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वह जानता था कि सरकारी नौकरी में इतनी बड़ी हेराफेरी करना इतना आसान काम नहीं. फिर वैसे भी वह पुलिस की नौकरी करने के लिए अनट्रेंड था. ऐसे में उस से कहीं भी चूक हुई तो उसे सीधे जेल की हवा ही खानी पड़ेगी.

अपनी जगह साले को भेजा ड्यूटी पर

इस के बाद भी अनिल ने सुनील को साहस बंधाते हुए कहा, ‘‘तू इतना परेशान क्यों होता है. ड्यूटी कराने से पहले तुझे मैं इतनी ट्रेनिंग दे दूंगा कि कोई भी तुझे पकड़ नहीं पाएगा.’’

अनिल उस समय भी शिक्षा विभाग में नौकरी पाने की पूरी कोशिश में लगा हुआ था. उस ने बीएड करने के बाद यूपी टेट की परीक्षा भी पास कर ली थी. उसी दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में प्राइमरी टीचर की जगह निकलीं तो अनिल ने आवेदन कर दिया.

आवेदन करने के बाद उस का जिला सीतापुर में प्राइमरी टीचर में नंबर आ गया. उस के बाद उस ने सीतापुर में ही काउंसलिंग भी करा दी थी.

अनिल की काउंसलिंग हो जाने के बाद उस ने मन में पूरी तरह से ठान लिया था कि चाहे जैसे भी हो वह पुलिस की नौकरी सुनील को ही दे देगा.

उस के बाद उस ने सुनील को किसी तरह से पुलिस की नौकरी करने के लिए तैयार कर लिया. उस ने उसे घर पर ही प्रशिक्षित करना शुरू किया. उस ने पुलिस में नौकरी करने वाले सारे हथकंडे सुनील को बता दिए. उस ने इस ट्रेनिंग में अफसरों को सैल्यूट करने का तरीका, हथियार पकड़ने और उसे चलाने की विधि के साथ ही साथ सारी कानून संबंधी जानकारियां उसे दीं.

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