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बताते हैं कि उस ने दोगुनी करने के चक्कर में यह रकम सट्टे में उड़ाई थी. घर वाले उस से पैसे मागते थे तो वह यह कह कर उन्हें चुप करा देता था कि रकम बिजनैस में लगाई है, जल्द ही दोगुनी हो कर लौटेगी. इस बीच करीब 3 साल पहले प्रिया मां बन गई थी, बेटा हुआ था, जिस का नाम नाइस रखा गया.

बहरहाल, आइए लौट कर फिर क्राइम सीन पर आते हैं. यह तो हम बता ही चुके हैं कि प्राथमिक जांच में पंकज मेहरा संदेह के दायरे में आ चुका था. दूसरी ओर प्रिया के घर वालों की बातें भी पंकज को संदेह के दायरे में ला रही थीं. इस बीच पुलिस को तथाकथित घटनास्थल के पास वाले पैट्रोलपंप पर एक सीसीटीवी कैमरा मिल गया.

हकीकत सामने आई तो सब हैरान रह गए

पुलिस ने उस कैमरे की फुटेज देखी तो सारी हकीकत सामने आ गई. उस फुटेज में वहां पर रात के 4 बजे से साढ़े 4 बजे तक पंकज की कार के अलावा कोई कार नजर नहीं आई. इस का मतलब था कि पंकज सरासर झूठ बोल रहा था.

पोस्टमार्टम के बाद प्रिया का शव उस के घर वालों को सौंप दिया गया था. वे लोग जब उस का अंतिम संस्कार करने श्मशान पहुंचे तो पंकज मेहरा भी साथ था. चिता को मुखाग्नि भी उसी ने दी थी. पुलिस ने उसे वहीं गिरफ्तार कर लिया और सीधे थाना शालीमार बाग ले आई. थाने में उस से कई दौर में पूछताछ की गई.

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