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सौजन्य-सत्यकथा

इटावा जिले का एक गांव है बहादुरपुर. यादव व ठाकुर बाहुल्य इस गांव में सुलतान सिंह अपने परिवार के साथ रहता था. उस के

परिवार में पत्नी सीमा सिंह के अलावा 3 बेटियां मीना, ममता और मंदाकिनी उर्फ संगीता थीं. सुलतान सिंह गांव के दबंग ठाकुर थे. उन की पहचान लंबरदार के नाम से थी. वह संपन्न किसान थे.

छोटे किसानों की वह भरपूर मदद करते थे. सुलतान सिंह स्वयं भी पढ़ेलिखे थे, इसलिए उन्होंने अपनी बेटियों को भी खूब पढ़ाया था. बड़ी बेटी मीना पढ़लिख कर पुलिस विभाग में नौकरी करने लगी थी. वह मथुरा में सिपाही के पद पर तैनात थी.

मीना जब नौकरी करने लगी तब सुलतान सिंह ने उस का विवाह आगरा निवासी रमेश चंद्र के साथ कर दिया. मीना पति के साथ आगरा में रहती थी और मथुरा में नौकरी करती थी.

मीना से छोटी ममता थी. वह बीए की पढ़ाई कर रही थी. वह पिता के साथ गांव में रहती थी. बहनों में सब से छोेटी मंदाकिनी उर्फ संगीता थी. वह अपनी अन्य बहनों से कुछ ज्यादा ही खूबसूरत थी. वह जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही तेजतर्रार भी थी और पढ़ने में तेज भी. इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उस ने बड़ी बहन मीना की तरह पुलिस की नौकरी करने की ठान ली.

इस के लिए वह अभ्यास भी करने लगी. उस की लगन और मेहनत रंग लाई और सन 2019 में वह भी सिपाही के पद पर भरती हो गई. इटावा में ट्रेनिंग के बाद उस की पहली तैनाती अयोध्या के राम जन्मभूमि थाने में हुई. व्यवहारकुशल व तेज होने के कारण वह जल्द ही थाने में चर्चित हो गई.

अपनी कार्यप्रणाली से वह अधिकारियों की नजर में भी आ गई थी. इसी राम जन्मभूमि थाने में योगेश कुमार चौहान सिपाही के पद पर तैनात था. मंदाकिनी की तरह योगेश भी 2019 बैच का था और इस थाने में उस की भी पहली तैनाती थी.

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योगेश कुमार मूलरूप से मथुरा शहर के बालाजीपुरम मोहल्ले का रहने वाला था. उस के पिता मुकेश सिंह चौहान व्यापारी थे. बड़ा भाई सुनील कुमार चौहान पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाता था. परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत थी.

चूंकि योगेश व मंदाकिनी एक ही बैच व एक ही क्षेत्र के रहने वाले थे, अत: उन दोनों में जल्द ही दोस्ती हो गई. दोस्ती हुई तो बातचीत भी खुल कर होने लगी. बातचीत से आकर्षण बढ़ा तो दोनों एकदूसरे की बातों में रुचि लेने लगे. मंदाकिनी को जहां योगेश की लच्छेदार बातें पसंद थीं तो योगेश को उस की मुसकान और भावभंगिमा पसंद थी.

जल्दी ही दोनों की नजदीकियों की चर्चा थाने के स्टाफ में होने लगी थी. योगेश कुमार स्मार्ट युवक था. वह जब आंखों पर काला चश्मा लगाता, तो हीरो जैसा दिखता था. मंदाकिनी मन ही मन उसे प्यार करने लगी थी. उस के मन ने योगेश को पति के रूप में स्वीकार कर लिया था. वह योगेश को पति के रूप में पाने के सपने भी संजोने लगी थी.

अपना सपना पूरा करने के लिए मंदाकिनी योगेश से नजदीकियां बढ़ाने लगी तथा उस से प्यार भरी बातें करने लगी. उसे लगता भी था कि योगेश उस से उतना ही प्यार करता है जितना वह उस से करती है. लेकिन कभी लगता कि योगेश उस से दूर भाग रहा है. मंदाकिनी योगेश के प्यार में आकंठ डूब चुकी थी, लेकिन अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.

आखिर जब मंदाकिनी से नहीं रहा गया, तो उस ने एक रोज एकांत में योगेश से कहा, ‘‘योगेश, कुछ दिनों से मैं अपनी बात तुम से कहना चाहती हूं. लेकिन कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूं.’’

‘‘ऐसी क्या बात है जिस के लिए तुम हिम्मत नहीं जुटा पा रही हो?’’ योगेश ने मंदाकिनी से पूछा.

‘‘योगेश, मैं तुम से प्यार करती हूं और मैं ने तुम्हें अपने दिल में बसा लिया है. मैं तुम से शादी रचाना चाहती हूं. तुम्हें पति के रूप में पा कर मेरा सपना साकार हो जाएगा.’’ मंदाकिनी ने खुल कर प्यार का इजहार कर दिया.

मंदाकिनी की बात सुन कर योगेश चौंका, ‘‘मंदाकिनी, आज तुम्हें क्या हो गया है, जो बहकीबहकी बातें कर रही हो. यह बात सच है कि हम दोनों दोस्त हैं और दोस्ती के नाते ही हम दोनों की बातचीत और हंसीमजाक होती है. इस में प्यारमोहब्बत की बात कहां से आ गई. तुम मुझ से भले ही प्यार करती हो लेकिन मैं तुम से प्यार नहीं करता. इसलिए मुझ से शादी रचाने की बात दिल से निकाल दो. तुम केवल मेरी दोस्त हो और दोस्त ही रहोगी. मैं तुम से शादी नहीं कर सकता.’’ योगेश ने दोटूक जवाब दिया.

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‘‘क्यों नहीं कर सकते शादी? आखिर मुझ में कमी क्या है. पढ़ीलिखी हूं. सरकारी सर्विस कर रही हूं. तुम्हारी बिरादरी की हूं.’’ मंदाकिनी ने तमतमाते हुए पूछा.

‘‘तुम में कोई कमी भले न हो. लेकिन फिर भी मैं तुम से शादी नहीं कर सकता. मैं शादी अपने मांबाप की मरजी से करूंगा. उन की मरजी के खिलाफ नहीं.’’ योगेश ने स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया.

योगेश ने शादी से इनकार किया तो मंदाकिनी मन ही मन दुखी हुई. लेकिन उस ने हिम्मत नहीं हारी. गाहेबगाहे वह योगेश को प्यार से समझाती और शादी करने का दबाव डालती. लेकिन योगेश हर बार उसे मना कर देता.

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