लेखक- रघुनाथ सिंह लोधी
कभी वह मसजिदों के इर्दगिर्द नजर आती है तो कभी गुरुद्वारे के आसपास. फर्राटेदार अंगरेजी तो बोलती ही है , मराठी और हिंदी में भी उस के तेवर तने रहते हैं. उस के जीवन में 4 लोगों के नाम प्रमुखता से जुड़े हैं. इन में एक मराठी, दूसरे कारोबारी हैं तो 2 मुसलिम हैं. चर्चा है कि अपना उल्लू सीधा करने के लिए उस ने संदीप दुधे, महेश गुप्ता, रफीक अहमद व मकसूद शेख से अलगअलग शादी रचाई. फिर उन को उस ने छोड़ दिया.
शिकायतकर्ता गुड्डू की शिकायत में इन नामों का जिक्र है. फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि प्रीति अपने पति से क्यों और कैसे दूर हुई. परिवार में उस की बुजुर्ग मां व बेटा है. खबर है कि प्रीति के पिता सेना में थे. पिता की मृत्यु के बाद उस की मां को अब पेंशन मिलती है.
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घर में अनुशासन व शिष्टाचार का पाठ तो मिलता रहा, लेकिन कहा जाता है कि प्रीति की हसरतों ने उसे नई राह पर ला दिया. उस की सोशल मीडिया पर साझा की गई एक तसवीर पर लिखा है, ‘मेरी सादगी ही गुमनाम रखती है मुझे, जरा सा बिगड़ जाऊं तो मशहूर हो जाऊं.’
उसे करीब से जानने वालों का कहना है कि वह आपराधिक प्रवृत्ति की नहीं थी. लेकिन शोहरत और दौलत पाने का जुनून कुछ ऐसा सवार है कि वह हर हद से गुजर जाने का दंभ भरती है. वह अपनी सोशल इमेज चमकाने का निरंतर प्रयास करती रही. हालत यह है कि अब भी कुछ लोग उसे धोखेबाज मानने को तैयार नहीं है.