मुझे एक लड़की पसंद है मैं उससे दोस्ती करना चाहता हूं, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 19 साल का एक कुंआरा लड़का हूं. मैं कालेज के दूसरे साल में पढ़ रहा हूं. मैं अपने कालेज सरकारी बस से जाता हूं. इसी बस में एक लड़की भी चढ़ती है, जो मुझे पसंद है. वह भरेपूरे बदन की है और हर किसी की निगाह उस के उभारों पर ही टिकी रहती है. पर वह किसी की परवाह नहीं करती है और शायद किसी लड़के से फोन पर बात भी करती है. लेकिन साथ ही मुझे देख कर मुसकराती भी है.

मुझे उस लड़की से दोस्ती करनी है, पर डर लगता है कि कहीं वह मना न कर दे. उस का बदन मुझे सपनों में भी सताता है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

एक पुरानी कहावत है, हंसी सो फंसी. अब बस जरूरत आप की तरफ से पहल की है, जिस की आप हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. रोजरोज उस अनजान लड़की के उभारों और भरेपूरे बदन को देख कर आहें भरते रहने से तो बेहतर है कि आप हिम्मत कर के दोस्ती के लिए प्रपोज कर ही दें. लेकिन जरा ड्रामेटिक स्टाइल में करें. वह मना कर भी देगी तो आप का कोई नुकसान नहीं है. वैसे पढ़ाईलिखाई की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे तो फायदे में रहेंगे. इस उम्र में लड़कियों के प्रति आकर्षण होना कुदरती बात है, लेकिन इस से पढ़ाई और कैरियर पर फर्क न पड़े, इस का भी ध्यान रखें.

फ्लर्ट करते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना बनने से पहले टूट जाएगा रिश्ता

प्यार में फ्लर्टिंग ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है अपने क्रश को इंप्रेस करने के लिए ज़रुरी है कि आप उसके साथ थोडी बहुत फ्लर्टिंग करें, ताकि आप अपना रिश्ता कायम कर सकें,तो ऐसे कई बार हम वो भूल कर जाते है जिससे रिश्ता बनने की बजाएं टूट जाता है तो आज हम कुछ ऐसे ही फ्लर्ट के टिप्स बताएंगे जिन्हे आप फ्लर्ट करते वक्त याद रखें.

बता दें, कि फ़्लर्ट करना भी एक कला है. जो हर किसी के पास नहीं होती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो फ़्लर्ट करना जानते तो हैं, लेकिन वो अंजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे सामने वाला इंप्रेस होने की बजाय आपसे नाराज हो जाता है.

1. दिखावा ना करें

कई लोग इम्प्रेस करने के चक्कर में ज्यादा दिखावा करते है जिनका ये बीहेव आगे चलकर उनको मुसबीत में डाल सकता है इसलिए आप जैसे है खुद को वैसे ही सामने रखें. इससे आपका रिश्ता ओर भी मजबूत बनेगा.

2. झूठ ना बोलना

कोई भी रिश्ता अगर झूठ से शुरु किया जाएं तो वो ज्यादा दिन नहीं ठिकता है झूठ आपके रिश्ते को कमजोर बनाता है और आगे चलकर सच्चाई सामने आ ही जाती है तो ऐसे में ध्यान रखें कि ये ज़रुरी है कि आप झूठ ना बोले.क्योकि झूठ बोलकर आप किसी का दिल नहीं जीत सकते है.

3. शो ऑफ न करें

अक्सर लोग फ्लर्ट करते समय शो ऑफ करने लगते हैं। ऐसा करने से आपका रिश्ता बनने से पहले ही बिगड़ सकता है. अगर आपको लगता है कि महंगी चीज़ें देखकर लड़का या लड़की इंप्रेस हो सकते हैं, तो यह गलत साबित हो सकता है.

4. प्राइवेसी का ख्याल रखें

जब आप किसी को पसंद करते हैं, तो उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखें. किसी की सहमति के बिना उनके व्यक्तिगत जीवन में ताका झांकी न करें. इससे आपके क्रश को बुरा लग सकता है.

5. जज्बात के साथ न खेलें

किसी के भी जज्बात के साथ खेलना आपके लिए भारी पड़ सकता है. इसलिए जब आप अपने क्रश से बातचीत करते हैं, तो इसका जरूर ख्याल रखें कि आपके किसी भी बात से उनके दिल को ठेस न पहुंचे.

पत्नी की करें मनुहार, बढ़ेगा प्यार

सुबहसुबह छोटी सी बात पर ही दिवाकर की अपनी पत्नी नीलम से लड़ाई हो गई. दोनों ही देर तक बहस करते रहे और आखिर में नीलम रोने बैठ गई.दिवाकर को बहुत गुस्सा आया और बिना टिफिन लिए ही औफिस चला आया. वहां पूरे दिन उस का दिल नहीं लगा. शाम को लौटते समय उस ने एक दुकान से कुछ हरी चूडि़यां खरीदीं और घर पहुंचा.नीलम अभी भी उदास और गुस्से में थी. उस ने दिवाकर से कोई बात नहीं की. खाने के समय सामने प्लेट रख कर वह चली गई.

जब दिवाकर कमरे में घुसा, तो यह देख कर दंग रह गया कि नीलम अपना बैग पैक कर रही थी. पूछने पर वह बोली, ‘‘मैं कल सुबह की ट्रेन से अपने घर चली जाऊंगी. मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना. तुम मेरा दर्द नहीं समझते. न ही मुझ से प्यार करते हो. मैं तुम्हारी आंखों में खटकती हूं, तो फिर यहां क्यों रहूं?’’ दिवाकर समझ गया कि बात बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. वह चुपके से चूडि़यां ले कर आया और नीलम के आगे रखता हुआ बोला, ‘‘मेरा प्यार इन चूडि़यों की खनखनाहट में है. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. प्लीज, मत जाओ. मेरी जिंदगी की हर सुबह तुम से है. ‘‘आज सुबह मैं ने कुछ गलत कहा तो उसे भूल जाओ. बस इतना याद रखो कि मैं हूं तो बस तुम से हूं.’’

दिवाकर ने यह सब इतने मनुहार भरे शब्दों में कहा कि नीलम का दिल पसीज गया. वह यही तो चाहती थी कि दिवाकर उसे मना ले. यही हुआ भी. दिवाकर के इस अंदाज पर नीलम का दिल उस के प्रति प्यार से भर उठा. इस तरह नाराजगी की जगह उन के रिश्ते में प्यार खिल उठा. सच है कि कभी शहद सा मीठा और कभी इमली सा खट्टा होता है पतिपत्नी का रिश्ता. कभी प्यार भरी बातें, मानमनुहार, तो कभी नोकझोंक. ताउम्र साथ निभाने और सुखदुख में साथ चलने के इस रिश्ते में जाने कितनी ख्वाहिशें और उम्मीदें होती हैं. इसी में छिपी होती है जिंदगी की असली खुशी. पर कभीकभी इनसान अपने अहम की वजह से आपसी रिश्ते के बीच एक दीवार खड़ी कर लेता है. छोटीछोटी बातें दिल से लगा कर अपने ही जीवनसाथी से अबोला रखने लगता है. प्यार भरे इस रिश्ते में ऐसी चुप्पी छा जाती है कि समझ में ही नहीं आता कि इसे तोड़ा कैसे जाए.

इस सब की वजह भले ही बहुत छोटी सी होती है, फिर भी लंबे समय तक की खामोशी और नाराजगी इस रिश्ते में कड़वाहट ला कर उसे तोड़ देने के लिए काफी होती है. अगर पतिपत्नी में से एक शांत और दूसरा तेज स्वभाव वाला हो, तो दोनों के बीच संतुलन बना रह सकता है. पर अगर दोनों ही स्वभाव से तेज और गुस्से वाले हों, तो वैचारिक टकराव के साथसाथ लड़ाईझगड़े और हाथापाई भी हो जाती है और तब पूरा घर बिखरने लगता है. इसलिए जरूरी है कि संबंधों में आई उस कड़वाहट को समय रहते दूर कर लिया जाए, तभी परिवार बिखरने से बच सकता है.

अकसर उम्मीद की जाती है कि एक औरत को ही अपनी गलती मान लेनी चाहिए और पति के आगे झुक जाना चाहिए. ज्यादातर पत्नियां झुक भी जाती हैं, पर इस तरह के रिश्तों में फिर प्यार बाकी नहीं रह जाता. नतीजतन, औरत केवल समझौते ही करती रहती है. पति के लिए उस के मन में प्यार और इज्जत नहीं रह जाती है, इसलिए रिश्ते में प्यार और चाहत बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पति अपनी पत्नी को बराबरी का दर्जा दे. कभी पत्नी झुक रही है, रूठे पति को मना रही है, तो कभी पति को भी अपनी पत्नी के साथ प्यारमनुहार से पेश आना चाहिए. अहम से रहें दूर पतिपत्नी के बीच जब किसी भी चीज को ले कर अहम का भाव आ जाता है, तो फिर वह प्यार की सीमा लांघ कर अहंकार बन जाता है. ऐसे में कई बार पति दूसरों के सामने भी पत्नी की बेइज्जती कर देते हैं. इस से पत्नी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है. इस की वजह से फिर रिश्ते में कड़वाहट ही रह जाती है.

अहंकार और स्वाभिमान में थोड़ा सा ही फर्क है, पर इन के नतीजे में बहुत अंतर है. ध्यान रखें कि पतिपत्नी के संबंधों में अहंकार नहीं, बल्कि स्वाभिमान होना चाहिए. पति को पत्नी  के स्वाभिमान की हिफाजत करनी चाहिए और अपना सुर कभी ऊंचा नहीं करना चाहिए. दोस्तों को न बनने दें दीवार अनुज हमेशा रविवार को अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता. उस की यह आदत कालेज के समय से थी. शादी के बाद भी जब उस की यह आदत बरकरार रही, तो उस की पत्नी निभा को यह बात अखरने लगी, मगर वह कुछ कह नहीं सकी.

हर रविवार को निभा उखड़ीउखड़ी सी रहती. 1-2 बार उस ने कहना चाहा भी कि कहीं बाहर चलते हैं, मगर अनुज दोस्तों के साथ अपने बिजी शैड्यूल का हवाला दे देता. अब निभा खामोश रहने लगी. वह हर समय प्यार के बजाय झगड़ने को तैयार रहती. अनुज ने जब यह बात दोस्तों से शेयर की, तो उस के दोस्त निलय ने समझाया, ‘‘तुझे अपनी छुट्टी का दिन पत्नी के साथ बिताना चाहिए. उस के भी कुछ अरमान होते होंगे. हम में से 4 अभी कुंआरे हैं. केवल तुम और सौरभ ही शादीशुदा हो, इसलिए तुझे समझा रहा हूं. तेरा पत्नी की तरफ भी कुछ फर्ज बनता है न.’’

अनुज को बात समझ आ गई. वह निभा के साथ वक्त बिताने लगा. उस का खयाल रखने लगा. जल्द ही उन के रिश्ते में खो रहा प्यार वापस लौट आया. जन्मदिन और शादी की सालगिरह याद रखें हर पत्नी की यह ख्वाहिश रहती है कि पति उस के जन्मदिन व शादी की सालगिरह की तारीख जरूर याद रखे, क्योंकि पत्नियां इन से काफी इमोशनली जुड़ी होती हैं. इस के अलावा उन्हें यह जान कर भी बेहद खुशी होती है कि पति को उन के साथ की पहली मुलाकात, पहली बार दिया गया तोहफा, बीते हुए यादगार लमहे, शादी के काफी समय बीत जाने के बाद भी याद हैं.

इसी तरह इन मौकों पर आप अगर पत्नी के लिए उन की पसंद के तोहफे ले कर जाएंगे, तो उन की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. ऐसे समय में महंगे तोहफे जरूरी नहीं होते, बस प्यार से दो गुलाब के फूल देने और तारीफ के चंद शब्द बोलने से भी पत्नी का दिल आप के लिए प्यार से भर उठेगा. तारीफ करें तारीफ सुनना औरतों की सब से बड़ी कमजोरी होती है, खासकर पत्नियां इस मामले में और भी संवेदनशील होती हैं, इसलिए जब कभी पत्नी ने आप के लिए प्यार से लजीज खाना बनाया हो, घरपरिवार से जुड़ा अच्छा काम किया हो या खूबसूरती से तैयार हुई हो, तो उस की तारीफ जरूर करें. इस से पत्नी को न केवल खुशी होगी, बल्कि उस का प्यार भी बढ़ेगा. ऐसे लोग भी होते हैं, जो पत्नी  में बेवजह गलतियां ढूंढ़ते रहते हैं और गलती न होने पर भी उस के हर काम में मीनमेख निकालते रहते हैं. ऐसा न करें. तारीफ जहां पत्नी के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, वहीं शादीशुदा जिंदगी को भी खुशहाल बनाती है.

निशाने पर किसी और को न रखें अकसर पतिपत्नी आपसी मनमुटाव का शिकार एकदूसरे के परिवार के सदस्यों को बना लेते हैं और अपने दिल की भड़ास एकदूसरे के परिवार के सदस्यों के विरोध में बोल कर निकालते हैं खासकर पति अपनी ससुराल वालों को बात सुनाने से बाज नहीं आते. इस से बात संभलने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कोई भी औरत अपने घर वालों या मातापिता के खिलाफ नहीं सुन सकती, इसलिए पति की कही ऐसी कोई बात पत्नी के दिल में कहीं गहरे तक जा कर चोट करती है.

इस के उलट अगर पत्नी नाराज है या दोनों में झगड़ा हुआ है, तो पति अपनी पत्नी के मायके से किसी को बुला कर पत्नी को सरप्राइज दे या उस के मायके वालों की तारीफ कर दे, तो पत्नी का गुस्सा पलभर में काफूर हो सकता है. तब रिश्ते में तनाव की जगह प्यार का आगाज हो जाएगा. फैसला न लादें पति हो या पत्नी, हर किसी का अपना वजूद है. बहुत से पति सोचते हैं कि पत्नी को उन के हिसाब से चलना चाहिए. यह सोच सही नहीं है. किसी भी बात को ले कर पत्नी पर अपना फैसला थोपने की कोशिश न करें.

आप की पत्नी को हक है कि वह जिंदगी को अपने ढंग से जी सके. अगर आप उस की ख्वाहिशों और इच्छाओं की इज्जत करेंगे, तो पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता जाएगा. पहल करने से न हिचकिचाएं याद रखें कि कई बार रोजमर्रा की छोटीछोटी तकरार भी गहरे विवाद का रूप ले लेती है, जिस से परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है. परिवार के टूटने के चलते भले ही कोई भी वजह हो, पर इस का खमियाजा बड़ों के साथसाथ बच्चों को भी जिंदगीभर भुगतना पड़ता है. आपसी संबंधों में विवाद से उपजी चुप्पी को समय रहते तोड़ देना ही बेहतर होता है और अगर वह पहल नहीं करती, तो आप खुद ही पहल कर सकते हैं.

इज्जत दें, प्यार बढ़ाएं याद रखें कि ससुराल में पत्नी की इज्जत की जिम्मेदारी उस के पति की होती है, क्योंकि जिस ससुराल में पति पत्नी की इज्जत नहीं करता, उस परिवार में कोई और सदस्य अमूमन उसे इज्जत नहीं देता और ऐसा होता है तो घर में कभी शांति नहीं रह पाती, इसलिए पत्नी को इज्जत दें और उस के दिल पर राज करें. तब आप की जिंदगी खुशियों से भर जाएगी. भावनात्मक रूप से साथ दें पत्नी को आप के भावनात्मक साथ की जरूरत होती है. हर छोटीबड़ी बात पर, सुखदुख में, मुश्किल हालात में वह उम्मीद करती है कि पति उस का साथ दे.

यह भावनात्मक साथ पत्नी को तनाव और अवसाद से निकालने में सहयोग देता है. कैसे भी हालात हों, आप पत्नी को अपने साथ का अहसास कराएं, फिर देखिए कैसे पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता है.खरीदारी के लिए साथ जाएं ऐसी शायद ही कोई औरत होगी, जिसे खरीदारी करने का शौक न हो. एक सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर औरतें अपनी टैंशन व परेशानी को दूर करने के लिए खरीदारी करना ज्यादा पसंद करती हैं. वैसे भी हर पत्नी की यह इच्छा होती है कि वह पति के पसंद की चीजें पहने, फिर चाहे वह ज्वैलरी हो या ड्रैस. पतियों को खरीदारी करना कम ही पसंद आता है, पर जब आप अपनी पत्नी के साथ खरीदारी करते हैं, तो इस से आपसी लगाव और भी बढ़ जाता है.

प्यार से गले लगाना औरतों को प्यार से गले लगाना, रूठना, मानमनुहार कराना बहुत अच्छा लगता है. इस से यह भी पता चलता है कि आप अपने पार्टनर को कितना प्यार करते हैं. पार्टनर को प्यार से गले लगाने पर दोनों एकदूसरे के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ते हैं.दरअसल, प्यार करना केवल सैक्सुअल रिलेशन ही नहीं होता है, बल्कि पतिपत्नी को गले लगा कर, चूम कर, लाड़दुलार दिखा कर भी अपने संबंधों में ज्यादा मिठास व मजबूती ला सकते हैं.

जब बहन लगे बहकने तो क्या करें

बहन जब मरजी से किसी से प्यार करने लगती है, तो ज्यादातर भाई हैवान बन जाते हैं. विरले ही भाई ऐसे होंगे, जिन्होंने अपनी बहन के जज्बात समझते हुए उस की मुहब्बत को शादी में तबदील करने की पहल की होगी…

बि हार में पटना सिटी का गायघाट आएदिन होने वाली आपराधिक वारदात के लिए बदनाम है. ऐसी ही एक वारदात ज्यूडिशियल एकेडमी के नजदीक

26 अप्रैल, 2023 की रात को हुई, जिस में उस वक्त सनाका खिंच गया था, जब फिल्मी स्टाइल में एक नौजवान ने दूसरे नौजवान पर कट्टे से गोली दागते हुए उस की हत्या कर दी. जब तक लोग समझ पाते कि आखिर हुआ क्या है, तब तक अपराधी हवा में फायर करते हुए भाग खड़े हुए.

अफरातफरी मची और कुछ लोग हिम्मत करते हुए उस घायल नौजवान के पास पहुंचे और उसे नजदीक के एनएमसीएच अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान नौजवान ने दम तोड़ दिया.

पुलिस आई और जांच शुरू हुई, तो मामला इश्कबाजी का निकला. बाद में यह कहानी सामने आई : मरने वाले 22 साला नौजवान का नाम राजा कुमार था, जो गुड़ की मंडी मालसलामी का रहने वाला था और मारने वाले का नाम अभिषेक कुमार था. वे दोनों दोस्त तो नहीं थे, लेकिन एकदूसरे को जानते जरूर थे.

कुछ दिन पहले ही अभिषेक को भनक लगी थी कि राजा का चक्कर उस की बहन से चल रहा है. इस बाबत उस ने कई बार राजा को समझाया भी था कि वह उस की बहन से मिलनाजुलना छोड़ दे, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा.

समझाया तो अभिषेक ने अपनी बहन अर्चना (बदला हुआ नाम) को भी था, लेकिन राजा से उस का मिलनाजुलना बंद नहीं हो रहा था, इसलिए वह कुसूरवार राजा को ही मानता था और चाहता था कि वही मान जाए, फिर चाहे इस के लिए उंगली टेढ़ी भी करनी पड़े, तो बात हर्ज की नहीं, क्योंकि सवाल आखिर घर की इज्जत का था.

लेकिन राजा कहां मानने वाला था, जिसे यह एहसास था कि जब प्यार किया है, तो हजार रुकावटें भी आएंगी, जिन से डरने या भागने के बजाय उन का मुकाबला करना है.

मालसलामी का ही रहने वाला अभिषेक और राजा हमउम्र थे. लिहाजा, राजा को उम्मीद थी कि कभी आमनेसामने बैठ कर बात होगी, तो अभिषेक उस के जज्बात समझते हुए राजी हो जाएगा, क्योंकि अर्चना भी उसे चाहती थी.

वारदात के दिन अभिषेक ने राजा को चाय पीने के लिए ज्यूडिशियल अकेडमी के नजदीक के होटल पर बुलाया, तो

वह झट से राजी हो गया. उसे उम्मीद थी कि वह गुस्साए अभिषेक को मनाने में कामयाब हो जाएगा. लेकिन उसे क्या मालूम था कि अभिषेक कुछ और ही ठाने बैठा था.

रात को राजा अपने एक दोस्त सरवन को साथ ले कर होटल पर पहुंचा तो वहां मौत उस का इंतजार कर रही थी. अभिषेक ने कब कहां से आ कर उस पर गोलियां दागते हुए अपने घर की इज्जत का बदला ले लिया, यह उसे पता भी नहीं चला.

सरवन ने एक पहचान वाले संजीव कुमार की मदद से राजा को अस्पताल पहुंचाया और फिर पुलिस को राजा और अर्चना की लवस्टोरी के बारे में बताया, तो पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में ले लिया, जिस ने अपना जुर्म कबूल करते हुए हत्या करने की वजह बता दी. विलेन बनते भाई यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं था, जिस में किसी भाई ने बहन के प्यार का खात्मा यों जानलेवा तरीके से न किया हो. यह रोग हर धर्म, जाति और तबके में बराबरी से है.

इसी साल फरवरी के महीने में मेरठ, उत्तर प्रदेश के लिसाड़ी इलाके में मैडिकल स्टोर चलाने वाले 24 साला साजिद सैफी की दिनदहाड़े हत्या उस की माशूका आयशा के भाइयों ने कर दी थी. साजिद और आयशा पड़ोसी थे और एकदूसरे से बेपनाह मुहब्बत करने लगे थे. यह मामला किसी से छिपा भी नहीं रह गया था. साजिद के घर वाले तो उस की जिद देखते हुए आयशा को घर की बहू बनाने को तैयार हो गए थे, लेकिन आयशा के घर वालों को किसी गैरजाति के नौजवान को दामाद बनाना गवारा न था.

साजिद ने कुछ महीने पहले ही बीफार्मा का कोर्स कर के अपना मैडिकल स्टोर खोला था और आयशा के साथ शादी कर अपने प्यार का जहां बनाने के सपने देखता था. वह दिनरात मेहनत भी कर रहा था.

जब लाख कोशिशों के बाद भी आयशा के घर वाले तैयार नहीं हुए, तो साजिद के घर वालों ने उस की शादी की बात दूसरी जगहों पर चलानी शुरू कर दी थी. वे अपने बेटे को उदास और परेशान नहीं देख पा रहे थे. हालांकि, इस से साजिद टैंशन में था, क्योंकि उस के दिलोदिमाग में तो आयशा गहरे तक बस चुकी थी.

11 फरवरी, 2023 की रात साजिद दुकान बंद करने की सोच ही रहा था कि तभी मोटरसाइकिल से 3 लोग नीचे उतरे. सभी के चेहरे कपड़े से ढके हुए थे. उन्होंने उस पर ताबड़तोड़ 5 गोलियां दाग दीं. साजिद गिर पड़ा, तो उन में से 2 नकाबपोशों ने उसे हिलाडुला कर उस के मरने की तसल्ली भी की. आसपास के लोग कुछ समझ पाते, इस के पहले ही वे तीनों लोग हवा में हथियार लहराते हुए भाग निकले. फिर वही हुआ, जो राजा के मामले में हुआ था कि तरहतरह की बातें, कानून व्यवस्था को कोसना, पोस्टमार्टम, पुलिस में रिपोर्ट, जांच और गवाही, लेकिन मुद्दे की बात हमेशा की तरह गायब है कि क्यों भाइयों से अपनी बहनों का प्यार करना बरदाश्त नहीं होता?

साजिद की मौत के बाद मेरठ में खूब हंगामा हुआ, लेकिन वह सियासी ज्यादा था सामाजिक कम. सैफी परिवार से हर किसी को हमदर्दी थी, क्योंकि साजिद बहुत होनहार और लायक होने के साथसाथ हंसमुख और हैंडसम भी था, जिस की मुहब्बत माशूका के भाइयों रिजवान और फुरकान को रास नहीं आई, तो उन्होंने उस का कत्ल ही कर दिया. इन लोगों ने पहले आयशा को भी

खूब समझायाबुझाया और मारापीटा भी था, लेकिन वह भी झुकने को तैयार नहीं हुई थी. बराबरी का दर्जा क्यों नहीं इन दोनों ही मामलों के आरोपियों की तकलीफ यह थी कि वे अपनी बहनों को नादान समझ रहे थे, साथ ही इस बात पर भी तिलमिलाए हुए थे कि आखिर उस की जुर्रत कैसे हुई किसी से प्यार करने की, जिस से इज्जत पर आंच आती है यानी दिक्कत यह मान लेने की है कि बहनें घर के कामकाज करें, पक्षी की तरह घर के पिंजरे में बंद रहें और हर सहीगलत फैसले को सिर झुका कर मान लें, तो ही सही माने में अच्छी लड़की हैं.

बहनों को अपनी मरजी से जीने और रहने देने का हक हमारे समाज में कभी नहीं मिला. उन की आजादी पर अंकुश लगाने को मर्द शान की बात समझते हैं. यह बात बुनियादी तौर पर सिखाई धर्म ने ही है कि औरत को बचपन में पिता और भाई के, जवानी में पति के और बुढ़ापे में बेटे के कंट्रोल में रहना चाहिए.

बहनभाई के रिश्ते को सब से प्यारा रिश्ता माना गया है. दोनों साथ हंसतेखेलते एकदूसरे का दुखदर्द समझते हुए बड़े होते हैं और जिंदगीभर इन खट्टीमीठी यादों को सीने से लगाए हुए जीते हैं.

शादी के बाद बहन अपनी ससुराल चली जाती है, तो उस की सब से ज्यादा फिक्र भाई ही करता है, लेकिन बहन जब मरजी से किसी से प्यार करने लगती है, तो यही भाई हैवान बन जाते हैं.

बिरले ही भाई ऐसे होंगे, जिन्होंने अपनी बहन के जज्बात समझते हुए उस की मुहब्बत को शादी में तबदील करने की पहल की होगी, क्योंकि उन के लिए जाति, समाज और धर्म से ज्यादा अहम बहन थी.

जिस तरह लड़कों को न केवल प्यार, बल्कि एक उम्र के बाद अपनी जिंदगी से जुड़े तमाम फैसले लेने का हक मिल जाता है, वैसा ही हक लड़कियों को भी मिलना चाहिए, नहीं तो साजिद और राजा जैसे बेकुसूर नौजवान मारे जाते रहेंगे और आयशा और अर्चना जैसी लड़कियां जिंदगीभर अपने भाइयों को कोसती रहेंगी, जो अब जेल में पड़े सड़ रहे हैं. मिला उन्हें भी कुछ नहीं है, सिवा इस झूठी शान और तसल्ली के कि उन्होंने घर की इज्जत बचा ली.

पर अगर यह इज्जत बहन के अरमानों की कब्र है तो यह इज्जत नहीं, बल्कि मर्दों के दबदबे वाले समाज की खोखली बुनियाद है, जिस का दरकना शुरू हो गया है. लेकिन यह बहुत ही छोटे पैमाने पर है.

जिस दिन लोग बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा और हक देने लगेंगे, उस दिन बेटियों को भी अपने इनसान होने का एहसास होगा और वे घर, समाज और देश की तरक्की में अहम रोल निभाएंगी, पर इस के लिए खुले दिल से पहल भाइयों को भी करनी पड़ेगी. उन्हें यह समझना होगा कि बहन को भी अपनी मरजी से रहने, खानेपीने, पहनने और प्यार करने का हक है.

पहली डेट: न लेट, न वेट

पहली नजर के प्यार सरीखी भले ही न होती हो, लेकिन पहली डेट आखिरकार पहली डेट होती है, जो यूथ की न केवल लव स्टोरी बल्कि लाइफ भी बदल देती है. दिल धाड़धाड़ करे, मन रोमांचित हो, दिमाग और दिल बारबार बेकाबू हों, कुछ भी अच्छा या बुरा न लग रहा हो, ऐसा बहुतकुछ पहली डेट पर जाते वक्त होता है और यह भी कि उसे कैसे कुछ इस तरह इंप्रैस किया जाए कि वह हमेशा के लिए मेरी या मेरा मुरीद हो कर रह जाए. यह मुमकिन है बशर्ते आप पहली डेट को सम झदारी से प्लान करें और खुद पर काबू रखते इन टिप्स पर शिद्दत से अमल करें-

युवकों के लिए

सब से पहले जगह चुनें कि कहां मिलना उपयुक्त होगा. ऐसी जगह चुनें जो बहुत न सही थोड़ी तो रोमांटिक हो और एकदम सुनसान या फिर ज्यादा भीड़भाड़ वाली न हो. शहर के बाहर की तरफ के पार्क, रैस्टोरैंट या फिर रिजौर्ट इस के लिए बेहतर होते हैं. लेकिन देख लें कि वह आप के बजट के मुताबिक हो.

बगैर तोहफे के न जाएं. तोहफा बहुत ज्यादा महंगा नहीं होना चाहिए. वैसे तो गुलाब का एक फूल, टैडी, चौकलेट या खुबसूरत बुके ही काफी होता है लेकिन फ्रैंड या माशूका के लिए उस के उपयोग का आइटम जेब के मुताबिक जरूर ले जाएं, मसलन परफ्यूम, पर्स या फिर आर्टिफिशियल ज्वैलरी वगैरह. गिफ्ट एक खास अदा से दें और मिलते ही न दें, बल्कि औपचारिक हायहैलो के बाद दें.

पहली डेट में ड्रैस अब युवकों के लिए परेशानी का सबब होने लगी है कि क्या पहनें. बेहतर होगा कि कैजुअल ड्रैस में ही जाएं. ज्यादा तड़कभड़क वाले कपड़े इंप्रैसिव होते हैं, यह गलतफहमी मन में न पालें. हां, साफसुथरे हो कर जाएं  और दाढ़ी बहुत ज्यादा बड़ी नहीं  होनी चाहिए.

शर्ट या टीशर्ट लाइट कलर की पहनें, हलका परफ्यूम, आफ्टर शेव और टैलकम पाउडर लगा कर जाएं. लड़कियां लड़कों का ड्रैसिंग सैंस बहुत बारीकी से देखती हैं और आमतौर पर उसी से आप के स्वभाव व व्यक्तित्व का अंदाजा लगाती हैं. खुद को फिलौसफर या बुद्धिजीवी दिखाने के चक्कर में फटीचरों जैसे जाएंगे, तो यह आखिरी डेट भी साबित हो सकती है.

निश्चित रूप से आप उसे इंप्रैस करना चाहेंगे और करना भी चाहिए लेकिन इस के लिए अतिरिक्त कोशिश न करें बल्कि जितना हो सके, सहज रहें. लंबीचौड़ी डींगें हांक कर और खुद की तारीफें करते रहने से आप उसे इम्प्रैस नहीं कर पाएंगे.

बातचीत का विषय पारिवारिक, धार्मिक या फिर राजनीतिक न रखें क्योंकि पहली डेट कोई डिबेट नहीं होती. यह अच्छी दोस्ती या प्यार की शुरुआत होती है, इसलिए हलकेफुलके विषयों पर बात करें,  जैसे फिल्में, बुक्स, मैगजींस और सामने वाले की हौबीज सहित टूरिस्ट प्लेस वगैरह. बहुत ज्यादा सैक्सी बातें करने की गलती या डबल मीनिंग वाली बातें न करें. इस से आप की इमेज बिगड़ सकती है. हां, बीचबीच में एकाध बार कोई रोमांटिक बात कर सकते हैं जो उस की तारीफ के मकसद से की गई लगे.

परिचय की औपचारिकता और बातचीत शुरुआत होने के बाद आती है खानेपीने की जो पहली डेट का खास शगुन है. शिष्टतापूर्वक सामने वाले के सामने मैन्यू कार्ड कर दें और उसे अपनी पसंद के आइटम और्डर करने दें. एकाध आइटम अपनी पसंद का भी और्डर करें. बारबार मैन्यू कार्ड न देखें.

खाना सलीके से खाएं और अपनी दोस्त को खुद सर्व करें. अगर वह सर्व  करने का शिष्टाचार दिखाए तो थैंक्स जरूर कहें.

पुरुष होने के नाते पेमैंट खुद करें, लेकिन वह जिद कर के खुद करना चाहे तो उसे करने दें. यह हर्ज या हेठी की बात नहीं.

अपने बारे में जरूरत से ज्यादा यानी अनावश्यक जानकारी न दें और न ही लेने की कोशिश करें.

अगर ज्यादा वक्त हो तो मौल जाएं या फिर लौंग ड्राइव पर उसे ले जाएं लेकिन भभका जमाने को बाइक या कार तेज रफ्तार से न चलाएं. ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

पहली डेट में उसे खरीदारी कराने की गलती न करें. इस से वह आप को फुजूलखर्च, मजनूं या बेवकूफ भी सम झ सकती है जो बाद के लिए ठीक नहीं होगा.

वह जरूरत से ज्यादा छूट दे तो खुद को संयमित रखें. एकदम छिछोरी हरकतें न करें. मुमकिन है वह आप का इम्तिहान ले रही हो कि आप कितने पानी में हैं और औरतों के प्रति आप का नजरिया कैसा है.

युवतियों के लिए

युवतियों के लिए भी लगभग वही बातें उपयोगी होती हैं जो युवकों के लिए होती हैं लेकिन कुछ बातों का उन्हें खास ध्यान रखना चाहिए, मसलन-

बहुत ज्यादा तंग और अंग दिखाऊ कपड़े पहली डेट पर नहीं पहनने चाहिए. इस से आप की इमेज उस के दिमाग में वैसी बन सकती है जैसी आप नहीं चाहतीं.

मेकअप सलीके का करना चाहिए जो न ज्यादा सादा हो और न ही ज्यादा भड़काऊ.

खाने का और्डर करते वक्त ताबड़तोड़ डिशेज नहीं मंगानी चाहिए, खासतौर से यह सोचते हुए कि मर्द होने के नाते पेमैंट तो वही करेगा, इसलिए जितना हो सके खा लो.

खानेपीने का पेमैंट करने की पहल करनी चाहिए.

अगर बातचीत का रुख सैक्स की तरफ मुड़ता दिखे तो संभल कर बात करनी चाहिए. हालांकि सैक्स पर चर्चा कोई गलत या बुरी बात नहीं लेकिन पहली  डेट पर इस से परहेज ही करना  चाहिए. अपनी पसंदनापसंद के बारे में उसे इशारा कर देने से माहौल सहज रहता है.

उस से शौपिंग के लिए नहीं कहना चाहिए. पहली डेट परिचय के लिए ज्यादा होती है, बाकी सब बाद में होता रहता है बशर्ते खयालात मिलते हों और मिलनेजुलने का सिलसिला जारी रहे.

खुद के और परिवार के बारे में जरूरत से ज्यादा जानकारी नहीं देनी चाहिए. अंतरंग या पर्सनल बातें भी नहीं बतानी चाहिए.

दोनों के लिए पहली डेट से ही भविष्य, चाहे वह दोस्ती का, प्यार का या फिर शादी का तय होता है. दोनों को पहले यह तय कर लेना चाहिए कि रिश्ते की सीमाएं क्या होंगी. लेकिन पहली डेट यादगार बनाना जरूरी है कि दोनों ही लेट न हों बल्कि तयशुदा वक्त पर निर्धारित जगह पर पहुंच जाना चाहिए. अगर किसी वजह से देर हो रही हो तो मोबाइल पर सूचित कर देना चाहिए और मिलने पर सौरी भी बोलना चाहिए. जिस से सामने वाले का मूड न उखड़े. अगर किसी मुद्दे पर विचार न मिलते हों तो दोनों को खुद को एकदूसरे पर थोपना नहीं चाहिए और न ही बहस करना चाहिए.

दोनों को ही किसी न किसी भरोसेमंद दोस्त को बता कर जाना चाहिए और घर वालों की तरफ से अगर डेटिंग की छूट मिली हो तो उन्हें सूचित कर जाना चाहिए. डेटिंग के दौरान अगर दोनों के खयालात मिलें और अपनापन महसूस हो तो भी भावनाओं को नियंत्रित रखना ठीक रहता है. सैल्फी और फोटो दोनों सहमत हों तो ही लेना चाहिए और ऐसे कुछ काम बाद के लिए भी छोड़ने चाहिए क्योंकि पहली डेट के माने यह होता है कि एकदूसरे को सम झने की कोशिश करते यह फैसला लिया जाए कि अगला कदम उठाना है या नहीं.

मुलाकात कैसी भी रही हो, अंत में दोनों को एकदूसरे को थैंक्स जरूर बोलना चाहिए. डेट यदि अच्छी रही हो तो अगली बार कहां और कब मिलेंगे, यह फोन पर तय करने की बात कर लेनी चाहिए. घर आने के बाद इत्मीनान से आगे के बारे में सोचना चाहिए. अगर ऐसा लगे कि पटरी नहीं बैठेगी या आप का स्वभाव और आदतें उस के स्वभाव से मेल नहीं खाते हैं तो रिश्ते को बिना किसी गिल्ट के मशहूर शायर साहिर लुधियानवी की लिखी एक नज्म की ये लाइनें गुनगुनाते विराम दे देना चाहिए-

वो अफसाना जिसे अंजाम तक ले जाना हो नामुमकिन उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा.

क्या आपको पता है, सेक्स के ये हेल्थ बेनिफिट

कश्वी, 27, लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं. कश्वी को पुणे में रह रहे अपने बौयफ्रेंड से मिलने का मौका हर वीकऐंड तो नहीं मिलता, लेकिन जब भी वह उससे मिलने पुणे जाती हैं, उसके बाद वाले दिनों में वह खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव और खुश पाती हैं. क्या यह उनके साथ बिताए गए अच्छे समय की वजह से होता है? “बिल्कुल यही वजह है,” उसका कहना है,“लेकिन इसकी वजह सेक्स भी है. यह इतना सुकूनदेह है कि मैं बिना किसी ग्लानि के कह सकती हूं कि मुझे इसकी जरूरत है.”

प्लास वन में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि दो सप्ताह तक प्रतिदिन इंटरकोर्स करने पर हिप्पोकैम्पस में सेल का विकास बढ़ जाता है. यह दिमाग का वह हिस्सा है, जो तनाव को नियंत्रण में रखता है. अतः आप जब किसी दोस्त को तनाव में या बौस को चिड़चिड़ा व्यवहार करते हुए देख मजाक में कहती हैं कि इन्हें एक मदभरी रात की जरूरत है तो असल में आप बिल्कुल सही कह रही होती हैं.

कितना सुकूनदेह है

“अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में प्रोफेशनल और निजी समस्याओं का सामना करते-करते चिड़चिड़ापन और थकावट होना लाजमी है,” कहती हैं कश्वी. वे आगे कहती हैं,“मेरा बौयफ्रेंड शौन* और मैं या तो एक-दूसरे पर गुस्सा उतार सकते हैं या फिर सेहतमंद ढंग से इसे निपटा सकते हैं, जो कि हम करते हैं. और इसके बाद मुझे एहसास होता है कि सारी चीजों पर मेरा नियंत्रण है.”

केईएम हौस्पिटल व सेठ गोवर्धनदास सुंदरदास मेडिकल कौलेज, मुंबई के सेक्शुअल डिपार्टमेंट के हेड व चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डौक्टर प्रकाश कोठारी के अनुसार, “नियमित रूप से इंटरकोर्स करने से सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और कौर्टिसोल (वह हार्मोन जो आमतौर पर तनाव बढ़ने पर रिलीज़ होता है) का स्तर कम होता है. जो लोग ज्यादा सेक्स करते हैं वे चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते समय कम तनाव में आते हैं.”

सही तरीके से करना

“सेक्स पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग ढंग से काम करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी. “अक्सर पुरुष यह समझ ही नहीं पाते कि पार्टनर को तृप्ति मिली भी है या नहीं, वहीं ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है, जो ऑर्गैज़्म को पहचान ही नहीं पातीं. यह निराशा को जन्म देता है.” वे आगे जोड़ते हैं, “इसे करने का एक सेहतमंद रास्ता यह है कि इंटरकोर्स से पहले, उस वक्त या उसके बाद बातचीत करते रहना. सेक्स या किसी अन्य प्रकार का स्पर्श जैसे चुंबन या दुलार करने से ऑक्सिटोसिन यानी ‘प्यार का हार्मोन’ रिलीज होता है. यही है जो आपको सेक्स के तुरंत बाद लिपटने के लिए उत्सुक करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

कश्वी और शौन दोनों एक-दूसरे को बताते हैं कि दरअसल, क्या चाहिएः गंदी बातों से लेकर ढेर सारे दुलार तक. “यदि आप फीडबैक दें या स्वीकार नहीं कर सकते तो आपको ऐक्ट के समय बहुत सतर्क रहना होगा,” कहती हैं वे.

रिलैक्स महसूस करें

हालांकि एक तनावभरे दिन के बाद सेक्स के बजाय टीवी देखते हुए या सोते हुए समय बिताना ज्यादा महत्वपूर्ण लग सकता है, पर दरअसल सेक्स आपको ज्यादा सुकून देगा. रात को समय न हो तो सुबह या लंच के समय सेक्स करें, इससे आप अपने दिन को और अच्छी तरह बिता सकती हैं और यहां तक कि आपको रात में गहरी नींद भी आएगी. “जब महिला ऑर्गैज़्म पाती है तो उनका शरीर प्रोलैक्टिन हार्मोन रिलीज़ करता है, जो उन्हें रिलैक्स करता है और नींद लाने में सहायक होता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

लेकिन ऐसे दिनों में जब आप बहुत ही थकी हुई हों तो अपने थके हुए दिमाग और शरीर को आप कैसे मनाएंगी? शौन और कश्वी रिलैक्सिंग रिचुअल्स जैसे एक साथ नहाना या फिर मसाज करते हुए सेक्स की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं.

जब पार्टनर हो शक्की

‘‘इतनी लेट नाइट किस से बात कर रहे थे? मेरा फोन क्या नहीं उठाया? वह तुम्हें देख कर क्यों मुसकराई? मेरी पीठ पीछे कुछ चल रहा है क्या?’’ यदि ऐसे सवालों से आप का रोज सामना होता है तो आप ठीक समझे आप का पार्टनर शक्की है.

यदि आप इन सवालों से थक गए हैं और यह रिश्ता नहीं निभा सकते, पर अपने बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड को प्यार भी करते हैं और उसे इस शक की आदत पर छोड़ना भी नहीं चाहते, तो ऐसे शक्की पार्टनर से निबटने के लिए इन टिप्स पर गौर करें:

द्य किसी भी रिश्ते में सब से बुरी चीज शक करना ही हो सकता है. इस से असुरक्षा, झूठ, चीटिंग, गुस्सा, दुख, विश्वासघात सब आ सकता है. रिश्ते की शुरुआत में एकदूसरे को समझने के लिए ज्यादा कोशिश रहती है. एकदूसरे पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. एक बार आप दोनों में बौंडिंग हो गई तो आप जीवन की और महत्त्वपूर्ण बातों की तरफ ध्यान देने लगते हैं. इस का मतलब यह नहीं होता है कि पार्टनर में रुचि कम हो गई है. इस का मतलब है कि अब वह आप की लाइफ का पार्ट है और आप अब उस के साथ कुछ और बातों में, कामों में अपना ध्यान लगा सकते हैं.

द्य इस बदलाव को कभीकभी एक पार्टनर सहजता से नहीं ले पाता और वह अजीबअजीब सवाल पूछने लगता है, जिस से आप की लौयल्टी पर ही प्रश्न खड़ा हो जाता है. उस की बात ध्यान से सुनें उस के दिल में आप के लिए क्या फीलिंग्स है समझें, कई बार अनजाने में न चाहते हुए भी हमारी ही किसी आदत से उस के मन में शक आ जाता है, इसे समझें.

द्य आप ने रिश्ते के शुरुआत के 3-4 महीने अपनी गर्लफ्रैंड पर पूरा ध्यान दिया है. वह आगे भी वही आशा रखती है, जबकि उतना फिर संभव नहीं हो पाता, पर उस में आप की गर्लफ्रैंड की इतनी गलती नहीं है, शुरू के दिनों में भी इतना बढ़ाचढ़ा कर कुछ न करें कि बाद में उतने अटैंशन की कमी खले.

द्य पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम जरूर बिताएं. इस का मतलब यह नहीं कि एक बड़ी खर्चीली डेट ही हो, साथ बैठना, एकदूसरे की पसंद का कोई औनलाइन शो साथ देखना, एकदूसरे की बातें घर पर बैठ कर सुनना भी हो सकता है.

द्य अपने गु्रप में उसे भी शामिल करें और उस का व्यवहार देखें कि वह सब से घुल मिल जाती है या अलगथलग रहती है. उसे महसूस करवाएं कि वह आप की लाइफ और आप के सोशल सर्कल का पार्ट है. उसे अपने फ्रैंड्स से मिलवाएं. उसे समझने का मौका दें कि वे आप के फ्रैंड्स हैं और आप के लिए महत्त्वपूर्ण है. जितना वह आप के फ्रैंड्स को समझेगी उतना कम शक करेगी.

द्य उसे डबल डेट्स पर ले जाएं. अगर आप की लेडी फ्रैंड्स है और वे किसी को डेट कर रही हैं, तो अपनी गर्लफ्रैंड को उन के साथ ले कर जाएं. जिस से उसे अंदाजा होगा कि आप की फ्रैंड्स ही हैं और उन की आप से अच्छी दोस्ती ही है, कोई शक नहीं.

द्य पार्टनर आप पर शक कर के बारबार कोई सवाल पूछती है और आप को गुस्सा आता है तो भी खुद को शांत रख कर जवाब दें, ढंग से बात कर के हर समस्या सुलझाई जा सकती है.

द्य पार्टनर को शक करने की आदत ही है और यह आदत कम नहीं हो रही है, आप ने सबकुछ कर लिया, क्वालिटी टाइम भी बिता लिया. अपनी लाइफ, अपने फ्रैंड्स में भी उसे शामिल कर लिया, बात भी कर ली, पर कुछ भी काम नहीं आ रहा है, पार्टनर बात खत्म करने, समझने को तैयार ही नहीं, इस रिश्ते से आप दोनों को दुख ही पहुंच रहा है तो पार्टनर को ही अब अपनी आदत पर ध्यान देना पड़ेगा. आप हर काम, हर बात पर हर समय सफाई देते नहीं रह सकते. जिसे आप पर विश्वास नहीं, उसे प्यार करना भी मुश्किल ही हो जाता है. अत: उसे क्लियर कर दें कि या तो वह इस रिश्ते में आप पर विश्वास करना सीखें या फिर दोनों अपनी राहें बदल लें.

जब पकड़े जाएं रंगे हाथों

बेंगलुरु के एक 31 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर को काफी समय से अपनी पत्नी पर शक था कि उस का किसी के साथ अफेयर चल रहा है और वह ये सब छिपा कर उसे धोखा दे रही है. इंजीनियर को कई बार घर से सिगरेट के कुछ टुकड़े मिलने के साथसाथ और भी कई ऐसी चीजें मिली थीं जिन से पत्नी पर शक और पुख्ता हो गया था. इन सब के बावजूद जब पत्नी ने अपने संबंध की बात नहीं कबूली तो उस ने अपनी पत्नी की गतिविधियों को ट्रैक करने की ठानी.

इस के लिए उस ने लिविंग रूम की घड़ी के पीछे एक कैमरा सैट किया, लेकिन उस की यह कोशिश नाकाम रही.

दूसरी बार उस ने 2 अन्य कैमरे लिविंग रूम में डिफरैंट ऐंगल्स पर सैट किए. साथ ही अपनी पत्नी के फोन को अपने लैपटौप पर ऐप के माध्यम से और रिमोट सैंसर से कनैक्ट किया, जिस से उसे पत्नी के फोन की चैट कनैक्ट करने में आसानी हुई और वौइस क्लिप के माध्यम से पता चला कि उस की पत्नी अपने बौयफै्रंड से कंडोम लाने की बात कह रही थी. उस ने कैमरों की मदद से बैडरूम में उन्हें संबंध बनाते हुए भी पकड़ा.

इन्हीं पुख्ता सुबूतों के आधार पर पति ने तलाक का केस फाइल किया. अदालत में पत्नी ने भी अपनी गलती स्वीकारी, जिस के आधार पर दोनों का तलाक हुआ.

ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि ढेरों मामले देखने को मिलते हैं जिन में बिस्तर पर रंगेहाथों अवैध संबंध बनाते पकड़े जाने पर या तो रिश्ता टूट जाता है या फिर ब्लैकमेलिंग की जाती है. इतना ही नहीं आप समाज की नजरों में भी गिर जाएंगे.

ऐसा भी हो सकता है कि आप का कोईर् फ्रैंड आप को रिलेशन बनाते हुए पकड़ ले. भले ही आप उसे दोस्ती का वास्ता दें लेकिन अगर उस का दिमाग गलत सोच बैठा तो वह आप को इस से बदनाम कर के आप को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा. ऐसे में अगर आप पार्टनर के साथ संबंध बनाने की इच्छा रखते भी हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें ताकि आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न होने पाएं.

करीबी का रूम न लें

आप का बहुत पक्का फ्रैंड है और आप उस पर ब्लाइंड ट्रस्ट कर के अपने फ्रैंड का रूम ले लें और बेफिक्र हो कर सैक्स संबंध बनाने लगें. लेकिन हो सकता है कि फ्रैंड ने पहले से ही रूम में कैमरा वगैरा लगाया हो, जिस से बाद में वह ब्लैकमेल कर के आप से पैसा ऐंठे या फिर आप के पार्टनर से सैक्स संबंध बनाने की ही पेशकश कर दे. ऐसे में आप बुरी तरह फंस जाएंगे. इसलिए करीबी का रूम न लें.

सस्ते के चक्कर में न फंसें

हो सकता है कि आप सस्ते के चक्कर में ऐसे होटल का चुनाव करें जिस की इमेज पहले से ही खराब हो. ऐसे में आप का वहां सैक्स संबंध बनाना खतरे से खाली नहीं होगा. वहां आप के अंतरंग पलों की वीडियो बना कर आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है.

नशीले ड्रिंक का सेवन न करें

पार्टनर्स को नशीले पदार्थ का सेवन कर के सैक्स संबंध बनाने में जितना मजा आता है, उतना ही यह सेहत और सेफ्टी के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे में जब आप नशे में धुत्त हो कर संबंध बना रहे होंगे तब हो सकता है आप का कोईर् फ्रैंड आप को आप के पेरैंट्स की नजरों से गिराने के लिए ये सब लाइव दिखा दे. इस से आप अपने पेरैंट्स की नजरों में हमेशाहमेशा के लिए गिर जाएंगे.

न लगने दें किसी को भनक

अगर आप अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने का मन बना चुके हैं तो इस की भनक अपने क्लोज फ्रैंड्स को न लगने दें वरना वे भी सबक सिखाने के लिए आप को अपने जाल में फंसा सकते हैं.

कहीं रूम में कैमरे तो नहीं

जिस होटल में या फिर जिस भी जगह पर आप गए हैं वहां रूम में चैक कर लें कि कहीं घड़ी, अलमारी वगैरा के पास कैमरे तो सैट नहीं किए हुए हैं. अगर जरा सा भी संदेह हो तो वहां एक पल भी न रुकें वरना आप के साथ खतरनाक वारदात हो सकती है.

यौन असंतुष्टि के पीछे कहीं स्मार्टफोन तो नहीं !

क्या आप अपने यौन जीवन सें असंतुष्ट हैं? इसके पीछे कहीं न कहीं आपका स्मार्टफोन जिम्मेदार हो सकता है. एक ताजा अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है. दुरहाम विश्वविद्यालय की ओर से किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि लोग अपने सेक्स साथी की बजाय फोन गैजेट के प्रति कहीं अधिक लगाव रखने लगे हैं.

यह अध्ययन कंडोम बनाने वाली अग्रणी कंपनी ‘ड्यूरेक्स’ की ओर से करवाया गया, जिसमें ब्रिटेन के 15 दंपति का विस्तृत साक्षात्कार लिया गया. समाचार पत्र ‘डेली मेल’ की रपट के अनुसार, 40 फीसदी प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि स्मार्टफोन या टैबलेट का इस्तेमाल करने के लिए वे यौन संबंध बनाने को टालते रहते हैं.

कुछ अन्य प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि वे यौन संबंध स्थापित करते वक्त जल्दबाजी दिखाते हैं ताकि जल्द से जल्द वे अपने स्मार्टफोन पर सोशल मीडिया के जरिए आए संदेशों को देख सकें या उनका जवाब दे सकें.

एक तिहाई प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि वे यौनक्रिया के बीच में ही आ रही कॉल उठा लेते हैं, जिससे यौनक्रिया बाधित होती है. एक चौथाई से अधिक प्रतिभागियों ने कहा कि अपने स्मार्टफोन एप का इस्तेमाल उन्होंने अपनी यौनक्रिया के फिल्मांकन के लिए किया, जबकि 40 फीसदी प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी यौनक्रिया के दौरान स्मार्टफोन के जरिए तस्वीरें खीचीं.

प्रतिभागियों का साक्षात्कार लेने वाले मार्क मैककॉरमैक ने कहा कि बेडरूम में स्मार्टफोन का इस्तेमाल आपके संबंध को खतरे में डाल सकता है. जब प्रतिभागियों ने जानना चाहा कि स्मार्टफोन उनकी यौन संतुष्टि को कैसे बढ़ा सकता है तो जवाब सुनकर वे चौंक गए और जवाब था स्मार्टफोन को ऑफ रखकर.

प्रेमी प्रेमिका का ब्रेकअप : गम काहे का

23 साल की संजना का अपने प्रेमी रोहन से ब्रेकअप हो गया था. वह कई सालों से उस से प्यार करती थी. वह इस ब्रेकअप के बाद काफी दुखी और हताश हो चुकी थी. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रोहन को कैसे समझाए कि वह उसे दिलोजान से प्यार करती है, जबकि रोहन ने कई बार अपनी शारीरिक जरूरतें पूरी करने के बाद ‌उस से किनारा कर लिया था.

उन दोनों के बीच ब्रेकअप होने बड़ी वजह है थी रोहन का नताशा नाम की लड़की के प्यार में पड़ जाना. नताशा काफी बोल्ड किस्म की लड़की थी. अब‌ वे दोनों खुल कर मिल रहे थे. संजना यह सब देख कर जलभुन रही‌ है. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसे हालात में क्या किया जाए.

गहरी निराशा में एक दिन संजना ने ढेर सारी नींद की गोलियां खा कर खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. उस के मातापिता ने समय रहते इलाज कराया, तब जा कर वह बच पाई.

20 साल की नाजिया अपने साथ पढ़ने वाले फरहान से प्यार करती थी, पर कुछ दिन से वह फरहान को अनदेखा करने लगी थी, क्योंकि वह अपने बचपन के दोस्त इकबाल से नजदीकियां बढ़ाने लगी थी. इस बात से फरहान काफी निराश और दुखी रहने लगा था और डिप्रैशन में चला गया था.

नाजिया से प्यार में धोखा खाने के बाद फरहान खुदकुशी करने की कोशिश करने लगा था, पर उस के एक खास दोस्त ने मौके पर पहुंच कर उसे बचा लिया था.

आज ज्यादातर नौजवान प्यार में नाकाम हो कर उलटीसीधी और ऊलजुलूल हरकते करने लगते हैं. कई बार तो भावनाओं में बह कर संजना और फरहान की तरह वे खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने लगते हैं या फिर खुदकुशी तक करने पर उतारू हो जाते हैं, जबकि यह नासमझी भरा कदम होता है.

2 लोगों के बीच का प्यार बहुत ही नाजुक अहसास होता है. जब कोई लड़की किसी लड़के से प्यार करती है तो उसे दिलोजान से चाहती है. उस के बिना अपनेआप को अधूरा समझने लगती है. यह बिलकुल स्वाभाविक है. यही लड़के के साथ भी होता है. कोई लड़का अगर किसी लड़की को दिल से चाहता है, तो उस के बिना अपनेआप को अधूरा समझने लगता है. जैसा कि फरहान अपनेआप को समझने लगा था और खुदकुशी करने पर उतारू हो गया था. वह तो गनीमत थी कि उस के दोस्त मौके पर पहुंच कर उसे बचा लिया था.

माना कि प्यार में धोखा खाने के बाद या ब्रेकअप होने के बाद के हालात असहज हो जाते हैं, लेकिन इतना भी नहीं होते कि एकदूसरे के बिना खुद को नुकसान पहुंचाया जाए या खुदकुशी जैसे अपराध को अंजाम दिया जाए.

इस से उलट आज की यंग जैनरेशन पुरानी सोच से परे हो कर ‘तू नहीं‌ कोई और सही’ के फार्मूले पर चलती है. प्यार में धोखे खाने पर वह भावनाओं में बह कर नहीं सोचती है, बल्कि उस से सीख ले कर अगली बार नए प्रेमी या प्रेमिका के साथ पिछले गलतियों को नहीं दोहराती है.

19 साल की कालेज में पढ़ने वाली अलका मौडर्न सोच की लड़की है. उस का कहना है, “मेरे एक नहीं, बल्कि 2-2 बौयफ्रैंड रह चुके हैं. मैं एक प्रेमी के साथ लिवइन में भी रह चुकी हूं. हालांकि जिस प्रेमी के साथ लिवइन में रही थी, उस के साथ बेहद ही बुरा अनुभव रहा था.

“मैं जिस लड़के के साथ जिंदगीभर का साथ निभाना चाहती थी, उस के बारे में धीरेधीरे बहुत कुछ जान गई थी. वह लड़का जीवनसाथी बनने लायक नहीं था, इसलिए मैं उस से समय रहते अलग हो गई. उस लड़के से मैं शुरुआती दिनों में बहुत प्यार करती थी, उसे दिलोजान से चाहती थी. उस से अलग होना इतना आसान नहीं था.”

आज अलका जिस लड़के के साथ जिंदगी बिताना चाहती है, वह उस के साथ कुछ दिन समय बिता कर संतुष्ट हो चुकी है. यह सब लंबे समय तक एकदूसरे के साथ घूमनेफिरने से ही मुमकिन हो पाया है. लेकिन बिना सोचेसमझे जल्दीबाजी में जिंदगी गुजारने की बात सोचना भी ठीक नहीं है.

किसी इनसान को देख लेने भर से और इधरउधर थोड़ाबहुत मिलनेजुलने से उस की अच्छाइयों या बुराइयों को हम बहुत जल्दी नहीं जान पाते हैं. आजकल के कुछ लड़केलड़कियां थोड़ीबहुत मुलाकात में अच्छा होने का नाटक तो जरूर करते हैं, लेकिन आप जैसेजैसे उन से खुलते जाएंगे या उन के साथ कुछ दिन बिता लेंगे, तो ज्यादातर चीजों के बारे में जान लेंगे.

लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या किसी प्रेमीप्रेमिका के चले जाने से जिंदगी रुक जाती है? क्या जिंदगी को अधूरा मान लेना चाहिए? नहीं. ऐसा करना शायद खुद के साथ बेईमानी होगा.

आज किसी भी लड़कालड़की को ब्रेकअप होने के बाद या उस के चाहने वाले के जिंदगी से अलग हो जाने के बाद यह नहीं समझ लेना चाहिए कि उस के बिना जिंदगी अधूरी हो गई है, बल्कि यह सोचना चाहिए कि प्रेमीप्रेमिका का मिलना या बिछड़ना एक आम बात है.

सभी प्यार करने वाले या प्यार का दिखावा करने वाले जीवनसाथी बनने लायक नहीं होते हैं. ऐसे लोग लंबे समय तक जिंदगी में टिक भी नहीं पाते हैं. कहीं न कहीं उन की खामियां समय पर नजर आ ही जाती हैं और दोनों को अलग होने पर मजबूर कर देती हैं.

हां, ऐसे लोग जिंदगी में बहुत बड़ी सीख दे जाते हैं. आगे की जिंदगी में हमें सोचसमझ कर कदम उठाना होता है. अपने लिए बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड का चुनाव करते समय सावधानी बरतनी होती है कि कहीं आगे किसी धोखे की गुंजाइश न रहे.

कई लोगों को प्यार नहीं हवस की भूख होती हैं. ऐसे लोग शारीरिक जरूरतें पूरी हो जाने के बाद किनारा कर लेते हैं या धीरेधीरे यह जता देते हैं कि हमारी जरूरत पूरी हो गई है.

ऐसे लोगों की नजर में आप की भावनाओं का कोई मोल नहीं होता है. आप के प्यार की कोई कद्र नहीं होती है. ऐसे में अपनेआप को नुकसान पहुंचाना समझदारी नहीं है, बल्कि समय रहते चेतने की जरूरत होती है.

अगली बार जब‌ आप अपने प्रेमीप्रेमिका का चुनाव करें तो सोचसमझ कर करें. उसे भावनात्मक रूप से समझने की कोशिश करें. जब आप का मन यह स्वीकार कर ले कि आप का प्रेमी या प्रेमिका आप के लिए परफैक्ट है, तभी उसे सबकुछ सौंपें.

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