लगभग 50 वर्ष तक अविभाजित छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले बड़े आदिवासी नेता, उपमुख्यमंत्री रहे स्व. प्यारेलाल कंवर के वंशजों के खून की होली खेली गई है.  बड़े भाई ने छोटे भाई के परिवार को खत्म करवा दिया और चंद घंटों में ही आरोपियों को पकड़कर पुलिस ने मामले का पटाक्षेप कर दिया.

प्यारेलाल कंवर मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के मंत्रिमंडल में स्थान प्राप्त करने के पश्चात राजनीति के शिखर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए थे. कांग्रेस की राजनीति के एक महत्वपूर्ण हस्ती के रूप में उन्होंने दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री समय काल में लंबी पारी खेलने के बाद मढ़ोताल जमीन के बहुचर्चित प्रकरण में विवादित हो कर पद से इस्तीफा दिया था. इस  प्रकरण के लिए प्यारे लाल कंवर का नाम राजनीति के इतिहास में दर्ज हो चुका है.

उप मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के पुत्र, बहू और पोती की जघन्य हत्या के मामले मे  गिरफ्तार आरोपी मृतक के निकट खून के रिश्तेदार ही निकले हैं. हत्या के मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है.हत्या में मृतक का बड़ा भाई हरभजन, उसकी पत्नी, साला परमेश्वर, परमेश्वर का दोस्त राम प्रसाद, परमेश्वर का बड़ा भाई, उसकी नाबालिग बेटी गिरफ्तार की गईं हैं.

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नृशंस हत्या से  सनसनी

21 अप्रैल की सुबह सुबह यह समाचार आग की तरह छत्तीसगढ़ में फैल गया कि  उप मुख्यमंत्री रहे प्यारेलाल कंवर किए छोटे पुत्र हरीश कंवर और उसके परिवार की निर्मम हत्या हो गई है. प्यारेलाल की राजनीतिक विरासत को संभाल रहे वर्तमान में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सुबह 7 बजे मौके पर पहुंच गए और अधिकारियों को निर्देश दिया कि आरोपी बच ना पाए. प्रथम दृष्टया ही मामला परिवारिक संपत्ति विवाद का जान पड़ रहा था. पुलिस ने जब विवेचना की तो देखते ही देखते प्याज के छिलके की तरह सारा मामला उजागर हो गया.

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