सौजन्य- मनोहर कहानियां
मोनिका का पति अमनदीप वासी अमेरिका में जौब करता था और वहां की उसे स्थाई नागरिकता मिली हुई थी. मोनिका कुछ समय के अंतराल पर पति से मिलने अमेरिका जाती रहती थी. मोनिका के 14 साल की एक बेटी और 9 साल का एक बेटा था, जोकि उस के साथ ही रहते थे.
शैली शहर में आ कर रही तो उस ने अपना और अपनी बेटी का खर्चा उठाने के लिए करनाल की मुगल मार्केट में सोलर एनर्जी से जुड़ी एक कंपनी के औफिस में नौकरी कर ली थी.
कुछ दिन में राज भी उस के पास वहां आ कर रहने लगा. राज काम करना चाहता था. उस के पास पैसे नहीं थे. वह शैली से पैसों का इंतजाम करने को कहता था. राज को पता था कि शैली के पास काफी पैसा है और दिल्ली में पहले पति का फ्लैट भी उस के नाम है. राज ने जब काफी जिद की तो शैली ने पिछले साल 10 लाख रुपयों का इंतजाम कर के उसे पैसा कमाने के लिए पुर्तगाल भेजा.
भारती के प्यार ने बदल दी सोच
पुर्तगाल में राज किसी कंपनी में लग गया. इसी दौरान फेसबुक पर राज की मुलाकात 21 वर्षीय भारती से हुई. भारती करनाल के कौल गांव की रहने वाली थी. उस के पिता एक ज्वैलर थे.
भारती से फेसबुक पर दोस्ती हुई तो उन में बातचीत होने लगी. दोनों एकदूसरे को पसंद करने लगे. भारती और राज एकदूसरे के बारे में जानने को उत्सुक थे. राज ने भारती को बताया कि वह शादीशुदा है लेकिन वह अपनी पत्नी से तलाक लेने वाला है.