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1 दिसंबर, 2019 की शाम की बात है. इंदौर के मोहल्ला संचार नगर एक्सटेंशन का रहने वाला अमितेश एकदम से चिल्लाया, ‘‘निखिल, ओ निखिल, शिवानी को सांप ने काट लिया है. जल्दी आओ, वह बेहोश हो गई है. मेरी मदद करो, इसे अस्पताल ले जाना है.’’

शिवानी अमितेश की पत्नी थी. निखिल कुमार खत्री उस का किराए था. जिस समय अमितेश ने उसे आवाज लगाई, वह रात का खाना बना रहा था. उस ने झट से गैस बंद की और सब कुछ जस का तस छोड़ कर अमितेश के बैडरूम में जा पहुंचा. क्योंकि शिवानी उस समय बैडरूम में ही थी. उस ने देखा शिवानी बैड पर पड़ी थी. उसी के पास बैड पर एक काला कोबरा सांप मरा पड़ा था.

अमितेश काफी घबराया हुआ था. शिवानी के पास पड़े सांप को देख कर निखिल को समझते देर नहीं लगी कि इसी सांप ने शिवानी को काटा है. उस के आते ही अमितेश ने कहा, ‘‘निखिल, जल्दी करो, इसे अस्पताल ले चलते हैं. जल्दी इलाज मिलने से शायद बच जाए. देर होने पर सांप का जहर पूरे शरीर में फैल सकता है.’’

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दोनों शिवानी को उठा कर बाहर ले आए. बाहर अमितेश की कार खड़ी थी. उसे कार में लिटा कर अमितेश अंदर जाने लगा तो निखिल ने सोचा, चाबी लेने जा रहा होगा. पर जब वह लौटा तो उस के हाथ में एक बरनी थी, जिस में वही मरा हुआ सांप था, जिस ने शिवानी को काटा था. उसे देख कर निखिल ने पूछा, ‘‘इसे कहां ले जा रहे हो?’’

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