4 जून, 2017 को आधी रात तक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर ज्यादातर लोग सो गए थे. सिर्फ वही जाग रहे थे, जिन की गाड़ियां आने वाली थीं. स्टेशन के वेटिंग रूम में सोने वाले यात्रियों में सोनी और राम सिंह चौहान भी थे. ये मध्य प्रदेश के जिला सीधी के रहने वाले थे. इन्हें पंजाब के अमृतसर जाना था.

उन की गाड़ी सुबह की थी, इसलिए पतिपत्नी वेटिंग रूम में जा कर साथ लाया बिस्तर लगा कर अपने 5 महीने के बेटे कुलदीप उर्फ हर्ष के साथ सो गए थे. सुबह 3, साढ़े 3 बजे सोनी की आंखें खुली तो उस ने बगल में सो रहे बेटे को टटोला. बेटे को अपनी जगह न पा कर वह एकदम से हकबका कर उठी और इधरउधर देखने लगी. उसे लगा कि बेटा खिसक गया होगा. लेकिन बेटा कहीं दिखाई नहीं दिया. उस ने झकझोर कर बगल में सो रहे पति को जगाया, ‘‘हर्ष कहां है?’’

आंखें मलते हुए राम सिंह ने भी इधरउधर देखा. बेटा कहीं नहीं दिखाई दिया तो उसे समझते देर नहीं लगी कि उस के बेटे को कोई उठा ले गया है. जैसे ही उस ने यह बात सोनी से कही, वह रोनेचीखने लगी. फिर तो जरा सी देर में उन के पास भीड़ लग गई. लोग तरहतरह की बातें कर रहे थे, जबकि सोनी का रोरो कर बुरा हाल था. राम सिंह भी सकते में था कि अब वह क्या करे, बेटे को कहां खोजे?

थोड़ी ही देर में मासूम बच्चे की चोरी की बात पूरे रेलवे स्टेशन में फैल गई, जिस से वेटिंग रूम में खासी भीड़ लग गई थी. बच्चे के मांबाप की हालत देख कर सभी दुखी थे. लोग उन पर तरस तो खा रहे थे, लेकिन कुछ करने की स्थिति में नहीं थे. बच्चा चोरी की सूचना स्टेशन पर स्थित थाना जीआरपी को मिली तो जीआरपी की टीम बच्चे की खोजबीन में लग गई. लेकिन काफी मेहनत के बाद कोई सफलता नहीं मिली.

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