बिहार के इस हाईप्रोफाइल केस में लड़का एक रिटायर्ड आईएएस अफसर का बेटा और करोड़पति औटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी है, वहीं लड़की बिहार के पूर्व मंत्री की बेटी सुरभि है.

9 महीने तक चले इस हंगामे के बाद दोनों ने शादी रचा कर मामले को ठंडा तो कर दिया, पर इस मामले में सुरभि ने निखिल के साथसाथ बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष पर भी जिस्मानी शोषण का आरोप लगाया था.

इस आरोप में पिता समेत जेल जाने के बाद निखिल ने अदालत में समझौता याचिका दायर की और आरोप लगाने वाली सुरभि से शादी करने की बात कही थी. उस ने याचिका में कहा था कि सुरभि से अब उस का कोई झगड़ा नहीं है और दोनों शादी करने के लिए राजी हैं.

कोर्ट के आदेश के बाद 6 नवंबर, 2017 को पटना के रजिस्ट्रार के सामने निखिल और सुरभि ने शादी रचा ली.

इस शादी के पीछे एक लंबी कहानी है. 22 दिसंबर, 2016 को सुरभि ने निखिल, उस के भाई मनीष और पिता कृष्ण बिहारी प्रसाद के खिलाफ पटना के एससीएसटी थाने में एफआईआर दर्ज की थी. उस के बाद 8 मार्च, 2017 को पीड़िता ने बुद्धा कालोनी थाने में उस की पहचान उजागर करने, एक करोड़ रुपए और औडी कार मांगने की बातों को सोशल मीडिया पर वायरल करने को ले कर निखिल और ब्रजेश पांडे पर एफआईआर दर्ज कराई थी. सीआईडी की सुपरविजन रिपोर्ट में मुख्य आरोपी निखिल को कुसूरवार करार दिया गया था. अनुसूचित जाति थाने के आईओ द्वारा की गई जांच में सीआईडी के डीएसपी ने सुपरविजन किया था.

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