उस दिन दोपहर से ही अमनप्रीत कौर काफी परेशान थी. उस के साथी सिपाहियों ने पूछा भी कि क्या बात है, पर उस ने किसी को कुछ नहीं बताया. पूरा दिन इसी तरह बीत गया. रात को वह ड्यूटी खत्म कर के घर जाने लगी तो हैड मुंशी निर्भय सिंह ने उसे रोक कर कहा, ‘‘अभी तुम रुको, तुम से कुछ काम है.’’
यह समय थाने में ड्यूटी बदलने का था. कुछ लोगों की ड्यूटी लग रही थी तो कुछ लोग घर जाने की तैयारी कर रहे थे. थाने का पूरा स्टाफ वहां मौजूद था. अमनप्रीत कौर जब एक जगह खड़ीखड़ी बोर होने लगी तो वह आराम करने की गरज से रेस्टरूम में चली गई. रात करीब पौने 9 बजे एक सिपाही किसी काम से रेस्टरूम में गया तो अंदर का दृश्य देख कर उस के होश उड़ गए. महिला सिपाही अमनप्रीत कौर की लाश पंखे से लटक रही थी.
सिपाही शोर मचाते हुए बाहर निकला और यह बात मुंशी निर्भय सिंह सहित वहां मौजूद सभी लोगों को बताई. अमनप्रीत कौर पंखे से लटक रही है, यह सुन कर सभी के होश उड़ गए. मुंशी निर्भय सिंह का तो बुरा हाल था.
आननफानन में यह सूचना पुलिस अधिकारियों को देने के साथ अमनप्रीत के घर वालों को भी दी गई. अमनप्रीत पंखे से झूल रही है, यह सुन कर अमनप्रीत का भाई गुरिंदर सिंह थोड़ी ही देर में थाने पहुंच गया. बहन की लाश देख कर उस ने तुरंत कहा, ‘‘अमनप्रीत आत्महत्या नहीं कर सकती. उस की हत्या कर के लाश पंखे से लटकाई गई है और यह काम मुंशी निर्भय सिंह का है.’’