इसे कर हाथ तापते हुए सर्दी से बचाव का जतन कर रहे थे.
खुशबू चौक के पास ही सड़क किनारे एक कार खड़ी थी. यह कार कुछ देर पहले ही वहां आई थी. कार में 2 युवक और 2 युवतियां सवार थीं. ये लोग कुछ देर तक कार में बैठे हुए आपस में बात करते रहे.
कुछ देर बाद कार से एक युवक बाहर निकला. उस ने इशारे से कार में सवार एक युवती को बाहर बुलाया. परेशान सी 24-25 साल की वह युवती कार से बाहर निकल आई तो युवक ने उस से कहा, ‘‘प्रियंका, अदालत में बयान बदल कर अपना केस वापस ले लो.’’
‘‘देखो संदीप, तुम ने मेरे साथ धोखा किया है. मैं तुम्हें अब माफ नहीं कर सकती.’’ प्रियंका बोली. उस के सामने खड़ा युवक संदीप था.
प्रियंका की बात सुन कर संदीप को गुस्सा आ गया. वह प्रियंका का हाथ पकड़ कर झिंझोड़ते हुए बोला, ‘‘प्रियंका, तुम समझती क्यों नहीं हो. तुम्हारे केस की वजह से मेरी जिंदगी खराब हो रही है. मेरा परिवार टूट रहा है.’’
संदीप के तेवर देख कर प्रियंका भी गुस्से में बोली, ‘‘तुम ने यह बात मेरी जिंदगी बरबाद करने से पहले क्यों नहीं सोची थी.’’
फिर आंखें तरेर कर प्रियंका ने कहा, ‘‘संदीप, तुम लगातार मेरा शरीर नोचते रहे. तुम ने मुझे कुंवारी मां बना दिया, जिस से मैं आज समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रही. अब तुम मुझ पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हो. तुम भी कान खोल कर अच्छी तरह सुन लो, मैं केस हरगिज वापस नहीं लूंगी और तुम्हें तुम्हारे कारनामों की सजा दिलवा कर रहूंगी.’’