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दूसरी तरफ उस का पति ललित अकसर फोन कर रुपए की मांग करने लगा. रुपए नहीं देने पर उस के और मानसी के संबंधों का भेद जगजाहिर करने की धमकियां देने लगा.

यहां तक कि उस ने संजीव को कहा जब तक पैसे मिलते रहेंगे उस का मुंह बंद रहेगा, जैसे ही इस में देरी होगी, वह उस के अवैध संबंधों की सारी सच्चाई उस की पत्नी और बच्चों को बता देगा.

संजीव ने लाख विनती की, उस का ललित और मानसी पर कोई असर नहीं हुआ. उन के लिए संजीव महज सोने का अंडा देने वाली मुरगी बन चुका था. पैसों के लालच में डूब चुके ललित और मानसी की ब्लैकमेलिंग के अलावा उस पर बिजनैस संबंधी कई देनदारियों के तकादे आने लगा.

परेशान हो कर किया सुसाइड

वह काफी विचलित हो गया था. इसी तनाव से जूझता 10 अगस्त, 2021 की शाम को घर से किसी आवश्यक काम से जाने को कह कर  निकला था. उस ने यह भी कहा कि उसे आने में देरी हो सकती है.

वह अपने हीरामोती लेन वाले आवास से निकल कर कुआं चौक नंदई स्थित अपने दूसरे मकान में आ गया. उस मकान को संजीव बेच चुका था, मगर उस के पास एक चाबी थी. वहां कुछ समय अपने जीवन का आखिरी समय गुजारा और रात को 11 बजे फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली.

इस से पहले उस ने 5 अलगअलग चिट्ठियां लिखीं. वे चिट्ठियां परिजनों और परिचितों के नाम थीं. उन में एक पूर्व सांसद मकसूदन यादव के नाम भी थी.

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