हत्या करने की वजह बेरोजगारी ही काल बन कर मौत ले आई. माली तंगी से जूझ रहे सुमित को यही ठीक लगा कि सभी की हत्या कर दी जाए और माली तंगी से निजात मिले. परिवार की अच्छी तरह परवरिश न कर पाने के चलते ही उस ने हत्या करने की ठानी. वजह कुछ भी हो, पर एक हंसता-खेलता परिवार मौत के आगोश में चला गया.
यह वारदात गाजियाबाद के इंदिरापुरम के ज्ञानखंड 4 इलाके में हुई. यहां एक साफ्टवेयर इंजीनियर सुमित ने अपनी 30 साला पत्नी अंशु बाला और 3 बच्चों की गला रेत कर हत्या कर दी. बच्चों में 7 साला प्रथमेश, 4 साला आरव और 4 साला बेटी आकृति शामिल हैं. आरव और आकृति जुड़वां हैं.
हत्या को अंजाम देने के बाद सुमित फरार हो गया. वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड ने बताया कि सुमित शनिवार देर रात 3 बजे बैग ले कर बाहर गया था.
हत्या करने के 16 घंटे बाद यानी रविवार शाम 6 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर सुमित ने यह वीडियो लोड किया. सुमित की बहन ने सब से पहले इस वारदार वाले व्हाट्सएप को देखा. साले पंकज को भी यह वीडियो भेजा और फोन कर कहा कि वह परिवार की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता और उस ने सब की हत्या कर दी है. जाओ, शव को फ्लैट से ले आओ. अब मैं भी मरने जा रहा हूं. यह मेरा अंतिम वीडियो है.
पंकज ने ही पुलिस को खबर दी. मौके पर पहुंची पुलिस फ्लैट का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसी. अंदर सभी का गला धारदार हथियार से रेता गया था. शुरुआती जांच में पता चला कि सुमित ने सब से पहले पत्नी का गला रेता, इस के बाद बेड पर सो रहे जुड़वां बच्चों की हत्या की और अंत में बाहर वाले कमरे में बेटे प्रथमेश का धारदार हथियार से गला रेत दिया.
20 अप्रैल की रात को डिनर करने के बाद से ही आरोपित सुमित ने परिजनों की हत्या का मन बना लिया था. पुलिस ने घर के अंदर रखे खाने के बरतन के भी सैंपल लिए हैं. माना जा रहा है कि आरोपित ने खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला कर पिलाया था, ताकि हत्या के समय किसी तरह का शोर न हो.
आरोपित की पत्नी अंशु बाला ने नींद की हालत में विरोध करने की कोशिश की तभी कमरे की दीवार पर खून के निशान भी फोरैंसिक टीम को मिले हैं. इस के अलावा पत्नी के गले के साथसाथ शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी चोट के निशान हैं.
पुलिस की मानें तो घटना वाली जगह पर पुलिस को वारदात में चापड़ मिला है. चापड़ से हत्या करने के बाद पानी या कपड़े से साफ हुआ पाया है. हत्या के करीब 16 घंटे बाद आरोपित सुमित ने वीडियो वायरल कर पत्नी के परिवार को घटना की जानकारी दी.
बता दें कि जमशेदपुर के रहने वाले सुमित बेंगलुरु स्थित लैपटौप कंपनी में इंजीनियर थे. वे 2 साल से गाजियाबाद के ज्ञानखंड 4, इंदिरापुरम में किराए के फ्लैट में रहते थे. कैंसर के कारण जनवरी माह में सुमित ने नौकरी छोड़ दी थी. अंशु बाला मदर प्राइड स्कूल में टीचर थी.
सुमित की नौकरी कैंसर बीमारी के चलते छूट गई थी. बेंगलुरु में सुमित ने जांच कराई तो डाक्टरों ने उसे ब्लड कैंसर बताया था. परिवार की रजामंदी से ही उस ने बेंगलुरु की कंपनी छोड़ दी. इंदिरापुरम, गाजियाबाद में आ कर उस ने जांच कराई तो ब्लड में इंफैक्शन पाया.
(यह घटना 2019 की है. अपने पाठकों को जागरूक करने के उद्देश्य से इसे दोबारा पब्लिश किया जा रहा है)