दोस्तो, वैलेंटाइन वीक का तीसरा पड़ाव मीठी चौकलेट के नाम होता है. आप ने पहले दिन अपने पार्टनर को गुलाब दे दिया, दूसरे दिन उसे अपना हालेदिल बता कर प्रपोज कर डाला, तो तीसरे दिन तो मीठा खाना बनता है न. इस के लिए चौकलेट से बेहतर कोई औप्शन नहीं हो सकती.

चौकलेट की मिठास प्रेमी जोड़ों के रिश्ते को और ज्यादा मजबूत करती है. तो देर किस बात की, अपने माशूक का दिल जीतने के लिए उसे चौकलेट गिफ्ट में दें और उस के और ज्यादा करीब हो जाएं.

वैलेंटाइन वीक के तीसरे दिन यानी 9 फरवरी को चौकलेट डे मनाया जाता है. पर चौकलेट ही क्यों? अरे भई, क्या आप को नहीं पता कि कई रिसर्च बताती हैं कि चौकलेट में थियोब्रोमाइन और कैफीन होते हैं और इसे खाने से दिमाग में एंडोरफिन रिलीज होता है, जिस से हम आराम महसूस करते हैं. मतलब, यह हम में मिठास भरने के साथसाथ हमें रिलैक्स भी करती है. रिलैक्स होने का सीधा सा संबंध रिश्ते में नई ऊर्जा घोलना है.

चौकलेट का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि साल 1828 में एक डच कैमिस्‍ट कौनराड जोहान्‍स वान हौटन ने कोको प्रैस का आविष्‍कार किया था. इस मशीन की मदद से कोको बीज से कोको बटर को अलग किया गया था और इस के पाउडर से चौकलेट बनी थी. इस के बाद साल 1848 में एक ब्रिटिश चौकलेट कंपनी जेएस फ्राई एंड संस ने पहली बार कोको लिकर में कोको बटर और चीनी मिला कर इसे खाने लायक चौकलेट बनाया था.

आज तो न जाने कितने ब्रांड और स्वाद की चौकलेट बाजार में उपलब्ध हैं. जरूरी नहीं है कि महंगी ही चौकलेट खरीदी जाए, पर इस दिन अपने महबूब का चौकलेट से मुंह मीठा जरूर कराएं, क्योंकि यह मिठास आप के इस दिन के हर पल को खुशनुमा जो बना देगी.

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