छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित प्रवीण सोमानी अपहरणकांड को सुलझाने में पुलिस को 14 दिन बाद अंततः सफलता मिली. राजधानी रायपुर पुलिस ने उद्योगपति प्रवीण सोमानी को अंतर प्रांतीय अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. सन 2020 की 8 जनवरी को प्रवीण सोमानी के अपहरण के बाद पुलिस की नींद हराम हो गई थी. पुलिस के अनुसार प्रवीण को सकुशल घर लाने के लिए रायपुर पुलिस ने 10 लाख फोन कॉल और 1500 सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की तब जाकर उत्तर प्रदेश से छुड़ाने में सफल हुई.
पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार अपहरणकर्ता काफी शातिर हैं, इसलिए फूंक-फूंक कर कदम रखना पड़ रहा था. छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि 08 जनवरी को प्रवीण सोमानी का सिलतरा क्षेत्र से अपहरण हुआ। इस घटना से प्रदेश भर में सनसनी फैल गई थी उद्योगपतियों में भय व्याप्त हो गया था और पुलिस के ऊपर दबाव बढ़ता चला जा रहा था. मामला विधानसभा में भी उठा और छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष एक प्रेशर बन कर सामने था कि जल्द से जल्द उद्योगपति प्रवीण सोमानी को ओपन खतरों से छुड़ाया जाए.
यह था घटनाक्रम
छत्तीसगढ़ पुलिस को अपहरणकर्ताओं तक पहुंचने के लिए रायपुर,छत्तीसगढ़ से उत्तर-प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मध्य आनेवाले वाले रास्तों के करीब डेढ़ हजार सीसीटीवी कैमरे खंगालने पड़े . रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, होटल, टोल नाके में लगे सीसीटीवी खंगाले . पांच लाख फोन कॉल को चार दिन तक लगातार खंगाला . सीसीटीवी कैमरे से पुलिस क्लू मिलता गया. उसके बाद पुलिस की एक टीम तुरंत उत्तर प्रदेश के लिए रवाना कर दी गई.अपहरणकर्ता इतने शातिर थे कि एक बार फोन करने के बाद दोबारा उस सिम का इस्तेमाल नहीं करते थे. वह सिम तोड़कर फेंक देते थे.इस कारण पुलिस को " क्लू" नहीं मिल पा रहा था.