अभी तक अमितेश पूरी तरह मोना का नहीं हुआ था. वह भले ही उस के साथ लिवइन में रहती थी, लेकिन उस पर पूरा हक शादी के बाद ही हो सकता था. क्योंकि कुछ भी हो, कोई कितना भी प्यार करता हो, पहला और ज्यादा हक तो उस की ब्याहता पत्नी का ही बनता है. लिवइन में रहने वाली महिला पत्नी के सामने रखैल से ज्यादा कुछ नहीं होती.
अमितेश की एक शादी हो चुकी थी. उस पत्नी से उसे 2 बच्चे भी थे, इसलिए दूसरी शादी के लिए उसे पहली पत्नी से तलाक लेना जरूरी था. मोना के लिए वह शिवानी से तलाक लेने को भी तैयार था, पर उसे तलाक की कोई वजह नजर नहीं आ रही थी. क्योंकि शिवानी सीधीसादी गृहस्थ महिला थी. अभी ससुराल वाले भी उसी के पक्ष में थे. इस के लिए अमितेश को पिता और बहन को भी अपने पक्ष में करना था.
घर वाले उस के पक्ष में तभी आते, जब शिवानी से उन्हें परेशानी होती. इस के लिए उस ने चाल चलनी शुरू कर दी. वह जम कर शिवानी की उपेक्षा करने लगा, जिस से शिवानी तिलमिला उठी और यह सोचने पर मजबूर हो गई कि अमितेश उस के साथ ऐसा क्यों कर रहा है.
जल्दी ही उसे अपनी उपेक्षा की वजह पता चल गई. पता चला कि उस के पति को बीवी जैसा सुख देने वाली कोई और मिल गई है, इसीलिए वह उस की उपेक्षा कर रहा है.
विवाद बढ़ा तो पिता और बहन ने अमितेश का ही लिया पक्ष
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