देश के छोटे से छोटे ढाबे के मैन्यू कार्ड में खानेपीने के हर आइटम के दाम दर्ज रहते हैं, लेकिन एक आइटम जो ढाबों पर इफरात से मिलता है, उस का नाम और दाम मैन्यू कार्ड में नहीं लिखा रहता. उसे आम बोलचाल की जबान में ‘गरम गोश्त’ कहते हैं. मैलीकुचैली सी कालगर्ल इन ढाबों की शान और जान होती हैं, जो  सस्ती भी होती हैं

28 फरवरी, 2022 को पुलिस ने इंदौर, मध्य प्रदेश के नजदीक एक ढाबे पर छापा मारते हुए 7 धंधे वालियों और 8 ग्राहकों को पकड़ा था तो किसी को हैरानी नहीं हुई थी, उलटे इसे छापा कम, बल्कि ढाबों पर देह के फलतेफूलते धंधे का इश्तिहार ज्यादा समझा गया था.

बाणगंगा इंदौर का पौश इलाका है, जहां के राजपूताना ढाबे पर पुलिस ने छापामारी करते हुए बताया था कि इस ढाबे के सामने की तरफ तो खानेपीने का इंतजाम है, लेकिन पीछे की तरफ छोटेछोटे कमरे बने हैं, जिन में धंधे वालियां और ग्राहक अपनीअपनी जरूरतें पूरी कर रहे थे. लड़कियों को पैसे की दरकार थी, तो मर्दों को सैक्स सुख चाहिए था.

इस खेल में कोई बात नई नहीं है, सिवा इस के कि छोटे लैवल पर भी जिस्मफरोशी का धंधा होता है. इस ढाबे पर कमरे का किराया 300 से 500 रुपए प्रति घंटा वसूला जाता था और कालगर्ल भी अपनी देह की कसावट और उम्र के मुताबिक इतनी ही रकम ग्राहक से वसूलती थीं.

रैडलाइट इलाकों के साथसाथ देह धंधा हर कहीं होता है, फर्क इतना है कि बड़े और नामी होटलों में यह बेहद महंगा होता है, जिस का खर्च अमीर लोग ही उठा पाते हैं. उलट इस के ढाबों पर कम बजट वाले लोग और ट्रक ड्राइवर जाते हैं, जो घंटे 2 घंटे में फारिग हो जाते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...