सौजन्य- सत्यकथा
थानाप्रभारी ने झाडि़यों से शव बाहर निकलवाया, जो एक चादर में लिपटा था. चादर से शव निकाला तो वह 34-35 साल के युवक का था. शव की हालत देख कर अनुमान लगाया जा सकता था कि उस की हत्या 4-5 दिन पहले की गई होगी. बरसात के कारण शव फूल भी गया था. देखने से प्रतीत हो रहा था कि युवक की हत्या गला घोंट कर की गई थी.
थानाप्रभारी राजकुमार यादव अभी निरीक्षण कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसपी एस.एस. बेग, एएसपी बृजेश कुमार सिंह तथा डीएसपी केशव नाथ घटनास्थल आ गए. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तो पता चला कि युवक की हत्या कहीं और की गई थी और शव को नहर किनारे झाडि़यों में फेंका गया था.
पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में सैकड़ों लोग शव को देख चुके थे. पर कोई भी उसे पहचान नहीं पा रहा था. इस से अधिकारियों ने अंदाजा लगाया कि मृतक आसपास के गांव का नहीं बल्कि कहीं दूरदराज का है. तब अधिकारियों ने शव का फोटो खिंचवा कर पोस्टमार्टम के लिए ललितपुर के जिला अस्पताल भिजवा दिया.
एसपी एम.एम. बेग ने इस ब्लाइंड मर्डर का परदाफाश करने की जिम्मेदारी थानाप्रभारी राजकुमार यादव को सौंपी. सहयोग के लिए एसओजी व सर्विलांश टीम को भी लगाया. पूरी टीम की कमान एएसपी बृजेश कुमार सिंह को सौंपी गई.
थानाप्रभारी राजकुमार यादव ने इस केस को खोलने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. मुखबिरों को गांवगांव भेजा. पासपड़ोस के कई थानों से गुमशुदा लोगों की जानकारी जुटाई पर उस अज्ञात शव की किसी ने शिनाख्त नहीं की. तब यादव को शक हुआ कि मृतक किसी दूरदराज गांव का हो सकता है.
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