लेखक:   निखिल अग्रवाल

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का नाम मजबूत तालों के लिए देश में ही नहीं, विदेशों में भी मशहूर है. इसी अलीगढ़ जिले में एक कस्बा है-टप्पल. दिल्ली से करीब 90 किलोमीटर दूर मिलीजुली आबादी वाले इस कस्बे में ढाई

साल की मासूम ट्विंकल से हुई हैवानियत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. जून के पहले पखवाड़े में घटी वारदात के बाद अलीगढ़ का यह कस्बा पूरे देश में अचानक ही सुर्खियों में छा गया.

इसी 2 जून की बात है. सुबह के 9-10 बजे होंगे. टप्पल कस्बे में सफाई कर्मचारी सड़कों पर सफाई कर कूड़ाकचरा उठा रहे थे. उन्होंने एक जगह कूड़े के ढेर में कई कुत्तों को मुंह मारते हुए देखा. कुत्तों का गंदगी में मुंह मारना कोई नई बात नहीं थी. लेकिन कुत्ते वहां कचरे में कपड़े में लिपटी जिस चीज को खींच रहे थे, उस से दुर्गंध भी आ रही थी.

तेज दुर्गंध आने से सफाई कर्मचारियों को कुछ शक हुआ. कुत्तों को वहां से भगा कर वह उस जगह पर पहुंचे तो गंदे से उस फटेपुराने कपड़े से बाहर निकले हुए किसी बालक के हाथपैर देख कर सफाईकर्मियों के भी हाथपैर कांपने लगे. उन्होंने आवाज दे कर अपने अन्य साथियों को बुलाया.

2-4 सफाईकर्मी वहां और आ गए, तो उन्होंने कपड़े को खोल कर देखा. मैलेकुचैले उस कपड़े में एक बच्ची की क्षतविक्षत लाश लिपटी हुई थी. बच्ची का दाहिना हाथ कटा हुआ था, आंखें निकाली हुई थीं और पहचान छिपाने के लिए शव पर एसिड डाला गया था. शव गल चुका था. बच्ची की उम्र करीब ढाईतीन साल लग रही थी. कचरे के ढेर में किसी बच्ची का शव मिलने की खबर पूरे कस्बे में जंगल की आग की तरह फैल गई. वहां लोगों की भीड़ लग गई. तरहतरह की चर्चाएं होने लगीं.

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