कहते हैं, जर जोरू और जमीन खून खराबे हत्या के सबसे बड़े कारण होते हैं और यह कहावत गलत भी नहीं है. अक्सर धन दौलत की लालच में लोग अपने ही “रिश्तेदारों” का “कत्ल” कर देते हैं अथवा करवा देते हैं. और जब कानून के लंबे हाथ उनकी गर्दन तक पहुंचते हैं तो जिंदगी भर जेल के सीखचों के पीछे चक्की पीसकर अपनी जिंदगी और परिजनों का जीवन नर्क बना देते हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिला पेंड्रा में एक युवक ने अपनी सगी नानी को जमीन जायदाद  के कारण लालच के फेर में स्वयं गला दबा कर मार दिया और सोचा कि आगे की जिंदगी ऐश में कटेगी. मगर वह आज जेल में अपनी उस सोच पर सर पीट रहा है जो उसने अपनी नानी को मारने का दुष्कर्म किया था.

मामला गौरेला थाना क्षेत्र के मेडुका गांव का है, जहां रहने वाली कौशल्या बाई थाना पहुंचकर अपराध दर्ज कराया कि उनकी नानी सास ललिया बाई काशीपुरी 10 सितंबर के सुबह 7 बजे घर से खेत देखने के लिए जाने को कह कर घर से निकली थी. रात तक नानी सास घर वापस नहीं आई तो यह अपने नाना ससुर चंदन काशीपुरी को और गांव के अन्य रिश्तेदारों को बताया. आस-पास रिश्तेदारी में पता किए लेकिन  वह नहीं मिली.

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18 सितंबर  को सुबह कोटवार ने बताया कि रेंजराभार रतनजोत प्लाट में मानव हड्डी और साड़ी, कपड़ा पड़ा है, जो ललिया बाई के जैसे लग रही है. तब यह अपने परिवार सहित प्लाट में जा कर देखी, जो साड़ी, कपड़ा, हाथ की चूड़ीवाला, चप्पल आदि देखकर पहचाने कि यह उसके नानी सास ललिया बाई की ही है. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने शव के बचे अवशेष को पोस्टमार्टम और जांच के लिए भेज दिया. पुलिस जांच में जब आगे बढ़ने लगी तो जो तथ्य सामने आए वे बहुत चौकानेवाले निकले.

और नानी का गला दबा दिया

पुलिस ने हमारे संवाददाता को जानकारी दी कि प जांच में मृतका के शव का निरीक्षण पर प्रथम दृष्टया हत्या का अपराध होना पाया गया. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के द्वारा मृतका की मृत्यु गला दबाने से होना बताया. थाना गौरेला में अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया. पुलिस जांच में पता चला कि मृतका का नाती राज कुमार उर्फ अमृत लाल  उसी दिन से लापता था  पुलिस ने उसे संदिग्ध माना और हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की.

पूछताछ में उसने सनसनीखेज जानकारी दी की शिवप्रसाद निवासी गोरखपुर के यहां से 10 सितंबर को खेत देखने के बाद नानी आई थी. जिसे साइकिल से गोरखपुर से लेकर कियोस्क बैंक लालपुर गया, ललिया बाई के खाता जांच में पता चला कि खाते में सिर्फ 39 रुपया ही था. तब उसे घर लेकर जाते समय रेंजराभार के रतनजोत प्लाट में कहै कि सब पैसा खाते से निकाल के खा गई और जमीन भी नहीं बेच रही है, उसी गुस्से में साइकिल से गिरा कर गला दबा दिया और प्लॉट में ले जाकर अपने पास में रखे अंगोछे से गला दबा कर हत्या कर दी और झाड़ियों में लाश छिपाकर फरार हो गया. पुलिस ने आरोपी की निशान देही से घटना में प्रयुक्त कपड़ा, साइकिल बरामद कर ली . आरोपी राजकुमार उर्फ अमृतलाल उम्र  40  निवासी मेडुका को गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया है.

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लालच बुरी बला

पंचतंत्र हो या हितोपदेश अथवा जीवन की हर पढ़ाई में यही शिक्षा मिलती है कि लालच बुरी बला होती है मगर अक्सर लोग लोभ में आकर कानून को अपने हाथ में उठा लेते हैं और यही नहीं लोभ लालच में आकर के स्वयं अपने हाथों से अपने ही चिर परिचित रिश्तेदारों का मर्डर कर देते हैं या फिर करवा दिया करते हैं और अंततः भंडाफोड़ होने पर जेल जाकर अपनी जिंदगी को नष्ट कर देते हैं। पुलिस अधिकारी इंद्र भूषण सिंह बताते हैं कि उनके 20 वर्ष के कार्यकाल में अनेक प्रकार ऐसे सामने आए हैं जिसमें रिश्तेदारों ने रिश्तेदारों का लालच में खून बहाया दिया और छोटी सी बात को लेकर अपने सुखद जीवन को नर्क बना लिया, मेरी तो सदैव यही सलाह है कि लोग अपनी मेहनत पर भरोसा रखें, दूसरों की संपत्ति पर कुदृष्टि डालने वाले अंततः दुखी होते हैं.

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