क्या सैक्स टौनिकों के दावे सचमुच सच होते हैं, उनसे कैसे लाभ मिल सकता है?

सवाल

मैं 35 वर्षीय विवाहिता हूं. पत्र पत्रिकाओं के पन्ने पलटते समय देखती हूं कि उन में प्राय: सैक्स टौनिकों को ले कर कई तरह के विज्ञापन छपते रहते हैं. क्या उन में किए गए दावे सचमुच सच होते हैं? उन से कैसे और क्या क्या लाभ मिल सकता है?

जवाब

अच्छा होता आप अपने सवाल के पीछे छिपे उद्देश्य के बारे में भी हमें खुल कर लिखतीं. क्या आप के पति शिश्नोत्थान से संबंधित किसी प्रकार की समस्या से गुजर रहे हैं या आप दोनों यों ही अपनी सैक्स लाइफ में कुछ ऐक्सपैरिमैंट करने के इच्छुक हैं?

बहरहाल, सचाई यह है कि अधिकांश सैक्स टौनिक मात्र विज्ञापन के जोर पर बिकते हैं, उन में कोई ऐसा औषधीय गुण नहीं होता कि व्यक्ति उन से लाभ पा सके. उन की कामयाबी का जादू मात्र उन से मिली मानसिक प्रेरणा होती है न कि अंदर आया कोई कैमिकल परिवर्तन. यह सोच कि दवा लेने से यौन सामर्थ्य बढ़ जाएगी, दवा की सफलता मात्र इसी से जुड़ी होती है.

दवा की जगह गोलीकैप्सूल में ग्लूकोज की पुडि़या बांध दी जाए और व्यक्ति को उस के प्रति विश्वास हो तो यह भी लाभकारी साबित होगी. सैक्स टौनिक बेचने वाली बहुत सी कंपनियां दवा की बोतल और गोलीकैप्सूल के पैक पर इसीलिए घोड़े और दूसरे चित्र भी लगा देती हैं ताकि ग्राहक का मन जीता जा सके. दरअसल, कमाल बोतल पर चिपके घोड़े के चित्र से ही होता है न कि गोलीकैप्सूल में बंधी दवा से.

मेरी गर्लफ्रेंड शादी के प्रस्ताव को टाल देती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 40 साल का एक विधुर हूं. मेरे 2 बच्चे हैं. पिछले कुछ समय से हमारे पड़ोस की एक महिला किराएदार से मेरी नजदीकियां बढ़ गई हैं. वह स्वभाव की बहुत अच्छी है और मेरे बच्चों को भी बहुत पसंद है. लेकिन समस्या यह है कि वह हर बार मेरे शादी के प्रस्ताव को टाल देती है. वह कहती है कि जब ऐसे ही सब सही चल रहा हैतो दिक्कत क्या हैपर मैं उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता हूंताकि समाज का भी मुंह बंद किया जाए. पर वह टस से मस नहीं हो रही है. मैं क्या करूं?

जवाब

मुमकिन है कि वह टाइमपास कर रही होजो हर्ज की बात नहीं है. कोई और वजह भी हो सकती हैजो वह शादी की आप की पेशकश को ठुकरा रही है. इस बाबत आप जोरजबरदस्ती नहीं कर सकते. जब वह औरत हो कर समाज की परवाह नहीं कर रही हैतो आप भी बेवजह अपना खून न जलाएं. किसी विधुर से शादी करना एक बार को औरत की इच्छा या मजबूरी हो सकती हैपर 2 बच्चों की मां बन कर उन की जिम्मेदारी निभाना आसान काम नहीं कहा जा सकता. आप इस बाबत उस का मूड टटोल कर देखेंफिर आगे की सोचें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जब बौयफ्रैंड करे चीटिंग तो अपनाएं ये उपाय

रीयल लाइफ में ऐसे कई कपल हैं, जो रिलेशनशिप में होते हुए भी एकदूसरे को चीट करते हैं और जब उन की सचाई सामने आती है तो पार्टनर को बहलानेफुसलाने लगते हैं.कई बार तो ऐसा होता है कि पार्टनर की सचाई सामने आने पर समझ नहीं पाते कि क्या करें, क्या नहीं.

अगर आप का बौयफ्रैंड भी आप को चीट कर रहा है या धोखा दे रहा है तो इन बातों पर ध्यान दें :

  • सुसाइड करने की कोशिश न करें : अगर आप का बौयफ्रैंड किसी और के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है तो इस का यह मतलब नहीं है कि आप की लाइफ खत्म हो गई है, इस के बाद आप की लाइफ का क्या होगा, यह सोच कर आप उलटीसीधी हरकतें न करें बल्कि खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश करें.
  • सोशल साइट्स पर न निकालें भड़ास: जब पार्टनर से लड़ाई होती है या पार्टनर चीट करते हैं तो अकसर युवतियां फेसबुक पर डाल देती हैं, अजीबअजीब से इलजाम लगा कर भड़ास निकालती हैं. अगर आप भी ऐसा करने की सोच रही हैं तो एक बात अच्छे से समझ लें, ऐसा करने से आप के पार्टनर के साथसाथ आप की भी बदनामी होगी इसलिए बेहतर है कि सोशल साइट्स के बजाय आपस में झगड़े को सुलझाएं.
  • मारपीट कर हंगामा न करें : पार्टनर को जब हम किसी दूसरे के साथ देखते हैं तो झगड़ने लगते हैं, जोरजोर से चिल्लाने लगते हैं, उस लड़की को गाली देने लगते हैं, पागलों की तरह बिहेव करने लगते हैं. लेकिन ऐसा करने के बजाय आप वहां से चुपचाप चली जाएं. अपने बौयफ्रैंड को अपनी गलती का एहसास होने दें, क्योंकि मारपीट, लड़ाईझगड़े से कोई चीज सुधरती नहीं है बल्कि बिगड़ती जाती है.
  • बदला लेने के बजाय दूरी बनाएं : अगर आप ने अपने बौयफ्रैंड को किसी के साथ पकड़ा है, तो दोनों से बदला लेने की कोशिश न करें, न ही उन के सामने चिल्लाचिल्ला कर पूछें कि आखिर क्यों किया मेरे साथ ऐसा? ऐसा कर के आप खुद को कमजोर दिखाती हैं.
  • अपनी प्रौब्लम अपने तक रखें : पार्टनर का झूठ सामने आने पर गुस्से में उस के पेरैंट्स व दोस्तों को इस बारे में बताने की गलती न करें. उस ने आप के साथ जो भी किया हो, पर उस प्रौब्लम को खुद हैंडल करने की कोशिश करें.
  • प्यार में अंधी न हो जाएं : आप प्यार करती हैं इस का यह मतलब नहीं है कि आप प्यार में एकदम अंधी हो जाएं, गलतियों को अनदेखा कर दें. ऐसा भी हो सकता है कि इस से पहले भी वह आप की पीठ पीछे इस तरह की हरकत कर चुका हो, लेकिन आप को पता न चला हो. खुद को कमजोर न दिखाएं.

जब बौयफ्रैंड की धोखाधड़ी का पता चलता है तब कुछ युवतियां तो बोल्डली हैंडल कर लेती हैं, लेकिन कुछ इमोशनली टूट जाती हैं और उन्हें रोते देख बौयफ्रैंड उन की कमजोरी का फायदा उठाते हैं. इसलिए खुद को कमजोर दिखाने के बजाय कौन्फिडैंट बनें.

ऐसे करें सैक्स, नहीं रहेगा बच्चा होने का डर

‘‘नहीं, आज नहीं,’’ अजय ने जैसे ही भारती को अपने करीब खींचने की कोशिश की, भारती ने झट से उसे पीछे धकेल दिया.

‘‘यह क्या है? कुछ समय से देख रहा हूं कि जब भी मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर दूर भागती हो. क्या अब मुझ में दिलचस्पी खत्म हो गई है?’’ अजय ने क्रोधित स्वर में पूछा.

‘‘मुझे डर लगता है,’’ भारती ने उत्तर दिया.

‘‘2 बच्चे हो गए, अब किस बात का डर लगता है?’’ अजय हैरान था.

‘‘इसीलिए तो डर लगता है कि कहीं फिर से प्रैग्नैंट न हो जाऊं. तुम से कहा था कि मैं औपरेशन करा लेती हूं, पर तुम माने नहीं. तुम गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते, इसलिए मैं किसी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहती हूं.’’

भारती की बात सुन कर अजय दुविधा में पड़ गया कि पत्नी कह तो ठीक रही है, लेकिन वह भी क्या करे? उसे कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं था. उसे लगता था कि इस से सहवास का मजा बिगड़ जाता है, जबकि भारती को लगता था कि अगर वे कोई कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल कर लेंगे तो यौन संबंधों का वह पूरापूरा आनंद उठा सकेगी.

अब सुजाता की ही बात लें. उस का बेटा 8 महीने का ही था कि उसे दोबारा गर्भ ठहर गया. उसे अपने पति व स्वयं पर बहुत क्रोध आया. वह किसी भी हालत में उस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं थी, न मानसिक न शारीरिक रूप से और न ही आर्थिक दृष्टि से. पहले बच्चे के जन्म से पैदा हुई कमजोरी अभी तक बनी हुई थी, उस पर उसे गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा. वह शारीरिक व मानसिक तौर पर इतनी टूट गई कि उस ने पति से एक दूरी बना ली, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आने लगी. जब पति कंडोम का इस्तेमाल करने को राजी हुए तभी उन के बीच की दूरी खत्म हुई.

प्रैग्नैंसी का डर नहीं रहता

अगर पति या पत्नी दोनों में से एक भी किसी गर्भनिरोधक का प्रयोग करता है, तो महिला के मन में प्रैग्नैंट हो जाने का डर नहीं होता, जिस से वह यौन क्रिया का आनंद उठा पाती है. अगर पत्नी इस क्रिया में खुशी से पति का सहयोग देती है, तो दोनों को ही संतुष्टि मिलती है. अगर इस दौरान पत्नी तनाव में रहे और बेमन से पति की बात माने तो पति का असंतुष्ट रह जाना स्वाभाविक है. गर्भ ठहर जाने के डर से पत्नी का ध्यान उसी ओर लगा रहता है. यही नहीं, उस के बाद भी जब तक उसे मासिकधर्म नहीं हो जाता, वह तनाव में ही जीती है. पति से जितनी दूरी हो सके वह बनाए रखने की कोशिश करती है. वह जानती है कि गर्भवती होने पर बारबार गर्भपात करवाने का झंझट कितना तकलीफदेह होता है. बारबार गर्भपात कराने से उस की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है.

तनावमुक्त संबंध

इंडियाना यूनिवर्सिटी के किसी इंस्टिट्यूट के नए आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश औरतों का मानना है कि गर्भनिरोधक तरीके चाहे वे हारमोनल कॉन्ट्रासेप्टिव हों या कंडोम, यौन संतुष्टि व उस के आनंद में कई गुना बढ़ोतरी कर देते हैं. तनावमुक्त यौन संबंध आपसी रिश्तों में तो उष्मा बनाए ही रखते हैं, साथ ही आनंद की चरम सीमा तक भी पहुंचा देते हैं.

दिल्ली के फोर्टिस एस्कौर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट की सीनियर क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट डा. भावना बर्मी के अनुसार, अवरोध या किसी तरह का तनाव या फिर दबाव एक तरह का मनोवैज्ञानिक भय होता है, जिस के चलते हमारा मन ही नहीं, शरीर भी असहज हो जाता है. खासकर यौन संबंधों को ले कर मन व शरीर दोनों को ही ऐसे में कुछ अच्छा नहीं लगता है और तब वे अपने को हर तरह के आनंद से दूर कर लेते हैं. अगर शरीर चाहता भी है तो मन का अवरोध उसे रोक लेता है. तनाव के न होने पर जिस स्थिति को हम ‘कंडीशंड रिफलैक्स औफ द बौडी’ कहते हैं, वह यौन संबंधों को आनंददायक बना देता है. जाहिर सी बात है कि अगर गर्भवती होने या गर्भपात करवाने का तनाव न हो तो महिला उन्मुक्त हो कर यौन संबंधों का आनंद उठा सकती है.

रहती है बेफिक्री

गर्भनिरोधकों का प्रयोग करने से युगल को इस बात का डर नहीं रहता कि उन्हें अनचाही प्रैग्नैंसी का सामना करना पड़ेगा. चूंकि ये कॉन्ट्रासेप्टिव एक सुरक्षाकवच की तरह काम करते हैं, इसलिए सैक्स के दौरान एक बेफिक्री औरत में रहती है, जो उस के हावभाव व पति को दिए जा रहे सहयोग में नजर आती है.

दिल्ली के फोर्टिस एस्कौर्ट्स हौस्पिटल की गाइनेकोलौजिस्ट डा. निशा कपूर कहती हैं, ‘‘इन के इस्तेमाल से औरत के दिमाग में एक सिक्योरिटी से रहती है कि अवांछित प्रैग्नैंसी या गर्भपात से उस का बचाव हो रहा है. इस कारण सेक्सुअल आनंद में बढ़ोतरी होती है और सहवास करने से पहले उसे सोचना नहीं पड़ता या इस से बचने के बहाने नहीं सोचने पड़ते. वैवाहिक जीवन को सुखी व सैक्स जीवन को आनंदमय बनाने के लिए इन का इस्तेमाल किया जा सकता है.’’

कॉन्ट्रासेप्टिव चाहे पति इस्तेमाल करे या पत्नी, यह निर्णय तो उन दोनों का होता है, पर यह सही है कि कॉन्ट्रासेप्टिव सैक्स के आनंद की चाबी होते हैं. सहवास करते समय दोनों के मन में अगर किसी तरह की टैंशन हो तो सिवा मनमुटाव के कोई परिणाम सामने नहीं आता है. लेकिन बेफिक्री और सहर्ष बनाए गए यौन संबंध वैवाहिक जीवन में तो दरार डालने से बचाते ही हैं, साथ ही सैक्स के आनंद को भी दोगुना कर देते हैं.

मेरा 5 साल का बेटा है, दोबारा मां बनने के लिए मैं क्या इलाज करा सकती हूं?

सवाल

मेरी उम्र 34 वर्ष है. मेरा एक 5 साल का बेटा भी है. मुझे पीरियड्स के बाद हलका गाढ़ा सफेद पानी जैसा डिस्चार्ज होता था. बारबार पेशाब के लिए जाना पड़ता था. डाक्टर को दिखाने पर पता चला कि चावल के दाने बराबर पथरी की शिकायत है, जिस का इलाज चल रहा है. इस के ठीक होने के बाद मैं दोबारा मां बनना चाहती हूं. लेकिन जब मेरा बेटा डेढ़ साल का था तब मैं ने गर्भपात करा लिया था. तभी से गर्भधारण नहीं हुआ. मैं जल्द दूसरा बच्चा चाहती हूं. दोबारा मां बनने के लिए मैं किस तरह का इलाज करा सकती हूं? मेरा पहला बच्चा औपरेशन से हुआ था.

जवाब


आप अभी गर्भधारण कर सकती हैं. लेकिन बेहतर होगा कि पहले पथरी निकल जाए ताकि सुरक्षित गर्भधारण हो सके. हो सकता है कि आप की फैलोपियन ट्यूब ब्लौक हो गई हो. जिस की वजह से आप गर्भपात के बाद गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं. इसलिए आप को एक एक्सरे, जिसे एचएसजी कहते हैं, कराना चाहिए. इस से पता चल जाएगा कि आप को लैप्रोस्कोपी की जरूरत है या आईवीएफ की.

अपने पति के सीमन की भी जांच करवाएं. यदि रिपोर्ट सामान्य है व आप की फैलोपियन ट्यूब पेटैंट है तो इंट्रायूट्रीन इंसेमिनेशन करवा सकती हैं. इस को करवाने में ज्यादा खर्च नहीं आता. 3 से 6 साइकिल में यह पूरा हो जाता है. यदि आईयूआई टैस्ट फेल हो जाए तब आप आईवीएफ की तरफ जा सकती हैं और एक खास बात कि आप अपना इलाज किसी अच्छे फर्टिलिटी सैंटर में ही करवाएं.

स्कूल में सभी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं जिससे मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है, मैं क्या करू?

सवाल-

मैं 17 साल का हूं. मेरी घनी दाढ़ीमूंछ हैं. स्कूल में बाकी साथी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं. इस से मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

घनी दाढ़ीमूंछ होना कोई परेशानी की बात नहीं है. दोस्तों के मजाक को दिल पर न लें. यह एक कुदरती बात?है, जो हार्मोन की गड़बड़ी से होती है. रोज दाढ़ी बनाएंगे तो वह घनी नहीं दिखेगी.

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मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

निखारना चाहते हैं अपनी खूबसूरती तो ऐसे करें सेक्स

Sex News in Hindi: क्या सेक्स का सुंदरता से संबंध है? सुनने में भले ही अटपटा लगे पर है सोलह आने सच.आप अपनी खूबसूरती बढ़ाने व निखारने के लिए भले ही कई तरह के ब्यूटी प्रोड्क्ट्स व जिम में अपना पैसा बहाएं. मगर हम आप से यह कहें कि खूबसूरती बढ़ाने के लिए सेक्स सब से असरकारक है तो गलत नहीं होगा. दरअसल यह बात हम नहीं कह रहे हैं शोध से साबित हुआ है कि सेक्स करने से हारमोन निकलते हैं जिन से त्वचा को लाभ पहुंचता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिस से शरीर में निखार आता है, सुंदरता बढ़ती है, पर इसे असरकारक तब माना गया है जब सेक्स को कुदरती तरीके से किया गया हो.

सेक्स: जीवन की गहराई तक जुड़ा है

स्कौटलैंड के रौयल एडिनबर्ग हौस्पीटल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा नुस्खा बताया है जो मानवीय जीवन का एक अहम हिस्सा है. शोधकर्ताओं ने इस बारे में कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. वे हैं प्रेमपूर्वक सेक्स यानि सिर्फ पति पत्नी के साथ ही सेक्स करने से मनचाहा परिणाम मिलता है. क्योंकि अनसेफ सेक्स से न सिर्फ तमाम तरह की बीमारियों का खतरा रहता है बल्कि स्ट्रैस भी बढ़ता है. इस से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है, नतीजतन एगिंग की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है.

बढ़ती उम्र घटाए खूबसूरती बढ़ाए

सेक्स कुदरती रूप से आनंद और उत्साह का संचार करता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम अंतराल में सेक्स करने से (हफ्ते में कम से कम 3 बार) आदमी की उम्र उस की असली उम्र की तुलना में कम दिखती है, सैक्सुअल एक्टीविटी किसी एक्सरसाइज से कम नहीं है. इस से स्किन को यंग बनोन वोल और खुशी बढ़ाने वाले हार्मोन्स रिलीज होते हैं. इस से आप का चेहरा ग्लो करने लगता है और स्किन में कसाव आता है.

जानिए क्याक्या हैं फायदे

  • सेक्स इंसान की सेहत बनाए रखने में मदद करता है.
  • यह कैलोरी बर्न करने का काम करता है साथ ही दिल और दिमाग को सेहतमंद बनाए रखता है.
  • सेक्स कुदरती रूप से खूबसूरती में इजाफा करता है.
  • यह खूबसूरती बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स और स्टाइल के मुकाबले 20 (बीस) ही नजर आता है.
  • सेक्स कर के अपनी त्वचा की उम्र को 4 साल तक कम कर सकते हैं.
  • सेक्स एक कुदरती उपाय जो खूबसूरती बढ़ाए
  • सेक्स के यह कुदरती उपाय आप के चेहरे की शाइन बढ़ा सकते हैं.

खुशी का एहसास

सेक्स उन एक्टीविटीज में से है. जिस में दिमाग एकसाथ एक्साइट और रिलैक्स होता है. सेक्स के दौरान शरीर में औक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और इस से कोशिकाओं को नई एनर्जी मिलती है. इस से आप का मूड बेहतर रहता है.

स्वस्थ बाल

सेक्स के दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. इस से बालों को एक नेचुरल मौइश्चराइजर मिलता है. इस से आप के बाल चमकदार बनते हैं.

त्वचा को रखें कोमल और स्थिर

जो महिलाएं नियमित सेक्स करती हैं उन की त्वचा में अहम किरदार निभाने वाले हार्मोन एस्ट्रोजेन का स्राव अधिक होता है. इस के साथ ही त्वचा को कुदरती रूप से कोमल और स्थिर बनाने वाले हार्मोन कोलेजन का स्राव भी अधिक होता है.

झुर्रियों से बचाएं

भले ही आप सूरज की हानिकारक किरणों से दूर रहें लेकिन फिर भी आप को झुर्रियां हो सकती हैं. ये झुर्रियां आप के हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को हो सकती हैं. इस से दिल पर बुरा असर पड़ सकता है. दिल और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने की प्रक्रिया समान है. सेक्स से आप के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है जिस से चेहरे पर कुदरती चमक आ जाती है.

स्तनों का आकार बढ़ाएं

स्तनों को महिलाओं की खूबसूरती का अहम हिस्सा माना जाता है. सेक्स के दौरान स्तनों का आकार 25 फीसदी तक बढ़ जाता है इसलिए जानकार मानते हैं कि जो महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ से अधिक संतुष्ट होती हैं उन का शरीर अधिक सुडौल होता है.

पेट की चर्बी हटाएं

शरीर में अगर कौलेस्ट्रौल का स्तर अधिक हो जाए, तो इस का सीधा असर हमारे पेट पर पड़ता है. यहां अतिरिक्त वसा इकट्ठा होने लगती है. औक्सीटोसिन इस से निजात दिलाता है यानि और्गेज्म से आप के शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी दूर होती है.

तनाव दूर करें

तनाव से आप के चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. और्गेज्म के दौरान शरीर में बड़ी मात्रा में औक्सीटोसिन का स्राव होता है. यह तनाव के काफी उत्तरदायी माने जाने वाले कौरटिसोल हार्मोन को दूर करता है.

आत्मविश्वास में करें इजाफा

जिन लोगों को अपने जीवन का लक्ष्य पता होता है, वे अधिक आकर्षक होते हैं सेक्स और व्यायाम मस्तिष्क के समान क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हैं आप अपने आसपास की दुनिया के बारे में अच्छा महसूस करते. आप मानसिक रूप से अधिक शांति एकाग्र, शक्तीमान और सामर्थ्यवान महसूस करते.

इन उपायों को अपना कर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए इस से सेहतमंद तो होगी ही साथ ही खूबसूरती भी निखर जाएगी.

मैं तीसरा बच्चा चाहती हूं पर बच्चा ठहर नहीं रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी 2 बेटियां हैं. बड़ी 14 साल की और छोटी 11 साल की. घर में सब ताना मारते हैं कि बेटा क्यों नहीं है. मैं तीसरा बच्चा चाहती हूं, पर बच्चा ठहर नहीं रहा है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आजकल के जमाने में 2 बच्चे पालने में ही पसीने छूट जाते हैं. लड़के की चाहत में और जोखिम न उठाएं. अगर पेट से हो भी गईं और तीसरी औलाद भी लड़की हुई तो आप क्या करेंगी? आप लोगों के ताने नजरअंदाज करते हुए अपनी दोनों लड़कियों को ही पढ़ालिखा कर काबिल बनाएं.

मैं मैरिड हूं पर अपने कॉलेज फ्रेंड से बात करती हूं, क्या मैं सही कर रही हूं?

सवाल

कालेजटाइम से एक लड़के से प्यार करती थी. मुझे वह सपनों का राजकुमार लगता था लेकिन उस से कभी अपनी फीलिंग्स बता नहीं सकी. जैसे ही मेरी कालेज की पढ़ाई खत्म हुई, घरवालों ने मेरी शादी करवा दी. मेरे पति बहुत अच्छे हैं, मुझे हद से ज्यादा प्यार करते हैं. मैं भी उन के साथ बहुत मजे में जी रही थी कि एक दिन हमारे फ्रैंड्स व्हाट्सऐप ग्रुप में वह लड़का भी शामिल हो गया. धीरेधीरे वह मुझे पर्सनल व्हाट्सऐप मैसेज भेजने लगा.

वह मुझसे खुलने लगा है. मुझे उस का खुलापन भाने लगा है. दिल में फिर से वही पुरानी कालेज वाली प्यार की उमंगें जागने लगी हैं. वह भी अब शादीशुदा है लेकिन उस का कहना है कि अगर हमें एकदूसरे से बात करना अच्छा लगता है तो इस में बुराई क्या है और महीने में एकदो बार मिल कर अपने दबे अरमान पूरे कर लें तो क्या हर्ज है. मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि इतना बड़ा कदम उठाऊं. लेकिन मन में दबा प्यार बारबार जोखिम उठाने को प्रेरित कर रहा है. आप ही बताएं कि क्या करूं? क्या सही है और क्या गलत?

जवाब

यह बात तो हम भी मानते हैं कि जिंदगी में हुआ पहला प्यार भुलाया नहीं जाता, मगर आप जिंदगी में बहुत आगे निकल चुकी हैं. शादीशुदा हैं और आप खुद कह रही हैं कि पति आप से बेहद प्यार करते हैं तो फिर क्यों अपने हाथों अपनी प्यारभरी गृहस्थी में जहर घोलना चाहती हैं. आप का फ्रैंड कैसा है, कैसा नहीं, हमें नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि वह जानते  हुए भी गलत काम कर रहा है और आप को भी उकसा रहा है.

यदि वह वाकई एक समझदार व्यक्ति है तो उसे आप के साथ हैल्दी फ्रैंडशिप वाला रिलेशन रखना चाहिए. दोस्त वे होते हैं जो दोस्त को सही राह दिखाएं. आप दोनों की अपनीअपनी गृहस्थी है, उस में खुश रहें. हैल्दी फ्रैंडशिप रखें जो जीवन की एकरसता दूर कर मन को सुकून और प्रेरणा दे.

शारीरिक रूप से जुड़ कर आप इस रिश्ते के साथसाथ अपने वैवाहिक रिश्ते के साथ भी अन्याय करेंगी. इसलिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं, साफसाफ और बिना देर किए अपने फ्रैंड को अपना फैसला सुना दें और अपनी खुशहाल शादीशुदा जिंदगी पर अपना ध्यान केंद्रित करें. वहीं अपनी खुशियों को तलाशें. मृगतृष्णा के पीछे मत भागिए. सम झदारी इसी में है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

 सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

 

प्यार कभी भी हो सकता है, टैंशन नहीं लेने का

गीतकार संतोष आनंद ने साल 1982 में आई एक सामाजिक फिल्म ‘प्रेम रोग’ में एक गाने से सवाल उठाया था कि ‘मोहब्बत है क्या चीज हम को बताओ. ये किस ने शुरू की हमें भी सुनाओ…’ पर आज तक इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिला, तभी तो कई बार शादी के बाद भी इनसान किसी तीसरे के प्यार में पड़ जाता है. यह प्यार अचानक या किसी मकसद से या सोच समझ कर नहीं होता. आज की मसरूफ लाइफ में वैसे भी इस तरह किसी तीसरे का मिलना आसान नहीं. मगर जब अनजाने ही कोई आंखों को भाने लगे तो दिल में कुछ उथलपुथल होने लग जाती है. इनसान धीरेधीरे अपनी जिंदगी में उस तीसरे का भी आदी होने लगता है. मगर जब यह हकीकत जीवनसाथी के सामने आए तो मामला उलझ सकता है.

तभी तो 18वीं सदी के मशहूर शायर मीर तकी मीर ने फ़रमाया था कि ‘इश्क इक ‘मीर’ भारी पत्थर है…’

मीर ने इश्क को भारी पत्थर कहा तो 20वीं सदी के एक और शायर अकबर इलाहाबादी ने इसे कुछ ऐसे बयां किया… ‘इश्क नाजुक मिजाज है बेहद, अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता…’

जाहिर है कि यह प्यार किसी को भारी पत्थर लगा तो किसी को नाजुक मिजाज, किसी ने मोहब्बत में खुदा देखा, तो किसी को दुश्मन नजर आया. मगर प्यार की हकीकत केवल शायराना अंदाज से नहीं समझी जा सकती. इस प्यार या इश्क के जज्बातों के पीछे कहीं न कहीं साइंस काम कर रहा है.

दरअसल, किसी के प्रति यह आकर्षण आप के दिमाग का कैमिकल लोचा भर है, इसलिए इसे ले कर ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए. मोहब्बत होती है तो खुद से हो जाती है और न होनी हो तो लाख कोशिशें करते रहिए छू कर भी न गुजरेगी आप को. तभी तो चचा गालिब कह गए हैं कि ‘इश्क पर जोर नहीं है, ये वो आतिश ‘गालिब’ के लगाए न लगे और बुझाए न बुझे.’

जब होता है प्यार

जब आप किसी के प्यार में पड़ते हैं तो दिमाग न्यूरो कैमिकल प्रोसैस से गुजरता हुआ शरीर में एड्रेनल, डोपामाइन, सैरोटोनिन, टैस्टोस्टैरोन और एस्ट्रोजन रिलीज करता है. प्यार में पड़ने पर इन की रिलीजिंग स्पीड बढ़ जाती है. यही वजह है कि जब इनसान अपने किसी प्यारे के साथ हो तो वह अलग तरह का माहौल महसूस करता है.

इस मामले में न्यूरोपेप्टाइड औक्सीटोसिन नाम का कैमिकल भी प्यार का एहसास कराने में अहम साबित होता है, क्योंकि इस को बॉन्डिंग हार्मोन कहा जाता है. यह आप के मन में दूसरों से जुड़ाव पैदा करता है.

सताती है उस की याद

ऐसा कोई भी शख्स नहीं होगा जिसे कभी किसी इनसान की याद ने सताया न हो. भले ही वह इनसान शादीशुदा ही क्यों न हो, मगर इस के बावजूद वह किसी तीसरे से दिल से जुड़ जाता है. ऐसे में उस शख्स के दूर होने पर उसे मिसिंग की फीलिंग आती है और इस से वह दुखी महसूस करता है. यह बात वह संकोच के चलते किसी से शेयर भी नहीं कर पाता, जबकि दूर होने की वजह से उस का दुख बढ़ जाता है.

वैसे भी आप जिस की तरफ खिंचते हैं जब वह दूर होता है तो हैपी हार्मोन को तेजी से रिलीज करने वाला प्रोसैस धीमा हो जाता है. इस वजह से आप दुख, स्ट्रेस, एंग्जायटी और इनसिक्योर फील करने लगते हैं. यह बौडी का कैमिकल फ्लो में आए बदलाव पर रिएक्शन होता है.

इस की वजह से आप अपने जीवनसाथी के प्रति उदासीन से हो जाते हैं और उसे इस बात का अहसास होने लगता है कि आप की जिंदगी में कोई और भी है. ऐसे में हालात मुश्किल होने लगते हैं मगर फिर भी आप उस तीसरे का मोह नहीं त्याग पाते, क्योंकि वह तीसरा इनसान आप की जिंदगी में एक अलग तरह का रोमांच और खुशियां ले कर आता है. उस की कुछ खासीयतें आप को अपनी तरफ खींचती हैं. आप अपने जीवनसाथी को धोखा देना नहीं चाहते, मगर फिर भी उस तीसरे की यादों से अलग भी नहीं हो पाते. आप यह जुगत भिड़ाने में लगे रहते हैं कि उस तीसरे से बारबार आप का सामना हो.

नई रिलेशनशिप में आती है ज्यादा मुश्किल

एक स्टडी में यह भी सामने आया है कि पुरानी रिलेशनशिप में किसी से दूरी उतनी इफैक्ट नहीं करती मगर किसी नए रिश्ते में दूरी बढ़ने पर उदासी काफी प्रबल होती है. मतलब यह कि शादीशुदा इनसान जब अपने पार्टनर से कुछ समय के लिए दूर होता है, तो उस के मन पर खास असर नहीं होता मगर जिस से हालफिलहाल रिश्ता जुड़ा है उस का दूर जाना आप को ज्यादा इफैक्ट करता है. यह आप के चेहरे से नजर आने लगता है. आप परेशान रहने लगते हैं. वहीं जब रिश्ता पुराना हो यानी पतिपत्नी का हो तो उस में एक मजबूती और हिफाजत का भाव होता है.

इस जुनून से बचें

जब प्यार का जुनून ‘मानसिक बीमारी’ बन जाए तो ऐसा प्यार जानलेवा होता है. जैसा कि फिल्म ‘डर’ में शाहरुख खान का किरदार था. इस में हीरोइन पर जबरदस्ती का प्यार थोपा जा रहा था, ‘तू हां कर या न कर तू है मेरी किरन’. ऐसे प्यार को आप ‘इश्किया बीमारी’ कह सकते हैं.

अमेरिकी हैल्थ वैबसाइट ‘हैल्थलाइन’ के मुताबिक, ‘औब्सैसिव लव डिसऔर्डर एक तरह की ‘साइकोलौजिकल कंडीशन’ है जिस में लोग किसी एक शख्स पर असामान्य रूप से मुग्ध हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि वे उस से प्यार करते हैं. उन्हें ऐसा लगने लगता है कि उस शख्स पर सिर्फ़ उन का हक है और उसे भी बदले में उन से प्यार करना चाहिए. अगर दूसरा शख्स शादीशुदा है या उन से प्यार नहीं करता तो वे इसे स्वीकार नहीं कर पाते. वे दूसरे शख्स और उस की भावनाओं पर पूरी तरह काबू पाना चाहते हैं.’

असल जिंदगी में भी ऐसे लोग प्यार में ठुकराया जाना स्वीकार नहीं कर पाते और न कहे जाने के बाद अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं. बहुत से जुनूनी आशिक तथाकथित प्रेमिका को यह कह कर धमकाते हैं कि ‘ठुकरा के मेरा प्यार तू मेरी मोहब्बत का इंतकाम देखेगी’. किसी शादीशुदा से इस तरह जुनून भरा प्यार करने का नतीजा हिंसा, हत्या या आत्महत्या के रूप में नजर आता है. इसे औब्सैसिव लव डिसऔर्डर कहते हैं. ऐसे प्यार करने वाले शख्स से हमेशा बच कर रहें, क्योंकि ऐसा प्यार न सिर्फ आप की शादीशुदा जिंदगी बरबाद करेगा, बल्कि आप की जिंदगी भी जा सकती है.

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