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सौजन्य- मनोहर कहानियां

जिम ट्रेनर जिया ने सोचा भी नहीं होगा कि जिस कसरती जवान से वह इश्क लड़ा रही है, जिस के साथ नया संसार बसाने के सपने देख रही है, वह 5 राज्यों का वांटेड और 5 लाख का ईनामी बदमाश है. जब यह बात उसे पता चली तब बहुत देर हो चुकी थी और उस के भी…

इसी साल जनवरी में सीनियर आईपीएस अधिकारी हवासिंह घुमरिया ने जब जयपुर रेंज आईजी का पदभार संभाला, तो उन के सामने पपला को पकड़ने की सब से बड़ी चुनौती थी. विक्रम गुर्जर उर्फ पपला कुख्यात बदमाश था, जिस पर पुलिस की ओर से 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था.

करीब डेढ़ साल पहले 6 सितंबर, 2019 को अलवर जिले के बहरोड़ पुलिस थाने पर दिनदहाड़े एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग कर हथियारबंद बदमाश उसे छुड़ा ले गए थे. तब से वह फरार था. इस से पहले 2017 में वह हरियाणा पुलिस की हिरासत से भाग गया था. इसलिए राजस्थान और हरियाणा पुलिस उस की तलाश कर रही थी, लेकिन उस का कुछ पता नहीं था.

आईजी घुमरिया ने बहरोड़ थाने से पपला की फाइल मंगवा कर उसे कई बार पढ़ा. उन्होंने पपला के बहरोड़ थाने से फरार होने के बाद पकड़े गए उस के गिरोह के साथियों की फाइलें भी पढ़ी. हरियाणा से भी मंगा कर पपला के अपराधों की कुंडलियां खंगाली गईं.

तमाम फाइलों को पढ़ने के बाद आईजी घुमरिया को पक्का विश्वास हो गया कि पपला की पहलवानी का शौक ही उसे पकड़वा सकता है. आईजी का मानना था कि पपला पहलवानी करता है. इसलिए किसी अखाड़े या जिम में जरूर जाता होगा.

इस आधार पर पुलिस ने राजस्थान के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में तमाम अखाड़े और जिम में पपला की तलाश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अलबत्ता यह जरूर पता चला कि पपला प्रेम प्यार के मामले में कमजोर है. वह कोई न कोई गर्लफ्रैंड जरूर रखता है.

अब पुलिस के पास 2 क्लू थे. एक तो पपला का पहलवानी का शौक और दूसरा उस की इश्कबाजी. इस बीच, जनवरी के तीसरे सप्ताह में आईजी घुमरिया को महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में रहने वाली युवती जिया उससहर सिगलीगर के बारे में कुछ सुराग मिले. पता चला कि जिया जिम भी चलाती है और पपला की गर्लफ्रैंड हो सकती है.

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जिम और गर्लफ्रैंड, इन 2 सुरागों पर आईजी घुमरिया को उम्मीद की किरण नजर आई. उन्होंने चुनिंदा पुलिस अफसरों की स्पैशल 26 टीम बना कर पपला को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी. एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में बनाई इस टीम में अलवर और भिवाड़ी पुलिस जिलों के अफसरों और कमांडो को भी शामिल किया गया.

स्पैशल 26 टीम के कुछ पुलिस अफसरों और कमांडो को कोल्हापुर भेजा गया. उन्होंने जिया और उस के जिम का पता लगाया. पुलिस टीम ने कई दिनों की जांचपड़ताल के बाद यह पता लगा लिया कि जिया वाकई पपला की गर्लफ्रैंड है. पपला उसी के साथ कोल्हापुर में रह रहा है.

यकीन हो जाने के बाद आईजी घुमरिया ने स्पैशल 26 टीम के बाकी पुलिस अफसरों और सशस्त्र कमांडो को भी कोल्हापुर भेज दिया. यह टीम अलगअलग हिस्सों में बंट गई. टीम के कुछ सदस्य जिया के जिम वाले मकान की कालोनी में किराएदार बन कर कमरा तलाशने लगे. कुछ सदस्य हैल्थवर्कर बन गए और कोरोना की जांच के बहाने आसपास के मकानों की रैकी करने लगे.

टीम के कुछ सदस्यों ने जिम जौइन करने के बहाने जिया के जिम में अलगअलग समय पर जा कर पूरी टोह ली. जिया जिस मकान में जिम चलाती थी, वह 3 मंजिला था.

3-4 दिन की रैकी और तमाम रूप बदलने के बाद 25 जनवरी को यह निश्चित हो गया कि पपला इसी मकान में रहता है. पपला कोई छोटामोटा अपराधी नहीं था. उस के पास अत्याधुनिक हथियार होने की पूरी संभावना थी. पुलिस टीम ने जिया के मकान और आसपास के इलाकों का वीडियो और फोटो बना कर आईजी घुमरिया को जयपुर भेजे.

आईजी ने स्पैशल 26 टीम के अफसरों से सारे हालात पर चर्चा करने के बाद नीमराना के एडिशनल एसपी राजेंद्र सिंह सिसोदिया को भी कोल्हापुर भेज दिया. औपरेशन पपला की तारीख तय हुई 27 जनवरी.

27 जनवरी की आधी रात के करीब स्पैशल 26 टीम ने सादा कपड़ों में जिया के मकान को घेर लिया. एक साथ 25-30 हथियारबंद लोगों को देख कर आसपास रहने वाले लोगों ने उन्हें डकैत समझ लिया और पथराव करना शुरू कर दिया.

हालात बिगड़ सकते थे और डेढ़ साल से आंखों में धूल झोंक रहा पपला फिर भाग सकता था. इसलिए टीम के एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा ने जयपुर मोबाइल काल कर आईजी घुमरिया को सारी बात बताई. आईजी ने तुरंत कोल्हापुर एसपी से बात की.

कोल्हापुर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कालोनी के लोगों को समझाया, तब तक स्पैशल 26 टीम के कुछ जवान जिया के मकान में तीसरी मंजिल तक पहुंच चुके थे.

हलचल सुन कर एक कमरे में सो रहा पपला जाग गया. हथियारबंद जवानों को देख वह समझ गया कि पुलिस वाले हैं. खुद को पुलिस से घिरा देख कर पपला ने अपनी गर्लफ्रैंड जिया को ही बचाव का हथियार बना लिया. उस ने जिया की गरदन पर चाकू लगा कर पुलिस वालों से कहा, ‘पीछे हट जाओ और मुझे जाने दो, नहीं तो इस लड़की की गरदन उड़ा दूंगा.’

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पहले से ही हर हालात का आंकलन कर पहुंची पुलिस की स्पैशल 26 टीम को इस पर कोई हैरानी नहीं हुई. पपला की धमकी पर पुलिस टीम ने पीछे हटने के बजाय उस पर चारों तरफ से शिकंजा बना लिया.

आखिर पुलिस से बचने के लिए वह जिया को छोड़ कर तीसरी मंजिल से नीचे कूद गया. नीचे और आसपास पहले ही पुलिस टीम के कमांडो पोजीशन लिए खड़े थे. उन्होंने पपला को दबोच लिया और उसे चारों तरफ से घेर कर स्टेनगन तान दी. इस बीच पुलिस ने जिया को अपनी हिरासत में ले लिया था.

तीसरी मंजिल से कूदने से पपला के बाएं पैर के घुटने की हड्डी टूट गई. वह जमीन से उठ नहीं सका, तो पुलिस टीम ने उसे सहारा दे कर खड़ा किया और कपड़ों की तलाशी ली. उस के पास कोई हथियार नहीं मिला.

मकान के अंदर पहुंची पुलिस टीम ने सभी कमरों की तलाशी ली. तलाशी में कोई हथियार तो नहीं मिला, लेकिन पपला का फरजी आधार कार्ड जरूर मिला. इस में उस का नाम उदल सिंह और पता कोल्हापुर दर्ज था.

पैर में फ्रैक्चर होने से पपला चलफिर नहीं सकता था. इसलिए पुलिस टीम ने 28 जनवरी को सब से पहले उस की मरहमपट्टी कराई. बहरोड़ पुलिस पपला से पहले धोखा खा चुकी थी. इसलिए उसे और उस की गर्लफ्रैंड जिया को राजस्थान लाने के लिए पुलिस की अलगअलग टीमें बनाई गईं ताकि उस के साथियों को यह पता न चल सके कि कौन सी टीम उसे ले कर कहां पहुंचेगी.

एक टीम हवाईजहाज से दिल्ली के लिए उड़ी और दूसरी टीम जयपुर के लिए. पपला जयपुर पहुंचा और जिया दिल्ली. 29 जनवरी को पुलिस ने जिया और व्हीलचेयर पर पपला को बहरोड़ की अदालत में पेश किया. अदालत ने पपला को शिनाख्तगी के लिए 2 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया, जबकि जिया को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया.

थाने से छुड़ा लिया था पपला को

पपला को जेल भेजने से पहले नीमराना थाने में आईजी हवासिंह घुमरिया, भिवाड़ी एसपी राममूर्ति जोशी, अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम, स्पैशल औपरेशन ग्रुप के एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा और नीमराना के एडिशनल एसपी राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने पपला और जिया से अलगअलग पूछताछ की.

पुलिस की पूछताछ और जांचपड़ताल में पपला के दुर्दांत अपराधी बनने और महाराष्ट्र के कोल्हापुर पहुंच कर प्यार का चक्कर चलाने की जो कहानी उभर कर सामने आई, उस से पहले पपला के बहरोड़ थाने से फरार होने की कहानी जान लीजिए.

5 सितंबर, 2019 की रात भिवाड़ी जिले की बहरोड़ थाना पुलिस ने पपला को दिल्लीजयपुर हाइवे पर एक कार में 32 लाख रुपए ले कर जाते हुए पकड़ा था. पुलिस ने पपला से 32 लाख रुपए के बारे में पूछताछ की, तो उस ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.

उस समय तक बहरोड़ के तत्कालीन थानाप्रभारी सुगनसिंह को पपला के आपराधिक बैकग्राउंड का पता नहीं था. वह उसे कोई व्यापारी या छोटामोटा प्रौपर्टी डीलर समझ रहे थे.

पपला ने खुद के पकड़े जाने की सूचना मोबाइल से अपने साथियों को दे दी थी. पपला के पकड़े जाने पर कुछ लोगों ने पुलिस से लेदे कर उसे छोड़ने के लिए भी बात की थी, लेकिन बात नहीं बनी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया.

अगले भाग में पढ़ें- पपला का खौफ खत्म करने के लिए जुलूस निकाला

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