ठगी एक ऐसा शब्द है जो हमारे जेहन में हैं मगर इसके  बावजूद हम और हमारे आसपास के लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं ठगी की दुनिया में एक पहलू मोबाइल टावर लगाने का भी है विगत एक दशक में जाने कितनी बार यह समाचार सुर्खियों में आता रहा है मगर टावर के नाम पर लोग निरंतर ठगे जा रहे हैं इसके गिरोह निरंतर मजबूत होते जा रहे हैं इसी की बानगी छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रही है और पुलिस ने इस पर नकेल लगाने  में एक बड़ी सफलता प्राप्त की है.

 

छत्तीसगढ़ की दुर्ग जिला पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो दिल्ली में बैठकर छतीसगढ़ के विभिन्न नगर कस्बों  में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना चुका हैं. एक सनसनीखेज मामले में एक महिला से आरोपी  62 लाख रूपए ऐंठ चुके थे. पुलिस ने गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि अभी भी आठ आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. जिनकी तलाश पुलिस द्वारा सरगर्मी से की जा रही है.

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ठगी की अनंत कथाएं

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला के  खुर्सीपार की एक बुजुर्ग महिला से इस गिरोह ने लाखों की ठगी की है. पिछले तीन साल में अलग-अलग कहानी व किस्से गढ़ते हुए बुजुर्ग महिला से इस गिरोह ने 62 लाख 2500 रुपए मोबाइल टावर लगाने के नाम पर  भारी रकम ठग ली .सन 2015 से शुरू हुआ यह प्रकरण दिसंबर  2019 तक चला . कभी बीमा पॉलिसी के रुपए निकालने, तो कभी चालान बनाने तो कभी रुपए जारी कराने के नाम पर बुजुर्ग महिला से ठगी होती रही.

इस मामले में पीड़िता महिला  पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष जुलाई माह में शिकायत की. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस काफी सजगता के साथ अलग-अलग शहरों से सात आरोपियों को गिरफ्तार  करके छत्तीसगढ़ लाई है. वहीं 8 आरोपी अब भी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस द्वारा सरगर्मी से की जा रही है. इस तरह छत्तीसगढ़ में भी मोबाइल टावर के नाम पर ठगी की घटनाएं घटित हो चुकी हैं जिनमें हाल ही में घटित हुई हैं वह यह है-

पहला प्रकरण- आदिवासी जिला कोरबा के पसान थाना अंतर्गत लैगा में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए ठग लिए गए मामला अंततः थाना पहुंचा.

दूसरा प्रकरण -छत्तीसगढ़ के मुंगेली  मोबाइल ठगी के नाम पर अलग-अलग तीन जगहों पर 3 के मामले सामने आए.

तीसरा  प्रकरण- जगदलपुर के थाना क्षेत्रों में चार मामले मोबाइल टावर ठगी के दर्ज हुए कुछ गिरफ्तारियां भी हुई. छत्तीसगढ़ के विभिन्न जगहों पर मोबाइल टावर के नाम पर लोगों को ठगा गया है इसके बावजूद जागृति की कमी की वजह से लोग आज भी निरंतर ठगे जा रहे हैं.

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हाईटेक चुके हैं ठग!

पुलिस अधिकारी ने अजय यादव ने हमारे संवाददाता को बताया कि दिल्ली के यह  ठग दरअसल मानो  पूरी कंपनी चला रहे थे. आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में लैंड लाइन फोन, मोबाइल फोन, बीमा प्लान, एटीएम कार्ड, आईकार्ड, मोबाइल डेटा व लेखाजोखा जब्त किया गया. आरोपियों ने बुजुर्ग महिला मनोरमा जैन के अलावा 500 लोगों को अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल किया और इनसे भी लाखों रुपए  की रकम ठगी की है.

आरोपियों को पकड़ने के लिए साइबर सेल की टीम लगातार काम कर रही थी. बेहद समझदारी के साथ पीड़िता को आरोपियों के संपर्क में रखा  और उनके द्वारा किए जा रहे कॉल को ट्रेस करती रही. जिसके बाद अंततः पुलिस की टीम आरोपियों तक पहुंची. पुलिस ने आरोपियों को गिफ्ट में लेकर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.

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