32 साल के सूरज प्रकाश दिल्ली के मजलिस पार्क इलाके में अपने परिवार के साथ रहते थे. उन्होंने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया हुआ था और फिलहाल अपने एक दोस्त के साथ आजादपुर में पनीर का बिजनैस कर रहे थे.

सोमवार, 27 नवंबर को सूरज प्रकाश के दोस्त साकेत ने बताया कि रविवार और सोमवार की रात के ढाई बजे पनीर की गाड़ी आजादपुर में आई थी. उसे खाली कराने के बाद वे दोनों स्कूटी से घर जा रहे थे कि उन्होंने आदर्श नगर मैट्रो स्टेशन के पास 2 गाड़ी वालों को लड़ते हुए देखा.

सूरज प्रकाश वहां रुके और झगड़ा शांत करने की कोशिश करने लगे. पर यही बात उन पर ही भारी पड़ गई. आरोप है कि वहां कुछ पुलिस वाले भी मौजूद थे. पुलिस ने सूरज प्रकाश को वहां से जाने के लिए कहा. इस पर सूरज प्रकाश ने झगड़ा शांत करने की बात कही, तो एक पुलिस वाले ने उन्हें धक्का दे दिया और फिर डंडा मार दिया.

इस के बाद सूरज प्रकाश पुलिस वालों पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मोबाइल से वीडियो बनाने लगे. इस बात से गुस्साए पुलिस वालों ने उन की पिटाई कर दी. इस के बाद उन्हें बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन की हालत गंभीर बताई, लेकिन पुलिस वाले उन्हें थाने ले गए, जहां उन की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई. उन्हें दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मरा हुआ ऐलान कर दिया.

दूसरी तरफ, उत्तरपश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त जितेंद्र कुमार मीना ने बताया कि रविवार और सोमवार की रात को आदर्श नगर थाने की गश्त करते पुलिस वालों को देर रात तकरीबन 2 से 3 बजे के बीच आदर्श नगर मैट्रो स्टेशन के पास कुछ लोग झगड़ा करते दिखे. उन्होंने बीचबचाव की कोशिश की. न मानने पर आदर्श नगर थाने की ईआरवी को बुलाया गया. इस के बाद पुलिस ने 3 लोगों को पकड़ा और उन्हें तड़के 4 बजे मैडिकल जांच के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया.

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