कपाला सांस लेने के लिए रुका और फिर आगे बोलना शुरू किया, ‘‘इस शहरी लड़के की सजा यह है कि इसे हर्जाने के तौर पर पंचायत को पूरे 5 लाख रुपए देने होंगे, नहीं तो इसे पशुओं का गोबर खाना होगा और मूत्र पीना होगा.’’ कपाला की बातें सुन कर माधव बुरी तरह चौंक गया, पर उस ने हिम्मत नहीं हारी और बोला, ‘‘यह सच है कि मैं ने चांदी से प्यार किया है और मैं उस से शादी भी करने को तैयार हूं, पर यह हर्जाने और गोबर खाने वाली बात तो एकदम इनसानियत के खिलाफ है और मैं इसे मानने से इनकार करता हूं.’’ ‘‘पर बबुआ, गोबर तो तुझे खाना ही पड़ेगा,’’ कहते हुए अगाली ने गोबर उठा कर माधव के मुंह में ठूंस दिया, जिस से माधव का दम घुटने लगा और उस ने गोबर अगाली के मुंह पर ही थूक दिया. यह देख कर अगाली आगबबूला हो उठा.
उस ने एक जोरदार लात माधव की दोनों टांगों के बीच मारी. गांव वाले इस सब का मजा ले रहे थे. उन्होंने माधव को मार डाला. पंचायत अपने इस फैसले पर खुश थी. अगाली चांदी को देख कर उस के साथ रात बिताने की कल्पना कर रहा था, जबकि चांदी कोने में खड़ी हुई सिसक रही थी. सब के सामने ही चांदी को पशुओं के मूत्र से नहला दिया गया. पत्थर की तरह खड़ी रही थी चांदी. वह जानती थी कि विरोध करने से उसे भी अभी यहीं पीटपीट कर मार दिया जाएगा. उसे अपने मरने का डर नहीं था, पर उस के मरने के बाद उस के बाबूजी दुनिया में अकेले रह जाएंगे, इस बात से वह परेशान थी और जिन लोगों ने माधव को मार डाला, उन से बदला लिए बगैर मरना उसे बुजदिली लग रहा था. पंचायत के फैसले के मुताबिक कल रात से चांदी को कपाला और अगाली की सेवा में जाना था, पर चांदी का मन माधव की यादों में भटक रहा था. उस का मन तो कर रहा था कि वह कपाला और अगाली से माधव की हत्या का बदला ले, पर भला वह अकेली लड़की उन दोनों का क्या कर सकती थी…
इसी ऊहापोह में चांदी परेशान थी. चांदी के जेहन में माधव की बताई हुई वह बात गूंज रही थी कि उस के बैग में कोई ऐसी दवा रखी है, जो अगाली की जान ही ले लेगी… चांदी सीधा उस के कमरे पर गई, जहां पर बैग रखा हुआ था. उसे वह दवा मिल गई, जिस की उसे तलाश थी. रात हुई तो चांदी कपाला और अगाली के पास पहुंच गई. ‘‘अरे, हमें तो तेरे इतनी जल्दी आने की उम्मीद नहीं थी… लगता है तू भी हमारी सेवा करने के लिए तरस रही है… अच्छा है… आ जा… सेवा शुरू कर हमारी,’’ अगाली ने अपनी धोती को ऊपर सरकाते हुए कहा. ‘‘हां सरकार, पर एक दिन बातों ही बातों में उस शहरी ने मुझे इस दवा के बारे में बताया था कि इसे पीने से आप की ताकत 10 गुना बढ़ जाएगी,’’ चांदी ने उन्हें एक पुडि़या दिखाते हुए कहा. अगाली को जैसे कुछ याद आया, ‘‘तो मेरे लिए दवा बना दी थी उस ने… तब तो बेचारा मुफ्त में मारा गया… कोई बात नहीं… हम इस दवा का मजा आज ही लेंगे… ऐसा करो… इस शराब के गिलास में एक पुडि़या मिला दो…’’ अगाली ने कहा. ‘‘मेरे लिए 2 पुडि़या मिलाना चांदी… क्या है न कि मेरी उम्र थोड़ी ज्यादा है, इसलिए मुझे थोड़ी ज्यादा ताकत की जरूरत पड़ेगी,’’ कपाला ने हंसते हुए कहा. इधर चांदी मन ही मन मुसकरा रही थी. उस ने उन दोनों के गिलास में पुडि़या मिला दी और खुद अपने हाथों से कपाला और अगाली को पूरी शराब पिला दी.
शराब पीते ही कपाला और अगाली का दम घुटने लगा. वे दोनों अपना गला पकड़ कर इधरउधर भागने लगे. कुछ देर बाद उन दोनों के मुंह से झाग निकलने लगा और शरीर भी नीला पड़ गया. उन दोनों की मौत हो चुकी थी. अगले दिन गांव वालों में चर्चा थी कि उस सांप पकड़ने वाले शहरी बाबू के किसी पालतू सांप ने अगाली और कपाला को काट कर शहरी बाबू की मौत का बदला लिया है. चांदी का बदला तो पूरा हो गया था, पर जिस माधव से उस ने सच्चा प्यार किया था, वह अब उस की जिंदगी में दोबारा कभी नहीं आएगा. यही वजह है कि चांदी की मांग आज भी सूनी है.