मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है. मुझ पर हर पल नजर रखता है और मेरा किसी भी लड़के से बात करना उसे बिलकुल पसंद नहीं है. जबकि मैं उसे सब बताती हूं. शुरुआत में तो मुझे लगता था कि वह मेरी केयर करता है लेकिन अब मुझे घुटन होती है इस रिश्ते से. हर वक्त मुझ पर सवाल उठाना, इस से मैं कठपुतली सी बन गई हूं. मैं ब्रेकअप की बात करती हूं तो वह मुझे इमोशनली ब्लैकमेल करता है. मैं उस के साथ सब खत्म करना चाहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

जिस व्यक्ति के बारे में आप को अभी से पता है कि शक करना उस के स्वभाव में है, वह आप को गुलाम बना कर रखना चाहता है और आप की आजादी की राह में बहुत बड़ी रुकावट बन सकता है, तो ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन में बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं किया जा सकता. जब आप को इस रिश्ते में सुकून और खुशी नहीं मिल पा ही तो सारी जिंदगी उस के साथ रह कर छटपटाने से बेहतर है कि आप अभी उस से अलग होने का निर्णय कर लें. उस की इमोशनल बातें आप को ऐसा निर्णय लेने से रोकेंगी मगर आप दृढ़ता से अपने फैसले पर टिकी रहें. धीरेधीरे वह भी समझ जाएगा और उचित दूरी बना लेगा. अगर फिर भी न माने तो अपने घर वालों को सारी बात बता दें.

सवाल

मैं 24 वर्षीय महिला हूं. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके हैं. शादी से पहले मैं किसी और से प्यार करती थी. घर वालों के दबाव में आ कर मैं ने यह शादी कर ली. मेरे पति बहुत ही खुले विचार के हैं. उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी हमारे रिश्ते को समझने की. इन 3 महीनों में हमारे बीच कोई संबंध नहीं बन पाया लेकिन अब मैं चाहती हूं कि हमारे बीच की दूरियां खत्म हों. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप के पति ने आप को पूरा वक्त दिया इस रिश्ते को समझने के लिए. अब आप समझ चुकी हैं कि आप का वर्तमान घरपरिवार आप का पति ही है. उन से दूरियां मिटाने के लिए बेहतर होगा कि आप पति के साथ घूमेंफिरें, उन्हें पर्याप्त समय दें. अगर फिर भी बात न बने तो पति के साथ रोमांटिक होने की कोशिश करें. उन के लिए सरप्राइज प्लान करें. रात को अपने बैडरूम को फूलों और कैंडल्स से डैकोरेट करें. खुद को हौट ऐंड सैक्सी बनाए रखें. इस दौरान ऐसे परिधान पहनें जो आप की खूबसूरती को निखारें. फिर देखिए आप के पति आप के प्यार में किस कदर खो जाते हैं.

सेक्स ब्राइब : रिश्वत में सेक्स की मांग करने वालों से ऐसे बचें

Sex News in Hindi: गुरुग्राम (Gurugram), हरियाणा (Haryana) की एक गृहिणी विनीता (बदला हुआ नाम) बताती हैं, ‘‘मैं मकान की रजिस्ट्री के सिलसिले में रजिस्ट्री कार्यालय (Registry Office) गई. वेहां कागजात तैयार करवाने के सिलसिले में कई लोगों से मिली. हर जगह यही जवाब मिला, 30 से 40 हजार रुपए लगेंगे. यह मेरे लिए मुश्किल था, क्योंकि मैं इतना खर्च करने की स्थिति में नहीं थी. ‘‘उन का तर्क था कि यदि आप अंदर से खुद कागजात पास करवा लें तो हम यह काम 5 हजार रुपए में करवा देंगे. कई जगह इस से मिलताजुलता जवाब पा कर मैं ने खुद ही कागजात बनवाने का निर्णय लिया. सब का यही कहना था कि तुम ने बेकार ही यह पचड़ा मोल लिया. ‘‘खैर, पहले कागजात तैयार करा कर, नियम के मुताबिक स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty), ड्राफ्ट (Draft) आदि बनवाए. मेरी उम्र 50 साल से अधिक है. कार्यालय में कैमरे लगे होने के बावजूद मुझ से वहां औफिस इंचार्ज (Office Incharge) ने सेक्स की मांग की. मैं घबरा गई. मैं ने उन्हें समझाया कि आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. काम करना तो आप का काम है, मैं इसे करवा कर रहूंगी. इस की फीस जो सरकार ने तय की है उसे मैं दे ही रही हूं.

‘‘खैर, मैं एफआईआर कराने की सोच रही थी, पर घर वालों ने मेरा जरा भी साथ नहीं दिया. अब मैं सोशल ऐक्टिविस्ट बन गई हूं. कई महिलाओं की मदद कर चुकी हूं.’’

पैसा भी, सेक्स भी

सरकारी, निजी और ऐसी ही तमाम जगहों पर जहां पब्लिक डीलिंग है, वहां यह बात बहुत कौमन है. पैसा भी चाहिए और देहसुख भी. सीधे तरीके से मिल जाए तो ठीक अन्यथा काम रोकने, अटकाने तथा जोरजबरदस्ती में भी कोई कमी नहीं है. गरीब की जोरू वाला हाल है.

प्रेरणा एक एनजीओ में नौकरी के लिए गई. उस का आकर्षक व्यक्तित्व देखते हुए एनजीओ की फाउंडर ने कहा, ‘‘आप का काम हमारे लिए फंड लाना और उसे सैंक्शन कराना रहेगा. आप इस कार्य के लिए ट्रैंड हैं, आप को कोई दिक्कत तो नहीं है न.’’

मैं उन का इशारा नहीं समझी, इसलिए इस काम के लिए तुरंत हां कर दी. लेकिन पहले ही असाइनमैंट पर मुझे असली बात समझ में आ गई जब मुझ से हमबिस्तर होने के लिए कहा गया. मैं उस व्यक्ति पर आक्रामकता दिखा कर फाउंडर के पास गई तो वे बोली, ‘मैं ने तो आप से पहले ही कह दिया था और आप ने ही हामी भरी. तभी आप को भेजा गया.’ मैं ने शिकायत भी दर्ज कराई पर कुछ नहीं हुआ. उलटे, मेरी ही फजीहत करने की पूरी कोशिश की गई.

छात्रा कुमारी नैना का कहना है, ‘‘आज नौकरी पाना मेरे लिए मुश्किल हो गया है. जहां भी मेरे साथ कोई हरकत करता है, मैं उस का जम कर विरोध करती हूं. इस वजह से हर जगह मुझे बदनाम करने की कोशिश की जाती है. अब हर कोई मुझ से डरता है, कोई काम करवा कर राजी नहीं है. इतनी पूंजी भी नहीं है कि मैं अपना ही कोई काम शुरू कर सकूं.’’

तमाम नियमकायदों के बावजूद महिलाओं का जीवन काफी कठिन है. किसी के प्रति आवाज उठाना खतरे से खाली नहीं है. बाहरी दुनिया के खतरों को जानना तथा उन्हें हल करना जितना आसान दिखता है उतना वास्तव में है नहीं.

एक छात्रा रुचिका का कहना है कि जब उस ने अपने क्लास टीचर द्वारा छात्राओं को छूने की बात घर आ कर पेरैंट्स को बताई तो भाई ने 2 झापड़ उसी को जड़ दिए और बोला कि उस की हिम्मत तुम्हारे ही साथ ऐसा करने की कैसे हो गई और लड़कियां भी तो क्लास में हैं. यह मेरे लिए काफी बड़ा आघात था.

रुचिका ने घर वालों को बताया कि टीचर ने अन्य युवतियों के साथ भी ऐसा किया हो, इस का मुझे यह उसे क्या पता. खैर, यह बात प्रिंसिपल तक पहुंची. माफीनामे और टीचर को स्कूल से निकाल देने पर मामला शांत हुआ. कानूनी ऐक्शन न लेने का मलाल रुचिका को आज भी है.

अंकिता कहती है कि एक प्रोजैक्ट की स्वीकृति पर अनुभाग अधिकारी जब मेरे जिस्म को छूने लगा तो मैं ने उसे वहीं रोक दिया. पति को ये बातें बताईं. उन्होंने जब उस से बात की तो वह मेरे कागज दाएंबाएं न कर सका. सरकारी कार्यालय में सैक्सुअल हैरासमैंट के खिलाफ कमेटी भी बनी होती है.

नियति ने डाक्टर की आशिकमिजाजी की बात अपने पति को बताई तो वह उस पर ही आरोप मढ़ने लगा और जबतब इस बात का ताना मारने लगा. ऐसे में नियति ने परिवार में इस मुद्दे को उठाया तो सब ने उस के पति को समझाया कि गलत समझे जाने के फेर में बातों को दबाना ठीक नहीं है. यदि घर का कोई सदस्य अन्याय के खिलाफ आप के साथ खड़ा न हो और आप को ही दोषी ठहराए तो उस के खिलाफ भी आवाज बुलंद करने में देरी न करें.

अपनी ओर से कोई संकेत न दें : सेक्स ब्राइब की मांग करने वाले लोग सौफ्ट टारगेट की तलाश में रहते हैं. सो, ऐसे लोगों से बेकार की बातचीत न करें और ऐसा कोई संकेत भी न दें जिस से उन्हें अनुचित काम करने का मौका मिले.

लक्ष्मीकांता बताती हैं, ‘‘मैं बिजली के दफ्तर गई तो वहां एक कर्मचारी मुझ से व्यक्तिगत बातें पूछता रहा. फिर बोला कि ब्याज तो मैं 10 हजार रुपए भी माफ करा दूंगा पर कभी बाहर मिलें.’’ लक्ष्मीकांता ने आगे बताया, ‘‘कहने लगीं कि शायद मेरी बातों से उस ने मेरे विधवा होने का पता लगा लिया, इसीलिए वह ऐसा प्रस्ताव रख रहा था. लेकिन मैं ने उसी समय तय कर लिया कि इस दफ्तर में मुझे दोबारा नहीं आना है. मैं ने उपभोक्ता फोरम से निवेदन किया. ट्रेन के टिकट पेश कर के अपनी अनुपस्थिति जताई. तब मेरा गलत बिल ठीक हुआ. हां, आधे घंटे के इस काम में 6 महीने जरूर लग गए.

शौर्टकट न तलाशें 

कोई भी काम करने के लिए अवैध शौर्टकट या ऐसा कोई तरीका न अपनाएं जिस से कोई व्यक्ति आप से गलत मांग करे. ईमानदार व तेजतर्रार व्यक्ति के सामने हर कोई अमान्य, अवैध प्रस्ताव रखते हुए डरता है.

बस, साहब को खुश कर दो

रचना कहती है कि साहब के पीए ने मुझ से यह प्रस्ताव रखा कि ‘बस, साहब को खुश कर दो’ तो मैं सन्न रह गई पर हिम्मत कर के मैं ने कहा, ‘‘साहब सरकार द्वारा हमारा काम करने के लिए रखे गए हैं. तुम्हें पता है ऐसा कहने से तुम्हारी नौकरी और जिंदगी पर बात आ सकती है. तुम अपनेआप को समझते क्या हो.’’ पीए बजाय डरने के मुझे ही धमकाते हुए बोला, ‘‘अपना लैक्चर अपने पास रखो. आप जैसी दोचार महिलाएं रोज आती हैं औफिस में और तीसरे दिन साहब की शरण में होती हैं.’’

खैर, मैं ने संबंधित अथौरिटी से शिकायत की. लेकिन जब मैं ने जानना चाहा कि पीए को क्या सजा हुई, यह पूछने पर कहा गया कि हम बाहर के लोगों को जानकारी नहीं दे सकते. आखिर, 6 महीने बाद उस पर कार्यवाही हुई.

प्रमाण नहीं होता

सेक्स की मांग करने वालों के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाना मुश्किल होता है. मोबाइल में रिकौर्डिंग व फोटोग्राफी की व्यवस्था होने पर भी उस का उपयोग कई विभागों में सुरक्षा के नाम पर प्रतिबंधित होता है. फिर भी महिलाओं को चुप्पी साधने के बजाय अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. कोर्ट तक में नारी की इस बात पर संज्ञान लिया जाता है कि ऐसी गैरवाजिब बातों के कोईर् प्रमाण नहीं छोड़ता.

घर वालों को विश्वास में लें

यदि किसी भी विभाग में आप से काम करने के एवज में कोई कर्मचारी अनुचित मांग यानी सेक्स या ऐसी ही कोई दूसरी मांग करता है तो तुरंत अपने घर वालों को इस की जानकारी दें.

सूचना का अधिकार तथा ऐसे ही जनफ्रैंडली टूल आ रहे हैं, जिन से सरकारी बाबुओं को काम को रोकना मुश्किल होता है. हर महकमे का विजिलैंस विभाग भी है जहां शिकायत दर्ज होने पर उन्हें ऐक्शन लेना पड़ता है. फिर अब तो सैक्सुअल हैरासमैंट औन वर्कप्लेस जैसे कानून भी महिला फ्रैंडली हो रहे हैं.

कहीं भी कोई भी जोरजबरदस्ती या नम्रता से सेक्स की सीधे या छद्म मांग करे तो उस को मुंहतोड़ जवाब दें तथा कानूनी कार्यवाही करें. सहने और टालने से काम हो जाने पर नजरअंदाज करने से आप सिर्फ अपने को बचा पाती हैं. कानूनी ऐक्शन ले कर आप अपने जैसी कई महिलाओं को बचाती हैं और समाज में नारी गरिमा की मिसाल पेश करती हैं.

सुहागरात: मिलन की रात, बन जाए बात

Sex News in Hindi: अनिल और सुधा की शादी की पहली रात थी. शादी में आए लोगों के जातेजाते रात का 1 बज गया. तब अनिल की बहन को ध्यान आया कि इस नवविवाहित जोड़े को तो अपने कक्ष में भेजो. चूंकि रात काफी बीत चुकी थी, इसलिए अपने कक्ष में पहुंचते ही अनिल आननफानन सहवास करने लगा तो एक हलकी सी चीख के साथ सुधा उस के बाहुपाश से अलग हो गई. बोली कि नहीं, मैं यह बरदाश्त नहीं कर सकूंगी. मुझे दर्द होता है. बेचारा अनिल मन मसोस कर रह गया. सुधा की दिन पर दिन बीतते चले गए और फिर दर्द की तीव्रता भी बढ़ती चली गई. पहली रात की मिठास कड़वाहट में बदल गई थी. फिर एक दिन जब अनिल ने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उस की सलाह पर वह पत्नी के साथ चिकित्सक के पास पहुंचा. तब जा कर दोनों सहवास का आनंद उठाने में कामयाब हो पाए. वास्तव में सहवास परम आनंद देता है. मगर इस में इस तरह की कोई परेशानी हो जाए तो नौबत तलाक तक की भी आ जाती है.

आइए, जानें कि ऐसी स्थिति आने पर क्या करें:

– पतिपत्नी को चाहिए कि भले प्रथम 1-2 मिलन में दर्द हो, तो भी वे संपर्क बनाना न छोड़ें. कामक्रीड़ा करते रहें ताकि एकदूसरे के प्रति आकर्षण बना रहे और दर्द की बात मन में न बैठे.

– चूंकि यह शारीरिक से ज्यादा मनोवैज्ञानिक समस्या है, अत: मानसिक स्तर पर भी मजबूत बने रहें.

– ऐसे पतिपत्नी को चाहिए कि वे यह सोच कर कि सहवास नहीं करेंगे, प्रतिदिन यौनक्रीड़ा यानी आलिंगन, चुंबन, बाहुपाश में बांधना, सहलाना आदि करते रहें. यौनक्रीड़ा में बहतेबहते उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वे कब सहवास में सफल हो गए. तब सारा डर जाता रहेगा.

– यदि एकदूसरे के प्रति पूर्ण आकर्षण न हो कर कोई गिलाशिकवा, नफरत, गुस्सा हो तो उसे दिमाग से निकाल देने मात्र से दर्दयुक्त सहवास की समस्या समाप्त हो सकती है.

– यदि पहले कभी बलात्कार हुआ हो या आप के पुरुष साथी (वह पति ही क्यों न हो) ने यदि आप के जननांगों को चोट पहुंचाई हो तब भी ऐसी स्थिति में भी स्त्री को सहवास से भय पैदा हो जाता है. इस स्थिति का यथोचित समाधान आवश्यक है.

दर्दयुक्त सहवास के अन्य कारण पुरुषों में

– अंग में कड़ापन न आने के कारण भी सैक्स नामुमकिन हो जाता है.

– यदि आप अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त हैं तब भी यह स्थिति पैदा हो जाती है.

– यौन संपर्क के प्रति नकारात्मक रवैया भी यह स्थिति पैदा कर देता है. इस के अलावा सैक्स के अन्य तरीकों को तवज्जो देना भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी हो सकता है.

– जननांग में कोई जन्मजात कमी.

स्त्रियों में

– यौन संपर्क के वक्त जननांग में स्थित खास प्रकार की ग्रंथियां कुछ लसलसा सा पदार्थ स्रावित करती हैं जो पुरुष के अंग को योनि में प्रवेश कराने में मददगार होता है. कई बार ये ग्रंथियां अपना यह कार्य करना बंद कर देती हैं. फलस्वरूप योनि में कथित सूखापन रहता है, जिस से सहवास में दर्द होता है. अकसर यह स्थिति डर या फिर गैरजिम्मेदाराना तरीके से स्थापित यौन संबंध से उत्पन्न होती है.

– यदि स्त्री को अत्यधिक मोटापा है या पैरों अथवा कूल्हों की हड्डियों का कोई रोग है, तब भी यह स्थिति आ सकती है.

– यदि जन्मजात योनि के ऊपर की झिल्ली (हाईमन) बहुत ज्यादा मोटी या सख्त हो तो भी सहवास के वक्त तकलीफ होती है.

– जिन स्त्रियों की शादी देर से होती है उन में योनि का लचीलापन कमजोर हो जाता है तथा मार्ग भी संकरा हो जाता है, जिस से मिलन के वक्त तकलीफ होती है.

– योनि मार्ग में अगर कोई सर्जरी हुई हो या वहां चोट आदि लगी हो तब भी संभोग के वक्त दर्द होता है.

– ऊपरी सतह पर कुछ व्याधियां भी सहवास को दर्दयुक्त बनाती हैं जैसे बवासीर, खूनी मस्से, पेशाब के मार्ग में संक्रमण, जन्म से ही योनि मार्ग की लंबाई कम होना आदि.

– इसी तरह अंदर की व्याधियां भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी होती हैं जैसे सर्विक्स संक्रमण, ओवरी का संक्रमण, गर्भाशय का क्षय रोग आदि.

शादीशुदा जोड़े के लिए 9 बैडरूम सीक्रेट

शादीशुदा जिंदगी में प्यार के रंग भरने में बैडरूम की अहम भूमिका होती है. ज्यादातर आराम के लिए पतिपत्नी बैडरूम को ही चुनते हैं. इसलिए बीचबीच में बैडरूम में थोड़ा सा बदलाव कर रोमांटिक जीवन को लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं.

1. दीवारों पर कलर:

बैडरूम में दीवारों के रंग का भी अपना अलग महत्त्व होता है. मुहब्बत के रंग को गाढ़ा करने के लिए अपनी दीवारों पर हलके गुलाबी रंग, आसमानी हलके हरे रंगों का प्रयोग करें, क्योंकि रंग भी अपनी भाषा बोलते हैं. रोमांस में प्यार का भाव जगाते हैं रंग.

2. लुभावनी तसवीरें लगाएं:

बैडरूम में अच्छी और रोमांटिक तसवीर लगाएं. बीभत्स, ऊर्जाहीन, शेर, दौड़ते घोड़े आदि की तसवीरें न लगाएं. बर्ड, हंस, गुलाब के फूलों की तसवीरें लगाएं. इस तरह की तसवीरें आप के जीवन को रोमांस और मुहब्बत से भर देंगी.

3. लाइट:

रोमांस जगाने के लिए रोशनी की अहम भूमिका होती है. बैडरूम में गुलाबी हलके आसमानी रंग की लाइट का प्रयोग करें. लाइट बैडरूम में डायरैक्ट नहीं, बल्कि इनडायरैक्ट पड़नी चाहिए. लैंपशेड, कौर्नर लाइट का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस से बैडरूम में मादकता और मुहब्बत का समावेश होता है. कमरे में जितनी कम लाइट होती है, एकदूसरे के प्रति आकर्षण उतना ही गहरा होता है.

4. खुशबू:

मुहब्बत और रोमांस को बरकरार रखने के लिए कई तरह की खुशबुओं का प्रयोग किया जा सकता है. लैवेंडर, मोगरा, चंदन आदि की खुशबू से पतिपत्नी का मूड बन जाता है. कमरे में गुलदस्ते रखें. रोमांस बढ़ाने के लिए अरोमा कैंडल जलाएं. खुशबू इनसान के अंदर कई तरह के भाव पैदा करती है. कैंडल की लाइट न केवल बैडरूम को सौंदर्य प्रदान करती है, बल्कि एकदूसरे को रोमांस के लिए भी उकसाती है.

5. बिस्तर:

मन और मूड को बनाने में बिस्तर का बहुत बड़ा योगदान होता है. गद्दे चुभने वाले न हों, बैड की आवाज आप को डिस्टर्ब न करे. बैडशीट का रंग और कोमलता दोनों मुहब्बत को, रोमांस को भड़काने वाले होने चाहिए.

6. डिस्टर्बैंस न हो:

बैडरूम के बाहर कोई ऐसी बेल न लगाएं जो आप को बारबार डिस्टर्ब करे. अलार्म क्लौक, मोबाइल, सिंगिंग खिलौने आदि दूर रखें. बैडरूम को ऐसा बनाएं ताकि आप अपने पार्टनर को कंफर्टेबल फील करा सकें.

7 . फ्रूट्स:

अंगूर, केला, स्ट्राबैरी, सेब, चीकू आदि की खुशबू मादक होती है. ऐसे में अगर आप ऐसे फ्रूट्स रखते हैं, खाते हैं तो इस का असर आप के रोमांस पर भी पड़ता है.

8. बैडरूम को सजा कर रखें:

रोमांस, मुहब्बत के लिए पार्क, बगीचा, समुद्री किनारा, खुला आसमान आदि प्रेमियों को आकर्षित करते हैं. अत: बैडरूम को वैसा ही लुक देने की कोशिश करें. परदे ऐसे लगवाएं जिन से आसमान नजर आए. हलके रंग के परदे ही लगाएं. हलकी रोशनी ही कमरे में आए ताकि आप का मूड ज्यादा से ज्यादा रोमांटिक बने.

9. बैडरूम को रोमांटिक लुक दें:

अपने बैडरूम में आर्टिफिशियल फाउंटेन, बड़े पेड़ या चित्र लगाएं. बैड, सोफा, अलमारी आदि की जगह बदलती रहें ताकि आप के पार्टनर को रूम पुराना न लगे. मुहब्बत, रोमांस का बैडरूम से मजबूत रिश्ता होता है, जो जीवन में नयापन लाते रहते हैं.

मेरा बौयफ्रेंड मेरे साथ सेक्स करना चाहता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं एक साल से एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे बेहद चाहता है. हमेशा मेरी इच्छाओं का सम्मान करता है. ऐसा कोई काम नहीं करता जो मुझे नागवार गुजरता हो. मगर अब कुछ दिनों से वह शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है पर साथ ही यह भी कहता है कि यदि तुम्हारी मरजी हो तो. मैं ने उस से कहा कि ऐसा करने से यदि मुझे गर्भ ठहर गया तो क्या होगा? इस पर उस का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा. कृपया राय दें कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

दोस्ती में एकदूसरे की इच्छाओं को तवज्जो देना जरूरी होता है. तभी दोस्ती कायम रहती है. इस के अलावा आप का बौयफ्रैंड अभी आप का विश्वास जीतने के लिए भी ऐसा कर रहा है. जहां तक शारीरिक संबंधों को ले कर आप की आशंका है तो वह पूरी तरह सही है. यदि आप संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहर सकता है, इसलिए शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से हर हाल में बचना चाहिए.

मेरी पत्नी के सेक्स संबंध उसी के औफिस में एक सहकर्मी के साथ हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 34 वर्षीय और 5 साल की एक बेटी का पिता हूं. शादी के कुछ सालों तक हमारी वैवाहिक जिंदगी आराम से चली. इधर 1-2 साल से पत्नी कुछ बदलीबदली सी लगती है. सेक्स संबंध बनाए महीनों हो जाते हैं. मेरी इच्छा होती भी है तो पत्नी बहाना बना जाती है. उस के बदले व्यवहार को देखते हुए मैं ने पड़ताल की, तो पता चला कि पत्नी के संबंध उसी के औफिस में एक सहकर्मी से हैं. मैं ने पत्नी को रास्ते पर लाने की पूरी कोशिश की पर असफल रहा. अब मैं चाहता हूं कि इस रिश्ते को खत्म कर दूं और पत्नी से तलाक ले लूं. कृपया सलाह दें?

जवाब-

वैवाहिक जीवन में पति अथवा पत्नी द्वारा सेक्स के प्रति उदासीनता, सेक्स संबंध बनाने से इनकार करना तलाक का आधार बनता है. आप ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की पर पत्नी नहीं मानी, इसलिए आप चाहें तो तलाक ले सकते हैं पर यह आप की निजी राय हो सकती है.

जो भी निर्णय करें सोचसमझ कर करें, क्योंकि आप की 5 साल की बेटी भी आप दोनों की जिम्मेदारी है. उस पर तलाक का बुरा असर पड़ सकता है. तलाक आसान नहीं और आप को अधर में टांग सकता है. जिस हक की चाह आप को है, संभव है मिले ही नहीं.

पहली बार सेक्स करते वक्त ध्यान में रखें ये 10 बातें

सेक्स के बारे में बात करने से चाहे आप कितना भी कतराएं, यकीन मानिए इसमें डूब जाने जितना मज़ा किसी और में नहीं. फिर चाहे आप बौयफ्रेंड के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हों या फिर शादी के बाद की पहली रात हो, यह एहसास बहुत खास होता है. लेकिन पहली बार की घबराहट भी उतनी ही होती है, जितना की उत्साह.

दोस्तों के बीच टौयलेट जोक्स और लूज टौक करने में आप अव्वल हैं. फिल्म हो या टीवी, बेड सीन्स देखने में बड़ा मजा आता है. मगर जब खुदकी बारी आई तो टांय टांय फिस्स. आप तो कागज की शेर निकलीं. इतना घबराएंगी तो जीत कैसे हासिल होगी. सेक्स है कोई रौकेट सांइस नहीं. आइए जानते हैं कि वो कौन सी 10 बातें हैं, जिनका ध्यान पहली बार सेक्स करते समय जरूर रखना चाहिए.

मन से तैयार हों तभी बढ़ें आगे

पहला मिलन हमेशा रहता है याद यह जुमला बहुतों से सुना होगा और इससे जुड़ी कई कहानियां भी. कहानियों पर न जाएं. व्यावहारिक होकर सोचें कि क्या वाकई पहली बार सेक्स करना इतना रोमांचित करने वाला होता है! बेशक हो सकता है बशर्ते, पूरी तैयारी के साथ यह कदम उठाया जाए. जब कान्फिडेंट होंगी तभी इसका आनंद ले पाएंगी. क्या मैं इसके लिए तैयार हूं? यह सवाल उतना ही अहम है, जितना आपका सांस लेना. बौयफ्रेंड हो या पति, सोच समझकर, कम्फर्टेबल होने पर ही आगे बढ़ें.

महकी महकी हों आप

चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डा. प्रकाश कोठारी की सलाह है, “साथ तभी महकेगा जब आप खुशबू से सराबोर होंगे. कोई अच्छी फ्रेगरैंस लगाएं, क्योंकि सुगंध का आपके मन मस्तिष्क पर बहुत असर पड़ता है. किसी को परफ्यूम पसंद आता है, तो किसी को शरीर की गंध उत्तेजित करती है.” खूशबू आप दोनों को एक दूसरे की ओर आकर्षित करने के साथ साथ एक दूसरे के सामने सहज भी बनाएगी.

जोश पर तनाव हावी न होने दें

क्या पहली बार में दर्द होगा? डा. कोठारी के मुताबिक़, यह एक मिथक है. पहली बार की उत्सुकता और घबराहट इतनी ज्यादा होती है कि हल्की सी छुअन भी हमारे पूरे शरीर में सिहरन पैदा कर देती है. क्या होगा, क्या नहीं, इस घबराहट में हमारे नर्व्स भी तनाव में आ जाते हैं. दूसरा हम अपने प्राइवेट पार्ट्स को भी कसकर बंद कर लेते हैं, क्योंकि हम सहज नहीं होते. इसलिए प्रवेश करने में काफी दिक्कत होती है. और हम मान बैठते हैं कि पहली बार में दर्द होता है. आप जितनी ज्यादा सहज और तनाव मुक्त रहेंगी, उतना ज्यादा बेहतर होगा आपका अनुभव.

आर्गैज्म की राह न ताकें

हो सकता है पहली बार में आपको आर्गैज्म न मिले, तो घबराएं नहीं. क्योंकि शुरुआत में हमें पता ही नहीं होता, कि किस तरह से हमें आर्गैज्म मिलेगा. अलग अलग पोजिशन्स ट्राई करें. कई शोध तो यह भी कहते हैं कि लड़कियों को इंटरकोर्स से पूरा सुख या आर्गैज्म मिलता ही नहीं है. इसकी परवाह न करें, केवल उस पल का आनंद उठाएं.

ड्रेसिंग का भी रखें ख्याल

कपड़ों की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए अपने पार्टनर की पसंद का या आकर्षक ड्रेसिंग ज़रूर करें. खुद को मेंटेन रखें, ताकि आप कान्फिडेंट महसूस कर सकें. यह बात लड़कों पर भी लागू होती है. दाढ़ी मूंछ ट्रिम करना न भूलें. किस करते समय सोचिए आपकी पार्टनर का क्या हाल होगा? सेक्सी कपड़े पहनने का मतलब यह नहीं कि कुछ ऐसा पहन लें, जिसमें आप सहज ही न हों. ज्यादा मेकअप करने से भी बचें.

बातचीत है सेक्स की पहली सीढ़ी

जी हां, बातचीत. इसे सेक्स का चार अक्षरों का पर्यायवाची कहा जाता है. यानी बातचीत से ही सेक्स की शुरुआत होती है. इसे संभोग यूं ही नहीं कहा जाता. संभोग यानी सम भोग. जहां दोनों मिलकर इसका बराबर आनंद उठाते हैं. जहां कोई एक्स्पर्ट या नौसिखिया नहीं है. पहली बार सेक्स कर रहे हैं, इसलिए घबराहट थोड़ी होगी. बात करें, धीरे धीरे हिचक कम होगी. बातों बातों में एक दूसरे का हाथ पकड़ लें. धीरे धीरे फोरप्ले की ओर बढ़ें.

हो सकता है शुरुआत करने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सेक्स कोई अछूता विषय नहीं है. यह आपकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा है, यह बात भूले नहीं. हो सके तो एक दो दिन पहले से ही सेक्स के बारे में बातें करना शुरू कर दें. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को बताएं कि शरीर के किस हिस्से में आप सबसे ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं और उनसे भी यही सवाल करें.

फोरप्ले है अहम

यह समझ लें, जो मज़ा सफ़र में है, वो मंजिल में नहीं. जल्दबाजी की तो आप चोटिल भी हो सकती हैं, इसलिए अपने प्राइवेट पार्ट में नैचुरल लूब्रिकेशन आने दें. और यह तभी संभव है जब आप और आपका पार्टनर फोरप्ले को खुलकर एन्जौय कर पाएंगे. फोरप्ले जितना लंबा चलेगा आप उतना कम्फर्टेबल महसूस करते जाएंगे. दरअस्ल, स्पर्श से हमारे मस्तिष्क में औक्सिटोसिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है. इसे रिलीज़ होने दें और फोरप्ले से सेक्स की शुरुआत करें.

कंडोम पहनना न भूलें

एक दूसरे में खोने का अर्थ यह नहीं कि आप लापरवाही करें. माना कि पहली बार करने की हड़बड़ाहट में यह ग़लती सबसे आम है. लेकिन यह गलती जोखिम भरी है. महिलाओं के लिए विशेष कंडोम बनाए गए हैं. मेडिकल स्टोर्स में यह उपलब्ध हैं. पहले से ही प्रैक्टिस करें, ताकि उस दिन आपका मजा किरकिरा न हो. यदि आपकी बजाय आपका पार्टनर प्रोटेक्शन इस्तेमाल करनेवाले हैं, तो उन्हें याद दिलाना न भूलें.

बाहरी लूब्रिकेशन से गुरेज न करें

पहली बार में घबराहट की वजह से कई बार लूब्रिकेशन ठीक तरह से नहीं निकलता. इसलिए आप कृत्रिम लूब्रिकेशन्स का विकल्प चुन सकती हैं. पेट्रोलियम जेली से लेकर नारियल तेल तक ऐसे कई सुरक्षित विकल्प हैं, जो आपके घर में आसानी से उपलब्ध होंगे. इसके अलावा बाजार में भी कई तरह के लूब्रिकेंट्स हैं, जिन्हें आप खरीद सकती हैं.

सेफ्टी का रखें ध्यान

सुरक्षा बहुत जरूरी है. ऐसी जगह ढूंढ़ें, जो पूरी तरह सेफ हो. यदि शादी से पहले सेक्स के बारे में सोच रही हैं तो किसी होटल या दोस्त के घर न जाएं. पार्टनर या आपका घर सबसे सुरक्षित जगह है. यदि आप जगह को लेकर असहज रहेंगी, तो आपका पूरा ध्यान सेक्स पर नहीं होगा. डर आपको सफल भी नहीं होने देगा. बेडरूम में कैंडल्स हों तो कहना ही क्या. फूलों से घर को महकाएं, ताकि सहजता बढ़े.

पहली बार इन पोजिशन्स को आज़माएं

मिशनरीः यह सबसे बुनियादी और आसानी से की जा सकने वाली पोजिशन है.

साइड बाय साइड पोजिशनः इस पोजिशन में पुरुष को आसानी से प्रवेश करने का मौका मिलेगा और आप भी कम्फर्टेबल रहेंगी.

गर्ल औन टौपः यदि आप सहज हों, तो इस पोजिशन को भी चुन सकती हैं. यह पोजिशन आपके पार्टनर को जल्दी उत्तेजित महसूस कराएगी और नियंत्रण भी आपके हाथों में होगा.

आखिर क्या है आपकी प्रेमिका की सेक्सुअल चाहते, जानें यहां

प्रेमी प्रेमिका के संबंध सिर्फ सेक्स तक ही सीमित नहीं होने चाहिए. सेक्स के अलावा भी दुनिया में बहुतकुछ ऐंजौय करने को है. संबंधों में प्रगाढ़ता और केयरिंग होना भी जरूरी है. प्रेमिका द्वारा नई ड्रेस पहन कर आने पर उस की प्रशंसा करना, उसे सराहते हुए उस के हाथों को चूम लेना, बात करने के तरीके को सराहना आदि बातें मन को गहराई तक छू जाने वाली हैं. रिश्तों में मजबूती के लिए ये बातें बेहद जरूरी हैं. प्रेमिका को जताएं कि आप उसे सिर्फ सेक्स के लिए ही नहीं चाहते बल्कि सेक्स से भी अहम है आप का उस के प्रति प्रेम और लगाव.

आज प्रेम के मापदंड तेजी से बदल रहे हैं. युवावस्था में विपरीतलिंग के प्रति आकर्षण युवकयुवती को एकदूसरे के प्रति प्रेम के बंधन में बांधता है और फिर बातें, मुलाकातें और एकदूसरे के प्रति समर्पित होने तक का रिश्ता बनता है. प्रेमसंबंधों के चलते युवकयुवतियां एकांत मिलते ही संबंध बनाने से भी गुरेज नहीं करते. प्रेमी जहां सेक्स के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं और सेक्स करने को तत्पर रहते हैं वहीं प्रेमिका का रुझान सिर्फ दैहिक सुख तक नहीं रहता बल्कि उन पलों के रोमांच को समेट लेने का भी करता है.

ऐसे में जहां प्रेमी सिर्फ संबंध बना कर अपने प्यार के इजहार की इतिश्री समझ लेते हैं वहीं प्रेमिका दिलोजान से एकदूसरे को चाहने, मीठी बातें, छेड़छाड़ और सेक्स के बाद भी प्रेमी की बांहों में खुद को महफूज समझने जैसी भावनाओं को प्यार की अभिव्यक्ति समझती है. साथ ही यह भी चाहती है कि उस का प्रेमी उस की सैक्सुअली इच्छाओं को खुद ब खुद समझे व जाने.

ऐसा ही कुछ रूपम के साथ हुआ. कालेज में साथ पढ़ते रूपम को रोहन से कब प्यार हो गया पता ही न चला. मिलनेमिलाने का सिलसिला चला तो वे एकांत भी तलाशने लगे. ऐसे में जब भी रोहन एकांत पाता तो बस रूपम को बांहों में जकड़ लेता और सेक्स को उन्मुख होता. ऐसे में उन के बीच सेक्स संबंध भी बन गए पर रूपम इस से संतुष्ट न थी. उसे अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति कैसे करनी है, अच्छी तरह पता था, लेकिन रोहन से बेइंतहा प्यार के बावजूद उन की सेक्स लाइफ में जरा भी रोमांच न था. इस बारे में वह रोहन से बात भी न कर पाती. दरअसल, वह समझ नहीं पा रही थी कि रोहन से किस तरह बात करे कि उसे बुरा न लगे.

रूपम की तरह ज्यादातर युवतियां चाहती हैं कि उन की कुछ सैक्सुअल चाहतें उन के प्रेमियों को खुद समझनी चाहिए. नौर्थवैस्टर्न यूनिवर्सिटी इलिनौयस की सेक्सुअलिटी प्रोग्राम की थेरैपिस्ट पामेला श्रौफ कहती हैं कि ज्यादातर प्रेमी अपनी प्रेमिका की सेक्सुअल चाहतों और प्राथमिकताओं को नहीं समझते. पामेला ने इस विषय पर प्रेमिकाओं के मन की बात जानी तो उन्हें कुछ ऐसी सेक्स प्राथमिकताएं पता चलीं जिन्हें प्रेमिका अपने प्रेमी से कहना तो चाहती थी, पर कह नहीं पाई.

मजेदार सेक्स नहीं रोमांटिक अंदाज चाहिए

युवतियों को आनंददायक सेक्स के लिए सिर्फ इंटरकोर्स की नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ बिताए हर क्षण में अच्छी फीलिंग और अनुभव की जरूरत होती है. प्रेमिका को यह बात कतई अच्छी नहीं लगती कि प्रेमी जब भी उन से मिले सिर्फ पढ़ाई, कैरियर के बारे में बात करे या फिर एकांत मिलते ही उसे दबोच ले.

इस से प्रेमिका के मन में ऐसी भावना आती है कि वह एक भोग की वस्तु है. ऐसे में वह अपने प्रेमी को बेहद स्वार्थी और खुद को भोग की वस्तु समझने लगती है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उसे केवल सेक्स के लिए ही नहीं बल्कि मन से भी उतना ही प्यार करे, उस पर ध्यान दे, उस के साथ अपनी बातें शेयर करे, प्रेमपूर्वक बातें करे, उस की भावनाओं को जाननेसमझने की कोशिश करे.

कुछ समाजशास्त्रियों का कहना है कि युवतियां अपनी जिंदगी के हर पहलू को एकदूसरे से जोड़ कर देखती हैं, जबकि युवक समझते हैं कि स्ट्रैस और झगड़े को सेक्स के वक्त एकतरफ रख देना चाहिए. इन चीजों या अन्य समस्याओं को सेक्स से नहीं जोड़ना चाहिए.

सच यह है कि सेक्स का असली मजा अफैक्शन के कारण ही आता है. मानसिक रूप से अपनापन, प्यार और नजदीकियां होती हैं तभी सेक्स संबंध सही माने में उत्तेजनापूर्ण होते हैं.

जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को समयसमय पर छोटेमोटे उपहार देता है, उसे कौफी हाउस ले जाना, लंचडिनर करवाना और सिनेमा दिखाना आदि ऐसी बातें हैं जो दर्शाती हैं कि प्रेमी अपनी प्रेमिका को महत्त्व देता है और अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानता है. ऐसे में सेक्स का मजा भी कई गुणा बढ़ जाता है.

प्रेमिका में भी पूर्ण समर्पण की चाह

कई अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि सिर्फ 60 फीसदी प्रेमिकाएं ही ऐसी हैं जिन्होंने जितनी बार अपने प्रेमी से संभोग किया, उस से कम से कम आधी बार ही चरम आनंद का अनुभव किया. लेकिन उन्हें प्रेमी की खुशी के लिए सेक्स के दौरान चरम आनंद का दिखावा करना पड़ा. ऐसे में कई बार तो उन के मन में अपराधबोध आ जाता है कि कहीं उन्हीं में तो कोई कमी नहीं.

दरअसल, युवतियों में भी अपने अंगों की बनावट, आकार और साफसफाई को ले कर तुलनात्मक हीनता की भावना होती है, इसीलिए वे अंधेरे में ही निर्वस्त्र होना चाहती हैं. ऐसे में वे अपने प्रेमी से अपने अंगों और सौंदर्य की प्रशंसा की अपेक्षा रखती हैं. कई प्रेमी अपनी प्रेमिका को मोटी, काली जैसे संबोधनों से नवाजते हैं. ऐसे में प्रेमिका का तनावग्रस्त होना स्वाभाविक है. ऐसी प्रेमिकाएं अपने प्रेमी के साथ सेक्स संबंध बनाने से भी कतराती हैं. जाहिर है, उन का यौन जीवन नीरस और आनंदविहीन हो जाता है.

झूठी प्रशंसा की जरूरत नहीं

समझदार प्रेमी वही है जो अपनी प्रेमिका की त्वचा की कोमलता, आंखों की खूबसूरती, होंठों, लंबे घने बालों, उस की मांसल टांगों, वक्ष, नितंब आदि की खूबसूरती व सेक्सुअली अट्रैक्शन की प्रशंसा कर प्रेमिका का आत्मविश्वास बढ़ाए और हंसीठिठोली करे ताकि प्रेमिका पूर्ण समर्पण व सहयोग करे.

सेक्स के बाद भी चाहिए अटैंशन

कई बार प्रेमी प्रेमिका के साथ एकांत पाते ही अंतरंग क्षणों का जम कर आनंद उठाते हैं और फिर चरम पर पहुंच कर स्खलित होते ही मुंह फेर कर प्रेमिका को घरहोस्टल छोड़ने या फिर जाने को कहते हैं, मानो उन्हें अब प्रेमिका से कोई मतलब ही नहीं. उन्हें मतलब तो उस से सिर्फ सेक्स की दरकार थी.

ऐसे में प्रेमिका खुद को बेहद अकेली, उपेक्षित और यूज ऐंड थ्रो वाली वस्तु समझती है. उसे लगता है कि बस सेक्स प्रेमी का अंतिम उद्देश्य था. प्रेमिका चाहती है कि सेक्स और स्खलन के बाद भी प्रेमी उसे चूमे, उस के अंगों को सहलाए ऐसा करतेकरते प्रेमिका को बांहों में भरते हुए उसे वापसी के लिए कहे या छोड़ कर आए. इस से प्रेमिका को आत्मसंतोष महसूस होता है.

चाहिए नौन सेक्सुअल टच

युवतियों को यह बात बिलकुल अच्छी नहीं लगती कि मिलने पर उन का प्रेमी उन्हें एक बार भी छुए या चूमे नहीं और बस एकांत पा कर फोरप्ले के लिए ही बढ़े बल्कि प्रेमिका चाहती है कि जब प्रेमी उस से मिले तो उसे छुए, चूमे लेकिन यह टच नौन सेक्सुअल हो. वह छेड़छाड़ या हंसीमजाक के लिए या अपनापन जताने के लिए छुए. कभी उस के बालों को सहलाए, उस की पीठ पर हाथ फेरे, उस के गालों को चूमे, थपथपाए, होंठों को चूमे.

अत: रिश्ते में मजबूती के लिए ये बातें बेहद जरूरी हैं. प्रेमिका को जताएं कि आप उसे सिर्फ सेक्स के लिए नहीं चाहते बल्कि सेक्स से भी अहम है आप का उस के प्रति प्रेम व लगाव.

उत्तेजना के लिए रोमांटिक बातें जरूरी

एकांत पाते ही प्रेमिका को जकड़ लेना और उत्तेजित हुए बिना ही सेक्स करना प्रेमिका को बिलकुल नहीं भाता. इस के विपरीत वह अपने प्रेमी से एकांत के समय मीठी छेड़छाड़, रोमांटिक बातें और गुदगुदाने वाले सैक्सी किस्से सुनना पसंद करती है जो उसे भीतर तक भनभना दें. इस से उस का मूड बनता है.

इसी प्रकार सेक्स के दौरान प्रेमिका की प्रशंसा, उस के साथ प्यार का इजहार और उस का नाम ले कर आहें भरना, गरम सांसें लेना प्रेमिका को उत्तेजना से भर देता है. सेक्स थेरैपिस्ट लिन एटवाटर का कहना है, ‘‘युवतियों को शारीरिक संबंधों से ज्यादा दिलचस्पी मानसिक उत्तेजना और मानसिक संबंधों में नजर आती है.’’

यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया मैडिकल स्कूल की साइकोलौजिस्ट लोनी बारबच कहती हैं, ‘‘अकसर पढ़ाई और अगर जौब है तो औफिस वर्क के दबाव के बीच किसी युवती को सब से ज्यादा जरूरत सहानुभूति और प्रेमपूर्ण बातों की ही होती है. उसे शरीर सहलाने से जितना मजा मिलता है उस से कई गुणा ज्यादा मजा उस का मन सहलाने से मिलता है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उस के साथ रोमांटिक बातें करें.

जानें क्या करें जब सेक्स लगने लगे बोरिंग

विवाह के कुछ वर्ष बाद न सिर्फ जीवन में बल्कि सेक्स लाइफ में भी एकरसता आ जाती है. कई बार कुछ दंपती इस की तरफ से उदासीन भी हो जाते हैं और इस में कुछ नया न होने के कारण यह रूटीन जैसा भी हो जाता है. रिसर्च कहती है कि दांपत्य जीवन को खुशहाल व तरोताजा बनाए रखने में सेक्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि यही बोरिंग हो जाए तो क्या किया जाए?

पसंद का परफ्यूम लगाएं

अकसर महिलाएं सेक्स के लिए तैयार होने में पुरुषों से ज्यादा समय लेती हैं और कई बार इस वजह से पति को पूरा सहयोग भी नहीं दे पातीं, इसलिए यदि आज आप का मूड अच्छा है तो आप वक्त मिलने का या बच्चों के सो जाने का इंतजार न करें. अपने पति के आफिस से घर लौटने से पहले ही या सुबह आफिस जाते समय कानों के पीछे या गले के पास उन की पसंद का कोलोन, परफ्यूम लगाएं, वही खुशबू, जो वे रोज लगाते हैं. किन्से इंस्टिट्यूट फौर रिसर्च इन सेक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन के रिसर्चरों का कहना है कि पुरुषों के परफ्यूम की महक महिलाओं की उत्तेजना बढ़ाती है और सेक्स के लिए उन का मूड बनाती है.

साइक्लिंग करें

अमेरिकन हार्ट फाउंडेशन द्वारा जारी एक अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि नियमित साइक्लिंग जैसे व्यायाम करने वाले पुरुषों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है और हृदय व यौनांगों की धमनियों व शिराओं में रक्त के बढ़े हुए प्रवाह के कारण वे बेडरूम में अच्छे प्रेमी साबित होते हैं. महिलाओं पर भी साइक्लिंग का यही प्रभाव पड़ता है. तो क्यों न सप्ताह में 1 बार आप साइक्लिंग का प्रोग्राम बनाएं.

हालांकि साइक्लिंग को सेक्स विज्ञानी हमेशा से शक के दायरे में रखते हैं, क्योंकि ज्यादा साइक्लिंग करने से साइकिल की सीट पर पड़ने वाले दबाव के कारण नपुंसकता हो सकती है. लेकिन कभीकभी साइक्लिंग करने वाले लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं होती.

स्वस्थ रहें

वर्जिनिया की प्रसिद्ध सेक्स काउंसलर एनेट ओंस का कहना है कि कोई भी शारीरिक क्रिया, जिस के द्वारा आप के शरीर के रक्तप्रवाह की मात्रा कम होती है, सेक्स से जुड़ी उत्तेजना को कम करती है. सिगरेट या शराब पीना, अधिक वसायुक्त भोजन लेना, कोई शारीरिक श्रम न करना शरीर के रक्तप्रवाह में गतिरोध उत्पन्न कर के सेक्स की उत्तेजना को कम करता है. एक स्वस्थ दिनचर्या ही आप की सेक्स प्रक्रिया को बेहतर बना सकती है.

दवाइयां

वे दवाइयां, जिन्हें हम स्वस्थ रहने के लिए खाते हैं, हमारी सेक्स लाइफ का स्विच औफ कर सकती हैं. इन में से सब से ज्यादा बदनाम ब्लडप्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाइयां और एंटीडिप्रेसेंट्स हैं. इन के अलावा गर्भनिरोधक गोलियां और कई गैरहानिकारक दवाइयां भी सेक्स की दुश्मन हैं, इसलिए कोई नई दवा लेने के कारण यदि आप को सेक्स के प्रति रुचि में कोई कमी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से बात करें.

सोने से पहले ब्रश

बेशक आप अपने साथी से बेइंतहा प्रेम करती हों, लेकिन अपने शरीर की साफसफाई का ध्यान अवश्य रखें. ओरल हाइजीन का तो सेक्स क्रीडा में महत्त्वपूर्ण स्थान है. यदि आप के मुंह से दुर्गंध आती हो तो आप का साथी आप से दूर भागेगा, इसलिए रात को सोने से पहले किसी अच्छे फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से ब्रश जरूर करें.

स्पर्श की चाहत को जगाएं

आमतौर पर लोगों को गलतफहमी होती है कि अच्छी सेक्स क्रीडा के लिए पहले से मूड होना या उत्तेजित होना आवश्यक है, लेकिन यह सत्य नहीं है. एकसाथ समय बिताएं, बीते समय को याद करें, एकदूसरे को बांहों में भरें. कभीकभी घर वालों व बच्चों की नजर बचा कर एकदूसरे का स्पर्श करें, फुट मसाज करें. ऐसी छोटीछोटी चुहलबाजी भी आप का मूड फ्रेश करेगी और फोरप्ले का काम भी.

थ्रिलर मूवी देखें

वैज्ञानिकों का मानना है कि डर और रोमांस जैसी अनुभूतियां मस्तिष्क के एक ही हिस्से से उत्पन्न होती हैं, इसलिए कभीकभी कोई डरावनी या रोमांचक मूवी एकसाथ देख कर आप स्वयं को सेक्स के लिए तैयार कर सकती हैं.

फ्लर्ट करें

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्लर्टिंग से महिलाओं के शरीर में आक्सीटोसिन नामक हारमोन का स्राव होता है, जो रोमांटिक अनुभूतियां उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए दोस्तों व सहेलियों के बीच सेक्सी जोक्स का आदानप्रदान करें, कभीकभी किसी हैंडसम कुलीग, दोस्त के साथ फ्लर्ट भी कर लें. अपने पति के साथ भी फ्लर्टिंग का कोई मौका न छोड़ें. आप स्वयं सेक्स के प्रति अपनी बदली रुचि को देख कर हैरान हो जाएंगी.

जवान रहने के लिए उम्रभर करें सैक्स

कुछ दिनों से आलोक कुछ बदलेबदले से नजर आ रहे हैं. वे पहले से ज्यादा खुश रहने लगे हैं. आजकल उन की ताजगी देख कर जवान भी दंग रह जाते हैं. असल में उन के घर में एक नन्ही सी खुशी आई है. वे पिता बन गए हैं. 52 साल की उम्र में एक बार फिर पिता बनने का एहसास उन को हर पल रोमांचित किए रखता है.

इस खुशी को चार चांद लगाती हैं आलोक की 38 साल की पत्नी सुदर्शना. सुदर्शना की हालांकि यह पहली संतान है लेकिन आलोक की तीसरी है.

दरअसल, आलोक की पहली पत्नी को गुजरे 5 साल बीत चुके हैं. उन के बच्चे जवान हो चुके हैं और अपनीअपनी गृहस्थी बखूबी संभाल रहे हैं. कुछ साल पहले की बात होती तो इन हालात में आलोक के दिल और दिमाग में बच्चों के सही से सैटलमैंट के आगे कोई बात नहीं आती. इस उम्र में अपनी खुशी के लिए फिर से शादी की ख्वाहिश भले ही उन के दिल में होती, लेकिन समाज के दबाव के चलते इस खुशी को वे अमलीजामा न पहना पाते. अब जमाना बदल चुका है. लोग अपनी सेहत के प्रति सजग हो गए हैं, एंप्टी नैस्ट सिंड्रोम से बाहर निकल रहे हैं और अपनी खुशियों को ले कर भी वे ज्यादा मुखर हैं. अब लोग 70 साल तक सेहतमंद और ताजगी से भरपूर रहते हैं.

जब आलोक ने देखा कि उन के बच्चों का उन के प्रति दिनप्रतिदिन बरताव बिगड़ता जा रहा है. अपने कैरियर व भावी जिंदगी को बेहतर बनाने की आपाधापी में बच्चों के पास उन की खुशियों को जानने व महसूस करने की फुरसत नहीं है तो आलोक ने न केवल उन से अलग रहने का फैसला लिया, बल्कि एक बार फिर से अपनी जिंदगी को ढर्रे पर लाने का मन बनाया.

एक दिन इंटरनैट के जरिए आलोक की मुलाकात सुदर्शना से हुई जो उन्हीं की तरह अच्छी जौब में थीं. पैसे के नजरिए से सैटल थी, लेकिन कैरियर के चक्कर में सही उम्र में शादी न हो सकी थी. वे 37 साल की हो चुकी थीं. उन्होंने एक खूबसूरत नौजवान का जो ख्वाब देखा था, उसे अब भूल चुकी थीं. उन्हें अब एक प्रैक्टिकल दोस्त चाहिए था.

सुदर्शना को आलोक में जीवनसाथी के सभी गुण नजर आए. दोनों ने झटपट कानूनी तरीके से शादी कर ली.

कोकशास्त्र में कहा गया है कि मर्दों की सैक्स क्षमता पूरी तरह से उन के अपने हाथों में होती है. दरअसल, जवानी में जो अपनी सेहत पर ध्यान देते हैं उन के लिए अधेड़ावस्था जैसी कोई चीज ही नहीं होती. सच बात तो यह है कि इस जमाने में अधेड़ उम्र के माने वे नहीं रहे जो आधी सदी पहले तक हुआ करते थे. औरतें जरूर अभी तक रजोनिवृत्ति के चलते कुदरत के सामने अपने मातृत्व को लंबे समय तक कायम रखने को ले कर मजबूर हैं लेकिन स्त्रीत्व का आकर्षण उन में भी उम्र का मुहताज नहीं रहा.

सैक्स का सुख लें

आज मर्द चाहे 50 का हो या 55 का या फिर 60 साल का, सेहतमंद रहने की सजगता ने उसे इस उम्र में भी फिट बनाए रखा है, हालांकि इस में उसे कुदरत का भी साथ मिला है. असल में उम्र ढलने के साथसाथ उस के परफौर्मैंस में कुछ गिरावट तो आती है, लेकिन उस की यह क्षमता बिलकुल खत्म नहीं होती.

यहां कनफ्यूज न हों, पहले भी यह सब सहजता से होता रहा है. मगर इस तरह की क्षमताएं आमतौर पर राजाओं, महाराजाओं और अमीरउमरावों तक ही सीमित होती थीं क्योंकि वही आमतौर पर सेहतमंद होते थे और सेहत के प्रति सजग होते थे. आम आदमी के लिए पहले न तो इतनी सहजता से सेहतमंद रहने के साधन उपलब्ध थे, न ही इस का ज्ञान था, इसलिए उन में बुढ़ापा जल्दी आ जाता था.

वैसे लंबे समय तक सैक्स में सक्षम और सक्रिय बने रहने का एक आसान उपाय है हस्तमैथुन. हस्तमैथुन एक ऐसी प्रक्रिया है जिस में किसी दूसरे की जरूरत नहीं होती. शरीर विज्ञान की सीख कहती है कि शरीर के जिस अंग को आप सक्रिय बनाए रखेंगे उस की उम्र उतनी ही लंबी होगी और वह उतनी ही देर तक सक्षम रहेगा. वास्तव में यह बात सैक्स के मामले में भी सही है. असल में जो इंसान जितना ज्यादा सैक्स करता है वह उतनी ही देर तक सैक्स कर सकता है.

मशहूर विशेषज्ञ डा. जौनसन का भी कहना था और आज के सैक्सोलौजिस्ट भी इस बात को मानते हैं कि लंबे समय तक सैक्स क्षमता बरकरार रखने के लिए युवावस्था में सैक्स सक्रियता जरूरी है. अगर यह सक्रियता रहती है तो 50 साल की उम्र के बाद भी मर्द को नामर्द होने का डर नहीं रहता. यही नहीं, वह 70 साल तक पिता बनने का सुख भी हासिल कर सकता है.

सैक्सोलौजिस्ट हस्तमैथुन को विशेष महत्त्व देते हैं. असल में जो मर्द अपने अंग को जितना सक्रिय रखता है, उस की उतनी ही सैक्स की चाहत बढ़ती है क्योंकि इस प्रक्रिया में अंग की अच्छीखासी ऐक्सरसाइज होती है.

कई बार पति इसलिए भी अपनी पत्नियों को संतुष्ट नहीं कर पाते क्योंकि वे सैक्स के मामले में लगातार सक्रिय नहीं रहते. इस से उन के अंग की ऐक्सरसाइज भी नहीं हो पाती और ऐन मौके पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. कहने का मतलब यह है कि इस मामले में निष्क्रियता सैक्स सुख से वंचित कर देती है.

सैक्सोलौजिस्टों की मानें तो हस्तमैथुन सैक्स क्षमता बनाए रखने का एक कारगर तरीका है. यह न सिर्फ पुरुषों को सेहतमंद रखता है बल्कि अच्छीखासी प्रैक्टिस भी कराता है. इतना ही नहीं, उम्र ढलने के साथ सैक्स की चाहत को बढ़ाने में मदद करता है.

खानपान व जीवनशैली सुधारें

इन तमाम बातों के साथसाथ यह भी ध्यान देने योग्य है कि अपने खानपान व मोटापे को भी नजरअंदाज न करें. सैक्स जीवन पर सब से ज्यादा बुरा असर मोटापा ही डालता है. मोटापे का अलावा वजन विटामिन बी-1 के लिए जिगर और थायराइड से होड़ करता है और इन दोनों ही अंगों को खराब कर देता है, जबकि सैक्स क्षमता के लिए दोनों ही अंग महत्त्वपूर्ण हैं. मोटा इंसान पतले इंसान की तुलना में सैक्स की कम इच्छा करता है. जब वह इच्छा करेगा भी, न तो वह पार्टनर को संतुष्ट कर पाता है और न खुद ही संतुष्ट हो पाता है.

इस में दोराय नहीं है कि सैक्स सब के जीवन का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में न सिर्फ खानपान, जीवनशैली आदि का खयाल रखना होता है बल्कि कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो नशीले पदार्थों के आदी होते हैं.

लब्बोलुआब यह है कि भविष्य को आनंदमय बनाना है तो युवावस्था से ही इस का ध्यान रखना होगा. इतना ही नहीं, अपने भावनात्मक रिश्तों को भी मजबूत बनाने की जरूरत है. आज के दौर में बच्चे अपने कैरियर के लिए घर से दूर चले जाते हैं. ऐसे में मातापिता घर में अकेले रह जाते हैं. ऐसे पतिपत्नी के लिए सैक्स जीवन को ऊर्जावान बनाए रखता है. कहने की बात नहीं है कि सैक्स शारीरिक क्रिया के अलावा मानसिक संतुष्टि भी है. इसलिए चैन और सुकून से जीने के लिए अपने लाइफस्टाइल को बदल डालें और 60 वर्ष की उम्र के बाद भी गुनगुनाएं, ‘अभी तो मैं जवान हूं…’

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