कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- सत्यकथा

11सितंबर, 2020 की सुबह उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद थाने में एक राहगीर से सूचना मिली कि अमीना मसजिद के पास एक लाश पड़ी है. इस सूचना पर थाने से एसआई अशोक कुमार मसजिद के पास पहुंचे तो वास्तव में सड़क के किनारे एक युवक की लाश पड़ी थी. उस युवक की उम्र 25 साल के करीब लग रही थी. उस के गले पर हलके खरोंच के निशान थे.

उस समय सुबह का वक्त था. कुछ लोग सड़क पर आजा रहे थे. उन्होंने कुछ लोगों को बुला कर लाश की शिनाख्त कराने की कोशिश की. चूंकि यह मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था, इसलिए एसआई अशोक कुमार ने थानाप्रभारी पी.सी. यादव को घटना के बारे में सूचना दे दी.

थानाप्रभारी पी.सी. यादव थाने में मौजूद एएसआई प्रदीप, हैड कांस्टेबल कैलाश और कांस्टेबल अजय को साथ ले कर थोड़ी ही देर में घटनास्थल पर पहुंच गए.

ये भी पढ़ें- मायके की यारी, ससुराल पर भारी- भाग 2

उन्होंने लाश का बारीकी से मुआयना किया. मृतक ने नारंगी रंग की टीशर्ट और स्लेटी रंग की पैंट पहन रखी थी. थानाप्रभारी ने क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम को भी घटनास्थल पर बुला लिया, जिस ने लाश की कई कोण से फोटो खींचीं. मृतक के गले पर खरोंच के निशान के अलावा शरीर पर जख्म के निशान दिखाई नहीं दे रहे थे.

2 घंटे तक वहां के लोगों से लाश की शिनाख्त कराने के प्रयास किए. इस के बावजूद भी जब मृतक की पहचान नहीं हो सकी तो उसे पोस्टमार्टम के लिए सब्जीमंडी मोर्चरी भेज दिया गया. मोर्चरी में लाश पर चोटों के निशान देखने के लिए उस के कपड़े उतारे गए तो पता चला कि मृतक युवक मुसलिम है. उसी दिन थानाप्रभारी पी.सी. यादव के निर्देश पर मृतक की फोटो वजीराबाद के कई वाट्सऐप ग्रुप में भेज कर उन से लाश की शिनाख्त करने की अपील की गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...