Lifestyle News in Hindi: इन्फर्टिलिटी (Infertility) एक ऐसी समस्या है जो बीमारी (Disease) ना होकर आत्मसम्मान की लड़ाई ज्यादा है. बातों बातों में एक दुसरे को मर्दानगी दिखने वाले पुरुष अगर ऐसी बीमारी को सार्वजनिक (Public) रुप से उजागर करे तो उनके पुरुषार्थ पर सवाल उठाया जाता है. जिसके चलते सही समय पर इलाज शुरु नहीं हो पाता. इसको ज्ञान की कमी कहें या फिर पुरुष प्रधान (Male Dominated) समाज में अपनी धोक जमाए रखना, जो भी हो पर इन्फर्टिलिटी एक बीमारी जिसका इलाज ना संभव है बल्कि आप इससे पुरी तरह ठीक भी हो सकते है. आपको जानकर आश्चर्य होगा पर एक सर्वे के अनुसार भारत में लगभग 2 करोड़ 75 लाख जोड़े बांझपन का शिकार हैं, यानी हर 10 में से 1 जोड़ा शादी के बाद बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं है.

मेडीकल साइंस की बात करें तो इन्फर्टिलिटी के बारे लोगों की राय काफी गलत है.ये जान कर हैरानी पर ज्यादातर लोगों में बांझपन का कारण उनकी गलत आदतें होती हैं. भारत में बढ़ रहे बांझपन या इन्फर्टिलिटी के पांच कारण है जिसे आपको जानना बेहद जरुरी है. तो जानते है क्या है वो 5 कारण...

1. शादी के उम्र है एक कारण

आजकल लड़के-लड़कियां कैरियर सेट हो जाने और आर्थिक रूप से सक्षम हो जाने के बाद शादी के फैसले ले रहे हैं. यही कारण है कि ज्यादातर लड़के-लड़कियां 30-32 की उम्र तक शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं. इसके अलावा शादी के बाद भी वो कुछ समय तक बच्चे की जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं. चिकित्सक मानते हैं कि 35 की उम्र के बाद महिलाओं को मां बनने में सामान्य से ज्यादा मुश्किलें आती हैं. ज्यादातर मामलों में नौर्मल डिलीवरी के बजाय औपरेशन करना पड़ता है और कई जोड़ों में शुक्राणुओं की क्वालिटी भी खराब होने लगती है, जिससे उन्हें प्रेग्नेंसी में परेशानी आती है. दूसरे कारण जो आजकल अधिकांश स्त्रियों में पाये जा रहे हैं वो हैं फाइब्रायड का बनना, एन्डोमैंट्रियम से सम्बन्धी समस्याएं. उम्र के बढ़ने के कारण हाइपरटेंशन जैसी दूसरी समस्याएं भी आ जातीं हैं और इनके कारण महिलाओं में फर्टिलिटी प्रभावित होती है.

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