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सौजन्य- मनोहर कहानियां

अगले दिन सुबह ही रवि शकुंतला को ले कर दिल्ली में अपने घर समालखा चला गया. इस दौरान कमल ने शकुंतला को अपनी साजिश समझा दी.

जिस के तहत 22 मार्च की दोपहर में शकुंतला अपनी सास से जिद कर के रवि को अपनी बहन के घर जाने के लिए साथ ले गई. कमलेश का घर करीब 3 किलोमीटर दूर था.

घर से निकल कर जैसे ही रवि शकुंतला को ले कर मेनरोड पर किसी सवारी को बुलाने के लिए आगे बढ़ा तो वहां उस से पहले

ही सामने अपनी सफेद सैंट्रो कार का बोनट खोल कर कमल अपने ड्राइवर गणेश के साथ खड़ा मिला.

उस ने रवि और शकुंतला को देख कर चौंकने का अभिनय करते हुए कहा कि वह किसी काम से समालखा आया था, लेकिन गाड़ी बंद हो गई जो उसी वक्त ही ठीक हुई थी.

कमल ने साजिश के तहत जिद कर के रवि और शकुंतला को गाड़ी में बैठा लिया और बोला कि वह उन्हें कमलेश के घर छोड़ता हुआ निकल जाएगा.

संकोचवश रवि कुछ नहीं बोला. दरअसल, कमल सोचीसमझी साजिश के तहत वहां बोनट खोल कर उन्हीं दोनों के आने का इंतजार कर रहा था.

इस के बाद कमल ने गाड़ी में रवि को अपनी बातों के जाल में फंसा कर शकुंतला को कमलेश के घर के पास छोड़ने के लिए मना लिया. कमल ने रवि से कहा कि वह उस के साथ समालखा में एक परिचित के घर चले, जहां से कुछ पैसे लेने हैं. रवि इनकार नहीं कर सका.

कमलेश के घर से कुछ दूर शकुंतला को छोड़ कर वे गाड़ी को आगे बढ़ा ले गए. गणेश गाड़ी चला रहा था. कमल व रवि पीछे बैठे थे.

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