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इंसपेक्टर दुर्गेश तिवारी के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले मृतका के घर वाले वहां पहुंच चुके थे. उसी दौरान प्रैस फोटोग्राफर, फिंगरप्रिंट ब्यूरो की टीम भी वहां पहुंच गई. इंसपेक्टर दुर्गेश तिवारी ने प्रतीक्षा के घर वालों को सांत्वना दी कि हो सकता है प्रतीक्षा की सांसें चल रही हों. फिर वह प्रतीक्षा को अपनी कार में डाल कर नजदीक के डा. वोडे अस्पताल ले गए, पर डाक्टरों की टीम ने जांच के बाद प्रतीक्षा को मृत घोषित कर दिया.

दिनदहाड़े घटी इस घटना की खबर थोड़ी ही देर में सारे शहर में फैल गई. पूरे शहर में सनसनी सी फैल गई. घटना की जानकारी पा कर अमरावती शहर के पुलिस कमिश्नर दत्तात्रय मांडलिक, डीसीपी शशिकांत सातव घटनास्थल पर पहुंच गए. सभी अधिकारियों ने बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण कर थानाप्रभारी किशोर सूर्यवंशी को आवश्यक दिशानिर्देश दिए.

मृतका के घर वालों से बातचीत करने के बाद थानाप्रभारी ने इस हत्याकांड की जांच इंसपेक्टर दुर्गेश तिवारी को सौंप दी. उन्होंने सब से पहले प्रतीक्षा की सहेली का बयान दर्ज किया. क्योंकि वह उस समय प्रतीक्षा के साथ ही थी. सहेली श्रेया ने अपनी आंखों देखा हाल पुलिस को लिखवा दिया. उधर प्रतीक्षा के घर वालों ने पुलिस को बताया कि उन की बेटी की हत्या राहुल भड़ ने की है.

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मां ने बताया हमलावर का नाम

प्रतीक्षा की मां मंगला ने पुलिस को बताया कि राहुल से प्रतीक्षा एकतरफा प्यार करता था. वह कई सालों से प्रतीक्षा के पीछे पड़ा था. वह उस से प्यार करने का दम भरता था और उसे अपनी पत्नी बताता था. अकसर वह उसे छेड़ता, परेशान करता और तरहतरह की धमकियां दिया करता था, जिस से प्रतीक्षा का कहीं अकेले आनाजाना मुश्किल हो गया था.

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