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लेखक- रघुनाथ सिंह लोधी

गिरफ्तारी के बाद प्रीति को पुलिस रिमांड पर लिया गया. उस के खिलाफ पुलिस ने सबूत जुटाने शुरू किए. जांच में जुटी पुलिस यह जान कर दंग रह गई कि कुछ समय पहले तक मामूली मोपेड पर घूमने वाली प्रीति अब करोड़पति हो गई है. वह महंगी कारों से घूमती है. उस ने अपने करीबियों व रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी संपत्ति खरीद रखी है.

बंगला, खेती की जमीन के अलावा वह एक कंपनी की भी संचालक भी थी. अवैध वसूली के लिए उस ने बाकायदा एक संस्था रजिस्टर्ड करा रखी थी. लिहाजा पुलिस ने धर्मदाय आयुक्तालय, विजिलैंस विभाग के अलावा अन्य विभागों को पत्र लिख कर उस के बारे में आवश्यक जानकारी मांगी.

घर में हुआ अपमान तो कर लिया सुसाइड

प्रीति के कारनामों की जानकारी जुटाई ही जा रही थी कि पुलिस अधिकारियों तक एक गुहार और पहुंची. गुहार यह कि एक व्यक्ति ने प्रीति और उस के साथियों के डर से सुसाइड कर लिया था. मृतक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए यह शिकायत जूनी मंगलवारी निवासी वैशाली पौनीकर की थी.

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शिकायत के अनुसार वैशाली के पति सुनील पौनीकर ने अक्तूबर 2019 में सतीश सोनकुसरे से कुछ रकम कर्ज ली थी. सुनील पौनीकर मेस संचालक था. काम में घाटे के कारण उसे कर्ज लेना पड़ा था. सतीश सोनकुसरे ने कर्ज वापसी के लिए सुनील पर दबाव बनाया. लेकिन समय पर रुपए नहीं लौटा पाने पर उस ने प्रीति की मदद ली.

प्रीति यह भी दावा करती थी कि वह कर्ज वसूली का काम भी करती है. शहर के सारे बड़े पुलिस अफसर व नेता उस के पहचान के हैं. बतौर वैशाली पौनीकर, प्रीति ने सतीश सोनकुसरे से कर्ज वसूली की सुपारी ली थी. वह कुछ पुलिस कर्मचारियों की मदद से सुनील को प्रताडि़त करती थी.

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