गैरकानूनी है सेक्स टौयज का धंधा : भारत में सेक्स टौयज की बिक्री आईपीसी के सैक्शन 292 (1) के तहत गैरकानूनी है. क्योंकि सेक्स टौयज को अश्लील उत्पाद माना जाता है. पहली बार दोष सिद्ध होने पर 2 साल की सजा, जबकि इस के बाद दोषी ठहराए जाने पर 5 साल तक की सजा हो सकती है. लेकिन इस के उपरांत भी दिल्ली के कनाट प्लेस में स्थित अंडरग्राउंड मार्केट पालिका बाजार में सेक्स टौयज का धंधा बेरोकटोक जारी है. इन की बिक्री के लिए खास तरह की भाषा और कोडवर्ड प्रयोग किए जाते हैं. यहां से इन खिलौनों की होम डिलिवरी भी की जाती है.

जानें कैसे सेक्स लाइफ को करें रीचार्ज

पत्नियों की यह आम शिकायत है कि शादी के 2-3 साल तक तो पति उन पर डोरे डालते रहते हैं, लेकिन बाद में उन में दिलचस्पी लेना बंद कर देते हैं. ऐसे में पत्नियां खुद को उपेक्षित सा महसूस करने लगती हैं.

1. अलगअलग शिकायतें

सैकड़ों दंपतियों पर किए गए अध्ययन में पत्नियों की इस शिकायत की पुष्टि भी हुई है. अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि हनीमून फेज, जोकि इस अध्ययन के मुताबिक 3 साल 6 महीने का होता है, के समाप्त होते ही पति और पत्नी दोनों ही एकदूसरे को लुभाने की कोशिश छोड़ देते हैं. दोनों ही आकर्षक दिखने, एकदूसरे का खयाल रखने की अतिरिक्त कोशिशें छोड़ देते हैं. प्यार को नौर्मल बात समझते हैं. एक ओर पत्नियां शिकायत करती हैं कि पति उन्हें पहले की तरह प्यार नहीं करते और उन के साथ सेक्स में भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते, तो दूसरी ओर पति भी ऐसी ही शिकायत करते हैं.

उन का मानना है कि पत्नियां भी शादी के बाद एकाध साल तो बड़ा ध्यान रखती हैं, मृदुभाषी रहती हैं, अपनी साजसज्जा, पहनावे पर खूब ध्यान देती हैं, छेड़छाड़ और ठिठोली वाली हरकतें करती हैं, लेकिन बाद में गंभीरता का लबादा ओढ़ लेती हैं. बातबात में मुंह फुलाती हैं. हर वक्त थकान, बीमारी, व्यस्तता के बहाने बनाती हैं. सेक्स में भी सहयोग न कर आनाकानी करती हैं. पतियों की इस शिकायत को हलके में नहीं लिया जा सकता. अभिलाषा जैसी पत्नियों को समझना होगा कि हमेशा पति ही पत्नी में दिलचस्पी क्यों ले? पति ही सेक्स के लिए मनुहार या पहल क्यों करें? पति पत्नी से ऐक्टिव होने की उम्मीद क्यों न करें?

अगर आप अपने सेक्स संबंधों में पहले जैसी ऊष्मा बरकरार रखना चाहती हैं, तो गौर फरमाएं इन टिप्स पर:

2. खुद को करें पैंपर:

याद है पहले आप अपनी आईब्रोज, नेल्स, लिप्स, अंडरआर्म्स, पीठ, स्किन, बालों और चेहरे का कितना ध्यान रखती थीं. हर सुबह कपड़े पहनने से पहले उन के चयन में कितनी देर लगाती थीं और अब लाल ब्लाउज के साथ हरी साड़ी, लिप्स पर जमी पपड़ी, अंडरआर्म्स से पसीने की बदबू और बिकिनी एरिया से हेयर रिमूव करने की फुरसत तक नहीं.

जरा सोच कर देखिए कमर पर जमी चरबी, पेट का तोंद बन जाना क्या सारी गलती पति की ही है? नहीं न? फिर देर किस बात की है. पैडीक्योर, मैनीक्योर, स्पा, फेशियल ये सब कब काम आएंगे? जिम, ऐक्सरसाइज आदि से खुद को फिर से तराशिए, हंसिए, मुसकराइए फिर देखिए कमाल.

3. लौंजरी मेकओवर है जरूरी:

सेक्स लाइफ में बोरियत की सब से बड़ी वजह होती है आकर्षण में कमी. कई पत्नियां तो शादी के 2-4 साल बाद पैंटी तक पहनना छोड़ देती हैं. कुछ पहनती भी हैं, तो घिसीपिटी, बेरंग हो चुकी या मैली सी, जिसे देख कर शायद उबकाई भी आ जाए.

ऐसी पत्नियों की सोच यह होती है कि इसे कौन देखेगा. वे भूल क्यों जाती हैं कि जिसे दिखानी है उसी को तो इंप्रैस करना है. रोमांस में सराबोर हसबैंड जब आप पर लट्टू हो कर आगे बढ़ता है और अंतर्वस्त्रों की ऐसी हालत देखता है, तो यकीन मानिए उस का आधा रोमांस हवा हो जाता है. बेहतर होगा कि थोड़े से पैसे खर्च कर के कुछ सैक्सी लौंजरी ले आएं. इस मेकओवर का क्या फर्क पड़ता है, यह फिर आप को अपनेआप समझ में आ जाएगा.

4. रोमांस का दें चांस:

रोज वही बैडरूम, वही माहौल… इस एकरसता से सेक्स भी बोरिंग होने लगता है. पति के साथ साल में 1-2 बार घूमनेफिरने जाएं. कारोबारी व्यस्तता या बच्चों की पढ़ाई आदि की वजह से बाहर जाना संभव न हो तो शहर में ही वीकैंड पर घूमने जाएं. पार्क में घूमने जाएं, मल्टीप्लैक्स में मूवी देखने या किसी शौपिंग मौल में विंडो शौपिंग करने जाएं तो जरा सी फ्लर्टी बन जाएं. आप का पति से चुहलबाजी करना, छेड़छाड़ और रोमांटिक इशारेबाजी करना पति को उत्तेजित करने के साथसाथ आप के आमंत्रण का इशारा भी देगा. फिर देखिए पति खुद पर नियंत्रण खो कर कैसे आप की बाहों में आने को बेताब हो उठेगा.

5. गैजेट्स से गुदगुदाएं:

आजकल मोबाइल फोन या टैब बड़े काम के साबित हो रहे हैं.कभी इन का भी फायदा उठा कर देखें. छिप कर पति की किसी खास मुद्रा या बेपरवाह ढंग से बिस्तर पर पड़े हुए की तसवीर ले लें. फिर रात को दिखाएं. पति घर के बाहर हो तो रोमांटिक एसएमएस या वहाट्सऐप पोस्ट भेजें. आप की इन गुदगुदाने वाली हरकतों से पति आप के साथ रोमांस करने के लिए व्याकुल हो जाएगा. रोमांस के क्षणों को जादुई टच देने के लिए बैडरूम में कोई सैक्सी या रोमांटिक गाना धीमी आवाज में लगा दें और फिर एकदूसरे में खो जाएं.

मैं 2 सालों से अपनी भाभी के साथ सेक्स कर रहा हूं, क्या मैं सही कर रहा हूं?

सवाल

मैं 21 साल का नौजवान हूं और 2 सालों से भाभी के साथ सेक्स कर रहा हूं. भाई शहर से आता है, तो भी हम लोग छिप कर सेक्स करते हैं. भाई के वापस जाने के बाद जब मैं उन से बात नहीं करता, तो भाभी कहती हैं कि वे अपनी जान दे देंगी. मैं क्या करूं?

जवाब

आप भाभी का पूरापूरा फायदा उठा रहे हैं. फिर भाई के जाने के बाद नौटंकी क्यों करते हैं? मरने की बात करना भाभी की अदा है. ऐसी औरतें जान नहीं देतीं. वैसे, आप का यह खेल खतरनाक है. किसी को पता चलेगा, तो बवाल हो सकता है. बेहतर होगा कि आप शादी कर लें और भाभी को पूरी तरह भूल जाएं.

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भाभी के साथ अवैद्य संबंधों ने ली देवर की जान

रविवार को छुट्टी होने की वजह से फैक्ट्रियों में काम करने वाले अधिकांश कामगार अपने घरों की साफ सफाई और कपड़े आदि धोने का काम करते हैं. 25 साल का सागर और उस का छोटा भाई सरवन भी घर की साफसफाई में लगे थे. दोनों भाई एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे. शाम 5 बजे के करीब सारा काम निपटा कर सरवन कमरे में लेट कर आराम करने लगा तो सागर छत पर हवा खाने चला गया.

7 बजे सागर आया और नीचे सरवन से खाना बनाने को कहा. छोटेमोटे काम करा कर वह फिर छत पर चला गया. सरवन खाना बना रहा था. दोनों भाई लुधियाना के फतेहगढ़ मोहल्ले में पाली की बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर किराए का कमरा ले कर रहते थे.

इस बिल्डिंग में 30 कमरे थे, जिसे मकान मालिक ने प्रवासी कामगारों को किराए पर दे रखे थे. पास ही मकान मालिक की राशन की दुकान थी. सभी किराएदार उसी की दुकान से सामान खरीदते थे. इस तरह उस की अतिरिक्त आमदनी हो जाया करती थी. साढ़े 7 बजे के करीब पड़ोस में रहने वाले संजय ने आ कर सरवन को बताया कि सागर खून से लथपथ ऊपर के जीने में पड़ा है.

संजय का इतना कहना था कि सरवन खाना छोड़ कर छत की ओर भागा. ऊपर जा कर उस ने देखा सागर के शरीर पर कई घाव थे, जिन से खून बह रहा था. हैरानी की बात यह थी कि छत पर दूसरा कोई नहीं था. वह सोच में पड़ गया कि सागर को इस तरह किस ने घायल किया?

लेकिन यह वक्त ऐसी बातें सोचने का नहीं था. संजय व और अन्य लोगों की मदद से सरवन अपने घायल भाई को पास के राम चैरिटेबल अस्पताल ले गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस बीच किसी ने पुलिस को इस मामले की सूचना भी दे दी. यह 9 अप्रैल, 2017 की घटना है.

सूचना मिलते ही थाना डिवीजन-4 के थानाप्रभारी मोहनलाल अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उन्होंने वहां रहने वाले किराएदारों से पूछताछ शुरू कर दी. दूसरी ओर अस्पताल द्वारा भी पुलिस को सूचित कर दिया गया था. 2 पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर छोड़ कर थानाप्रभारी राम चैरिटेबल अस्पताल पहुंच गए.

उन्होंने सागर की लाश का मुआयना किया तो पता चला कि किसी नुकीले और धारदार हथियार से उस पर कई वार किए गए थे. जरूरी काररवाई कर के पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई थी.

अस्पताल से फारिग होने के बाद थाना प्रभारी सरवन को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंचे. अब तक सूचना पा कर एसीपी सचिन गुप्ता व क्राइम टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई थी. घटनास्थल का गौर से निरीक्षण किया गया. बिल्डिंग के बाहर मुख्य दरवाजे के पास गली में खून सने जूतों के हलके से निशान दिखाई दिए थे.

छत और जीने में भी काफी मात्रा में खून फैला था. बिल्डिंग के बाहर गली में करीब 2 दरजन साइकिलें खड़ी थीं, जो वहां रहने वाले किराएदारों की थीं. काफी तलाश करने पर भी वहां से कोई खास सुराग नहीं मिल सका.

लुधियाना में ऐसे कामगार मजदूरों के मामलों में अकसर 2 बातें सामने आती हैं. ऐसी हत्याएं या तो रुपएपैसे के लेनदेन में होती हैं या फिर अवैध संबंधों की वजह से. सब से पहले थानाप्रभारी मोहनलाल ने रुपयों के लेनदेन वाली थ्यौरी पर काम शुरू किया. पता चला कि मृतक सीधासादा इंसान था. उस का किसी से कोई लेनदेन या दुश्मनी नहीं थी.

इस के बाद थानाप्रभारी ने इस मामले की जांच एएसआई जसविंदर सिंह को करने के निर्देश दिए. उन्होंने मामले की जांच शुरू की तो उन्हें पता चला कि मृतक के कई रिश्तेदारों के लड़के यहां रह कर काम करते हैं, जिन में एक अशोक मंडल है, जो मृतक के ताऊ का बेटा है.

अशोक मंडल टिब्बा रोड की किसी सिलाई फैक्ट्री में काम करता था और उस का मृतक के घर काफी आनाजाना था. इसी के साथ यह भी पता चला कि अशोक का किसी बात को ले कर मृतक से 2-3 बार झगड़ा भी हुआ था.

एएसआई जसविंदर सिंह ने हवलदार अमरीक सिंह को अशोक मंडल के बारे में जानकारी जुटाने का काम सौंप दिया. थानाप्रभारी अपने औफिस में बैठ कर जसविंदर सिंह से इसी केस के बारे में चर्चा कर रहे थे, तभी उन्हें चाबी का ध्यान आया.

दरअसल घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान बिल्डिंग के बाहर खड़ी साइकिलों के पास उन्हें एक चाबी मिली. वह चाबी वहां खड़ी किसी साइकिल के ताले की थी.

थानाप्रभारी ने उस समय उसे फालतू की चीज समझ कर उस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब न जाने क्यों उन्हें वह चाबी कुछ महत्त्वपूर्ण लगने लगी. वह एएसआई जसविंदर सिंह और कुछ पुलिसकर्मियों को साथ ले कर उसी समय पाली की बिल्डिंग पहुंचे. साइकिलें अब भी वहीं खड़ी थीं.

उन्होंने बिल्डिंग में रहने वाले सभी किराएदारों को बुलवा कर कहा कि अपनीअपनी साइकिलों के ताले खोल कर इन्हें एक तरफ हटा लो.

सभी किराएदार अपनीअपनी साइकिलों का ताला खोल कर उन्हें हटाने लगे. सभी ने अपनी साइकिलें हटा लीं, फिर भी एक साइकिल वहां खड़ी रह गई.

‘‘यह किस की साइकिल है?’’ एएसआई जसविंदर सिंह ने पूछा. सभी ने अपनी गरदन इंकार में हिलाते हुए एक स्वर में कहा, ‘‘साहब, यह हमारी साइकिल नहीं है.’’

इस के बाद थानाप्रभारी मोहनलाल ने अपनी जेब से चाबी निकाल कर जसविंदर को देते हुए कहा, ‘‘जरा देखो तो यह चाबी इस साइकिल के ताले में लगती है या नहीं?’’

जसविंदर सिंह ने वह चाबी उस साइकिल के ताले में लगाई तो ताला झट से खुल गया. यह देख कर मोहनलाल की आंखों में चमक आ गई. उन्होंने उस साइकिल के बारे में सब से पूछा. पर उस के बारे में कोई कुछ नहीं बता सका.

इसी पूछताछ के दौरान पुलिस की नजर सामने की दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर पड़ी. पुलिस कैमरे की फुटेज निकलवा कर चैक की तो पता चला कि घटना वाले दिन शाम को करीब पौने 7 बजे एक युवक वहां साइकिल खड़ी कर के पाली की बिल्डिंग में गया था. इस के लगभग 25 मिनट बाद वही युवक घबराया हुआ तेजी से बिल्डिंग के बाहर आया और साइकिलों से टकरा कर नीचे गिर पड़ा. फिर झट से उठ कर अपनी साइकिल लिए बगैर ही चला गया.

पुलिस ने वह फुटेज मृतक के भाई सरवन को दिखाई तो सरवन ने उस युवक को पहचानते हुए कहा, ‘‘यह तो मेरे ताऊ का बेटा अशोक मंडल है.’’

‘‘अशोक मंडल कल शाम तुम्हारे कमरे पर आया था क्या?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘नहीं साहब, जब से भैया (मृतक) से इन का झगड़ा हुआ है, तब से यह हमारे कमरे पर नहीं आते हैं और न ही हम दोनों भाई इन के कमरे पर जाते थे.’’ सरवन ने कहा.

इस के बाद जसविंदर ने मुखबिरों द्वारा अशोक मंडल के बारे में पता कराया तो उन का संदेह विश्वास में बदल गया. उन्होंने सिपाही को भेज कर अशोक मंडल को थाने बुलवा लिया. थाने में उस से पूछताछ की गई तो हर अपराधी की तरह उस ने भी खुद को बेगुनाह बताया. उस ने कहा कि घटना वाले दिन वह शहर में ही नहीं था. लेकिन थानाप्रभारी मोहनलाल ने उसे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाई तो वह बगलें झांकने लगा.

आखिर उस ने सागर की हत्या का अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उस का बयान ले कर पुलिस ने उसे सक्षम न्यायालय में पेश कर 2 दिनों के पुलिस रिमांड पर ले लिया. पुलिस रिमांड के दौरान अशोक मंडल से पूछताछ में सागर की हत्या की जो कहानी प्रकाश में आई, वह अवैध संबंधों पर रचीबसी थी—

अशोक मंडल मूलरूप से बिहार के अररिया का रहने वाला था. कई सालों पहले वह काम की तलाश में लुधियाना आया. जल्दी से लुधियाना में उस का काम जम गया था. वह एक्सपोर्ट की फैक्ट्रियों में ठेके ले कर सिलाई का काम करवाता था. उसे कारीगरों की जरूरत पड़ी तो गांव से अपने बेरोजगार चचेरे भाइयों व अन्य को ले आया. सभी सिलाई का काम जानते थे, इसलिए सभी को उस ने काम पर लगा दिया.

अन्य लोगों को रहने के लिए अशोक ने अलगअलग कमरे किराए पर ले कर दे दिए थे, लेकिन सागर को उस ने अपने कमरे पर ही रखा. अशोक शादीशुदा था. कुछ महीने बाद जब रोटीपानी की दिक्कत हुई तो अशोक गांव से अपनी पत्नी राधा को लुधियाना ले आया.

राधा एक बच्चे की मां थी. उस के आने से खाना बनाने की दिक्कत खत्म हो गई. सभी भाई डट कर काम में लग गए थे. इस बीच सागर ने अपने छोटे भाई सरवन को भी लुधियाना बुला लिया था.

देवरभाभी होने के नाते सागर और राधा के बीच हंसीमजाक होती रहती थी, जिस का अशोक ने कभी बुरा नहीं माना. पर देवरभाभी का हंसीमजाक कब सीमाएं लांघ गया, इस की भनक अशोक को नहीं लग सकी, दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए थे.

सागर कभी बीमारी के बहाने तो कभी किसी और बहाने से घर पर रुकने लगा. चूंकि अशोक ठेकेदार था, इसलिए उसे अपने सभी कारीगरों और फैक्ट्रियों को संभालना होता था. इस की वजह से वह कभीकभी रात को भी कमरे पर नहीं आ पाता था. ऐसे में देवरभाभी की मौज थी.

लेकिन इस तरह के काम ज्यादा दिनों तक छिपे नहीं रहते. अशोक ने एक दिन दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. उस समय उसे गुस्सा तो बहुत आया, पर इज्जत की खातिर वह खामोश रहा. सागर और राधा ने भी उस से माफी मांग ली. अशोक ने उन्हें आगे से मर्यादा में रहने की हिदायत दे कर छोड़ दिया.

अशोक ने पत्नी और चचेरे भाई पर विश्वास कर लिया कि अब वे इस गलती को नहीं दोहराएंगे. पर यह उस की भूल थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद ही उस ने दोनों को फिर से रंगेहाथों पकड़ लिया. इस बार भी सागर और राधा ने उस से माफी मांग ली. अशोक ने भी यह सोच कर माफ कर दिया कि गांव तक इस बात के चर्चे होंगे तो उस के परिवार की बदनामी होगी.

लेकिन जब तीसरी बार उस ने दोनों को एकदूजे की बांहों में देखा तो उस के सब्र का बांध टूट गया. इस बार अशोक ने पहले तो दोनों की जम कर पिटाई की, उस के बाद उस ने सागर को घर से निकाल दिया. अगले दिन उस ने पत्नी को गांव पहुंचा दिया. यह अक्तूबर, 2016 की बात है.

अशोक से अलग होने के बाद सागर ने अपने छोटे भाई सरवन के साथ पाली की बिल्डिंग में किराए पर कमरा ले लिया. वह गांधीनगर स्थित एक फैक्ट्री में काम करता था. बाद में उस ने उसी फैक्ट्री में सिलाई का ठेका ले लिया. वहीं पर उस का छोटा भाई सरवन भी काम करने लगा.

सागर को घर से निकाल कर और पत्नी को गांव पहुंचा कर अशोक ने सोचा कि बात खत्म हो गई, पर बात अभी भी वहीं की वहीं थी. शरीर से भले ही देवरभाभी एकदूसरे से दूर हो गए थे, पर मोबाइल से वे संपर्क में थे.

अशोक को जब इस बात का पता चला तो उसे बहुत गुस्सा आया. समझदारी से काम लेते हुए उस ने सागर को समझाया पर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया.

अब तक गांव में भी उन के संबंधों की खबर फैल गई थी. लोग चटखारे लेले कर उन के संबंधों की बातें करते थे. गांव में अशोक के घर वालों की बदनामी हो रही थी. इस से अशोक बहुत परेशान था. वह सागर को एक बार फिर समझाना चाहता था.

9 अप्रैल, 2017 की शाम को फोन कर के उस ने सागर से पूछा कि वह कहां है? सागर ने उसे बताया कि वह छत पर है. अशोक अपने कमरे से साइकिल ले कर सागर को समझाने के लिए निकल पड़ा. नीचे स्टैंड पर साइकिल खड़ी कर उस में ताला लगा कर वह सीधे छत पर पहुंचा.

इत्तफाक से उस समय सागर फोन से अशोक की बीवी से ही बातें कर रहा था. उस की पीठ अशोक की तरफ थी. सागर राधा से अश्लील बातें करने में इतना लीन था कि उसे अशोक के आने का पता ही नहीं चला.

अशोक गया तो था सागर को समझाने, पर अपनी पत्नी से फोन पर अश्लील बातें करते सुन उस का खून खौल उठा. वह चुपचाप नीचे आया और बाजार से सब्जी काटने वाला चाकू खरीद कर सागर के पास पहुंच गया. कुछ करने से पहले वह एक बार सागर से बात कर लेना चाहता था.

उस ने सागर को समझाने की कोशिश की तो वह उस की बीवी के बारे में उलटासीधा बोलने लगा. फिर तो अशोक की बरदाश्त करने की क्षमता खत्म हो गई. उस ने सारे रिश्तेनाते भुला कर अपने साथ लाए चाकू से सागर पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए. वार इतने घातक थे कि सागर लहूलुहान हो कर जीने पर गिर पड़ा.

सागर के गिरते ही अशोक घबरा गया, क्योंकि वह कोई पेशेवर अपराधी तो था नहीं. उसी घबराहट में वह अपनी साइकिल उठाए बिना ही भाग गया.

रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने अशोक से वह चाकू बरामद कर लिया था, जिस से उस ने सागर की हत्या की थी. रिमांड अवधि खत्म होने पर अशोक को पुन: अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया.

कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

बोरिंग लगने लगे सेक्स तो अपनाएं ये टिप्स

विवाह के कुछ वर्ष बाद न सिर्फ जीवन में बल्कि सेक्स लाइफ में भी एकरसता आ जाती है. कई बार कुछ दंपती इस की तरफ से उदासीन भी हो जाते हैं और इस में कुछ नया न होने के कारण यह रूटीन जैसा भी हो जाता है. रिसर्च कहती है कि दांपत्य जीवन को खुशहाल व तरोताजा बनाए रखने में सेक्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि यही बोरिंग हो जाए तो क्या किया जाए?

पसंद का परफ्यूम लगाएं

अकसर महिलाएं सेक्स के लिए तैयार होने में पुरुषों से ज्यादा समय लेती हैं और कई बार इस वजह से पति को पूरा सहयोग भी नहीं दे पातीं. इसलिए यदि आज आप का मूड अच्छा है तो आप वक्त मिलने का या बच्चों के सो जाने का इंतजार न करें. अपने पति के आफिस से घर लौटने से पहले ही या सुबह आफिस जाते समय कानों के पीछे या गले के पास उन की पसंद का कोलोन, परफ्यूम लगाएं, वही खुशबू, जो वे रोज लगाते हैं. किन्से इंस्टिट्यूट फौर रिसर्च इन सेक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन के रिसर्चरों का कहना है कि पुरुषों के परफ्यूम की महक महिलाओं की उत्तेजना बढ़ाती है और सेक्स के लिए उन का मूड बनाती है.

साइक्लिंग करें

अमेरिकन हार्ट फाउंडेशन द्वारा जारी एक अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि नियमित साइक्लिंग जैसे व्यायाम करने वाले पुरुषों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है और हृदय व यौनांगों की धमनियों व शिराओं में रक्त के बढ़े हुए प्रवाह के कारण वे बेडरूम में अच्छे प्रेमी साबित होते हैं. महिलाओं पर भी साइक्लिंग का यही प्रभाव पड़ता है. तो क्यों न सप्ताह में 1 बार आप साइक्लिंग का प्रोग्राम बनाएं. हालांकि साइक्लिंग को सेक्स विज्ञानी हमेशा से शक के दायरे में रखते हैं, क्योंकि ज्यादा साइक्लिंग करने से साइकिल की सीट पर पड़ने वाले दबाव के कारण नपुंसकता हो सकती है. लेकिन कभीकभी साइक्लिंग करने वाले लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं होती.

स्वस्थ रहें

वर्जिनिया की प्रसिद्ध सेक्स काउंसलर एनेट ओंस का कहना है कि कोई भी शारीरिक क्रिया, जिस के द्वारा आप के शरीर के रक्तप्रवाह की मात्रा कम होती है, सेक्स से जुड़ी उत्तेजना को कम करती है. सिगरेट या शराब पीना, अधिक वसायुक्त भोजन लेना, कोई शारीरिक श्रम न करना शरीर के रक्तप्रवाह में गतिरोध उत्पन्न कर के सेक्स की उत्तेजना को कम करता है. एक स्वस्थ दिनचर्या ही आप की सेक्स प्रक्रिया को बेहतर बना सकती है.

दवाइयां

वे दवाइयां, जिन्हें हम स्वस्थ रहने के लिए खाते हैं, हमारी सेक्स लाइफ का स्विच औफ कर सकती हैं. इन में से सब से ज्यादा बदनाम ब्लडप्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाइयां और एंटीडिप्रेसेंट्स हैं. इन के अलावा गर्भनिरोधक गोलियां और कई गैरहानिकारक दवाइयां भी सेक्स की दुश्मन हैं. इसलिए कोई नई दवा लेने के कारण यदि आप को सेक्स के प्रति रुचि में कोई कमी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से बात करें.

सोने से पहले ब्रश

बेशक आप अपने साथी से बेइंतहा प्रेम करती हों, लेकिन अपने शरीर की साफसफाई का ध्यान अवश्य रखें. ओरल हाइजीन का तो सेक्स क्रीडा में महत्त्वपूर्ण स्थान है. यदि आप के मुंह से दुर्गंध आती हो तो आप का साथी आप से दूर भागेगा. इसलिए रात को सोने से पहले किसी अच्छे फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से ब्रश जरूर करें.

स्पर्श की चाहत को जगाएं

आमतौर पर लोगों को गलतफहमी होती है कि अच्छी सेक्स क्रीडा के लिए पहले से मूड होना या उत्तेजित होना आवश्यक है, लेकिन यह सत्य नहीं है. एकसाथ समय बिताएं, बीते समय को याद करें, एकदूसरे को बांहों में भरें. कभीकभी घर वालों व बच्चों की नजर बचा कर एकदूसरे का स्पर्श करें, फुट मसाज करें. ऐसी छोटीछोटी चुहलबाजी भी आप का मूड फ्रेश करेगी और फोरप्ले का काम भी.

थ्रिलर मूवी देखें

वैज्ञानिकों का मानना है कि डर और रोमांस जैसी अनुभूतियां मस्तिष्क के एक ही हिस्से से उत्पन्न होती हैं, इसलिए कभीकभी कोई डरावनी या रोमांचक मूवी एकसाथ देख कर आप स्वयं को सेक्स के लिए तैयार कर सकती हैं.

फ्लर्ट करें

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्लर्टिंग से महिलाओं के शरीर में आक्सीटोसिन नामक हारमोन का स्राव होता है, जो रोमांटिक अनुभूतियां उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए दोस्तों व सहेलियों के बीच सैक्सी जोक्स का आदानप्रदान करें, कभीकभी किसी हैंडसम कुलीग, दोस्त के साथ फ्लर्ट भी कर लें. अपने पति के साथ भी फ्लर्टिंग का कोई मौका न छोड़ें. आप स्वयं सेक्स के प्रति अपनी बदली रुचि को देख कर हैरान हो जाएंगी.

मेरे और मेरे प्रेमी के बीच कई बार सेक्स हो चुका है और मुझे इस में बेहद आनंद आता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एक-दूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथ-साथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक ही सीमित रहें. फिर सचाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. विवाहेतर संबंध आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकती है.

ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्म कर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

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एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का कारण कहीं सेक्स असंतुष्टि तो नहीं

कुछ अरसा पहले आए सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले में धारा 497 को रद्द कर विवाहेतर संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया. उस समय के सीजेआई दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवाह से बाहर बनाया गया संबंध एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है. यह तलाक का आधार तो बन सकता है, परंतु यह अपराध नहीं है.

देश की शीर्ष अदालत के इस फैसले से बहस छिड़ गई है. समाज में बढ़ रहा व्यभिचार समाज के तानेबाने को तोड़ने का कुत्सित प्रयास तो कर रहा है, लेकिन प्रश्न यह भी उठा रहा है कि आखिर बढ़ते व्यभिचार और विवाहेतर संबंध का कारण क्या है?

मानव सभ्यता के विकास के साथ समाज ने शारीरिक संतुष्टि और सेक्स संबंधों की मर्यादा के लिए विवाह नामक संस्था को सामाजिक मंजूरी दी होगी. विवाह के बाद पति और पत्नी के बीच के सेक्स संबंध शुरू में तो ठीक रहते हैं, परंतु समय के साथ सेक्स के प्रति अरुचि व पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न दिया जाना कलह के कारण बनते हैं.

आमतौर पर सुखद सेक्स उसी को माना जाता है, जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सेक्स संबंध में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रतिभा की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है. परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रतिभा का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रतिभा अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है.

कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश जब सेक्स करने की पहल करता है, तो प्रतिभा उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता. मन मसोस कर अपनी कामेच्छा दबा लेता. धीरेधीरे सेक्स करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल आने लगे. प्रतिभा जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सेक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सेक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को अपनी सेक्स जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए. सेक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सेक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की गई पहल का स्वागत कर, सेक्स संबंध स्थापित कर, एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

बच्चों के जन्म के बाद भी सेक्स के प्रति उदासीन न हों. सेक्स दांपत्य जीवन का मजबूत आधार है. शारीरिक संबंध जितने सुखद होंगे भावनात्मक प्यार उतना ही मधुर होगा. घर में पत्नी के सेक्स के प्रति रूखे व्यवहार के चलते पति अन्यत्र सुख की तलाश में संबंध बना लेता है. कामकाजी पति द्वारा पत्नी को पर्याप्त समय और यौन संतुष्टि न देने से वह भी अन्य पुरुष से शारीरिक संबंध बना लेती है, जिस की परिणति दांपत्य जीवन में तनाव और बिखराव के रूप में देखने को मिलती है.

स्वाभाविक होता है बदलाव

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि संबंधों में यह बदलाव स्वाभाविक है. शादी के शुरू के सालों में पतिपत्नी एकदूसरे के प्रति जो खिंचाव महसूस करते हैं, वह समय के साथ खत्म होता जाता है और तब शुरू होती है रिश्तों में उकताहट.

आर्थिक, पारिवारिक और बच्चों की परेशानियां इस उकताहट को बढ़ावा देती हैं. फिर इस उकताहट को दूर करने के लिए पतिपत्नी बाहर कहीं सुकून तलाशते हैं, जहां उन्हें फिर से अपने वैवाहिक जीवन के शुरू के वर्षों का रोमांच महसूस हो. यहीं से विवाहेतर संबंधों की शुरुआत होती है.

एक रिसर्च से पता चला है कि अलगअलग लोगों में इन संबंधों के अलगअलग कारण हैं. किसी से भावनात्मक जुड़ाव, सेक्स लाइफ से असंतुष्टि, सेक्स से जुड़े कुछ नए अनुभव लेने की लालसा, वक्त के साथ आपसी संबंधों में प्रेम की कमी, अपने पार्टनर की किसी आदत से तंग होना, एकदूसरे को जलाने के लिए ऐसा करना विवाहेतर संबंधों के कारण होते हैं.

महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे की सोच

भारतीय संस्कृति में महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे का व्यवहार आज भी देखने को मिलता है. सामाजिक परंपराओं की गहराई में स्त्री द्वेष छिपा है. ये परंपराएं पीढि़यों से महिलाओं को गुलाम से अधिक कुछ नहीं मानती हैं. उन्हें इस तरह ढाला जाता है कि वे अपने शरीर के आकार से ले कर निजी साजसज्जा तक के लिए अनुमति लें.

जो महिला अपने ढंग से जीने के लिए परंपराओं और वर्जनाओं को तोड़ने का प्रयास करती है उस पर समाज चरित्रहीन होने का कलंक लगा देता है. पति को घर में व्यवस्था, पत्नी का समय व बढि़या तृप्तिदायक खाना, सुखचैन का वातावरण और देह संतुष्टि चाहिए. परंतु पति खुद उस की सुखसुविधाओं और शारीरिक जरूरतों का उतना खयाल नहीं रखता. पत्नी से यह चाह जरूर की जाती है कि वह पति की नैसर्गिक इच्छाएं पूरी करती रहे.

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार विवाहेतर संबंधों को रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. यदि आपसी रिश्ते की गरमाहट कम हो गई है तो रिश्ते को पुराने कपड़े की तरह निकाल कर नए कपड़ों की तरह नए रिश्ते बनाना समस्या का हल नहीं है. अपने पार्टनर को समझाने के कई तरीके हैं. उस से बातचीत कर समस्या को सुलझाया जा सकता है. सेक्स को ले कर की गई बातचीत, सेक्स के नएनए तरीके प्रयोग में ला कर एकदूसरे की शारीरिक संतुष्टि से विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

फोरप्ले से और्गेज्म तक का सफर

एक नामी फैशन मैगजीन के सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं के और्गेज्म यानी चरमसुख को ले कर कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं. इस औनलाइन शोध में 18 से 40 साल की आयु वाली 2300 महिलाओं से प्रश्न किए गए, जिन में 67% महिलाओं ने माना कि वे फेक और्गेज्म यानी और्गेज्म होने का नाटक करती हैं. 72% महिलाओं ने माना कि उन का साथी स्खलित होने के बाद उन के और्गेज्म पर ध्यान नहीं देता है. सर्वेक्षण के यह आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में पति और पत्नी अकसर सेक्स संबंधों में और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाते हैं.

सेक्स को केवल रात्रिकालीन क्रिया मान कर निबटाने से सहसंतुष्टि नहीं मिलती. जब दोनों पार्टनर को और्गेज्म का सुख मिलेगा तभी सहसंतुष्टि प्राप्त होगी. पत्नी और पति का एकसाथ स्खलित होना और्गेज्म कहलाता है. सुखद सेक्स संबंधों की सफलता में और्गेज्म की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है.

सेक्स को शारीरिक तैयारी के साथसाथ मानसिक तैयारी के साथ भी किया जाना चाहिए. यह पतिपत्नी की आपस की जुगलबंदी से ही मिलता है. सेक्स करने से पहले की गई सेक्स से संबंधित छेड़छाड़ भूमिका बनाने में सहायक होती है. कमरे का वातावरण, बिस्तर की जमावट, अंतर्वस्त्र जैसी छोटीछोटी बातें सेक्स के लिए उद्दीपक का कार्य करती हैं.

सेक्स के दौरान घरपरिवार की समस्याएं बीच में नहीं आनी चाहिए. सेक्स संबंध के दौरान छोटीछोटी बातों को ले कर की जाने वाली शिकायतें संबंध को बोझिल बनातीं और सेक्स के प्रति अरुचि भी उत्पन्न करती हैं. सेक्स के लिए नए स्थान और नए तरीकों का प्रयोग कर संबंध को प्रगाढ़ बनाया जा सकता है. सेक्स की सहसंतुष्टि यकीनन दांपत्य जीवन को सफल बनाने के साथसाथ विवाहेतर संबंध बनाने से रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है.

सेक्स को लेकर बदल रही है महिलाओं की सोच

कौमेडी सीरियल ‘भाबीजी घर पर हैं’ की कहानी कई बार सैक्स फैंटेसीज दिखाने की कोशिश करती है. इस सीरियल में अनिता और विभू मिश्रा नामक पतिपत्नी एक रोमांटिक कपल है. अनीता के करैक्टर में वह कई बार समाज की सैक्स फैंटेसीज को दिखाने की कोशिश भी करती है. अनीता जब बहुत रोमांटिक मूड में होती है, तो पति विभू से कहती है कि वह किसी दूसरे रूप में प्यार करना चाहती है. कभी वह उसे प्लंबर बनने को कहती है, कभी इलैक्ट्रीशियन तो कभीकभी गुंडामवाली तक बनने को कहती है. पति विभू उसी गैटअप में आता है. वह पत्नी से उसी अंदाज में बात करता है. इस से पत्नी अनीता को बहुत खुशी महसूस होती है. वह दोगुनी ऐनर्जी से प्यार करती है. यह कौमेडी सीरियल भले ही हो, पर इस में पतिपत्नी संबंधों को बहुत ही नाटकीय ढंग से दिखाया जा रहा है.

सैक्स को ले कर महिलाओं पर रूढिवादी सोच हमेशा हावी रही है. लेकिन अब समय के साथ यह टूटने लगी है. अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय करना चाहती हैं. इसे ले कर उन के मन में कई तरह के सपने भी होते हैं. अब ये बातें भी पुरानी हो गई हैं कि कौमार्य पति की धरोहर है. अब शादी के पहले ही नहीं शादी के बाद भी सैक्स की वर्जनाएं टूटने लगी हैं. शादी के बाद पतिपत्नी खुद भी ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं जहां वे खुल कर अपनी हसरतें पूरी कर सकें.

परेशानियों से बचाव

सैक्स के बाद आने वाली परेशानियों से बचाव के लिए भी महिलाएं तैयार रहती हैं. प्लास्टिक सर्जन डाक्टर रिचा सिंह बताती हैं, ‘‘शादी से कुछ समय पहले लड़कियां हमारे पास आती हैं, तो उन का एक ही सवाल होता है कि उन्होंने शादी के पहले सैक्स किया है. इस बात का पता उन के होने वाले पति को न चले, इस के लिए वे क्या करें? लड़कियों को जब इस बारे में सही राय दी जाती है तो भी वे मौका लगते ही सैक्स को ऐंजौय करने से नहीं चूकतीं. शादी के कई साल बाद महिलाएं हमारे पास इस इच्छा से आती हैं कि वे शारीरिक रूप से कुंआरी सी हो जाएं.’’

विदेशों में तो सैक्स को ले कर तमाम तरह के सर्वे होते रहते हैं पर अपने देश में ऐसे सर्वे कम ही होते हैं. कई बार ऐसे सैंपल सर्वों में महिलाएं अपने मन की पूरी बात सामने रखती हैं. इस से पता चलता है कि सैक्स को ले कर उन में नई सोच जन्म ले रही है. डाक्टर रिचा कहती हैं कि शादी से पहले आई एक लड़की की समस्या को एक बार सुलझाया गया तो कुछ दिनों बाद वह दोबारा आ गई और बोली कि मैडम एक बार फिर गलती हो गई.

सैक्स रोगों की डाक्टर प्रभा राय बताती हैं कि हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं, जो जानना चाहती हैं कि इमरजैंसी पिल्स को कितनी बार खाया जा सकता है. कई महिलाएं तो बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की गोलियों का प्रयोग करती हैं. कुछ महिलाएं तो गर्भ ठहर जाने के बाद खुद ही मैडिकल स्टोर से गर्भपात की दवा ले कर खा लेती हैं. मैडिकल स्टोर वालों से बात करने पर पता चलता है कि बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की दवा का प्रयोग करने वाले पतिपत्नी नहीं होते हैं.

बदल रही सोच

सैक्स अब ऐंजौय का तरीका बन गया है. शादीशुदा जोड़े भी खुद को अलगअलग तरह की सैक्स क्रियाओं के साथ जोड़ना चाहते हैं. इंटरनैट के जरीए सैक्स की फैंटेसीज अब चुपचाप बैडरूम तक पहुंच गई है, जहां केवल दूसरे मर्दों के साथ ही नहीं पतिपत्नी भी आपस में तमाम तरह की सैक्स फैंटेसीज करने का प्रयास करते हैं. इंटरनैट के जरीए सैक्स की हसरतें चुपचाप पूरी होती रहती हैं. सोशल मीडिया ग्रुप फेसबुक और व्हाट्सऐप इस में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. फेसबुक पर महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपने निक नेम से फेसबुक अकाउंट खोलते हैं और मनचाही चैटिंग करते हैं. इस में कई बार महिलाएं अपना नाम पुरुषों का रखती हैं ताकि उन की पहचान न हो सके. वे चैटिंग करते समय इस बात का खास खयाल रखती हैं कि उन की सचाई किसी को पता न चल सके. यह बातचीत चैटिंग तक ही सीमित रहती है. बोर होने पर फ्रैंड को अनफ्रैंड कर नए फ्रैंड को जोड़ने का विकल्प हमेशा खुला रहता है.

इस तरह की सैक्स चैटिंग बिना किसी दबाव के होती है. ऐसी ही एक सैक्स चैटिंग से जुड़ी महिला ने बातचीत में बताया कि वह दिन में खाली रहती है. पहले बोर होती रहती थी. जब से फेसबुक के जरीए सैक्स की बातचीत शुरू की है तब से वह बहुत अच्छा महसूस करने लगी है. वह इस बातचीत के बाद खुद को सैक्स के लिए बहुत सहज अनुभव करती है. पत्रिकाओं में आने वाली सैक्स समस्याओं में इस तरह के बहुत सारे सवाल आते हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि सैक्स की फैंटेसी अब फैंटेसी भी नहीं रह गई है. इसे लोग अपने जीवन का अंग बनाने लगे हैं.

समाजशास्त्री डाक्टर मधु राय कहती हैं, ‘‘पहले ऐसी बातचीत को मानसिक रोग माना जाता था. समाज भी इसे सही नहीं मानता था. अब इस तरह की घटनाओं को बदलती सोच के रूप में देखा जा रहा है. हमारे पास सैक्स समस्याओं पर चर्चा करने आए व्यक्ति ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ सैक्स करने में असमर्थ था. उस ने कई डाक्टरों से अपना इलाज भी करवाया, लेकिन कोई लाभ न हुआ. ऐसे में उस की पत्नी ने घर के नौकर के साथ संबंध बना लिए. एक दिन पति ने पत्नी को नौकर के साथ संबंध बनाते देख लिया. मगर उसे गुस्सा आने के बजाय अपने में बदलाव महसूस हुआ. उस दिन उस ने अपनी पत्नी के साथ खुद भी सैक्स संबंध बनाने में सफलता पाई. अब वह खुद को सहज महसूस करने लगा था.’’

तरह तरह के लोग

फेसबुक को देखने, पसंद करने और चैटिंग करने वालों में हर वर्ग के लोग हैं. ज्यादातर लोग गलत जानकारी देते हैं. व्यक्तिगत जानकारी देना पसंद नहीं करते.

छिबरामऊ की नेहा पाल की उम्र 20 साल है. वह पढ़ती है. वह लड़के और लड़कियों दोनों से दोस्ती करना चाहती है. 32 साल की गीता दिल्ली में रहती है. वह नौकरी करती है. उस की किसी लड़के के साथ रिलेशनशिप है. वह केवल लड़कियों से सैक्सी चैटिंग पसंद करती है. उस की सब से अच्छी दोस्त रीथा रमेश है, जो केरल की रहने वाली है. वह दुबई में अपने पति के साथ रहती है. अपने पति के साथ शारीरिक संबंधों पर वह खुल कर गीता से बात करती है. ऐसे ही तमाम नामों की लंबी लिस्ट है. इन में से कुछ लड़कियां अपने को खुल कर लैस्बियन मानती हैं और लड़कियों से दोस्ती और सैक्सी बातों की चैटिंग करती हैं. कुछ गृहिणियां भी इस में शामिल हैं, जो अपने खाली समय में चैटिंग कर के मन को बहलाती हैं. कुछ लड़केलड़कियां और मर्द व औरतें भी आपस में सैक्सी बातें और चैटिंग करते हैं.

कई लड़केलड़कियां तो अपने मनपसंद फोटो भी एकदूसरे को भेजते हैं. फेसबुक एकजैसी रुचियां रखने वाले लोगों को आपस में दोस्त बनाने का काम भी करता है. एक दोस्त दूसरे दोस्त को अपनी फ्रैंडशिप रिक्वैस्ट भेजता है. इस के बाद दूसरी ओर से फ्रैंडशिप कन्फर्म होते ही चैटिंग का यह खेल शुरू हो जाता है. हर कोई अपनीअपनी पसंद के अनुसार चैटिंग करता है. कुछ लड़कियां तो ऐसी चैटिंग करने के लिए पैसे तक वसूलने लगी हैं. वाराणसी के रहने वाले राजेश सिंह कहते हैं, ‘‘मुझ से चैटिंग करते समय एक लड़की ने अपना फोन नंबर दिया और कहा इस में क्व500 का रिचार्ज करा दो. मैं ने नहीं किया तो उस ने सैक्सी चैटिंग करना बंद कर दिया.’’

इसी तरह से लखनऊ के रहने वाले रामनाथ बताते हैं, ‘‘मेरी फ्रैंडलिस्ट में 4-5 लड़कियों का एक ग्रुप है, जो मुझे अपने सैक्सी फोटो भेजती हैं. मेरे फोटो देखना भी वे पसंद करती हैं. कभीकभी मैं उन का नैटपैक रिचार्ज करा देता हूं. इन से बात कर मैं बहुत राहत महसूस करता हूं. मुझे यह अच्छा लगता है, इसलिए मैं कुछ रुपए खर्च करने को भी तैयार रहता हूं.’’ फेसबुक के अलावा अब व्हाट्सऐप पर भी इस तरह की चैटिंग होने लगी है.

मेरी गर्लफ्रैंड मुझे बिल्कुल भी टाइम नहीं देती, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी गर्लफ्रैंड हर समय अपने औफिस के काम में बिजी रहती है. औफिस में तो बात करती नहीं और मैं भी उस पर जोर नहीं डालता लेकिन घर आ कर तो उसे मुझ से बात करनी चाहिए, इस रिलेशनशिप पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए. शुरू-शुरू में तो मैं उसे कुछ कह भी देता था लेकिन अब कहने का मन ही नहीं होता.

हमारे बीच दूरियां बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हैं. मुझे उस से प्यार है लेकिन ऐसे प्यार का क्या फायदा जिस में केवल मैं ही एफर्ट करता रहूं और वह नहीं. क्या करूं?

जवाब-

पहले तो यह जान लें कि प्यार में इस तरह शर्तें नहीं लगाई जातीं, मैं यह कर रहा हूं वह नहीं कर रही जैसी बातें नहीं की जातीं. हो सकता है वह अपने करियर को ले कर किसी तरह की उलझन में हो या किसी तरह की परेशानी में हो जो आप को न बता रही हो. कहने का मतलब यह है कि आप उस से इतना प्यार करते हैं तो उस से साफ-साफ कह दीजिए कि आप को क्या बुरा लग रहा है. उस से पूछिए कि वह समय क्यों नहीं दे रही या आप को इस तरह नजरअंदाज क्यों कर रही है. हो तो यह भी सकता है कि वह थोड़ा स्पेस चाहती हो.

आप उस से मिलिए और इस बारे में बात कीजिए. वह क्या सोच रही है, क्या चाहती है जानिए और फिर आप को ही रिलेशनशिप में रहना है या नहीं, सोचिए. अगर उस की कन्वीनिएंस के लिए आप को थोड़े ज्यादा एफर्ट्स करने भी पड़ रहे हैं तो कर लीजिए न. आखिर प्यार में ज्यादा एफर्ट्स करने वाली हमेशा लड़की ही क्यों रहे.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem
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