सौजन्य- सत्यकथा
एक रोज कल्याण शराब की बोतल ले कर अवतार सिंह के घर आ पहुंचा. उस रोज पहली बार कल्याण की नजर अवतार की पत्नी अंजना पर पड़ी. पहली ही नजर में अंजना उस के दिल में रचबस गई. अंजना भी हृष्टपुष्ट कल्याण को देख कर प्रभावित हुई. दरअसल अंजना अपने पति अवतार सिंह से संतुष्ट नहीं थी. उस का जिस्मानी रिश्ता खत्म सा हो गया था. अत: उस ने मन ही मन कल्याण को अपने प्यार के जाल में फंसाने का निश्चय कर लिया.
कल्याण कुशवाहा का अंजना के घर आनाजाना शुरू हुआ, तो दोनों के बीच नजदीकियां भी बढ़ने लगीं. 2 बेटियों की मां बन जाने के बाद भी अंजना का यौवन अभी ढला नहीं था. अंजना की आंखों में जब उसे मूक निमंत्रण दिखने लगा, तो कामना की प्यास भी बढ़ गई.
अंजना की नजदीकियां पाने के लिए कल्याण ने अवतार सिंह को ज्यादा भाव देना शुरू कर दिया. वह उसे मुफ्त में शराब तो पिलाता ही था, अब उस की आर्थिक मदद भी करने लगा.
कल्याण का घर आना बढ़ा तो अंजना समझ गई कि कल्याण पर उस के हुस्न का जादू चल गया है. वह अपने हावभाव से उस की प्यास और भड़काने लगी. बेताबी दोनों ओर बढ़ती गई. अब उन्हें मौके का इंतजार था.
एक रोज कल्याण ने अंजना को पाने का मन बनाया और दोपहर को अवतार सिंह के घर पहुंच गया. अंजना उस समय घर में अकेली थी. बच्चे स्कूल गए थे और अवतार सिंह खेतों पर. मौका अच्छा था. कल्याण को देख अंजना के होंठों पर शरारती मुसकान बिखरी और उस ने पूछा, ‘‘तुम तो शाम को अंगूर की बेटी को होंठों पर लगाने यहां आते थे, आज दिन में रास्ता कैसे भूल गए?’’
‘‘अंजना, अंगूर की बेटी से होंठों की प्यास कहां बुझती है, उल्टा और भड़क जाती है. सोचा कि आज शराब से भी ज्यादा नशीली, उस से ज्यादा मादक अपनी अंजना का नशा कर लूं.’’ कहते हुए कल्याण ने उस के कंधे पर हाथ रख दिए.
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‘‘तुम ने न मुझे हाथ लगाया, न होंठ लगाए. फिर कैसे कह सकते हो कि मैं शराब से ज्यादा मादक और नशीली हूं.’’ अंजना ने अपनी अंगुलियों से कल्याण की छाती सहलानी शुरू कर दी. यह मिलन का साफ आमंत्रण था.
कल्याण का हौसला बढ़ा. उस ने अंजना को अपनी बांहों में भर लिया. इस के बाद दोनों ने हसरतें पूरी कीं.
उस रोज के बाद कल्याण तथा अंजना के बीच अकसर यह खेल खेला जाने लगा. दोनों को न मर्यादा की परवाह थी, न रिश्तेनातों की. अंजना अब खूब बन संवर कर रहने लगी. अकसर दोपहर को कल्याण का अवतार सिंह के घर आना, लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय बनना ही था. धीरेधीरे पासपड़ोस वाले समझ गए कि दोनों के बीच कौन सी खिचड़ी पक रही है.
चर्चा फैली तो बात अवतार सिंह के कानों तक पहुंची. उस ने पत्नी से जवाबतलब किया तो अंजना बोली, ‘‘कल्याण तो तुम्हारे साथ पीनेखाने के लिए आता है. इसी बात की जलन लोगों को होती है. तुम्हें अगर उस के आने से परेशानी है, तो तुम ही उसे मना कर देना. मैं बेकार में क्यों बुरी बनूं.’’
पत्नी की बातों से अवतार सिंह को लगा कि गांव वाले बिना वजह बातें कर रहे हैं. अंजना गलत नहीं है. वह शांत हो कर चारपाई पर जा लेटा. अवतार सिंह ने अंजना की बात पर यकीन तो कर लिया, लेकिन मन का शक दूर नहीं हुआ. इधर अंजना ने सारी बात कल्याण को बताई. इस के बाद दोनों मिलन में बेहद सतर्कता बरतने लगे. अब जब अंजना फोन पर उसे सूचना देती, तभी कल्याण घर आता.
उस रोज अवतार सिंह ललितपुर जाने की बात कह कर घर से निकला, लेकिन किसी वजह से 2 घंटे बाद ही घर वापस आ गया. वह घर के अंदर कमरे के पास पहुंचा तभी उसे कमरे के अंदर से खुसरफुसर की आवाज सुनाई दी.
आवाज सुन कर वह समझ गया कि कमरे में अंजना के साथ कोई मर्द भी है. उस की आंखों में खून उतर आया. उस ने पूरी ताकत से दरवाजे पर लात मारी. भड़ाक से दरवाजा खुला, सामने बिस्तर पर कल्याण और अंजना आपत्तिजनक हालत में थे. अवतार सिंह पूरी ताकत से दहाड़ा, ‘‘हरामजादे तेरी यह हिम्मत कि तू मेरे ही घर में घुस कर मेरी इज्जत लूटे. मैं तुझे जिंदा नहीं छोडूंगा.’’
गुस्से से आग बबूला अवतार सिंह आंगन के कोने में रखा डंडा लेने लपका. तब तक कल्याण और अंजना संभल चुके थे. कल्याण तो भाग गया, लेकिन अंजना कहां जाती. अवतार सिंह ने उस की जम कर पिटाई की, और गालियां बकता रहा.
फिर वह सीधा देशी शराब के ठेके पर चला गया. वहां से वह धुत हो कर लौटा, फिर पत्नी की खबर लेनी शुरू कर दी. उस रोज पूरा गांव जान गया कि अंजना का कल्याण से गलत रिश्ता है.
अंजना तो कल्याण की दीवानी बन चुकी थी. अत: पिटाई के बावजूद भी उस ने कल्याण का साथ नहीं छोड़ा. अब वह घर के बजाए खेतखलिहान व बागबगीचे में प्रेमी से मिलने लगी.
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इस की जानकारी जब अवतार सिंह को हुई तो उस ने फिर अंजना को पीटा और चेतावनी दी कि आज के बाद जिस दिन वह उसे रंगे हाथ पकड़ लेगा, उस दिन बहुत बुरा होगा. पति की इस चेतावनी से अंजना बुरी तरह डर गई थी.
11 अगस्त, 2020 को अचानक अवतार सिंह लापता हो गया. कई दिन बीत जाने के बाद जब गांव वालों को अवतार सिंह नहीं दिखा तो लोगों ने अंजना से उस के बारे में पूछा. उस ने लोगों को बताया कि उस के पति मथुरा वृंदावन गए हैं. हफ्तादस दिन में वापस आ जाएंगे. अंजना का जवाब पा कर लोग संतुष्ट हो गए. लगभग एक हफ्ते बाद अंजना का ससुर शेर सिंह तीर्थ स्थानों का भ्रमण कर घर लौटा तो अंजना ने उसे भी बता दिया कि अवतार सिंह मथुरा गया है.
इधर 15 अगस्त, 2020 को वानपुर थानाप्रभारी राजकुमार यादव को सूचना मिली कि खिरिया छतारा गांव के पास नहर की पटरी के किनारे झाडि़यों में एक आदमी की लाश पड़ी है. जिस से दुर्गंध आ रही है.
सूचना से राजकुमार यादव ने अपने अधिकारियों को अवगत कराया फिर चौकी इंचार्ज कृष्ण कुमार, एसआई दया शंकर, सिपाही रजनीश चौहान और देवेंद्र कुमार को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए. उस समय वहां गांव वालों की भीड़ जुटी थी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित