कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- मनोहर कहानियां

अरविंद राजपूत का घर मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के घमापुर इलाके में सरकारी कुआं के पास था. 49 साल का अरविंद राजपूत जबलपुर नगर निगम के आधारताल जोन में बतौर डाक रनर काम करता था.

उस के परिवार में 30 साल की पत्नी मनीषा, 7 साल की बेटी और 5 साल का एक बेटा था. करीब 10 साल पहले जब अरविंद के मातापिता जीवित थे तो घर की माली हालत अच्छी नहीं थी.

घर अरविंद के बड़े भाई की कमाई से चलता था. जब बड़े भाई की शादी हो गई तो वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगा. हायर सेकेंडरी तक पढ़े अरविंद की उम्र बढ़ती जा रही थी, पर न ही उसे कहीं कामधंधा मिल रहा था और न ही उस की शादी हो पा रही थी.

आखिरकार 2012 में अरविंद को जबलपुर नगर निगम में दैनिक वेतन पर काम मिल गया.

अरविंद जब  40 साल का था तो सन 2012 में उस की शादी मनीषा ठाकुर से हो गई, जिसे बबली भी कहते थे. उस की उम्र 21 साल थी.

मनीषा की मां का बचपन में ही निधन हो गया था. उस के पिता ने उस की सगी मौसी से शादी कर ली थी, जिसे उस ने सगी बेटी की तरह पाला था.

मैट्रिक तक पढ़ी मनीषा सुडौल काया और सुंदर आंखों की वजह से बहुत सुंदर लगती थी. मनीषा के 2 भाई थे. छोटा ग्वारीघाट में रेस्टोरेंट चलाता था, जबकि बड़े भाई ने दूसरी जाति की लड़की से लव मैरिज कर ली थी. वह परिवार से अलग रहता था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...