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सालोंसाल से एक कहावत चली आ रही है कि मुंबई एक ऐसा शहर है जो कभी नहीं सोता. यह हकीकत भी है, क्योंकि मुंबई के लाखों लोग रातरात भर जागते हैं. इन में हजारों लोग फिल्म और टीवी इंडस्ट्री से जुड़े भी होते हैं, जिन की रातरात भर शूटिंग चलती है. मुंबई में बड़े लोगों की पार्टियां भी रात में ही होती हैं. रात में सैरसपाटे पर निकलने वालों की भी कोई कमी नहीं है.

मुंबई जैसी भले ही न हो, पर रातों को जागने और पार्टियां करने वालों की कमी दिल्ली में भी नहीं है. गुड़गांव में रात भर खुलने वाले रेस्तराओं, पबों, मौल और होटलों की कमी नहीं है, जिन की वजह से दिल्ली के पार्टी कल्चर को काफी बढ़ावा मिला है. तमाम लोग ऐसे भी हैं जो रहते दिल्ली में है और दोस्तों, परिवार या गर्लफ्रैंड के साथ खाना खाने हरियाणा क्षेत्र में जाते हैं. इसी के चलते दिल्ली की सीमा से लगे कुछ ढाबे और मोटल इतने मशहूर हो गए हैं कि रात में वहां बैठने की जगह नहीं मिलती.

उपर्युक्त बातों का इस कहानी से कोई लेनादेना नहीं है, यह सिर्फ प्रसंगवश कही गई हैं. क्योंकि इस कहानी के पात्र पंकज मेहरा और प्रिया मेहरा भी रात में ही घूमने निकले थे. पंकज मेहरा और प्रिया मेहरा रोहिणी सैक्टर-15 के सी ब्लौक में रहते थे. मंगलवार 24 अक्तूबर की रात को पंकज और प्रिया अपने 3 साल के बेटे नाइस को साथ ले कर अपनी मारुति रिट्ज कार से घूमने निकले.

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