न्यूआजाद नगर स्थित ग्रामसमाज की जमीन पर एक सफेद प्लास्टिक की बोरी पड़ी थी. कुत्तों का झुंड बोरी को नोचने में लगा था. तभी कुछ मजदूरों की नजर कुत्तों के झुंड पर पड़ी. ये मजदूर डूडा कालोनी के पास प्रधानमंत्री आवास योजना निर्माण के काम में लगे थे.
चूंकि हवा के झोंकों के साथ दुर्गंध भी आ रही थी, इसलिए उत्सुकतावश 2-3 मजदूर वहां पहुंचे. उन्होंने कुत्तों को भगा कर बोरी पर नजर डाली तो उन्हें समझते देर नहीं लगी कि बोरी के अंदर लाश है. मजदूरों ने बोरी में लाश होने की जानकारी अपने ठेकेदार को दी. उस ने यह जानकारी तुरंत धाना विधनू को दे दी.
थानाप्रभारी अनुराग सिंह को लाश की सूचना मिली तो वह विचलित हो उठे. उन्होंने यह सूचना अपने अधिकारियों को दी और पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उस समय वहां ज्यादा भीड़ नहीं थी.
अनुराग सिंह ने बोरी से लाश निकलवाई तो तेज झोंका आया. उन्होंने नाक पर रूमाल रख कर शव का निरीक्षण किया. शव किसी युवती का था, जिस के गले में काले रंग के दुपट्टे का फंदा था. संभवत: उस की हत्या गला घोंट कर की गई थी.
मृतका क्रीम कलर की छींटदार कुरती और काली जींस पहने थी. उस के बाएं हाथ की कलाई में कलावा तथा दाएं हाथ पर टैटू बना था. एक हाथ में स्टील का कड़ा और दूसरे हाथ में काले रंग का कंगन था. उस की उम्र 30 साल के आसपास थी, रंग गोरा था.
शव से बदबू आने से ऐसा लग रहा था कि उस की हत्या 2 दिन पहले की गई थी. साथ ही यह भी कि हत्या कहीं और की गई थी और शव को बोरी में बंद कर यहां सुनसान जगह पर फेंका गया था.
अनुराग सिंह अभी घटनास्थल का निरीक्षण कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसपी (साउथ) रवीना त्यागी तथा सीओ शैलेंद्र सिंह भी आ गए. इन अधिकारियों ने भी घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया.
साथ ही वहां मौजूद लोगों से शव के संबंध में पूछताछ की, लेकिन कोई भी शव की पहचान नहीं कर पाया. पुलिस ने शव के विभिन्न कोणों से फोटो खिंचवा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए लाला लाजपतराय चिकित्सालय भिजवा दिया. यह 2 अगस्त, 2019 की बात है.
दूसरे दिन युवती के हुलिए सहित उस की लाश पाए जाने की खबर स्थानीय समाचार पत्रों में छपी तो श्यामनगर निवासी रिटायर्ड मेजर विद्याशंकर शर्मा का माथा ठनका. उन्होंने पूरी खबर विस्तार से पढ़ी, फिर पत्नी और बेटे मनीष को जानकारी दी.
पुलिस ने दर्ज नहीं की थी रिपोर्ट
दरअसल, विद्याशंकर शर्मा की 30 वर्षीय विवाहित बेटी प्रीति शर्मा पिछले 2 दिन से घर वापस नहीं आई थी. उन्होंने श्यामनगर पुलिस चौकी जा कर गुमशुदगी दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें टरका दिया था. खबर पढ़ कर शर्माजी घबरा गए.
विद्याशंकर शर्मा ने अपने बेटे मनीष और अन्य घरवालों को साथ लिया और पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए. वहां जा कर उन्होंने विधनू थानाप्रभारी अनुराग सिंह से बातचीत कर के अज्ञात युवती का शव दिखाने का अनुरोध किया.
अनुराग सिंह ने युवती का शव दिखाया तो विद्याशंकर शर्मा फफक पड़े, ‘‘सर, यह लाश मेरी बेटी प्रीति की है. मैं ने इसे हाथ में बंधे कलावा, कड़ा और टैटू से पहचाना है.’’
लाश की पहचान होते ही विद्याशंकर के घर में कोहराम मच गया. मनीष बहन की लाश देख कर रो पड़ा. उस की पत्नी कंचन भी सिसकने लगी. सब से ज्यादा बुरा हाल मनीष की मां मधु शर्मा का था. वह दहाड़ मार कर रो रही थीं. उन की बहू कंचन तथा परिवार की अन्य औरतें उन्हें धैर्य बंधा रही थीं.
लाश की शिनाख्त होने के बाद थानाप्रभारी अनुराग सिंह ने मृतका प्रीति शर्मा के पिता विद्याशंकर शर्मा से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले प्रीति को उस की सहेली वैदिका तथा उस का पति सत्येंद्र अपने घर ले गए थे. उस के बाद प्रीति वापस नहीं लौटी.
पुलिस ने वैदिका तथा उस के पति सत्येंद्र से पूछा तो दोनों बहाना बनाने लगे. पुलिस को संदेह हुआ कि कहीं प्रीति का सामान लूटने के लिए उस की हत्या वैदिका और उस के पति सत्येंद्र ने मिल कर तो नहीं की है. इस संदेह की वजह यह थी कि प्रीति जब घर से निकली थी, तब वह कई आभूषण पहने थी. पर्स, मोबाइल व एटीएम कार्ड उस के पास थे, जो लाश के पास नहीं मिले. पहने हुए आभूषण भी गायब थे.
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थानाप्रभारी अनुराग सिंह ने मृतका प्रीति शर्मा के भाई मनीष शर्मा से पूछताछ की तो उस ने बताया कि प्रीति की हत्या में उस की सहेली वैदिका और उस का पति सत्येंद्र ही शामिल हैं. इस के अलावा प्रशांत द्विवेदी नाम का युवक भी शामिल है. इन तीनों ने ही हत्या की योजना बनाई और प्रीति को मौत की नींद सुला दिया.
‘‘प्रशांत द्विवेदी कौन हैं?’’ सिंह ने पूछा.
‘‘सर, प्रशांत द्विवेदी मेरी बहन का प्रेमी है. उस ने प्रीति को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया था और शादी का झांसा दे कर उस का शारीरिक शोषण करता था. जब प्रीति ने शादी का दबाव बनाया तो उस ने प्रीति की सहेली वैदिका के साथ मिल कर उसे मार डाला.’’
‘‘तुम्हारी बहन प्रीति तो ब्याहता थी? वह प्रशांत के जाल में कैसे फंस गई?’’ अनुराग सिंह ने सवाल किया.
‘‘सर, प्रीति का अपने पति से मनमुटाव था. कोर्ट में दोनों के तलाक का मुकदमा चल रहा है. पति से मनमुटाव के बाद वह मायके आ कर रहने लगी थी. पति की उपेक्षा से ऊबी प्रीति को प्रशांत का साथ मिला तो वह उस की ओर आकर्षित हो गई और उस के साथ शादी के सपने संजोने लगी. पर प्रशांत छलिया निकला, वह उस से शादी नहीं करना चाहता था.’’
‘‘कहीं प्रीति की हत्या मुकदमे से छुटकारा पाने के लिए उस के पति ने ही तो नहीं कर दी?’’ सिंह ने शंका जाहिर की.
‘‘नहीं सर, प्रीति के ससुराल वाले हत्या जैसा जोखिम नहीं उठा सकते. प्रीति का पति पीयूष शर्मा एयरफोर्स में है और अंबाला में तैनात है. ससुर भुजराम शर्मा रोडवेज से रिटायर हैं. उन पर हमें भरोसा है.’’
पूछताछ के बाद अनुराग सिंह को लगा कि प्रीति की हत्या या तो अवैध रिश्तों के चलते हुई या फिर प्रीति की सहेली वैदिका ने उस के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने वैदिका, उस के पति सत्येंद्र तथा प्रीति के प्रेमी प्रशांत द्विवेदी को हिरासत में ले लिया. थाने ला कर तीनों से अलगअलग पूछताछ की गई.
वैदिका ने बताया कि प्रीति उस की घनिष्ठ सहेली थी. स्वर्णजयंत विहार में उस का ब्यूटी पार्लर है, जहां प्रीति मेकअप कराने आती थी. जब पति से उस का मनमुटाव हुआ तो उस ने भी ब्यूटी पार्लर चलाने की इच्छा जाहिर की. तब मैं ने उस की मदद की. प्रीति का मेरे घर आनाजाना था.
वैदिका का संदिग्ध बयान
30 जुलाई को फोन कर उस ने मुझे अपने घर बुलाया था. उसे कुछ सामान खरीदना था सो वह मेरे साथ गई थी. सामान खरीदने के बाद वह वापस घर चली गई थी. उस के बाद क्या हुआ, उस की हत्या किस ने और क्यों की, उसे पता नहीं है.
वैदिका के पति सत्येंद्र ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता था. उस की नौकरी छूट गई है और वह बेरोजगार है. प्रीति, उस की पत्नी की सहेली थी. उस का घर में आनाजाना था. सो उस से अच्छा परिचय था. उस की हत्या किस ने और क्यों की, उसे नहीं पता. इसी बीच किसी का फोन आया तो अनुराग फोन पर बतियाने लगे.
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थानाप्रभारी का ध्यान फोन पर केंद्रित हुआ तो वैदिका अपने पति से खुसरफुसर करने लगी. उस ने पति को जुबान बंद रखने का भी इशारा किया. अनुराग सिंह समझ गए कि वैदिका कुछ छिपा रही है और पति को भी ऐसा करने को मजबूर कर रही है. फिर भी उन्होंने वैदिका से कुछ नहीं कहा.
पूछताछ के बाद अनुराग सिंह ने दोनों को इस हिदायत के साथ घर जाने दिया कि जब भी उन्हें बुलाया जाए, थाने आ जाएं. शहर छोड़ कर भी कहीं न जाएं.
थानाप्रभारी अनुराग सिंह ने मृतका प्रीति शर्मा के प्रेमी प्रशांत द्विवेदी से पूछताछ की तो उस ने बताया कि वह हैलट अस्पताल का कर्मचारी है. प्रीति से उस की मुलाकात 6 महीने पहले तब हुई थी, जब वह अपने भाई मनीष की 10 वर्षीय बेटी परी का इलाज कराने आई थी.
अस्पताल में दोनों की दोस्ती हुई और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई. वे दोनों शादी भी करना चाहते थे, लेकिन प्रीति का तलाक नहीं हुआ था. इसलिए उस ने प्रीति से कहा था कि तलाक होने के बाद शादी कर लेंगे. प्रशांत ने यह भी कहा कि उसे प्रीति का उस की सहेली वैदिका के घर जाना अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि वैदिका और उस का पति सत्येंद्र प्रीति से किसी न किसी बहाने पैसे वसूलते रहते थे.
कभी वे तंगहाली का रोना रोते तो कभी मकान का किराया देने का. उसे शक है कि प्रीति की सहेली वैदिका ने ही उस के साथ घात किया है. उस के गहने और नकदी लूट कर उस की हत्या कर दी और शव सुनसान जगह पर फेंक दिया.
प्रशांत द्विवेदी के बयान से थानाप्रभारी अनुराग का शक वैदिका तथा उस के पति सत्येंद्र पर और भी गहरा गया. उन्हें लगा कि प्रीति शर्मा की हत्या का राज उन दोनों के ही पेट में छिपा है. उन्होंने प्रशांत को तो थाने से जाने दिया, लेकिन वैदिका पर नजरें गड़ा दीं. अनुराग सिंह ने प्रीति शर्मा तथा उस की सहेली वैदिका के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाई.
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