हम प्रेम और हत्या के इस जटिल विषय पर इस आलेख में कुछ ऐसे तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं जो युवा पीढ़ी को सोचने के लिए विवश करेंगे. और उनके बहके हुए कदम को रोकेंगे और रोकने में मदद कर सकते हैं.

यहां यह भी समझना जरूरी है कि हर चीज के दो पहलू होते हैं प्रेम के भी दो पहलू हैं एक सहज सुलभ दूसरा कठिन. परिणाम स्वरूप आगे जो रास्ता जाता है वह खून से रंगे हाथों में बदल सकता है और किसी के लिए भी आजीवन जेल की दीवारें इंतजार करती हुई मिल सकती है.

आइए!   हम सोच समझकर के आगे बढ़े, सबसे बड़ी चीज है प्रेम में एक दूसरे की भावना का सम्मान करना.अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो सामने वाले की भावना का सम्मान करना आपका पहला दायित्व है.

अगर आप इससे इतर हटते हैं तो अपने लिए, परिवार के लिए और समाज के लिए घातक हो सकते हैं.

आज प्रेम के इस जटिल विषय पर हम आपको बड़ी सरलता पूर्वक कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दे रहे हैं. जो आपके और आपके इष्ट मित्रों के लिए सदैव काम आएंगे.

कबीर सिंह का मनोविज्ञान

हाल ही में कबीर सिंह मूवी से पहले लगभग दो दशक हुए शाहरुख खान और सनी देओल की "डर" फिल्म डर प्रदर्शित हुई थी.

शाहरुख खान इस फिल्म में खलनायक बन गए थे और नायक नायिका के जीवन में खलल पैदा कर दिया था. क्योंकि वह एक तरफा प्रेम में  मानसिक रूप से विक्षिप्त स्थिति में पहुंच चुका था.

इसी तरह कबीर सिंह फिल्म भी हाल ही में प्रदर्शित हुई थी जिसमें   दीवानगी की हालत का बेहतर चित्रण किया गया.

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