सौजन्य- मनोहर कहानियां
राज स्मार्ट था और बातों का धनी था. शैली भी उस से प्रभावित हो कर उस से खुलने लगी. शैली ने राज को अपने बारे में सब बता दिया था. उस के बावजूद राज उसे पटाने में लगा था.
राज युवा था और अविवाहित था. उसे कोई भी खूबसूरत युवती मिल जाती और शादी करने को तैयार हो जाती. लेकिन राज को शैली में न जाने क्या दिखा, जो वह अपने से 14 साल बड़ी विधवा औरत, जिस के एक जवान बेटी भी थी, उस के प्यार में पड़ने को आतुर था.
यह प्यार था या एक जाल, जिस में वह शैली को फांसने की तैयारी कर रहा था. यह तो वक्त के गर्त में छिपा था. लेकिन इतना सब शैली ने नहीं सोचा. वह तो राज जैसे युवा को अपनी तरफ आकर्षित देख कर फूली नहीं समा रही थी.
शादी तक पहुंचा प्यार
दोस्ती की अगली सीढ़ी प्यार होता है. दोनों प्यार की सीढ़ी पर चढ़ने को आतुर थे. उन के बीच वीडियो काल पर बातें होने लगीं. ऐसी ही एक वीडियो काल के दौरान राज ने शैली से कहा, ‘‘हम दोनों को फेसबुक पर जुड़े काफी समय हो गया. लेकिन मैं इधर काफी दिनों से महसूस करने लगा हूं कि हमारा रिश्ता दोस्ती के रिश्ते से भी आगे बढ़ गया है.
‘‘जिस रिश्ते की दहलीज पर हम ने कदम रखा है वह रिश्ता है प्यार का रिश्ता. मुझे तुम से प्यार हो गया है शैली. यह कब हुआ कैसे हुआ, इस बात का मुझे भी पता न चला. जब इस को मैं ने महसूस किया तो दिल की खुशी का ठिकाना न रहा. मुझे लगता है कि तुम भी मुझ से प्यार करती हो. एम आई राइट शैली?’’