शिव सहाय के लिए अपनी पत्नी कमला बेमानी हो चुकी थी. उस की भरपूर सेवा करने वाली और गरीबी के दिनों में सहायिका बनी पत्नी के प्रति अपनी ऐसी सोच पर वह स्वयं शर्मिंदा भी होता.